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मंदसौर। नारकोटिक्स विंग ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से 1 किलो 110 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद की गई है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 1.11 करोड़ रुपए आंकी गई है।
नारकोटिक्स विंग को इनपुट मिला था कि एक पिकअप वाहन में लहसुन की बोरियों के नीचे एमडी ड्रग्स छिपाकर तस्करी की जा रही है। सूचना के आधार पर नीमच-मिर्जापुर फंटे पर दोपहर में घेराबंदी की गई। जैसे ही संदिग्ध पिकअप मौके पर पहुंची, टीम ने वाहन को रोककर तलाशी ली। तलाशी के दौरान वाहन से एमडी ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद हुई।
तीन तस्कर गिरफ्तार
शम्सुद्दीन उर्फ अन्नू (32), निवासी मदारपुरा, मंदसौर
यामीन खान (47), निवासी माहिम वेस्ट, मुंबई
समीर शेख (50), निवासी माहिम, मुंबई
जांच में सामने आया है कि शम्सुद्दीन पहले से राजस्थान में 41 किलो अफीम तस्करी के मामले में आरोपी था और बीते चार महीने से पैरोल से फरार चल रहा था।
मुंबई में होती थी ड्रग्स की सप्लाई
टीआई भरत चावड़ा ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे मंदसौर से एमडी ड्रग्स को लेकर मुंबई के माहिम और आसपास के इलाकों में सप्लाई किया करते थे। तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
नारकोटिक्स विंग अब इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों और ड्रग्स सप्लाई चैन की जांच में जुट गई है। टीआई चावड़ा के अनुसार, जल्द ही पूरे नेटवर्क और इसके आर्थिक लेनदेन के स्रोतों की भी जांच शुरू की जाएगी।

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देशद्रोही वाले बयान पर कोर्ट सख्त, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को कोर्ट का समन, 20 मई को पेश होने के आदेश
शहडोल जिला न्यायालय ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को देशद्रोही वाले बयान को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें 20 मई 2025 को सुबह 11 बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, यह मामला 27 जनवरी 2025 को महाकुंभ में दिए गए उस बयान से जुड़ा है, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था- ‘महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।’
इस बयान के खिलाफ शहडोल के वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप कुमार तिवारी ने 3 मार्च 2025 को जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की अदालत ने नोटिस जारी किया है।
एडवोकेट संदीप तिवारी ने कहा कि यह बयान न केवल संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के विरुद्ध है, बल्कि देशवासियों को भावनात्मक रूप से बांटने वाला और भड़काऊ है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई सैनिक, डॉक्टर, पुलिसकर्मी या अन्य नागरिक जो अपने कर्तव्यों में व्यस्त होकर कुंभ में नहीं आ पाए – क्या उन्हें देशद्रोही कहा जा सकता है?
तिवारी ने यह भी तर्क दिया कि सोशल मीडिया पर की गई किसी अमर्यादित टिप्पणी पर एफआईआर हो सकती है, तो फिर सार्वजनिक मंच से दिए गए भड़काऊ बयानों पर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं?
एडवोकेट तिवारी ने सबसे पहले 4 फरवरी 2025 को सोहागपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तब उन्होंने पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष 3 मार्च को परिवाद प्रस्तुत किया। परिवाद में धीरेंद्र शास्त्री पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है। अब इस प्रकरण में कोर्ट ने पंडित शास्त्री को नोटिस भेजकर व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है।

