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केरल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसके तहत बूथ स्तरीय अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर गणना फॉर्म बांट रहे हैं। इस बीच कोट्टायम जिले से खबर आई है कि SIR के लिए पहुंची महिला BLO मर्सी जोसेफ पर स्थानीय व्यक्ति ने अपना पालतू कुत्ता छोड़ दिया। कुत्ते ने महिला को बुरी तरह घायल कर दिया है। महिला की शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जोसेफ ने बताया कि वह पक्किल के नट्टकम गांव में SIR ड्यूटी पर थी, इसी दौरान उन्हें एक घर के पालतू कुत्ते ने काट लिया। उन्होंने बताया कि जब वह गणना के सिलसिले में एक व्यक्ति के घर पहुंची, तो मकान मालिक ने कुत्ता छोड़ दिया था। चुनाव आयोग ने घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने इसे दुर्घटना बताया और कहा कि मकान मालिक ने खेद जताया है। कोट्टायम में SIR के लिए 171 BLO नियुक्त किए गए हैं।
बिहार के बाद अब चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पुडुचेरी, मध्य प्रदेश, लक्षद्वीप, केरल, गुजरात, गोवा, छत्तीसगढ़ और अंडमान और निकोबार में SIR की प्रक्रिया शुरू की है। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में अगले साल 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। असम में अलग से SIR की प्रक्रिया होगी। घर-घर गणना के बाद मतदाता सूची का ड्रॉफ्ट 9 दिसंबर को जारी होगा। इसके बाद अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी, 2026 को जारी होगी।
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Online Betting App : सुरेश रैना और शिखर धवन पर ED का एक्शन, 11 करोड़ की संपत्ति कुर्क
मनी लॉन्ड्रिंग और ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े एक बड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। ईडी ने दोनों की कुल 11.14 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त कर ली हैं।
यह मामला ऑनलाइन बेटिंग साइट 1xBet से जुड़ा है। ईडी के अनुसार, रैना और धवन ने विदेशी कंपनियों के साथ मिलकर 1xBet और उससे जुड़े प्लेटफॉर्म का विज्ञापन करने के लिए समझौते किए थे।
कुर्क की गई संपत्तियां
शिखर धवन की 4.5 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति कुर्क
सुरेश रैना के 6.64 करोड़ रुपए के म्यूचुअल फंड फ्रीज
ईडी ने यह कार्रवाई PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत की है।
कई सेलिब्रिटीज से पूछताछ
इस मामले में ईडी पहले ही कई खिलाड़ियों और कलाकारों से पूछताछ कर चुकी है। इनमें शामिल हैं-
युवराज सिंह
रॉबिन उथप्पा
सोनू सूद
उर्वशी रौतेला
मिमी चक्रबर्ती
अनुष्का हाजरा
साथ ही रैना और धवन से भी पूछताछ की गई है।
ईडी के मुताबिक, प्रतिबंधित बेटिंग ऐप्स जैसे 1xBet, FairPlay, Parimatch, Lotus365 भारत में गैरकानूनी हैं। ये प्लेटफॉर्म अलग-अलग छद्म नामों से विज्ञापन चलाते हैं। विज्ञापनों में QR कोड दिए जाते हैं, जो लोगों को सीधे सट्टेबाजी साइटों पर ले जाते हैं। इन ऐप्स पर ठगी और टैक्स चोरी का भी संदेह है।
1xBet कहती है कि वह वैश्विक स्तर पर काम करने वाली बेटिंग कंपनी है
उसकी साइट और ऐप 70 भाषाओं में उपलब्ध
हजारों खेल आयोजनों पर लोग दांव लगा सकते हैं।
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बिहार चुनाव 2025: पहले चरण की 121 सीटों पर 60.13% मतदान
पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर मतदान संपन्न हो गया. शाम 5 बजे तक राज्यभर में 60.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. सुबह से ही मतदाताओं में उत्साह देखने को मिला और मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें नजर आईं.
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दोपहर 3 बजे तक 53.77 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. जिलों के अनुसार, बेगूसराय ने सबसे अधिक 59.82 प्रतिशत मतदान दर्ज किया, जबकि पटना में सबसे कम 48.69 प्रतिशत वोटिंग हुई.
पहले चरण के मतदान में कई राजनीतिक दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है. इनमें तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अनंत सिंह, मैथिली ठाकुर, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और डिप्टी सीएम विजय सिन्हा जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं. इसके साथ ही नीतीश सरकार के 16 मंत्रियों का भविष्य भी पहले चरण के नतीजों पर निर्भर करेगा.
