This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

User Rating: 5 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Active

जम्मू। पंजाब के पठानकोट में एक बार फिर से संदिग्ध आतंकी देखे गए हैं। इस सूचना के बाद जम्मू व पंजाब को हाईअलर्ट कर दिया गया है। महत्वपूर्ण सेना और रक्षा प्रतिष्ठानों पर सुरक्षा घेरा बढ़ाते हुए भारतीय सेना के स्कूलों को भी बंद कर दिया गया है। आतंकियों की तलाश के लिए पंजाब पुलिस ने स्केच भी जारी किया है। गौरतलब है कि जम्मू का कठुआ क्षेत्र पंजाब के पठानकोट से सटा हुआ है।
पंजाब और जम्मू कश्मीर पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वह सतर्क रहें तथा किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें। पंजाब के फंगतोली गांव में एक महिला ने संदिग्ध आतंकियों को देखा था। वह उसके पास आए और पानी मांगकर पिया। इसके बाद वह बिना किसी हरकत के चले गए। स्थानीय लोगों ने बताया कि वह दो घंटे तक आसपास ही भटकते रहे। गौरतलब है कि पहले भी इसी गांव के पास आतंकी देखे गए थे।
पंजाब पुलिस से मिल रही जानकारी के अनुसार गुरुवार देर रात गांव फंगतोली में तीन संदिग्ध एक घर में दीवार फांद कर घुसे और रोटी मांगने लगे। संदिग्धों को देखकर डर के मारे परिवार ने दरवाजा नहीं खोला। मुखिया बलराम सिंह ने बताया कि उन लोगों ने दरवाजा खटखटाया और जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस और घातक कमांडो फोर्स ने चप्पे-चप्पे को घेर कर खंगाल डाला। फिलहाल आतंकी हाथ नहीं लगे हैं।
-------------------------------------
नितिन गडकरी ने टोल को लेकर लिया बड़ा फैसला ; कर दी ये घोषणा
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मौजूदा टोल सिस्टम को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही सैटेलाइट टोल कलेक्शन सिस्टम लॉन्च करने की घोषणा की है। उन्होंने शुक्रवार (26 जुलाई) को कहा कि सरकार टोल खत्म कर रही है और जल्द ही सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली शुरू की जाएगी। इस सिस्टम को लागू करने के पीछे का उद्देश्य टोल कलेक्शन को बढ़ाना और टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ को कम करना है।
राज्यसभा में एक लिखित जवाब देते हुए उन्होंने कहा था कि सड़क परिवहन और हाईवे मंत्रालय वैश्विक नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) लागू करने जा रहा है। ये अभी सिर्फ चुनिंदा टोल प्लाजा पर होगा, नितिन गडकरी ने कहा , “अब हम टोल खत्म कर रहे हैं और सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली होगी। आपके बैंक खाते से पैसे कटेंगे और आप जितनी दूरी तय करेंगे, उसके हिसाब से शुल्क लिया जाएगा. इससे समय और पैसे की बचत होगी. मुंबई से पुणे जाने में पहले 9 घंटे लगते थे, अब यह घटकर 2 घंटे रह गया है।”
इससे पहले दिसंबर में, नितिन गडकरी ने घोषणा की थी कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) का टारगेट मार्च 2024 तक इस नई प्रणाली को लागू करना है. टोल प्लाजा पर प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और वेटिंग टाइम को कम करने के प्रयासों के बारे में वर्ल्ड बैंक को सूचित किया गया है. FASTAG की शुरुआत के साथ, टोल प्लाजा पर औसत प्रतीक्षा समय में उल्लेखनीय कमी आई है. कर्नाटक में NH-275 के बेंगलुरु-मैसूर खंड और हरियाणा में NH-709 के पानीपत-हिसार खंड पर इसको आजमाया है।
--------------------------------------
MP-UP और छत्तीसगढ़ में अग्निवीरों को आरक्षण:पुलिस, वनरक्षक और PAC भर्ती में छूट मिलेगी, तीनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने घोषणा की
