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डबरा। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के भितरवार पुलिस ने झाड़-फूंक के बहाने एक नाबालिग के साथ रेप के आरोपी पर मामला दर्ज किया है। आरोपी के खिलाफ बलात्कार और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
16 साल की लड़की को पेट दर्द की शिकायत थी। उसकी मां ने इस बारे में अपनी बहन से बात की। पीड़ित की मौसी ने करेरा के सम्मोआ गांव के पवन शर्मा नाम के व्यक्ति के बारे में बताया जो झाड़-फूंक का काम करता था। आरोपी ने एक बार फोन पर पीड़ित के पेट दर्द को सही कर दिया। इसके बाद दोनों भाई बहन आरोपी पवन शर्मा के पास पहुंचे तो उसने ताबीज बनाने के लिए और उस दिन करियावटी जाने की बात कही। जिस पर भाई-बहन करियावटी अपनी मौसेरी बहन की ससुराल जाने के लिए राजी हो गए।
पीड़िता अपने भाई के साथ करियावटी में मौसेरी बहन के ससुराल गई। आरोपी पवन शर्मा ने रात के समय लड़की को खेत में बनी मड़ैया में बुलाया। भाई को बाहर भेजकर जान से मारने की धमकी देकर नाबालिग के साथ रेप किया। आरोपी ने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद किशोरी ने घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी।
पीड़ित पक्ष पहले करैरा थाने गया, जहां से उन्हें करियावटी भेजा गया। मंगलवार को पीड़िता और उसके परिजन भितरवार थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। मामले में बलात्कार और पास्को एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

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सेंट जॉन्स स्कूल की राज्य समिति ने अपील की खारिज, अभिभावकों के लौटाने पड़ेंगे 6 करोड़ 25 लाख
दमोह। मध्यप्रदेश के दमोह स्थित सेंट जॉन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल को बड़ा झटका लगा है। राज्य समिति ने सेंट जॉन्स स्कूल की अपील को खारिज कर दिया है। अपील खारिज होने के बाद अब विद्यार्थियों के अभिभावकों के 6 करोड़ 25 लाख से ज्यादा रुपए लौटाने पड़ेंगे। 2 लाख रुपए की शास्ति भी जमा करनी होगी।
मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं नियम 2020 के अन्तर्गत गठित जिला समिति ने स्कूल प्रशासन को दोषी पाया है। जिला प्रशासन की गठित जिला समिति ने जांच में स्कूल प्रंबधन को दोषी पाया है।
जांच में पाया गया है कि सरप्लस के बाद भी सेंट जॉन्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल द्वारा सत्र 2022-23 में 2,160 विद्यार्थियों से 1 करोड़ 95 लाख 28 हजार 600 रुपए, सत्र 2023-24 में 2,179 विद्यार्थियों से 2 करोड़ 7 लाख 16 हजार 340 रुपए व सत्र 2024-25 में 2,234 विद्यार्थियों से 2 करोड़ 23 लाख 41 हजार 350 इस प्रकार वसूली गई। कुल फीस 6 करोड़ 25 लाख 86 हजार 290 रुपए अधिक वसूली गई है। जिसे जिला समिति द्वारा 30 दिवस के भीतर विद्यार्थियों या अभिभावकों के खाते में फीस वापस किए जाने का आदेश जारी किया गया है।
सुधीर कुमार कोचर, कलेक्टर दमोह
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19,504 पदों के लिए 2 लाख 70 हजार आवेदनः आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका पदों पर भर्ती के लिए आज तक कर सकते हैं आवेदन
भोपाल। मध्य प्रदेश में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पदों पर भर्ती के लिए बड़ी संख्या में आवेदन जमा हुए हैं. कुल 19 हजार 504 पदों पर भर्ती होगी और अब तक 2 लाख 70 हजार 152 आवेदन जमा हो चुके हैं. अभ्यर्थी चार जुलाई यानी आज तक आवेदन कर सकते हैं.
महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका के खाली पदों पर भर्ती निकाली हैं. प्रदेश के सभी 10 संभागों में अभ्यर्थी आवेदन जमा कर रहे हैं. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए अब तक 55 हजार 730 जबकि आंगनवाड़ी सहायिका के लिए 2 लाख 14 हजार 422 आवेदन जमा हो चुके हैं. आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 4 जुलाई है जबकि आवेदन में सुधार की आखिरी तारीख सात जुलाई है. सबसे अधिक इंदौर संभाग से 47 हज़ार 116 आवेदन जमा हुए हैं. इनमें 38 हज़ार 601 सहायिका के पद के लिए जबकि 8 हज़ार 515 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद के लिए आवेदन आए हैं.
किस संभाग से कितने आवेदन
जबलपुर संभाग से कुल 44 हजार 258 आवेदन. इनमें 34 हजार 317 सहायिका के और 9 हजार 941 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के आवेदन.
सागर संभाग से 33 हज़ार 513 आवेदन. इनमें सहायिकाओं के पद के लिए 27 हज़ार 857 और कार्यकर्ता के लिए 5 हज़ार 656 आवेदन.
भोपाल में कुल 28 हज़ार 850 आवेदन जमा.
इनमें सहायिका के पद के लिए 22 हजार 397 और कार्यकर्ता के लिए 6 हज़ार 453 आवेदन.
रीवा संभाग से 28 हज़ार 519 आवेदन जमा हुए. इनमें 23 हज़ार 831 आवेदन सहायिका के और 4 हज़ार 688 आवेदन कार्यकर्ता के लिए जमा हुए.
ग्वालियर संभाग से 28 हज़ार 413 आवेदन.
इनमें सहायिका के 22 हज़ार 73 और कार्यकर्ताओं के 6 हज़ार 340 आवेदन.
उज्जैन संभाग से कुल 24 हजार 159 आवेदन. इनमें सहायिका के 18 हज़ार 711 और कार्यकर्ता के 5 हज़ार 448 आवेदन.
चम्बल संभाग से 14 हज़ार 829 आवेदन. इनमें 12 हज़ार 343 सहायिका के और 2 हज़ार 486 आवेदन.
शहडोल संभाग से 10 हज़ार 406 आवेदन. इनमें 7 हज़ार 291 सहायिका और 3 हजार 115 कार्यकर्ता के पद के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं.0
नर्मदापुरम संभाग से सहायिका के पद के लिए 7 हजार 1 और कार्यकर्ता के लिए 3088 यानी कुल 10 हज़ार 89 आवेदन प्राप्त हुए हैं.

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मुरैना जिले के जौरा तहसील के आलापुर गांव में मंगलवार रात भाजपा नेता राजकुमार यादव के घर डकैतों ने धावा बोल दिया। बदमाशों ने घर के सभी लोगों को बंधक बनाकर करीब 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की लूट को अंजाम दिया। इसमें सोने-चांदी के जेवर, 50 लाख कैश और 12 बोर की बंदूक शामिल है।
भाजपा नेता राजकुमार यादव के अनुसार रात करीब 1:30 बजे बदमाशों ने पहले रैकी की, फिर लोहे की सीढ़ी लगाकर घर की छत से अंदर घुसे। चार डकैत घर में घुसे और कुछ बाहर खड़े थे। पुलिस को कॉल करने पर कट्टा तान दिया। हाथ-पैर बांधकर तिजोरी की चाबी ली और सारा सामान समेट लिया।
राजकुमार यादव ने बताया कि वे जमीन की रजिस्ट्री के लिए घर में 50 लाख रुपये नकद रखे हुए थे। डकैत यह रकम भी लूट ले गए। उस वक्त घर में उनकी सरपंच पत्नी मंजू यादव और दो बच्चे भी मौजूद थे।
एसपी समीर सौरभ ने बताया कि राजकुमार यादव की शिकायत पर आलापुर गांव के आसाराम कुशवाहा, छुट्टन कुशवाहा और केके कुशवाहा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
आसाराम को गिरफ्तार कर लिया गया है, दो आरोपी अब भी फरार हैं। पुलिस ने उनके रिश्तेदारों के घर पर दबिश देना शुरू कर दिया है।
