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जबलपुर। एमपी के जबलपुर स्थित गोसलपुर से लगे आधा दर्जन गांव में जमीनों पर कब्जा कर डेरा डाले पारधियों को परिवार सहित खदेड़ दिया है. ये पारधी परिवारों सहित रहकर अपराधिक गतिविधियों से लेकर अवैध कारोबार कर रहे थे. पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में शराब भी पकड़ी है. पुलिस जब इन्हे हटाने के लिए पहुंची तो अभद्रता करना शुरु कर दिया, इसके बाद भारी पुलिस बल बुलाया गया, तभी इन लोगों में भगदड़ मच गई.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार गोसलपुर से लगे केवलारी, रानीताल , गांधीग्राम, बरनू सहित करीब 6 गांव में अचानक चोरी, मारपीट, लूटपाट सहित राह चलते लोगों के साथ अभद्रता करने की घटनाएं बढऩे लगी. लगातार हो रही घटनाओं से परेशान होकर लोगों ने पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत की. जिसपर पुलिस अधिकारियों ने भारी बल के साथ इन सभी जगहों पर छापा मारा, जिससे पारधी परिवारों में अफरातफरी व भगदड़ मच गई, इस दौरान गिरोह की महिलाओं ने अभद्रता करते हुए विरोध भी किया. इसके बाद भी पुलिस ने इनके डेरो को हटाते हुए गांव से खदेड़ दिया. ग्रामीणों का कहना था कि करीब 15 दिन पहले एक दो परिवार रानीताल गांव के पास देखे गए थे.
जिन्होने तिरपाल से झोपड़ी बनाई, इसके बाद धीरे धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई और देखते ही देखते आसपास के 6 गांव में 60 से अधिक परिवार गांव की जमीनों पर कब्जा कर बस गए. यहां पर पारधियों ने अवैध शराब बनाने का कारोबार शुरु कर दिया. यहां तक कि इनके डेरों के पास से कोई भी गुजरता तो गाली गलौज व मारपीट तक करते रहे. ताकि कोई इनके पास से गुजरे न और अपना काम आसानी से कर सके. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये लोग बहुत शातिर होते है, पहले एक -दो परिवार आकर रहते है. इसके बाद जब देखते है कि कोई आपत्ति नही ले रहा है तो अपने साथियों को भी परिवार सहित बुला लेते है. पिछले 15 दिनों में पारधी गिरोह की महिला-पुरुषों ने केवलारी, धमधा, बरनू, गांधीग्राम, रानीताल सहित आसपास के कई गांव के बाहर की जमीन पर कब्जा कर लिया था. कार्रवाई के दौरान पुलिस को पारधियों के पास से बड़ी मात्रा में अवैध शराब भी मिली.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गोसलपुर पुलिस ने अधिकारियों के साथ डेरे पहुंचकर समझाइश दी थी. उस वक्त पुरुष तो भाग गए थे, लेकिन महिला व बच्चे वहीं जमे रहे. जिन्हे समझाइश दी गई थी कि गांव की जमीनों पर इस तरह से कब्जा करना व घर बनाना गलत है. इसके बाद भी पारधी गिरोह की महिलाओं व बच्चों ने डेरे नहीं हटाए . जिसपर देर रात पुलिस बल ने 60 से अधिक परिवारों को खदेड़ दिया, उनके डेरे तक हटा दिए.