शहडोल जिला न्यायालय ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को देशद्रोही वाले बयान को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें 20 मई 2025 को सुबह 11 बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, यह मामला 27 जनवरी 2025 को महाकुंभ में दिए गए उस बयान से जुड़ा है, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था- ‘महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।’
इस बयान के खिलाफ शहडोल के वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप कुमार तिवारी ने 3 मार्च 2025 को जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की अदालत ने नोटिस जारी किया है।
एडवोकेट संदीप तिवारी ने कहा कि यह बयान न केवल संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के विरुद्ध है, बल्कि देशवासियों को भावनात्मक रूप से बांटने वाला और भड़काऊ है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई सैनिक, डॉक्टर, पुलिसकर्मी या अन्य नागरिक जो अपने कर्तव्यों में व्यस्त होकर कुंभ में नहीं आ पाए – क्या उन्हें देशद्रोही कहा जा सकता है?
तिवारी ने यह भी तर्क दिया कि सोशल मीडिया पर की गई किसी अमर्यादित टिप्पणी पर एफआईआर हो सकती है, तो फिर सार्वजनिक मंच से दिए गए भड़काऊ बयानों पर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं?
एडवोकेट तिवारी ने सबसे पहले 4 फरवरी 2025 को सोहागपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तब उन्होंने पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष 3 मार्च को परिवाद प्रस्तुत किया। परिवाद में धीरेंद्र शास्त्री पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है। अब इस प्रकरण में कोर्ट ने पंडित शास्त्री को नोटिस भेजकर व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है।
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नारकोटिक्स विंग की बड़ी कार्रवाई, 1 करोड़ से ज्यादा की MD ड्रग्स जब्त, 3 अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार
मंदसौर। नारकोटिक्स विंग ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से 1 किलो 110 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद की गई है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 1.11 करोड़ रुपए आंकी गई है।
नारकोटिक्स विंग को इनपुट मिला था कि एक पिकअप वाहन में लहसुन की बोरियों के नीचे एमडी ड्रग्स छिपाकर तस्करी की जा रही है। सूचना के आधार पर नीमच-मिर्जापुर फंटे पर दोपहर में घेराबंदी की गई। जैसे ही संदिग्ध पिकअप मौके पर पहुंची, टीम ने वाहन को रोककर तलाशी ली। तलाशी के दौरान वाहन से एमडी ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद हुई।
तीन तस्कर गिरफ्तार
शम्सुद्दीन उर्फ अन्नू (32), निवासी मदारपुरा, मंदसौर
यामीन खान (47), निवासी माहिम वेस्ट, मुंबई
समीर शेख (50), निवासी माहिम, मुंबई
जांच में सामने आया है कि शम्सुद्दीन पहले से राजस्थान में 41 किलो अफीम तस्करी के मामले में आरोपी था और बीते चार महीने से पैरोल से फरार चल रहा था।
मुंबई में होती थी ड्रग्स की सप्लाई
टीआई भरत चावड़ा ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे मंदसौर से एमडी ड्रग्स को लेकर मुंबई के माहिम और आसपास के इलाकों में सप्लाई किया करते थे। तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
नारकोटिक्स विंग अब इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों और ड्रग्स सप्लाई चैन की जांच में जुट गई है। टीआई चावड़ा के अनुसार, जल्द ही पूरे नेटवर्क और इसके आर्थिक लेनदेन के स्रोतों की भी जांच शुरू की जाएगी।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस एक बार फिर वैश्विक चिंता का कारण बन रहा है। खासतौर पर एशियाई देशों में कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। हांगकांग और सिंगापुर जैसे विकसित देशों में संक्रमण के आंकड़े फिर से डराने लगे हैं। वहीं, भारत में भले ही फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।
हांगकांग में कोविड-19 के मामले और इससे होने वाली मौतें एक बार फिर अपने चरम पर हैं। ‘हिमालयन टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, 3 मई को खत्म हुए सप्ताह में 31 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। सेंटर फॉर हेल्थ प्रोटेक्शन के अनुसार, कोरोना की एक्टिविटी एक साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों और कोविड पॉजिटिव मामलों की संख्या में तेज इजाफा देखा जा रहा है। इतना ही नहीं, प्रसिद्ध गायक ईसन चैन भी कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसके चलते उनके ताइवान कॉन्सर्ट रद्द कर दिए गए हैं।
सिंगापुर में भी स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 3 मई को खत्म हुए सप्ताह में कोरोना के मामलों में 28% की वृद्धि दर्ज की गई है। इस दौरान 14,200 नए मामले सामने आए हैं, वहीं अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी 30% की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि अभी तक कोई ऐसा संकेत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि नए वेरिएंट अधिक घातक या संक्रामक हैं।
अब तक माना जाता रहा है कि सांस संबंधी वायरस सर्दियों में अधिक सक्रिय होते हैं, लेकिन इस बार गर्मी की शुरुआत के साथ ही कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है। इससे यह साफ संकेत मिल रहा है कि वायरस मौसमी सीमाओं को पार कर सकता है।
चीन और थाईलैंड में भी कोरोना के नए मामलों की पुष्टि हो रही है। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल का कहना है कि देश एक बार फिर कोविड की लहर की ओर बढ़ सकता है। थाईलैंड के डिपार्टमेंट ऑफ डिजीज कंट्रोल ने भी मामलों में बढ़ोतरी की पुष्टि की है।
लोगों को बूस्टर शॉट लेने की सलाह दी गई है। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड की लहर जल्द ही तेज हो सकती है।
भारत में अब तक कोरोना के हालात नियंत्रण में हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के डैशबोर्ड के मुताबिक, देश में अभी तक केवल 93 नए केस सामने आए हैं और किसी नई लहर के संकेत नहीं मिले हैं। बावजूद इसके, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को सावधान रहना चाहिए, क्योंकि एशिया में कोरोना की गतिविधि दोबारा बढ़ रही है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि संक्रमण की दर बढ़ी तो महामारी फिर से विकराल रूप ले सकती है। इसलिए मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी जैसे कोविड अनुरूप व्यवहार को फिर से अपनाने की जरूरत है।