डकैती की खबर फैलते ही गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों की भारी भीड़ घर के बाहर जुट गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस की लापरवाही पर नाराजगी जताई और कहा कि जौरा में पुलिस गश्त का कोई असर नहीं दिख रहा है, तभी इतनी बड़ी वारदात हो पाई।
जौरा के कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने थाने का घेराव करते हुए चेतावनी दी कि अगर 3 दिन में बाकी डकैत पकड़े नहीं गए तो वे जनता के साथ सड़क पर आंदोलन करेंगे। उन्होंने कहा कि एक जनप्रतिनिधि का घर मुख्य सड़क के किनारे है, फिर भी पुलिस कुछ नहीं कर सकी।
राजकुमार यादव आरएसएस से जुड़े हुए भाजपा नेता हैं और युवा मोर्चा के मंडल अध्यक्ष रह चुके हैं। उनकी पत्नी मंजू यादव जून 2022 से सरपंच हैं। राजकुमार के पिता पुरुषोत्तम यादव जनपद सदस्य और ग्राम न्यायालय अध्यक्ष रह चुके हैं। गांव में यादव परिवार को जमीदार के रूप में जाना जाता है।

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ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर में फर्जी गोलीकांड के आरोपी को अस्पताल से गिरफ्तार कर थाने ले जा रही पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया. आरोपी के भाई और रिश्तेदारों ने पुलिस की गाड़ी को घेरकर आरोपी छुड़ाकर ले जाने का प्रयास किया. इतनी ही नहीं थाना प्रभारी के साथ मारपीट कर वर्दी फाड़ दी और अन्य पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया. हालांकि, बदमाश आरोपी को छुड़ाकर ले जाने में नाकामयाब रहे. वहीं पुलिस ने दो हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है.
दरअसल, उटीला थाना पुलिस ने दो दिन पहले एक फर्जी गोलीकांड का खुलासा किया था. इसमें घायल बृजेश परिहार ने बदमाश सचिन फागुना की प्लानिंग पर सुपारी लेकर यह पूरा फर्जीकांड रचा था. लेकिन पुलिस ने घटनाक्रम के दस घंटे के भीतर ही फर्जी गोलीकांड का खुलासा कर दिया था. इसमें घायल बृजेश परिहार सहित मनोज, मोनू, अरुण और सचिन को आरोपी बनाया था. सोमवार की रात बृजेश को जेएएच से डिस्चार्ज किया गया था. पुलिस ने उसको जेएएच से ही गिरफ्तार किया.
उसने फर्जी गोलीकांड रचने के लिए 1.80 लाख रुपए लिए थे. उसी को बरामद करने उसे पुलिस वाहन में बैठाकर उटीला थाना पहुंचे थे. वाहन में थाना प्रभारी शिवम राजावत, प्रधान आरक्षक प्रमोद रावत, प्रधान आरक्षक अनिल शर्मा, प्रधान आरक्षक हर्ष कुमार और मुकेश यादव सवार थे. जब वह आरोपी को लेकर उटीला थाना परिसर के बाहर पहुंचे तो वहां 2 दर्जन से अधिक लोगों की भीड़ लगी थी. थाना के पास सड़क पर भीड़ ने पुलिस के वाहन को रोक लिया. भीड़ से निकलकर आरोपी बृजेश परिहार के दो भाई बंटी और रामौतार परिहार सामने आए और आरोपी बृजेश को छुड़ाने लगे.
दोनों ने थाना पुलिस वाहन का पीछा गेट खोल लिया और आरोपी को नीचे उतार लिया. तभी थाना प्रभारी शिवम राजावत ने विरोध किया तो बंटी ने थाना प्रभारी की कॉलर पकड़ी और वर्दी फाड़ दी. इतना ही नहीं बंटी ने थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की. जिसके बाद तत्काल थाने से फोर्स आया और थाना प्रभारी को हमलावरों के चंगुल से छुड़ाया. इसके बाद दोनों हमलावरों को हिरासत में लिया. इस पूरे मामले में पुलिस ने दोनों हमलावरों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी है.