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अवैध गुटखा फैक्ट्री का भंडाफोड़: प्रशासन की संयुक्त टीम ने मारा छापा, किया सील
छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर में प्रशासन की संयुक्त टीम ने लवकुशनगर में अवैध गुटखा कारोबार पर छापेमारी की है। लवकुशनगर के छतरपुर रोड स्थित अदालत के समीप एक निजी मकान में अवैध रूप से संचालित गुटखा फैक्ट्री में प्रशासन ने छापेमार कार्रवाई की। प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा, जहां एक मकान के अंदर यह गुटखा फैक्ट्री चल रही थी। वहां कार्य कर रहे आधा सैकड़ा से अधिक महिला और पुरुष मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपायों के काम कर रहे थे।
गुटखा फैक्ट्री में प्रशासनिक अमले ने निरीक्षण किया तो वहां कई प्रकार के लिक्विड केमिकल और पाउडर मिले, जिनमें से अजीब और तेज दुर्गंध आ रही थी। गुटखा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल इंसान के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक थे। गुटखा फैक्ट्री जिस मकान में संचालित थी, वह नाले के ऊपर बना हुआ था, जो खुद में अवैध अतिक्रमण था।
एसडीएम राकेश शुक्ला बताया कि गुटखा फैक्ट्री में मिलाए गए केमिकल्स इंसान के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फैक्ट्री के संचालन के लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है। जांच के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी और इस फैक्ट्री को यहां से हटाया जाएगा।
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पुलिस गाड़ी के सामने हथियार के साथ रील बनाने वाला बदमाश गिरफ्तार, आरोपी का शहर में निकाला जुलूस
मुरैना। पुलिस की गाड़ी के साथ अवैध हथियार लेकर रील बनाने वाले बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बदमाश युवक का शहर के प्रमुख मार्गों पर से जुलूस निकाला। इस दौरान बदमाश युवक नारा लगा रहा था ‘जुर्म करना पाप है और पुलिस हमारी बाप है’।
बता दें कि जिले के महुआ थाना क्षेत्र के खुर्द गांव के बीहड़ में 16 मार्च को दंगल का आयोजन हुआ था। दंगल कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने का रास्ता नहीं होने पर पुलिस ने बीहड़ में गाड़ी खड़ी कर दी। इसी दौरान आरोपी युवक ने अवैध हथियार लहराते हुए पुलिस वाहन के सामने गाने के साथ (रील) वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। मामले को लेकर लल्लूराम डॉट काम ने “ऐसा दुस्साहस: बीहड़ में हथियार लहराते पुलिस की गाड़ी के सामने बनाई रील, सोशल मीडिया पर किया वायरल” शीर्षक से समाचार का प्रकाशन कर शासन और पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। खबर प्रकाशन के बाद पुलिस विभाग हरकत में आया और युवक को गिरफ्तार कर लिया है। बदमाश युवक ने रील पर गाना लगाया था कि नायक नहीं मै हूं खलनायक,, और सरकार अपनी है।

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भोपाल। करोंद स्थित पीले क्वार्टर इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां कूड़े के ढेर में एक नवजात शिशु बोरी में बंद मिला। शनिवार देर रात एक टैक्सी चालक ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी और उसे तुरंत बचाया। टैक्सी चालक मुश्ताक खान जब गाड़ी रोककर टॉयलेट के लिए रुके, तो उन्हें एक बोरी में हलचल महसूस हुई। शक होने पर उन्होंने जब बोरी खोली, तो उसमें एक नवजात बच्चा मिला। बिना देर किए उन्होंने निशातपुरा पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को अस्पताल पहुंचाया गया।