टीकमगढ़। मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिला कोर्ट परिसर बुधवार को दहेज प्रताड़ना के एक मामले की सुनवाई के बाद उस समय अखाड़ा बन गया, जब दोनों पक्षों की महिलाओं के बीच जमकर मारपीट हो गई। घटना का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें महिलाएं एक-दूसरे को चप्पलों से पीटती और बाल पकड़कर घसीटती नजर आ रही हैं। मारपीट की जानकारी मिलते ही देहात थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला।
उत्तरप्रदेश के महरौनी निवासी भागवती अहिरवार ने बताया कि उसके बेटे अभिषेक की शादी एक साल पहले टीकमगढ़ की अंजू से हुई थी। कुछ महीने पहले लड़की वालों ने दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था। इसी केस में सुनवाई के लिए अभिषेक और उसकी मां कोर्ट पहुंचे थे। पेशी के बाद जैसे ही अभिषेक और भागवती कोर्ट से बाहर निकले, लड़की पक्ष- पिता धनीराम, मां मैदा बाई, भाई नितिन और अंजू ने उन पर हमला कर दिया। भागवती के मुताबिक, उनके गले से सोने का मंगलसूत्र और कान की बाली छीन ली गई।
भागवती अहिरवार ने देहात थाना में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने धनीराम अहिरवार, नितिन, अंजू और मैदा बाई के खिलाफ मारपीट, शांति भंग और सार्वजनिक स्थान पर झगड़ा करने की धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी चंद्रजीत यादव ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है और जांच शुरू कर दी गई है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें महिलाएं एक-दूसरे को बाल पकड़कर घसीटते और चप्पल से पीटते दिख रही हैं। इस घटना ने कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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रेल प्रोजेक्ट में अधिग्रहित 29 किसानों के खेतों में खड़ी मूंग फसल पर प्रशासन ने चलाई जेसीबी
भोपाल. किसानों की जमीन पर जबलपुर- इंदौर-बुधनी रेल परियोजना अटकी हुई है. बुधनी रेलवे परियोजना साल 2024 में पूरी हो जानी थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के चलते यह परियोजना वर्ष 2025 में भी पूरी होने की उम्मीद नहीं है. जमीन का चार गुना मुआवजा दिये जाने की मांग को लेकर लगातार किसान इस परियोजना को लेकर विरोध करते चले आ रहे हैं. जिससे परियोजना में देरी हो रही है.
इसी क्रम में बुधवार को रेहटी क्षेत्र के गांव मलाजपुर में प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान 11 हैक्टेयर कृषि भूमि का कब्जा प्रशासन ने किसानों से लेकर रेलवे विभाग को सौंपा. इस दौरान किसानों ने जमकर विरोध दर्ज कराया, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने एक नहीं सुनी और किसानों की जमीन पर बोई मूंग फसल पर जेसीबी चलाकर जमीन से कब्जा छुड़ाया.
इस मामले में किसानों का कहना था कि प्रशासन की हठधर्मिता के चलते किसानों पर दोहरी मार पड़ी है. कृषि भूमि का बिना मुआवजा दिए ही जमीन से कब्जा लेकर प्रशासन किसानों की कमर तोड़ रहा है. वहीं प्रशासन ने दावा किया है कि सभी किसानों का राजस्व रिकॉर्ड दुरुस्त है. वहीं खाता नंबर नहीं दिए जाने से किसानों के खातों में मुआवजा राशि नहीं पहुंच पाई है. इस कार्रवाई में रेहटी तहसीलदार भूपेंद्र कलोसिया, थाना प्रभारी राजेश कहारे, नायब तहसीलदार सहित रेलवे के अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद था.