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भोपाल में छात्रवृत्ति घोटाला , 40 से ज्यादा मदरसों व स्कूलों के खिलाफ केस दर्ज
भोपाल। राजधानी में पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक छात्रों को मिलने वाली छात्रवृत्ति में भारी घोटाला सामने आया है। पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार से मिली शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने शहर के 40 से ज्यादा मदरसों/स्कूलों के खिलाफ भोपाल क्राइम ब्रांच में केस दर्ज किया गया है।
जानकारी के मुताबिक पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से कक्षा 11वीं और 12वीं में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को सालाना 5700 रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है। भारत सरकार से मिलने वाली इस छात्रवृत्ति का लाभ 40 से ज्यादा मदरसों/स्कूलों में पढ़ने वाले 11 सौ छात्रों को दिया जा रहा था। जबकि इन मदरसों/स्कूलों की मान्यता महज 10वीं कक्षा की है।
इन सभी मदरसों/स्कूलों गलत तरीके से 11वीं और 12वीं कक्षा की मान्यता दिखाकर छात्रवृत्ति ली जा रही थी। मामला उजागर होने के बाद पिछड़ा वर्ग/अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी ने कल क्राइम ब्रांच में शहर के 40 से ज्यादा मदरसों व स्कूलों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। अब पुलिस इन मदरसों व स्कूलों की मान्यता के संबंध में जानकारी जुटा रही है।
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कांग्रेस ने संपतिया उइके का फूंका पुतला: पद से इस्तीफा और CBI जांच की उठाई मांग
मंडला. जिला कांग्रेस कमेटी ने मंडला विधायक और मोहन कैबिनेट में PHE मंत्री संपतिया उइके खिलाफ खोर्चा खोल दिया. कांग्रेसियों उसके आवास के सामने धरना प्रदर्शन कर उनका पुतला दहन किया. कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा ने कहा कि जब प्रदेश सरकार में मंत्री संपतिया उइके पर एक हजार करोड़ कमीशन लेने की शिकायत के बाद ईएनसी ने जांच के आदेश दे दिए हैं. लिहाजा उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. ताकि निष्पक्षता से जांच हो सके.
बता दें कि PHE मंत्री संपतिया उइके पर 1000 करोड़ रुपये की घूस लेने का गंभीर आरोप सामने आया है. यह आरोप जल जीवन मिशन के तहत राज्य को मिले फंड में कथित भ्रष्टाचार को लेकर लगाया गया है. PHE विभाग ने खुद अपनी मंत्री के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं
प्रमुख अभियंता संजय अधवान ने यह आदेश उस शिकायत के आधार पर दिए, जो पूर्व विधायक किशोर समरीते ने 12 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री के नाम भेजी थी. शिकायत में आरोप लगाया गया कि जल जीवन मिशन के लिए केंद्र से मिले 30,000 करोड़ रुपये में से मंत्री संपतिया उइके ने 1000 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में लिए हैं.
इस मामले में संपतिया उइके का कहना है कि मुझे फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. मैं कैबिनेट में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से इस विषय पर चर्चा करूंगी और सारी बातें बताऊंगी. मैं बिल्कुल सही हूं और जिस तरीके से साच को आच नहीं, जिस तरीके से जांच करे मुझे कोई दिक्कत नहीं है.
मंत्री ने कहा कि मैं आदिवासी महिला हूं, मैं गरीब मजदूर वर्ग से आती हूं. यहां आकर मैं जनता की सेवा कर रही हूं. इसका जवाब मुख्यमंत्री जी देंगे उन्हें सब पता है. जिस तरह से मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है, वह बिल्कुल गलत है. इस पूरे मामले को लेकर मैं जल्द प्रेस कांफ्रेंस करूंगी.