पुलिस अधिकारी आरपी भारती ने बताया कि नवजात के शरीर पर किसी प्रकार की चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। हालांकि, घटना स्थल के आसपास कोई CCTV कैमरा नहीं है, जिससे बच्चे को वहां छोड़ने वाले का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। अब पुलिस आसपास के रास्तों के फुटेज खंगाल रही है।
बच्चे को कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डिस्चार्ज होने के बाद उसे बाल कल्याण समिति (CWC) को सौंप दिया जाएगा। फिलहाल, पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।
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13 साल के छात्र ने किया सुसाइड, जातिगत अपमान का आरोप, लात-घूंसों और जूतों से की थी मारपीट
छतरपुर। में एक 13 वर्षीय छात्र ने सुसाइड कर लिया। परिवार का आरोप है कि गांव के ही किराना दुकानदार ने उसका जातिगत अपमान किया था। इसके बाद परिवार ने भीम आर्मी के साथ मिलकर आरोपी की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, साथ ही सीएसपी को ज्ञापन भी सौंपा।
पीड़ित के पिता किशोरा अहिरवार ने बताया कि उनका बेटा अंशु अहिरवार शनिवार दोपहर को किराना दुकान पर सामान लेने गया था। दुकान में उसने सामान छुआ तो दुकानदार राम शुक्ला ने जातिसूचक गालियां दीं। दुकान का गेट बंद कर उसके साथ लात-घूंसों और जूतों से मारपीट की।
किशोरा अहिरवार ने कहा कि अंशु ने घर आकर छोटे भाई अमित और रामरतन को घटना की जानकारी दी। इसके बाद कमरे में जाकर फांसी लगा ली। परिवार ने आरोप लगाया है कि दुकानदार ने उनके बेटे का जातिगत अपमान किया था, जिसके कारण उसने सुसाइड कर लिया।
आज सुबह अंशु के परिजन और भीम आर्मी के सदस्य शव को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की। फिर छत्रसाल चौराहे पर इकट्‌ठा होकर प्रदर्शन करने लगे।
मामले की जानकारी लगने के बाद सीएसपी अमन मिश्रा मौके पर पहुंचे। परिजन को कार्रवाई का आश्वासन देकर प्रदर्शन शांत कराया। सीएसपी मिश्रा ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। परिजन के बयान लिए जा रहे हैं। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
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एमपी में पुलिस पर फिर हमला, पुलिस ने भागकर बचाई जान, SI गंभीर घायल
सीहोर मध्यप्रदेश में एक बार फिर पुलिस टीम पर हमला हुआ है। इस बार मामला सीहोर जिले का है जहां इछावर तहसील के एक गांव में पुलिस टीम विवाद की सूचना पर पहुंची थी। पुलिस के पहुंचते ही लोगों ने पुलिस टीम को घेर लिया और हमला कर दिया। हमले में SI गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों को मौके से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी।
घटना इछावर तहसील के खेरी गांव की है जहां के रहने वाले कमलेश नाम के युवक ने कुछ दिन पहले गेरूखान गांव की रहने वाली एक युवती से कोर्ट मैरिज की थी और उसे अपने साथ खेरी गांव ले गया था। युवती के परिजन को जब इस बात की जानकारी लगी तो वो इकहट्ठे होकर खेरी गांव पहुंच गए और कमलेश के घर पर हमला बोल दिया। कमलेश के घर पर कोई नहीं था इसी कारण युवती के परिजन घर में तोड़फोड़ कर रहे थे जिसकी सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी थी।
विवाद की सूचना मिलते ही एसआई रामनारायण धुर्वे दो आरक्षकों के साथ मौके पर पहुंचे तो आरोपी हेमराज, विशाल, गजराज, राहुल और भूरा ने पुलिस पर लाठी डंडों से हमला कर दिया। जिससे एसआई गंभीर रूप से घायल हो गए। बाकी जवानों ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। घायल एसआई को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। फिलहाल सबी आरोपी फरार हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।