लखनऊ। मध्य प्रदेश सरकार,उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में आरक्षण देगी। कारगिल दिवस के मौके पर एमपी के CM मोहन यादव,यूपी के CM योगी आदित्यनाथ और छत्तीसगढ़ के CM मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसकी घोषणा की है।इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CISF और BSF में अग्निवीरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी। वहीं हरियाणा और उत्तराखंड सरकार भी अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला ले चुकी हैं।
योगी ने कहा कि अग्निवीर जब सेना में सेवा के बाद वापस आएंगे तो उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार पुलिस भर्ती में, PAC में प्राथमिकता के आधार भर्ती करेगी। उनके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस में एक निश्चित आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। मोहन यादव ने कहा कि कारगिल दिवस पर हमारी सरकार ने फैसला किया है कि अग्निवीर जवानों को पुलिस एवं सशस्त्र बलों की भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा।
सीएम योगी ने कहा, अग्निवीर योजना को लेकर युवाओं के मन में उत्साह है। 10 लाख अग्निवीर भारतीय सेना में अपनी सेवा देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दुर्भाग्य है कि कुछ राजनीतिक दलों के लिए स्वयं की राजनीति देश से बड़ी हो गई है। वे देश की कीमत पर राजनीति करना चाहते हैं।
उनका काम ही है कि हर प्रगति वाले कार्य में टांग अड़ाना, अनावश्यक व्यवधान पैदा करना, लोगों को भड़काना, गुमराह करना...लगातार उनके द्वारा ऐसा कृत्य किए जाते रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर भी विपक्ष ने लगातार गुमराह करने का प्रयास किया। हमें प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार के इस सेना रिफॉर्म्स के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने भी अग्निवीरों को आरक्षण देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, अग्निवीर जवानों को राज्य की पुलिस भर्तियों में आरक्षण मिलेगा। इस नई नीति के तहत, अग्निवीर जवानों को पुलिस और सशस्त्र बलों की भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी, जो उन्हें सरकारी नौकरियों में अधिक अवसर प्रदान करेगी।
छत्तीसगढ़ सरकार अग्निवीरों को प्रदेश सरकार की अलग-अलग फोर्स में भर्ती में आरक्षण देगी। विधानसभा में इसका ऐलान खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया। उन्होंने बताया कि अग्निवीर स्किम के तहत सेना में गए युवकों को इस आरक्षण का सीधा फायदा मिलेगा। ये आरक्षण पुलिस आरक्षक, वनरक्षक, जेल प्रहरी जैसे पदों पर प्राथमिकता के आधार पर मिलेगा। इसके लिए एक निश्चित आरक्षण का दिशा निर्देश जल्द जारी किया जाएघा। पढ़ें पूरी खबर...
पूर्व मेजर विराट मिश्रा ने कहा ने यूपी सरकार के फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा, सारे फौजी सरकार के निर्णय का वेलकम करते हैं। जब नौजवान अग्निवीर की सेवा से बाहर आएंगे तो यूपी सरकार उन्हें पीएसी और पुलिस सेवा में प्राथमिकता देगी। सरकार को भी इससे लाभ होगा। उसे एक ट्रेंड जवान मिलेगा। अग्निवीर ने भी जो सेना में अनुभव लिया होगा, उसे प्रदेश की पुलिस में दे सकेंगे। हरियाणा ने भी 10 प्रतिशत रिजर्वेशन की घोषणा की है। यूपी सरकार का यह फैसला सराहनीय है, इसका मैं अभिनंदन करता हूं।
लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्ष ने अग्निवीर को एक बड़ा मुद्दा बनाया। कांग्रेस ने अग्निपथ योजना को खत्म करने का वादा किया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी कहा कि विपक्ष की सरकार बनेगी तो अग्निवीर को खत्म कर दिया जाएगा। इसका असर चुनाव पर भी पड़ा और भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला।
चुनाव नतीजों के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार अग्निपथ योजना में बदलाव के लिए तैयार है और अग्निवीर के रूप में शामिल होने वाले युवाओं के भविष्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