राज्यभर में मतदान शांतिपूर्ण रहा, हालांकि कुछ इलाकों से ईवीएम खराबी की छिटपुट शिकायतें मिलीं, जिन्हें तुरंत ठीक कर मतदान जारी रखा गया. सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों के बीच ग्रामीण इलाकों में भी मतदाताओं ने बड़ी संख्या में भागीदारी दिखाई.
अब सबकी निगाहें 2025 के चुनावी नतीजों पर टिकी हैं, जो यह तय करेंगे कि बिहार की सत्ता पर अगली बार कौन काबिज होगा.

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लखनऊ. लखनऊ के गोमतीनगर में एक नामी ज्वेलरी कंपनी के शोरूम से करोड़ों रुपये के आभूषण चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस हाई-प्रोफाइल चोरी का आरोप शोरूम में बीते चार साल से काम कर रही एक महिला कर्मचारी पर ही लगा है.
महज 22,000 रुपये प्रति माह की सैलरी पाने वाली आरोपी कोमल श्रीवास्तव ने धीरे-धीरे 2.5 किलो सोना और हीरे जड़े जेवर चुरा लिए, जिनकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है. इस चोरी के पैसे से वह एक लग्जरी लाइफ जी रही थी. पुलिस जब तक उसके घर पहुंची, महिला और उसका पति फरार हो चुके थे.
शोरूम के अधिकारियों के मुताबिक, यह चोरी चार सालों में धीरे-धीरे हुई. कोमल स्टॉक वेरिफिकेशन के बहाने सोना और जेवर गायब करती रही. इस पूरे मामले का भंडाफोड़ दीपावली की रात तब हुआ, जब एक ग्राहक ने बायबैक स्कीम के तहत सोना मांगा.
इस पर कोमल ने चौंकाने वाला जवाब दिया, वह तो गल गया. काउंटर स्टाफ ने जब सवाल किया, सोना गलाने की क्या जरूरत? तो कोमल ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और बात टाल दी. ग्राहक के जाने के बाद स्टाफ ने तुरंत मैनेजर धीरज डाल को इसकी सूचना दी.
मैनेजर धीरज ने जब पिछले 5-6 दिनों के सीसीटीवी फुटेज चेक किए, तो कोमल की हरकतें संदिग्ध लगीं. फुटेज में वह सोने के कड़े, सिक्के और जेवरों को चुपके से अपनी साड़ी या बैग में छिपाती नजर आई. 15-16 अक्टूबर को तो उसने खुलेआम जेवर कपड़ों में लपेटकर बाहर निकाले.
इसके बाद जब स्टॉक का मिलान किया गया, तो खुलासा हुआ कि 2.5 किलो सोना गायब है, जिसकी बाजार कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है. मैनेजर धीरज डाल ने बताया कि कोमल कोविड के बाद नौकरी की तलाश में आई थी और सामान्य बैकग्राउंड देखकर उसे नौकरी दी गई थी. चार साल में उसने सबका विश्वास जीत लिया था.
पुलिस जांच में सामने आया कि कोमल ने चोरी के पैसों से 70-75 लाख रुपये का फ्लैट खरीदा और कार का लोन भी चुकाया. पुलिस को शक है कि चुराया गया सोना पिघलाकर बाजार में बेचा गया होगा.
इस केस में नया ट्विस्ट तब आया जब फरार कोमल के पति ने महानगर कोतवाली में तहरीर दी. उसने आरोप लगाया कि शोरूम प्रबंधन और मैनेजर धीरज ने कोमल के साथ अनुचित व्यवहार किया और उस पर झूठे इल्जाम लगाए. एडीसीपी पूर्वी अमित कुमावत ने बताया कि गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और तीन सालों की चोरी के इस मामले की गहन जांच चल रही है. फिलहाल, कोमल और उसका पति फरार हैं. पुलिस की टीमें उनकी तलाश में दिल्ली-एनसीआर और अन्य शहरों में छापेमारी कर रही हैं.
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सास के निधन की खबर सुनते ही बहू को आया हार्ट अटैक, मौत, दोनों के प्रेम की हो रही चर्चा
छत्रपति संभाजीनगर. महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजीनगर के वेदांत नगर में एक परिवार को उस समय दोहरी त्रासदी का सामना करना पड़ा जब सास के निधन की खबर सुनते ही बहू की दिल का दौरा पड़ा और उनकी भी मौत हो गई.
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार 6 नवंबर को दोपहर 3:00 बजे पुष्प नगरी श्मशान घाट पर होगा. इस घटना से उनके रिश्तेदार और पड़ोसी गहरे सदमे और शोक में हैं. अपनी सास के निधन की खबर मिलते ही बासठ वर्षीय विजया परदेसी बेहोश हो गईं और उन्हें दिल का दौरा पड़ा. उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज शुरू होने से पहले ही उनकी मौत हो गई.