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मंदसौर। यह अजब-गजब मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है। जहां एक महिला की मौत होने के बाद उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन वहीं महिला डेढ़ साल बाद परिवारवालों के सामने आ पहुंची। जिसे देख सब हक्के बक्के रह गए। हैरानी की बात तो यह कि, इसी महिला की हत्या के मामले में चार लोग जेल में बंद हैं।
मामला मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के गांधीसागर थाना क्षेत्र के नावली गांव का है। जहां 18 महीने के बाद बांछड़ा समुदाय की ललिता बाई अपने घर पहुंची। अब थोड़ा वक्त को पीछे करते हैं और जानते हैं आखिर माजरा क्या था। दरअसल, 18 महीने पहले गुमशुदा ललिता के घर वालों को मध्यप्रदेश के ही थांदला थाना से पुलिस की मदद से उसकी डेड बॉडी मिली थी। जिसका अंतिम संस्कार करने के बाद सारी रस्में पूरी की गई। डेढ़ साल से पूरा परिवार और ललिता के दो मासूम बच्चे यही मान रहे थे कि अब वह इस दुनिया में नहीं है। लेकिन आज जब वह अचानक से बच्चों और परिवार के सामने पहुंची तो सब दंग रह गए।
गांव पहुंची महिला ललिता ने बताया कि, वह मरी नहीं है, जिंदा है! जबकि घर में लगी उसकी तस्वीर पर माला चढ़ी है। महिला गांधीसागर थाने भी पहुंची और यहां भी उसने पुलिस को बयान दिया कि वह जिंदा है, और उसे डेढ़ साल पहले शाहरुख नाम का युवक भानपुरा लेकर गया था। जिसके बाद यहां उसे 5 लाख रुपए में बेचा गया। फिर शाहरुख उसे राजस्थान के कोटा लेकर गया, यहां करीब डेढ़ साल तक वह उसके साथ रही। लेकिन मौका पाकर वहां से भाग निकली और अब गांव पहुंची। जब मृतक ललिता घर पहुंची तो परिवार वाले दंग रह गए और सोचने लगे कि यह कैसे हो सकता है। लेकिन ललिता ने खुद कहा कि वह जिंदा है और उसके साथ यह घटनाक्रम हुआ था। उसके बाद परिजन और ललिता थाने पहुंचे और आप बीती बताई।
दिलचस्प बात यह है कि अपनी गुमशुदा बेटी की तलाश में भटक रहे पिता रमेश को विगत 9 सितंबर 2023 को एक वीडियो के माध्यम से पता चला था कि उनकी बेटी की डेड बॉडी मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के थांदला में मिली है। जब वह वहां पहुंचे थे तो काफी हद तक वह ललिता से मिली जुली दिखी। इसके बाद वे उस शव को गांव ले आए। फिर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं महिला की हत्या के आरोप में भानपुरा के इमरान, शाहरुख, सोनू और एजाज इन चार युवकों को थांदला पुलिस ने आरोपी बनाकर जेल भेज दिया था। जिसके बाद से अब तक आरोपी जेल में महिला की हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं।
लेकिन अब हत्या की मिस्ट्री पूरी तरह बदल गई है, गांधी सागर पुलिस ने भी पूरे मामले की जांच कराई और महिला के बयान के बाद गांव पहुंचकर पूरी तफ्तीश की। अब यह साफ हो चुका है कि ललिता की हत्या नहीं हुई थी बल्कि वह जिंदा है। ऐसे में सवाल यही है कि पुलिस से भला इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई? महिला की मौत के मामले में चार बेगुनाहों को जेल की सलाखों में रहने पड़ा। खास बात जिस शव का अंतिम संस्कार किया गया, वे किसका था? इस तरह कई सवालों के पीछे पुलिस खड़ी है।

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50000 रूपये रिश्वत मांग रहा था हेड कॉन्स्टेबल, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई
धार । मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के धार जिले का है जहां एक हेड कॉन्स्टेबल और उसके सहयोगी को रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त ने रंगेहाथों पकड़ा है।
धार जिले के राजौंद पुलिस थाने के हेड कॉन्स्टेबल बनेसिंह परमार और उसके सहयोगी भारत डामर को इंदौर लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार को 22 हजार 500 रूपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। रिश्वतखोर हेड कॉन्स्टेबल बनेसिंह ने सरदापुर तहसील के झिंझापाड़ा गांव के रहने वाले नानूराम ओसारी नाम के शख्स से केस से नाम हटाने के एवज में 50 हजार रूपये की रिश्वत की मांग की थी। जिसकी शिकायत फरियादी नानूराम ने इंदौर लोकायुक्त कार्यालय में की थी।