उल्लेखनीय है कि इंदौर से जबलपुर की दूरी कम करने और इंदौर से बुधनी रेलवे लाइन बिछाने के लिए 2018 में परियोजना का भूमि पूजन किया गया था. इस दौरान वर्ष 2024 तक परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन भूमि अधिग्रहण न होने से अर्थवर्क का कार्य शुरू नहीं हो सका है. रेलवे विभाग को अधिग्रहित भूमि किसानों से लेने में विवाद का सामना करना पड़ रहा है. जिसके चलते प्रशासन को मौके पर पहुंचकर अधिग्रहित भूमि से कब्जा हटाकर भूमि विभाग को सौंपनी पड़ रही है.
बता दें कि वर्ष 2023 के रेलवे बजट में केंद्र सरकार ने 514 करोड़ की राशि इस परियोजना के लिए स्वीकृत की थी, जिसके चलते सरकारी रास्तों पर पुल-पुलियाओं का निर्माण किया जा चुका है. वर्ष 2024-25 के लिए इस परियोजना में 1107.25 करोड़ का परिव्यय आवंटित किया गया है. इस परियोजना में 3261.82 करोड़ रुपये की राशि खर्च होने का अनुमान है. यह परियोजना कुल 205 किमी लंबी हैं. रेलवे लाइन इंदौर जिले में 20 किमी, देवास में 112 और सीहोर जिले में 66 किमी ऐरिये में बिछाई जाना है. जिससे प्रतिदिन हजारों लोगों को इंदौर से जबलपुर तक सफर करने में कम दूरी का फायदा मिलेगा.
एसडीएम दिनेश तोमर ने बताया कि मलाजपुर के सभी किसानों का रिकॉर्ड दुरुस्त है. यहां के 29 किसानों की 11 हैक्टेयर जमीन का कब्जा रेलवे विभाग को सौंपा जा चुका है. किसानों द्वारा खाते नंबर नहीं देने की स्थिति में उनके खातो में 3 करोड़ 79 लाख मुआवजा अब तक हस्तांतरित नहीं हो सका है. बुधनी सब डिवीजन के तहत कुल 25 गांव में 798 कृषकों की कृषि भूमि रेलवे परियोजना के लिए अर्जित की गई हैं. जिसका रकबा 306 हैक्टेयर और कुल मुआवजा राशि 132 करोड़ रुपये है. इसमें से 115 करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाल दिये हैं, शेष किसानों की खातों की जानकारी नहीं देने से राशि का हस्तांतरण नहीं हो पाया है. राजस्व विभाग द्वारा 280 हैक्टेयर जमीन का कब्जा भी रेलवे को सौंपा जा चुका है.
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गोवंश की हत्या, पेड़ से बांधकर कई अंग काटे; क्षेत्र में तनाव का माहौल
सतना। जिले के सिंहपुर थाना क्षेत्र में आने नौखड़ गांव में अज्ञात लोगों ने निर्ममता से पेड़ में बांधकर गौवंश का अंग-भंग कर हत्या कर दी। इस घटना के बाद पूरे क्षेत्र में भारी तनाव का माहौल है।
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस के सामने ग्रामीणों ने आक्रोश जताया है। सिंहपुर पुलिस ने गौवंश मालिक गोपाल की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गौपालक छोटे अहिरवार ने बताया कि उन्होंने अपनी गाय को घर से कुछ दूरी पर बांध दिया था। बुधवार की रात से सुबह छह बजे के बीच कुछ लोग गाय को वहां से ले गए। उसे दूर पेड़ में बांधकर गौवंश की निर्ममता से अंग-भंग कर हत्या कर दी। उसका किसी भी कोई विवाद भी नहीं है।
गौवंश के साथ इस प्रकार का अमानवीय कृत्य सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन चुकी है। जानकारी लगते ही ग्रामीणों ने गौवंश समाधि बनाने व आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर दी है। लोगों ने कहा कि पुलिस आरोपियों को जल्द पकड़े।
सिंहपुर थाना प्रभारी अजय कुमार ने बताया कि सूचना पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया है। गौपालक की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। रैगांव और सिंहपुर थाना पुलिस मिलकर मामले की जांच कर रही है। पशु चिकित्सक ने गौवंश का पीएम किया है।