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जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में बदमाशों के हौसले दिनों दिन बुलंद होते जा रहे हैं, उन्हें न तो पुलिस का खौफ है न ही कानून का डर। यही वजह है कि एक के बाद एक कई संगीन वारदातों को अंजाम देकर बदमाश पुलिस के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। बेखौफ बदमाशों ने एक बार फिर एक युवक को तालिबानी सजा दी है। तत्वों की टोली ने पहले एक युवक को निर्वस्त्र किया और उसे जमीन पर लिटाकर मारपीट शुरू कर दी।
बदमाशों ने युवक के साथ न केवल बेरहमी से मारपीट की, बल्कि उसके साथ मारपीट करते हुए वीडियो भी बनाया। बात यही तक खत्म नहीं होती, बदमाशों ने अपनी इस गुंडागर्दी का वीडियो सोशल मीडिया पर भी अपलोड कर दिया। बदमाशों द्वारा युवक की पिटाई का वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे बेखौफ बदमाश एक युवक को बुरी तरह मारते पीटते नजर आ रहे हैं। पहले ये पीड़ित युवक के कपड़े उतरवाते है, फिर तीन से चार युवक उस पर लात घूंसे बरसाते हुए हैं।
मारपीट के इस वीडियो में only surya malik shahar main में लिखकर सोशल मीडिया के प्लेटफार्म में इसे वायरल किया जा रहा है। युवक को तालिबानी सजा देने का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस भी हरकत में आ गई है। जबलपुर पुलिस ने वीडियो को संज्ञान में लेते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पता चला है कि यह वीडियो गोहलपुर थाना इलाके के चंडाल भाटा क्षेत्र का है जहां कुछ तत्वों ने घेर कर एक युवक के साथ बेरहमी से मारपीट शुरू कर दी। पुलिस अब आरोपियों की पहचान करने के साथ ही उनके पुराने आपराधिक रिकार्ड भी खंगाल रही है ताकि उन पर सख्त कार्यवाही की जा सके।

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पेड़ से टकराई जननी एक्सप्रेस, मां-नवजात समेत एक ही परिवार के 4 लोगों की दर्दनाक मौत
नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले में एक हादसे में जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस पेड़ से टकरा गई, जिसमें एक नवजात, उसकी मां और परिवार की दो अन्य महिलाओं की मौत हो गई। यह हादसा सोमवार शाम को पिपरिया रोड पर हुआ, जब नवजात के जन्म के बाद परिवार घर लौट रहा था।
रविवार को पिपरिया अस्पताल में अंजलि राजपूत ने बेटे को जन्म दिया था। सोमवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस के जरिए वह अपने गांव सर्रा किशोर लौट रही थीं।
हादसे के समय मौसम खराब था और हल्की बारिश हो रही थी। बताया जा रहा है कि फिसलन के कारण एंबुलेंस अनियंत्रित होकर सड़क किनारे एक आम के पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वाहन के परखच्चे उड़ गए और अंदर बैठे सभी लोग बुरी तरह घायल हो गए। वाहन में अंजलि राजपूत, उनका नवजात बेटा और परिवार की दो महिलाएं आशा पति हीरालाल राजपूत (42 वर्ष) और रानू पति बलराम राजपूत (25 वर्ष) मौजूद थीं।
हादसे के तुरंत बाद राहगीरों की मदद से सभी को बाहर निकाला गया। नवजात शिशु, आशा और रानू की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अंजलि को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने भी दम तोड़ दिया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पिपरिया मंगलवारा थाना प्रभारी गिरीश त्रिपाठी ने पुष्टि की कि तीनों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि नवजात की मां अंजलि की मौत अस्पताल में हुई।
एंबुलेंस ड्राइवर पुष्पराज पटेल भी इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुआ है। उसे फौरन पिपरिया अस्पताल भेजा गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। प्रारंभिक जांच में बारिश और सड़क पर फिसलन को हादसे का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
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90 डिग्री एंगल वाले ब्रिज को लेकर एक्शन : सीएम डॉ. मोहन यादव के आदेश पर 8 अफसर सस्पेंड
भोपाल। ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण में गंभीर तकनीकी खामी और लापरवाही सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए लोक निर्माण विभाग के 8 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। इन अफसरों में दो चीफ इंजीनियर और पांच अन्य इंजीनियर शामिल हैं, जबकि एक सेवानिवृत्त सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के खिलाफ विभागीय जांच की घोषणा की गई है।