लोकायुक्त ने शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर रिश्वत की पहली किस्त 22 हजार 500 रूपये लेकर फरियादी नानूराम को रिश्वतखोर प्रधान आरक्षक बनेसिंह के पास भेजा। बनेसिंह ने खुद रिश्वत न लेते हुए अपने सहयोगी भारत डामर को रिश्वत के पैसे लेने के लिए भेजा जिसे रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त की टीम ने रंगेहाथों पकड़ लिया। लोकायुक्त ने प्रधान आरक्षक बने सिंह व उसके सहयोगी भारत डामर दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की है।
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बीजेपी नेता की गिरफ्तारी की मांग: सड़क पर उतरा आदिवासी समाज, महिला से की थी अश्लील बातें
नरसिंहपुर। भाजपा नेता व नगर परिषद तेंदूखेड़ा के पार्षद संतोष पटेल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के लोगों ने आज तेंदूखेड़ा में रैली निकालते हुए मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। आदिवासियों का कहना है कि उनकी समाज की राजघराने की बहू से बीजेपी नेता संतोष पटेल ने फोन पर 3 मार्च 2025 की रात को अश्लील बातें की थी। इसकी शिकायत पीड़िता ने तेंदूखेड़ा थाने में की थी। पीड़िता की शिकायत पर संतोष पटेल पर मामला दर्ज कर दिया गया था और भाजपा ने उन्हें जिला उपाध्यक्ष के पद से अलग भी कर दिया था।
वहीं अब संतोष पटेल की गिरफ्तारी को लेकर आदिवासी समाज आक्रोशित है, और आज मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए चेतावनी दी है। अगर तीन दिन के अंदर पुलिस ने संतोष पटेल को गिरफ्तार करते हुए मामले में निष्पक्ष न्याय नहीं किया, तो आंदोलन उग्र होगा। इतना ही नही गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संतोष पटेल की गिरफ्तारी नहीं हुई तो आदिवासी समाज की महिलाएं बीजेपी नेता के घर का भी घेराव करेगी।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष शांतिराज ने कहा कि हमारे राजा महाराजाओं की बहू बेटी हमारे राजघराने की बेटी को बीजेपी नेता ने गंदे शब्दों से संबोधित किया है। अगर तीन दिन के अंदर संतोष पटेल की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो मातृशक्ति उनके घर का घेराव करेगी।

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अशोकनगर। मध्य प्रदेश के अशोकनगर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई थी। इस मामले की जांच के लिए भोपाल आईजी अशोकनगर पहुंचे और करीला धाम में हादसे के कारणों की पड़ताल की।
दरअसल, घटना रंग पंचमी (19 मार्च) के दिन हुई, जब मुख्यमंत्री माता जानकी मेले में शामिल होने पहुंचे थे। करीला माता मंदिर में दर्शन के बाद वे वीआईपी रास्ते की लोहे की सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे, तभी अचानक सीढ़ियां टूट गईं। गनीमत रही कि मुख्यमंत्री को कोई चोट नहीं आई।
घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने जांच के आदेश दिए। भोपाल आईजी अंशुमान यादव ने करीला धाम पहुंचकर हादसे की विस्तृत जांच की। उन्होंने ग्वालियर आईजी अरविंद सक्सेना, अशोकनगर एसपी विनीत जैन समेत अन्य अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की।
भोपाल आईजी अंशुमान यादव ने बताया कि यह सुरक्षा से जुड़ा मामला है, इसलिए इसकी बारीकी से जांच की जा रही है। जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी जाएगी। मेला समाप्त होने के बाद जांच अधिकारी के पहुंचने से साफ है कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।