User Rating: 5 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Active

बॉलीवुड एक्ट्रेस और हिमाचल प्रदेश से बीजेपी (BJP) सांसद कंगना रनौत की संसद सदस्यता खतरे में पड़ गई है। कंगना की सांसदी रद्द करने की मांग को लेकर हिमाचल हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसे स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने बीजेपी सांसद के खिलाफ नोटिस भी जारी किया है। हाई कोर्ट ने कंगना से 21 अगस्त तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
दरअसल याचिकाकर्ता लायक राम नेगी ने कंगना के खिलाफ याचिका दायर की है। इसमें उसने कोर्ट से कंगना के चुनाव को रद्द करने की मांग की है। नायक फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के पूर्व कर्मचारी हैं। उन्होंने समय से पहले वीआरएस मिल गई थी। नेगी ने कहा कि मैं चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन उसके नामांकन पत्र को मंडी के चुनाव अधिकारी ने गलत तरीके से खारिज कर दिया था।
नेगी की दलील है कि अगर उनका नामांकन पत्र स्वीकार कर लिया जाता तो वो जीत जाते। याचिका में लायक राम नेगी ने कोर्ट से अपील की है कि कंगना के चुनाव को रद्द कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने मंडी सीट पर दोबारा चुनाव कराने की मांग की है। नेगी की इस याचिका पर जस्टिस ज्योत्सना रेवाल ने कंगना को नोटिस जारी किया है और 21 अगस्त तक जवाब तलब किया है।
बता दें कि कंगना ने लोकसभा चुनाव में हिमाचल के मंडी लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह को 74,755 वोट से हराया था। तीसरे नंबर पर बहुजन समाजवादी पार्टी के डॉ प्रकाश चंद्र भारद्वाज रहे थे। भारद्वाज को 4393 वोट मिले थे।
---------------------------
सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को दिया झटका, CJI चंद्रचूड़ बोले- खनिजों पर टैक्स लगाने का हक सिर्फ राज्य सरकारों को
खनिजों पर टैक्स लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को जोरदार झटका दिया है। कोर्ट ने खनिजों पर टैक्स के मामले में राज्य सरकारों के हक में फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि शीर्ष अदालत की सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ का 1989 का फैसला, जिसमें कहा गया था कि रॉयल्टी एक कर है, गलत है।
सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संविधान पीठ ने 8:1 के बहुमत से फैसला सुनाया कि संविधान के तहत राज्यों को खदानों और खनिजों वाली भूमि पर कर यानी टैक्स लगाने का अधिकार है। निकाले गए खनिज पर देय रॉयल्टी कोई कर नहीं है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सात अन्य जजों के साथ बहुमत से फैसला सुनाया, जबकि जस्टिस बीवी नागरत्ना ने असहमति जताते हुए इनके खिलाफ फैसला सुनाया।
बहुमत के फैसले के ऑपरेटिव हिस्से को पढ़ते हुए, चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि शीर्ष अदालत की सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ का 1989 का फैसला, जिसमें कहा गया था कि रॉयल्टी एक कर है, गलत है। शुरू मे CJI ने कहा कि पीठ ने दो अलग-अलग फैसले सुनाए हैं और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना ने इस मामले में अन्य जजों से अलग असहमतिपूर्ण विचार दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की संविधान पीठ में सीजेआई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति नागरत्ना के अलावा न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति अभय एस ओका, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल रहे।
-------------------------------
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल-अशोक हॉल का नाम बदला, प्रियंका गांधी बोलीं- ये शहंशाह का कॉन्सेप्ट
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन के दो हॉल का नाम बदलने का ऐलान किया है। अब से दरबार हॉल को गणतंत्र मंडप और अशोक हॉल को अशोक मंडप के नाम से जाना जाएगा। इसे लेकर राष्ट्रपति सचिवालय की तरफ से प्रेस रिलीज जारी की गई है।
रिलीज के मुताबिक, राष्ट्रपति भवन के परिवेश में भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और प्रकृति झलक दिखाई दे, इसलिए दोनों हॉल के नाम बदले गए हैं। रिलीज में कहा गया है कि राष्ट्रपति भवन, जो कि भारतीय राष्ट्रपति का कार्यालय और आवास है, वह देश का प्रतीक है और लोगों की अमूल्य धरोहर है। ऐसे में लगातार कोशिशें की जा रही हैं कि राष्ट्रपति भवन में भारतीय संस्कृति की झलक दिखें।
इसे लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि इस देश में दरबार का कॉन्सेप्ट नहीं है, लेकिन शहंशाह का कॉन्सेप्ट है।
रिलीज के मुताबिक, दरबार हॉल में नेशनल अवॉर्ड दिए जाने जैसे अहम समारोह और उत्सव आयोजित किए जाते हैं। भारतीय शासकों और ब्रिटिशर्स की तरफ से लगाए जाने वाले दरबार और सभाओं के नाम पर इस हॉल को 'दरबार' नाम दिया गया था। लेकिन 1950 में देश के गणतंत्र बनने के बाद इस नाम का औचित्य नहीं रह गया। इसलिए इस हॉल के लिए 'गणतंत्र भवन' सटीक नाम है।
अशोक हॉल सबसे पहले एक बॉलरूम था, जहां ब्रिटिशर्स बॉल डांस आयोजित करते थे। 'अशोक' शब्द का अर्थ है 'वह जो सभी शोकों से मुक्त हो' या 'जिसे कोई शोक या दुख न हो'। यह सम्राट अशोक के नाम की भी याद दिलाता है जो एकता और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व का प्रतीक हैं।
भारतीय गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक भी सारनाथ का अशोक स्तंभ है। साथ ही यह शब्द अशोक वृक्ष से भी जुड़ा हुआ है, जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है। 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' करने के पीछे उद्देश्य है भाषा में समानता लाना, अंग्रेजीकरण के निशानों को हटाना और 'अशोक' शब्द से जुड़े मूल्यों को बनाए रखना।