शनिवार रात मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ऐशबाग आरओबी निर्माण में सामने आई लापरवाही पर मैंने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि आरओबी के त्रुटिपूर्ण डिजाइन को लेकर निर्माण एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट को भी ब्लैकलिस्ट किया गया है।
एनएचएआई द्वारा कराई गई जांच में सामने आया है कि आरओबी का डिजाइन 90 डिग्री एंगल वाला है, जिससे उस पर 35-40 किमी/घंटा से अधिक स्पीड में वाहन चलाने पर हादसे की आशंका है। सरकार ने इस ब्रिज को रिडिजाइन करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई गई है जो आवश्यक सुधार करेगी। सीएम ने स्पष्ट किया है कि जब तक सभी तकनीकी खामियां दूर नहीं हो जातीं, तब तक ब्रिज का लोकार्पण नहीं होगा।
ऐशबाग आरओबी का निर्माण 21 मई 2022 को शुरू हुआ था और इसे अगस्त 2024 तक पूरा किया जाना था। लेकिन अब तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है। जून 2025 तक भी इसका काम अधूरा है, जिससे यह लगभग एक साल लेट हो चुका है। 17 करोड़ 37 लाख की लागत से बन रहा यह ब्रिज अब तकनीकी खामियों के कारण और अधिक देरी का शिकार हो सकता है।
अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग नीरज मंडलोई ने बताया कि जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उनके खिलाफ सोमवार को आरोप तय किए जाएंगे। यह भी तय किया जाएगा कि इस लापरवाही में किसकी क्या भूमिका रही और आगे क्या अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।\

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भोपाल। रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-6 के पास ईरानी डेरे में लगे ईरान के नेताओं के पोस्टर हटाए गए। काले झंडे समेत इन पोस्टर्स में सुप्रिम लीडर आयतुल्ला खामेनेई के साथ अन्य सैन्य नेताओं की तस्वीरें दिखाई दे रही थी। यह पोस्टर शिया समुदाय के मुस्लिम लोगों ने लगाए थे।
ईरानी डेरे के इमाम शाहकार हुसैन ने बताया कि ये पोस्टर्स हर साल लगाए जाते हैं, लेकिन इस बार इनकी संख्या अधिक है क्योंकि हाल ही में इजराइल और ईरान के बीच संघर्ष हुआ था। उन्होंने कहा कि यह जीत सिर्फ ईरान की नहीं, बल्कि इंसाफ पसंद लोगों की जीत है।
आयतुल्ला खामेनेई को अब एक आलमी लीडर के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने मोहर्रम के संदेश को दुनिया के सामने रखा है। शाहकार हुसैन ने यह कहा कि हक का रास्ता हमेशा जीत की ओर ले जाता है और जुल्म के खिलाफ कभी सिर नहीं झुकाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैनर लगाना कोई सेलिब्रेशन नहीं बल्कि एक वैचारिक प्रदर्शन था। यह दिखाने के लिए कि अगर इमाम हुसैन की राह पर चला जाए तो बड़ी से बड़ी ताकत को झुकाया जा सकता है।
संसकृति बचाओ मंच ने ईरानी डेरे के पोस्टर पर विरोध जताया है, उन्होंने पोस्टर और झण्डे लगाने वालों को देशद्रोही कहा और पोस्टर लगाने वालों पर कार्रवाई की भी मांग की गई है।
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एमपी के DGP का अजीबो-गरीब बयान, कहा- रेप की घटना रोकना पुलिस के बस में नहीं...
उज्जैन। मध्य प्रदेश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना ने अजीबोग़रीब बयान दिया है। उन्होंने कहा रेप की घटना रोकना पुलिस के बस में नहीं। इसके लिए मोबाइल और परिवार जिम्मेदार हैं। यह बात प्रदेश में रेप की बढ़ती घटनाओं पर मीडिया से चर्चा में डीजीपी ने कही। उन्होंने बढ़ते दुष्कर्म की घटनाओं को मोबाइल और इंटरनेट पर परोसी जा रही अश्लीलता और समाज की नैतिकता में आई गिरावट को जिम्मेदार बताया। कहा कि बच्चों पर पहले मां बाप और शिक्षकों का होल्ड था, लेकिन अब नहीं रहा।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कैलाश मकवाना ने शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम पर उज्जैन जोन की समीक्षा बैठक ली। इसमें उज्जैन, रतलाम, देवास, आगर-मालवा, शाजापुर, नीमच, मंदसौर के एसपी व राजपत्रित पुलिस अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बीते दिनों के अपराधों, दुर्घटनाओं, नारकोटिक्स मामलों, लंबित प्रकरणों और सीएम हेल्पलाइन से जुड़ी शिकायतों की विस्तार से समीक्षा की। डीजीपी ने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने, अपराधों के त्वरित निराकरण करने, आम लोगों से बेहतर समन्वय करने को कहा है।