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कुत्तों के झुंड ने किया 2 साल की बच्ची पर जानलेवा हमला, सिर फाड़ा, परिसर में घसीटा
इंदौर। के पंचकुइयां राम मंदिर परिसर में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां आवारा कुत्तों के झुंड ने दो साल की बच्ची पर हमला कर दिया। कुत्तों ने मासूम को घसीटा, उसके सिर पर काट लिया और आंख के पास गहरा घाव कर दिया। बच्ची की चीख सुनते ही मां दौड़कर आई और बहादुरी से कुत्तों से भिड़ गई। किसी तरह उसने बच्ची को कुत्तों के जबड़े से निकाला, लेकिन इस दौरान वह खुद भी घायल हो गई। मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं और पिता ने डंडों और पत्थरों से कुत्तों को भगाया। बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे 35 टांके लगे।
घटना के बाद बच्ची के माता-पिता घबराहट में उसे लेकर छत्रीपुरा स्थित शिवम हॉस्पिटल पहुंचे। लेकिन वहां डॉक्टर नहीं मिले। इसके बाद क्लॉथ मार्केट हॉस्पिटल गए, मगर वहां भी सीनियर डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। फिर वे टॉवर चौराहा स्थित एप्पल हॉस्पिटल पहुंचे, जहां इलाज के लिए 80 हजार रुपये खर्च करने को कहा गया। आर्थिक तंगी के कारण परिजन सरकारी एमवाय अस्पताल पहुंचे, जहां बच्ची को फ्री इलाज मिला।
डॉक्टरों के अनुसार, बच्ची के सिर की त्वचा बुरी तरह नोच ली गई थी और आंख के पास गहरे घाव थे। साथ ही उसकी आंखें भी बुरी तरह घायल हो गई थी। इसके बाद उसे एंटी रेबीज इंजेक्शन भी दिया गया।
मंदिर और आसपास के इलाके में 50 से ज्यादा आवारा कुत्ते घूम रहे हैं, जो श्रद्धालुओं और गोशाला की गायों-बछड़ों पर भी हमला कर चुके हैं। 19 मार्च को ही तीन श्रद्धालुओं को कुत्तों ने काटा, जबकि बीते 24 घंटे में 7 लोग इनका शिकार बने। घटना को लेकर महामंडलेश्वर रामगोपाल दास जी महाराज ने नगर निगम कमिश्नर और मेयर से संपर्क किया और शहर से बाहर कुत्तों के लिए बड़े आश्रय स्थल बनाने की मांग की।
हुकुमचंद हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. आशुतोष शर्मा के अनुसार, इंदौर में हर महीने 4 से 5 हजार डॉग बाइट केस दर्ज हो रहे हैं। बीते एक साल में यह आंकड़ा 50 हजार पार कर चुका है। हाईकोर्ट पहले ही इस मुद्दे पर सुनवाई कर चुका है और नगर निगम को एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों के तहत नसबंदी और टीकाकरण बढ़ाने के निर्देश दिया गया है।
वहीं मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि जल्द ही अभियान चलाकर आवारा कुत्तों को शहर से बाहर किया जाएगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के तहत ठोस कार्रवाई की जाएगी।
आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर कांग्रेस पार्षद रुबीना इकबाल खान और भाजपा पार्षद प्रशांत बड़वे पहले भी निगम परिषद की बैठक में आवाज उठा चुके हैं। दोनों ने सुझाव दिया था कि शहर के बाहर दूरस्थ आश्रय स्थल बनाए जाएं और संस्थाओं के माध्यम से भोजन की व्यवस्था हो।
सामाजिक कार्यकर्ता महेश गर्ग ने कहा कि कुत्तों की हिंसा बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुकी है। उन्होंने प्रशासन से तत्काल सख्त कदम उठाने की मांग की।
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बीजेपी जिला अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज, सीएम के काफिले में घुसने से रोका तो कांस्टेबल को धमकाया
डिंडौरी. मुख्यमंत्री के काफिले में जबरन घुस रहे भाजपा जिला अध्यक्ष के वाहन को रोकने पर आरक्षक के साथ गाली गलौज करते हुए धक्का मुक्की तक करने का मामला सामने आया है. वाहन रोकने पर आग बबूला हुए भाजपा जिला अध्यक्ष द्वारा आरक्षक को वर्दी तक उतरवा लेने की धमकी दी गई.