User Rating: 0 / 5

Star InactiveStar InactiveStar InactiveStar InactiveStar Inactive

नेपाल। नेपाल में एक और बड़ी विमान दुर्घटना सामने आई है। जानकारी के अनुसार काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर बुधवार, 24 जुलाई को एक विमान टेकऑफ के दौरान फिसलकर आग की लपटों में घिर गया। वहीं नेपाल के सरकारी टेलीविजन के अनुसार, सौर्य एयरलाइंस के विमान में 19 लोग सवार थे। जिसमें से अब तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है।
अन्य यात्रियों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है, हालांकि कुछ रिपोर्टों में पायलट्स को अस्पताल ले जाने की बात कही गई है। दरअसल सोशल मीडिया पर इस हादसे के कई फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें विमान के मलबे से उठता गहरा काला धुआं साफ देखने को मिल रहा है। हालांकि मौके पर फायर ब्रिगेड और सुरक्षाकर्मियों की टीम द्वारा आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है।
दरअसल बीबीसी नेपाल के अनुसार, बुधवार सुबह सौर्य एयरलाइंस का एक विमान काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भर रहा था। वहीं टेकऑफ के समय विमान रनवे पर फिसल गया और उसमें आग लग गई। जानकारी देते हुए एयरलाइंस ने बताया है कि विमान में पायलट समेत 17 कर्मचारी सवार थे, जबकि सरकारी टीवी का कहना है कि विमान में कुल 19 लोग थे।
सुबह के समय, जब सौर्य एयरलाइंस का विमान काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भर रहा था, तभी टेकऑफ के दौरान विमान रनवे पर फिसल गया और उसमें आग लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान अचानक से नियंत्रण खो बैठा और रनवे से फिसल कर किनारे पर जा गिरा। देखते ही देखते विमान आग की लपटों में घिर गया। विमान के मलबे से उठता गहरा काला धुआं पूरे एयरपोर्ट पर फैल गया। फायर ब्रिगेड और सुरक्षाकर्मियों की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आग बुझाने का काम शुरू किया।
बता दें कि नेपाल में यह एक साल के भीतर दूसरी बड़ी विमान दुर्घटना है। जनवरी में पोखरा एयरपोर्ट पर यति एयरलाइंस का विमान लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 68 यात्रियों में से 32 की जान चली गई थी। उस दुर्घटना में विमान लैंडिंग करते समय गहरी खाई में गिर गया था।

User Rating: 3 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar InactiveStar Inactive