खासतौर पर नाबालिग बालिकाओं के साथ बहला-फुसलाकर किए जा रहे अपराधों को रोकने के लिए स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थानों व इंटरनेट मीडिया पर नजर रखने को कहा। आगामी त्योहारों के मद्देनजर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कानून व्यवस्था चाक-चौबंद रखने, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के भी निर्देश दिए। डीजीपी ने कहा कि हर जिले में अपराधों की मॉनिटरिंग नियमित रूप से हो और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि थाना स्तर पर लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की जाए। डीजीपी ने कहा कि एएसपी व डीएसपी स्तर के अधिकारी मैदानी क्षेत्रों में जाकर बैठक करें। हाल ही में उज्जैन जोन के सभी थानों में रखे पुराने 3300 से अधिक वाहनों की नीलामी से शासन को करीब 10 करोड़ से अधिक की राशि मिली है। इसे लेकर डीजीपी ने सराहना की है। रात्रि गश्त, नारकोटिक्स मामलों, संपत्ति संबंधी अपराधों, कंजर गिरोह, बोवनी के दौरान होने वाले अपराधों को रोकने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं। वहीं लंबित अपराधों के निपटारे के अलावा वारंट तामिली के संबंध में भी जानकारी ली। बैठक में एडीजी उमेश जोगा, डीआइजी नवीनत भसीन, एसपी प्रदीप शर्मा सहित संभाग के सभी जिलों के एसपी व राजपत्रित अधिकारी मौजूद थे।
डीजीपी मकवाना ने सिंहस्थ की तैयारियों के संबंध में भी अधिकारियों से जानकारी ली। सिंहस्थ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या, कितना स्टाफ लगेगा, पुलिसकर्मियों के रहने के लिए बैरकों की व्यवस्था के अलावा सुरक्षा को लेकर किस तरह की तैयारी की जाएगी इस पर भी चर्चा की। एडीजी उमेश जोगा ने बताया कि सिंहस्थ को लेकर हाल ही में प्रयागराज के अधिकारियों के साथ बैठक कर वहां की व्यवस्थाओं के संबंध में भी जानकारी ली गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर विशेष प्लान बनाए जा रहे हैं।
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बहू की शिकायत पर बड़ी कार्रवाई, प्रतिष्ठित स्कूल संचालक गिरफ्तार
जबलपुर एमपी के एक प्रतिष्ठित स्कूल के संचालक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बहू की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई है। धर्मांतरण मामले में जबलपुर के जॉय स्कूल के मालिक अखिलेश मेबन को गिरफ्तार किया गया है। उनकी बहू कैप्टन आकांक्षा अरोड़ा ने धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया जिसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। संचालक अखिलेश की पत्नी और पति भी पुलिस गिरफ्त में हैं। आरोपियों पर धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। अखिलेश मेबन को पहले भी हिंदू देवी देवताओं पर आपत्तिजनक स्टेटस लगाने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।
कैप्टन आकांक्षा अरोड़ा ने अपने पति कैप्टन तनय मेबन, जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मालिक अखिलेश मेबन और उनकी पत्नी नीनू मेबन पर शादी के पहले जबरन धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है। इस पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस को की गई शिकायत में कैप्टन आकांक्षा ने बताया कि सन 2017 में धर्म परिवर्तन के बाद ही कैप्टन तनय मेबन से उनकी शादी कराई गई थी। शादी के बाद भी मेबन परिवार ने धर्म को लेकर प्रताड़ित किया और बाद में घर से ही निकाल दिया। इस पर बहू आकांक्षा ने पुलिस में केस दर्ज कराया था। महिला थाना पुलिस ने आरोपियों पर एफआइआर दर्ज की।
आकांक्षा अरोड़ा का आरोप है कि केस वापस लेने के लिए पति तनय मेबन ने बात करने के लिए शहर के एक कैफे में बुलाया। इस दौरान दोनों में तकरार हुई। बहू ने तीनों आरोपियों पर सेना की नौकरी छुड़वाने का आरोप भी लगाया है।
बहू आकांश ने बताया कि शादी के बाद उनसे मारपीट की गई। इस पर 2021 में भी महिला थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी। उनका यह भी आरोप है कि सास-ससुर के दबाव में ही उन्हें नौकरी छोडऩी पड़ी थी।
बता दें कि जॉय सीनियर सेकेंडरी स्कूल के मालिक अखिलेश मेबन को पहले भी हिंदू देवी देवताओं पर आपत्तिजनक स्टेटस लगाने के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। जबलपुर पुलिस ने इस केस में उन्हें अप्रैल में कोच्चि एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था।