जिला अध्यक्ष इतने पर भी नहीं रुके उन्होंने वाहन रोकने वाले आरक्षक के साथ गाली गलौज कर धक्का-मुक्की भी कर दी. इस मामले में पीड़ित आरक्षक हेमंत कुमार मरावी द्वारा शाहपुर थाने में गुरुवार शाम ही लिखित शिकायत दर्ज कराई गई.
सत्ताधारी दल के जिला अध्यक्ष के विरुद्ध शिकायत थाने तक पहुंचने के बाद पुलिस और प्रशासनिक महकमे में भी हड़कंप मच गया. देर रात तक भोपाल स्तर तक जानकारी भेजी गई. बड़े स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद शाहपुर थाने में भाजपा जिला अध्यक्ष चमरू सिंह नेताम के विरुद्ध लोक सेवक को शासकीय कार्य में बाधा डालने, उस पर हमला कर चोट पहुंचाने, गाली गलौज सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इस कार्यक्रम में शामिल होने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव सहित प्रदेश सरकार के दो मंत्री और बालपुर आए थे. दर्ज एफआईआर में पड़ोसी जिला मंडला के मोहगांव थाने पदस्थ आरक्षक हेमंत कुमार मरावी ने बताया कि वह हेलीपैड स्थल के पास पलकी रोड घाट के ऊपर ड्यूटी कर रहा था.

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इंदौर। रंगपंचमी के मौके पर इंदौर पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। राजवाड़ा से निकलने वाली पारंपरिक गेर के दौरान चेन स्नेचिंग, छेड़खानी और हुड़दंग मचाने वालों पर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए 40 लोगों को गिरफ्तार किया है।
इंदौर क्राइम ब्रांच ने गैर के दौरान सक्रिय एक बड़े गिरोह को पकड़ा, जिसमें 6 महिलाएं और एक पुरुष हरियाणा के कुख्यात मेवात गैंग से जुड़े पाए गए। ये आरोपी भीड़ का फायदा उठाकर महिलाओं के गले से सोने की चेन झपटते थे और मौके से फरार हो जाते थे।
इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह ने इस बार क्राइम ब्रांच को सतर्क रहने के निर्देश दिए थे। पुलिस की मुस्तैदी और शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से इन अपराधियों की पहचान कर गिरफ्तारी की गई। डीसीपी राजेश त्रिपाठी और उनकी टीम ने यह कार्रवाई करते हुए उन लोगों को भी पकड़ा, जो गैर के दौरान लोगों पर जूते-चप्पल फेंक रहे थे और महिलाओं से बदसलूकी कर रहे थे।
ऐसा पहली बार हुआ है कि रंगपंचमी के जुलूस में इस तरह की सख्त कार्रवाई करते हुए इतनी बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां हुई हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया कि रंगपंचमी के उल्लास में किसी भी तरह की असामाजिक हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सुरक्षा को लेकर आगे भी इसी तरह के कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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ट्रेन में किन्नरों का आतंकः पैसा नहीं देने पर चलती ट्रेन में युवक की पीट- पीटकर हत्या