भोपाल। राजधानी भोपाल की 25वीं बटालियन में गुरुवार को मॉक ड्रिल के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। अभ्यास के दौरान हैंड ग्रेनेड अचानक फट गया, जिससे दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में प्रधान आरक्षक विशाल सिंह और आरक्षक संतोष कुमार शामिल हैं। बताया जा रहा है कि विशाल सिंह की हालत बेहद नाजुक है। दोनों घायलों का चूनाभट्टी स्थित बंसल अस्पताल में इलाज जारी है।
पाकिस्तान द्वारा हाल में किए गए हमले के बाद प्रदेशभर में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने के लिए पुलिस द्वारा लगातार मॉक ड्रिल की जा रही हैं। इसी कड़ी में भोपाल की 25वीं बटालियन में सुरक्षा अभ्यास आयोजित किया गया था। अभ्यास के दौरान, अचानक एक हैंड ग्रेनेड फट गया, जिससे अभ्यास में भाग ले रहे दो जवानों को सीधे चोटें आईं। विस्फोट की आवाज से इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
घायल जवानों को तत्काल निजी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, विशाल सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है। दोनों को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया है और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम इलाज में जुटी है।
इधर, घटना के बाद पुलिस मुख्यालय ने मामले की जांच के आदेश जारी किए हैं। एक उच्चस्तरीय इंक्वायरी कमेटी बनाई जा सकती है, जो मॉक ड्रिल के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल में हुई चूक की जांच करेगी।
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विजय शाह पर FIR को हाईकोर्ट ने ‘खानापूर्ति’ करार दिया, कहा- अभियुक्त की करतूतों को छुपाया जा रहा
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की वीरांगना कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए विवादित बयान का मामला अब गंभीर कानूनी मोड़ ले चुका है। जबलपुर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट, दोनों ही न्यायालयों से मंत्री को फटकार का सामना करना पड़ा है। जहां हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सख्त टिप्पणी की, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी मंत्री की अर्जी पर तत्काल राहत देने से इनकार कर दिया।
यह विवाद 12 मई को मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के महू में आयोजित एक कार्यक्रम से शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में मंत्री विजय शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की ब्रीफिंग देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम लिए बिना टिप्पणी की, जो कि जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने हमारी बहनों का सिंदूर मिटा दिया था, हमने उनकी बहन को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करवाई।”
इस बयान को लेकर व्यापक आलोचना हुई। कर्नल सोफिया कुरैशी के परिवार, सेना के अधिकारियों, विपक्षी दलों और विभिन्न सामाजिक संगठनों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। लोगों ने इसे न केवल एक महिला सैन्य अधिकारी का अपमान बताया, बल्कि इसे भारतीय सेना की गरिमा और सामाजिक सौहार्द पर चोट के रूप में देखा।
मामले को गंभीरता से लेते हुए जबलपुर हाईकोर्ट की खंडपीठ न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला ने स्वतः संज्ञान लिया और मंत्री के बयान को गटर की भाषा बताया। कोर्ट ने कहा, “यह बयान न सिर्फ एक महिला अधिकारी का अपमान है, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता, सामाजिक सौहार्द और भारतीय सेना की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला है।”
इसके बाद कोर्ट ने 14 मई को राज्य के डीजीपी को आदेश दिया कि वह विजय शाह के खिलाफ भारत न्याय संहिता (BNS) की धारा 152, 196(1)(b) और 197(1)(c) के तहत चार घंटे के भीतर FIR दर्ज करें। उसी रात महू तहसील के मानपुर थाने में मंत्री विजय शाह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
जब 15 मई को FIR की कॉपी कोर्ट के सामने पेश की गई, तो खंडपीठ ने उसकी भाषा और प्रस्तुति पर कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा, “FIR को इस तरह ड्राफ्ट किया गया है, जैसे अभियुक्त की करतूतों को छुपाया जा रहा हो। यह इतनी कमजोर है कि किसी भी चुनौती में यह खारिज की जा सकती है।”