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा रूट वाली दुकानों पर नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया है. इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. नेम प्लेट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ मार्ग पर नेमप्लेट लगाने के आदेश को सुप्रीमकोर्ट में झटका लगा है. अदालत ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है. फिलहाल आदेश पर रोक लगा दी है. अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी. कोर्ट ने कहा, दुकानदार खाने का प्रकार लिखें. अपना नाम लिखना जरूरी नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ियां यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने के लिए कहने वाले सरकारी निर्देश पर रोक लगा दी है और कांवड़ियां यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को मालिकों के नाम लिखने के लिए कहने वाले उनके निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया है।
जस्टिस ऋषिकेश राय की अध्यक्षता वाली बेंच मे याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि यह चिंताजनक स्थिति है. जहां पुलिस अधिकारियों ने यह किया है. यह अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक बहिष्कार है. उन्होंने कहा पुलिस ने उन्हें सभी रेस्तरां, ठेला और सभी भोजनालयों के मालिकों का नाम बताने के लिए कहा गया है हालाकि हंगामे के बाद इसमें कुछ नरमी बरती गई।
एडवोकेट सीयू सिंह ने कहा यूपी प्रशासन दुकानदारों पर दबाव डाल रहा है कि वो अपने नाम और मोबाइल नंबर लिखे. यह सिर्फ ढ़ाबा तक सीमित नहीं है रेहडी वालों पर भी दबाव बनाया जा रहा है ताकि एक विशेष समुदाय का आर्थिक बहिष्कार किया जा सके.
कोर्ट ने कहा कि यह आदेश तो स्वैच्छिक है यह मेंडेटरी नहीं है. सीयू सिंह ने कहा हरिद्वार पुलिस ने इसको लागू किया है. वहां पुलिस को तरफ से चेतावनी दे गई कि अगर ऐसा नहीं करते तो करवाई होगी. मध्यप्रदेश में भी इस तरह की कारवाई की बात की गई है. याचिकाकर्ता ने कहा कि यह विक्रेताओं के लिए आर्थिक मौत की तरह है।
वही महुआ मोइत्रा की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा की इसमें विक्रेताओं को बड़े बोर्ड की जरूरत है. जिसमें सारी जानकारी साझा करनी होगी. अगर शुद्ध शाकाहारी होता तो बात समझ आती. कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार ने इस बारे में कोई औपचारिक आदेश पास किया है?
सिंघवी ने कहा सरकार अप्रत्यक्ष रूप से इसे लागू रही है. पुलिस विभाग ऐसे निर्देश जारी कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस भट्टी ने सुनवाई के दौरान कहा कि मेरा भी अपना अनुभव है. केरल में एक शाकाहारी होटल था जो हिंदू का था, दूसरा मुस्लिम का था. मैं मुस्लिम वाले शाकाहारी होटल में जाता था, क्योंकि उसका मालिक दुबई से आया था और वह साफ-सफाई के मामले में इंटरनेशनल स्टैंडर्ड फॉलो करता था।
सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि सरकार दुकान मालिकों, उनके कर्मचारियों के नाम प्रदर्शित करने के लिए मजबूर नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी मे कांवड यात्रा मार्ग की दुकानो पर नाम लिखे जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर यूपी सरकार और उत्तराखण्ड सरकार को नोटिस जारी किया, साथ ही मध्य प्रदेश सरकार को भी नोटिस जारी कर 26 जुलाई तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा है और मामले की सुनवाई 26 जुलाई को तय की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि खाद्य विक्रेताओं को मालिकों और कर्मचारियों के नाम लिखने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. बता दें कि याचिका में यूपी सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है. साथ ही सरकार के इस आदेश को रद्द करने की भी मांग की गई है।
------------------------------

मोदी सरकार ने साफ कहा - नहीं मिलेगा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, लालू ने मांगा नीतीश कुमार का इस्तीफा
पटना। केंद्र सरकार में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के लिखित जवाब ने बिहार में राजनीति गरमा दी है। दरअसल, पंकज चौधरी ने जदयू सांसद रामप्रीत मंडल को जवाब दिया था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल पाएगा, क्योंकि वह मानदंडों को पूरा नहीं करता है।
केंद्र सरकार से जवाब मिलने के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करने का मौका मिल गया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को तुंरत पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार ने बड़ी निर्लज्जता से बिहार को 'विशेष राज्य' पर झुनझुना पकड़ा दिया। विशेष राज्य का दर्जा नहीं तो विशेष पैकेज के नाम पर ही बिहार को कुछ भी दे दें। जदयू यह कहकर भाजपा के सामने नतमस्तक हो गई है। नीतीश कुमार तुरंत इस्तीफा दें, बोला था विशेष राज्य का दर्जा दिला देंगे पर केंद्र ने मना कर दिया
आपको बता दें कि जदयू सांसद रामप्रीत मंडल ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का सवाल संसद में किया था। उसका लिखित जवाब पंकज चौथरी ने दिया। उन्होंने विस्तार से बताया कि विशेष राज्य के लिए कुछ जरूरी मानदंड होते हैं। बिहार इनको पूरा नहीं करता है। ऐसे में विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिल सकता है।