विदिशा। चलती ट्रेनों में किन्नरों का आतंक तो सामान्य बात है। किन्नरों के आंतक से ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों के अलावा रोजाना अप-डाउन करने वाले नौकरीपेशा लोग भी परेशान और त्रस्त रहते हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के विदिशा जिले का है, जहां चलती ट्रेन (गोंडवाना एक्सप्रेस) में युवक की पीट पीट कर सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने किन्नरों को पैसा नहीं दिया था। किन्नरों द्वारा हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
दरअसल मामला 15 मार्च को गोंडवाना एक्सप्रेस का है। गंज बसौदा के रहने वाला आदर्श विश्वकर्मा नौकरी करने रोज भोपाल जाता था। आदर्श विश्वकर्मा रात में गोंडवाना एक्सप्रेस से गंज बासौदा लौट रहा था तभी रास्ते में सांची के आसपास किन्नरों ने उससे पैसे मांगे। पैसे नहीं देने पर विवाद इतना अधिक बढ़ा कि किन्नरों ने पीट-पीट कर उसे मौत के घाट उतार दिया। इस दौरान ट्रेन के अन्य पैसेजर मूकदर्शक बने रहे। इस संबंध में कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त विश्वकर्मा कल्याण बोर्ड प्रदेश के सदस्य प्रेमनारायण विश्वकर्मा ने बताया कि आदर्श उसका रिश्तेदार था, जो प्रतिदिन गंजबासौदा से भोपाल अप डाउन करता था। रास्ते में किन्नरों ने बुरी तरह मार मार कर उसकी हत्या कर दी। विश्वकर्मा समाज ने हत्या पर आक्रोश जताते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और ट्रेन में किन्नरों के बख्शीश मांगने पर रोक लगाने की मांग की है।
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रेत माफियाओं का आतंक: वन विभाग की टीम पर किया हमला, छीनकर ले गए जब्त किया ट्रैक्टर
मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद है, वन विभाग की गेम रेंज अंबाह की टीम ने बरेह गांव के पास चंबल रेत का परिवहन करते हुए ट्रैक्टर ट्राली को पकड़ा। जिसे टीम अपने साथ अंबाह ला रही थी। इसी बीच कस्बे में बजाज एजेंसी के सामने तीन से चार बाइकों पर सवार होकर 9 लोग आ गए और उन्होंने अपनी बाइक सड़क पर अड़ाकर ट्रैक्टर रूकवा लिया। इसके बाद वन विभाग की टीम पर अचनाक हमला कर ट्रैक्टर को छुड़ा ले गए। वन विभाग की टीम ने मामले में आरोपियों पर मामला दर्ज करने आवेदन दिया है।
जानकारी के मुताबिक गेम रेंज अंबाह के रेंज आफिसर वीर कुमार तिर्की अपनी टीम के साथ मुरैना गए थे। जब टीम अंबाह वापस आ रही थी, इसी बीच बरेह गांव पर एक ट्रैक्टर ट्राली चंबल रेत का परिवहन करते हुए दिखा। टीम ने उसे रूकवाने का प्रयास किया तो चालक ने ट्रैक्टर को तेज रफ्तार में भगाया। इस बीच ट्राली सड़क पर पलट गई। जिस पर चालक ट्रैक्टर को छोड़कर भाग गया। टीम ने ट्रैक्टर को जब्त किया, इसके बाद इसे अंबाह लाया जा रहा था। तभी रेत माफिया के नौ लोग तीन से चार बाइकों पर सवार होकर आ गए और अंबाह कस्बे में इस ट्रैक्टर के सामने बाइकों को सड़क पर लिटा दिया। जैसे ही ट्रैक्टर रूका तो माफिया के नौ लोगों ने हमला कर ट्रैक्टर को वन अमले के कब्जे से छुड़ा लिया।
वन विभाग के अमले ने लाठियां भी बरसाई, लेकिन रेत माफिया ट्रैक्टर लेकर फरार हो गए। गेम रेंज आफिसर टिर्की ने इस मामले में अंबाह थाने में आवेदन दिया है। जिसमें आरोपियों की पहचान कर लूट का मामला दर्ज करने व ट्रैक्टर को जब्त कराने की बात कही है। मामले में माफिया के ट्रैक्टर छुड़ाने का वीडियो भी सामने आया है।