न्यायमूर्ति श्रीधरन ने आगे कहा, “इस स्तर की लापरवाही न केवल कानूनी प्रक्रिया का मजाक है, बल्कि यह सेना और एक महिला अधिकारी के सम्मान के साथ खिलवाड़ है।”
इसके साथ ही कोर्ट ने निर्देश दिए कि FIR को संशोधित किया जाए, उसमें मंत्री के कथनों के पूरे तथ्य और संदर्भ स्पष्ट रूप से जोड़े जाएं, और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जांच निष्पक्ष और बिना किसी राजनीतिक दबाव के हो। हाईकोर्ट मामले की मॉनिटरिंग खुद करेगा, ताकि निष्पक्ष जांच हो सके। मामले की अगली सुनवाई ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद होगी।
FIR दर्ज होने के बाद मंत्री विजय शाह ने जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। उन्होंने अपनी याचिका में यह तर्क दिया कि उनके बयान को गलत समझा गया और उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांग ली है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को नकारते हुए तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने कहा, “आप एक मंत्री हैं, आपको सोच-समझकर बोलना चाहिए। पहले हाईकोर्ट में अपील करें।”
सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह के वकील को निर्देश दिया कि वे पहले इस मामले को हाईकोर्ट में उचित रूप से प्रस्तुत करें। सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर अगली सुनवाई अब शुक्रवार 16 मई को करेगा।
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दिग्विजय बोले- जो काम BJP को करना था, वह कोर्ट ने किया, सीजफायर से लेकर आतंकियों की पहचान तक उठाए सवाल
इंदौर। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आज इंदौर में मीडिया से चर्चा के दौरान केंद्र और मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले, पाकिस्तान पर की गई स्ट्राइक और कर्नल सोफिया कुरैशी पर मंत्री विजय शाह की टिप्पणी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार की आलोचना की।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं हाईकोर्ट के जज को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने वह काम किया जो बीजेपी को करना चाहिए था। अदालत के निर्देश पर मंत्री विजय शाह पर एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन आज तक बीजेपी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इसका साफ मतलब है कि भाजपा उन्हें बचा रही है। उन्होंने भाजपा नेताओं से सवाल पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा विजय शाह के बयान से सहमत हैं? अगर नहीं, तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने सटीक कार्रवाई की, जिसकी वह सराहना करते हैं। लेकिन सवाल यह है कि हमला करने वाले चार आतंकियों की पहचान अब तक क्यों नहीं हो पाई है? उन्होंने कहा, “जब अमेरिका ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में खोज सकता है तो हम आतंकियों की पहचान क्यों नहीं कर पा रहे हैं?”
कर्नल सोफिया कुरैशी के भाजपा प्रवक्ता बनाए जाने के बाद विजय शाह की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दिग्विजय सिंह ने भाजपा की विचारधारा पर हमला किया। उन्होंने कहा, भाजपा नेताओं ने हर मुद्दे को हिन्दू-मुस्लिम रंग देने की कोशिश की। विजय शाह के बयान में भी वही संघी मानसिकता दिखती है, जिसे हम शुरू से विरोध करते आए हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर भाजपा की ट्रोल आर्मी ने न केवल कर्नल सोफिया कुरैशी, बल्कि भारत सरकार के प्रवक्ता विक्रमजीत और उनके परिवार को भी निशाना बनाया। ये ट्रोल्स प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फॉलो किए जाते हैं, जो भाजपा की विचारधारा को उजागर करता है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ अचानक सीजफायर का निर्णय कैसे लिया गया, यह सवाल खड़ा करता है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क किया और सीजफायर की पेशकश की, लेकिन इसके बावजूद सीजफायर उल्लंघन क्यों हो रहे हैं?
अंत में दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार किसी भी राष्ट्रीय संकट के समय विपक्ष को विश्वास में नहीं लेती। उन्होंने याद दिलाया कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में जब चीन के साथ संकट हुआ था, तब संसद में विपक्ष को बुलाकर चर्चा की गई थी। आज के प्रधानमंत्री ऐसा करने से शर्माते क्यों हैं? डरते क्यों है? दिग्विजय सिंह ने कहा।