User Rating: 4 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Inactive

कोलकाता। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की शहीद दिवस रैली में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी शामिल हुए। उन्होंने रविवार को केंद्र सरकार व भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि विभाजनकारी ताकतें हारेंगे। केंद्र की सरकार लंबे समय तक नहीं चल पाएगी।
रैली कोलकाता के धर्मतल्ला में आयोजित हुई थी। अखिलेश यादव ने यहां कहा कि इस भाजपा को जनता ने आइना दिखाया है। यह ज्यादा समय तक सत्ता में बने नहीं रह पाएंगे। कुछ दिनों के लिए मेहमान बनकर आए हैं। अब यह सरकार नहीं चलने वाली है।
कोलकाता TMC की शहीद दिवस रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "जब हम देश की राजनीति को देखते हैं तो आज की चुनौती बढ़ी है। सांप्रदायिक ताकतें षड्यंत्र रच रही हैं। जो सत्ता में लोग हैं और दिल्ली के इशारे पर जो लोग अलग-अलग जगहों पर बैठे हैं वो लगातार षड्यंत्र कर रहे
अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बहुत ही मजबूत नेता हैं। वह जान हथेली पर रखकर विरोधियों का सामना करती हैं। केंद्र की सरकार देश के लोगों को आपस में बांटना चाहती है। इस विभाजनकारी सरकार का अंत नजदीक है। हम उनको मिलकर हराएंगे।
अखिलेश यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बंगाल व यूपी की जनता ने देश को बांटने की राजनीति करने वालों को हराया। हमने मिलकर इन विभाजनकारी ताकतों का सामना किया है। अब यह ज्यादा समय तक सत्ता में नहीं रह पाएंगे। उन्होंने सत्ता को हासिल करने के लिए हर गलत काम किया। अब उसी सत्ता को वह खुद अपने से दूर जाते देखेंगे। उस दिन हम सबके लिए बहुत ही खुशी का दिन होगा। हमारी राजनीति लोगों की सेवा पर टिकी है। हम सकारात्मक राजनीति में विश्वास रखते हैं। संविधान और देश को बचाना हमारी प्राथमिकताओं में शामिल है। उसके लिए हम सब एक साथ हैं।
----------------------------------

बांग्लादेशियों को बंगाल में शरण देंगी ममता बनर्जी, रैली में बोलीं- हमारे दरवाजे आप लोगों के लिए खुले हैं
बंगाल। पश्चिम बंगाल से आई है। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बांग्लादेशियों को राज्य में शरण देने का ऐलान किया है। शहीद दिवस रैली में ममत बनर्जी ने कहा कि हमारे दरवाजे आप लोगों के लिए खुले हैं. ममता बनर्जी का ये बयान उस समय आया है, जब बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हिंसा हो रही है। हिंसा में अबतक 133 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
बंगाल की CM ममता बनर्जी ने कहा है कि उनकी सरकार बांग्लादेश से बंगाल के सभी नागरिकों को निकालने के लिए पूरी तरह आश्वस्त है। उन्हें बांग्लादेशियों को शरण देने की बात भी कही।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कोलकाता में शहीद दिवस रैली को संबोधित किया। संबोधन में ममता बनर्जी ने बांग्लादेश में जारी हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति से हमें भड़कना नहीं है। मैं आपको आश्वासन देती हूं कि बांग्लादेश में फंसे बंगाल के निवासियों को सुरक्षित बाहर लाने के लिए टीएमसी सरकार पूरी तरह आश्वस्त है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन सभी लोगों को पूरा सहयोग मिलेगा जो युद्धग्रस्त स्थितियों में बांग्लादेश में फंसे हुए हैं। बंगाल ही भारत के अस्तित्व को सुरक्षित रख सकता है, बंगाल के बिना कोई भारत नहीं है। संबोधन के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. ममता बनर्जी ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘भाजपा ने लोगों को डरा-धमका कर और एजेंसियों का दुरुपयोग करके केंद्र में सरकार बनाई है।
ममता बनर्जी ने शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव का भी जिक्र किया और कहा, ‘अगर बांग्लादेशी हमारे दरवाजे पर दस्तक देंगे तो हम उन्हें आश्रय देंगे। बंगाल में भीड़ के हमले की घटनाओं पर भी सीएम ममता ने चुप्पी तोड़ी. वो बोलीं कि लोगों पर अन्याय नहीं किया जाना चाहिए और इसे बर्दाश्त भी ना किया जाए। दोषी पाए जाने पर सरकार टीएमसी वर्कर्स पर भी सख्त एक्शन लेगी। टीएमसी की शहीद दिवस रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बोलीं, ‘कई लड़ाई लड़ी हैं और आगे भी लड़नी हैं। जब तक जिंदा हूं तब तक लड़ूंगी, जिन सीटों पर हम जीते हैं वहां जाकर आप लोगों का धन्यवाद करें और जहां भी हम नहीं जीते हैं वहां पर लोगों के घर जाकर उनसे माफी मांगे और हमसे क्या गलती हुई यह पूछें और उस गलती को सुधारें।
बांग्लादेश इस समय आरक्षण की आग में जल रहा है. देश में हर तरफ हिंसा फैली हुई है। हिसंक झड़पों की वजह से कई लोगों की मौत हो गई है और सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं। सरकार ने पुलिस को उपद्रवियों को ‘देखते ही गोली मार देने’ का निर्देश दिया है। बांग्लादेश में हो रहे प्रदर्शन और हिंसा की वजह सरकारी नौकरी में आरक्षण को लेकर है। प्रदर्शनकारियों का एक गुट चाहता है कि 971 में हुई आजादी की लड़ाई में शामिल लोगों के वंशजों को सरकारी नौकरी में मिल रहे आरक्षण को जारी रखा जाए। वहीं दूसरा धड़ा इस आरक्षण को खत्म करना चाहता है।
बांग्लादेश में स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा ले चुके लोगों के परिवार को 30 फीसदी आरक्षण मिलता है। वहीं महिलाओं को 10 फीसदी आरक्षण मिलता है। 10 फीसदी का आरक्षण जिला कोटा के तहत पिछड़े जिलों में रहने वाले लोगों को दिया जाता है। जबकि धर्म के आधार पर अल्पसंख्यकों को 5 फीसदी आरक्षण दिया जाता है. जबकि एक प्रतिशत आरक्षण विकलांग लोगों को दिया जाता है। शेख हसीना सरकार ने 2018 में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद इस आरक्षण व्यवस्था को खत्म कर दिया था। हालांकि इस साल जून में हाईकोर्ट ने इस फैसले को गलत कहा था। कोर्ट के फैसले के बाद अब देश में फिर से ये व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसी को लेकर बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
-------------------------
दुकानों पर नेमप्लेट का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, कल होगी सुनवाई
नई दिल्ली। यूपी में मुख्यमंत्री योगी के कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ रूट पर मौजूद दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. अब एक एनजीओ ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।
एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स नाम के एनजीओ ने नेमप्लेट को लेकर जारी आदेश के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. एनजीओ ने यह याचिका 20 जुलाई की सुबह 6 बजे ऑनलाइन दाखिल की, जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर 22 जुलाई को सुनवाई करेगा. जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी।
पूरा मामला-बता दें कि यूपी में पहले मुजफ्फरनगर के डीआईजी ने कांवड़ रूट पर मौजूद दुकानों को नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया, जिसके बाद न सिर्फ पूरे राज्य में बल्कि पूरे देश में इस पर चर्चा शुरू हो गई. योगी सरकार ने गुरुवार को आदेश जारी किया और कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ रूट पर मौजूद ढाबे, होटल और रेहड़ी वालों को मालिक का नाम लिखना जरूरी है।