प्रमुख समाचार

नई दिल्ली। कोरोना वायरस एक बार फिर वैश्विक चिंता का कारण बन रहा है। खासतौर पर एशियाई देशों में कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। हांगकांग और सिंगापुर जैसे विकसित देशों में संक्रमण के आंकड़े फिर से डराने लगे हैं। वहीं, भारत में भले ही फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।हांगकांग में कोविड-19 के मामले और इससे होने वाली मौतें एक बार फिर अपने चरम पर हैं। ‘हिमालयन टाइम्स’ की...

मध्य प्रदेश

शहडोल जिला न्यायालय ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को देशद्रोही वाले बयान को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें 20 मई 2025 को सुबह 11 बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।दरअसल, यह मामला 27 जनवरी 2025 को महाकुंभ में दिए गए उस बयान से जुड़ा है, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था- ‘महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।’इस बयान के खिलाफ शहडोल के वरिष्ठ...

अपराध

मंदसौर। नारकोटिक्स विंग ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से 1 किलो 110 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद की गई है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 1.11 करोड़ रुपए आंकी गई है।नारकोटिक्स विंग को इनपुट मिला था कि एक पिकअप वाहन में लहसुन की बोरियों के नीचे एमडी ड्रग्स छिपाकर तस्करी की जा रही है। सूचना के आधार पर...
More inअपराध  

गुना सिटी

गुना। (गरिमा टीवी न्यूज़) गुना जिले के गादेर के पास शुक्रवार रात करीब 10 :00 बजे को एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया, जिसमें कंटेनर और बाइक की टक्कर में बाइक सवार दो युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा इतना भयानक था कि टक्कर के बाद बाइक करीब 100 मीटर तक कंटेनर के नीचे घिसटती चली गई, जिससे बाइक में आग लग गई और आग ने कंटेनर को भी अपनी चपेट में ले लिया।प्राप्त जानकारी के अनुसार, कंटेनर MP07ZU5196 राघोगढ़ से गुना की ओर आ रहा था। हाईवे पर मरम्मत कार्य चलने के कारण दोनों ओर की गाड़ियां एक ही...

फोटो गैलरी

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गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
गरिमा के 1 वर्ष बाद का फोटो
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गरिमा के 2 वर्ष बाद का फोटो
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बीमार होने के बाद भोपाल अस्पताल मे भर्ती गरिमा
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हाई कोर्ट के आदेश के बाद गरिमा के शव को जमीन से निकालते हुऐ
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निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
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दोषी डॉक्टर के खिलाफ मामला कायम कराने के लिऐ पुलिस अधिक्षक से मिले पत्रकार
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गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
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पूजा स्थल मे गरिमा
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