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त सुरक्षा अधिकारी सुरेश परदेसी की छियानवे वर्षीय माँ रुक्मिणी रूपचंद परदेसी का नासिक में निधन हो गया. यह खबर सुनते ही श्रीमती विजया परदेसी को घातक दिल का दौरा पड़ा.
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भीषण हादसा : कार्तिक पूर्णिमा पर 6 महिलाओं की ट्रेन से कटकर मौत
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में बुधवार सुबह एक दर्दनाक रेल हादसा हो गया। कार्तिक पूर्णिमा के पावन स्नान के लिए जा रहे श्रद्धालु चुनार रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसा इतना भयंकर था कि, मौके पर कोहराम मच गया। 6 महिलाओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। सभी मृतक एक ही इलाके के बताए जा रहे हैं।
बुधवार सुबह चोपन-प्रयागराज पैसेंजर ट्रेन चुनार रेलवे स्टेशन पहुंची। प्लेटफॉर्म पर भीड़ अधिक होने की वजह से कुछ श्रद्धालु प्लेटफॉर्म की तरफ उतरने के बजाय ट्रेन की विपरीत दिशा वाले ट्रैक पर उतर गए। उसी दौरान, कालका एक्सप्रेस उसी ट्रैक से तेज रफ्तार में गुजर रही थी। श्रद्धालु कुछ समझ पाते, इससे पहले ही वे ट्रेन की चपेट में आ गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टक्कर इतनी जोरदार थी कि, कई शव टुकड़ों में बिखर गए। ट्रैक पर खून फैल गया, महिलाएं और परिजन रो-रोकर बेहाल हो गए। इसके साथ ही स्टेशन पर अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। GRP, RPF और स्थानीय पुलिस ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। जिसके बाद घायलों को नजदीकी अस्पताल भेजा गया।
कालका एक्सप्रेस हावड़ा से चली थी और चुनार स्टेशन पर उसका स्टॉपेज नहीं था, इसलिए ट्रेन की रफ्तार 60 किमी प्रति घंटे से अधिक थी। यही कारण रहा कि, श्रद्धालु ट्रेन आते देख भाग नहीं पाए।
GRP ने 6 महिलाओं की मौत की पुष्टि की है
अधिकांश यात्रियों ने भीड़ से बचने और समय बचाने के लिए फुट ओवरब्रिज का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने सीधे ट्रैक पार करने की कोशिश की, जो जानलेवा साबित हुई। रेलवे प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि, प्लेटफॉर्म बदलने के लिए हमेशा ओवरब्रिज या अंडरपास का ही प्रयोग करें।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर दुख जताते हुए, मृतकों के परिजनों को सांत्वना दिया। इसके साथ ही घायलों के तत्काल और बेहतर इलाज का निर्देश दिए। इसके अलावा रेलवे से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में मंगलवार को बड़ा रेल हादसा हो गया। बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर कोरबा पैसेंजर ट्रेन और मालगाड़ी के बीच जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में अब तक 07 यात्रियों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई घायल बताए जा रहे हैं। घटना के बाद रेलवे और जिला प्रशासन की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। हादसे की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन माना जा रहा है कि सिग्नल या तकनीकी गड़बड़ी के कारण यह टक्कर हुई होगी।
यह हादसा बिलासपुर-कटनी रेल सेक्शन के लाल खदान इलाके में हुआ, जो देश के सबसे व्यस्त रेल मार्गों में से एक है। हादसे के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे और यात्रियों की मदद में जुट गए। रेलवे के अधिकारी और कर्मचारी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और रेस्क्यू अभियान शुरू किया।
रेलवे प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव दल को मौके पर रवाना किया। मेडिकल यूनिट और एम्बुलेंस की मदद से घायलों को नजदीकी अस्पताल भेजा गया है। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बिलासपुर और कोरबा के बड़े अस्पतालों में रेफर किया जा रहा है।
हादसे के बाद पूरे रेल मार्ग पर परिचालन ठप हो गया है। ओवरहेड वायर और सिग्नल सिस्टम को भी नुकसान पहुंचा है, जिससे बहाली में समय लग सकता है। रेलवे ने कई ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट कर दिया है। यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दूसरी ट्रेनों या बसों से गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
रेलवे प्रशासन ने इस भीषण हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, सिग्नलिंग सिस्टम में खराबी या मानवीय भूल की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा। अधिकारी ब्लैक बॉक्स और इंजन रिकॉर्डिंग के डेटा की जांच कर रहे हैं, ताकि घटना के सही कारणों का पता लगाया जा सके।
स्थानीय लोगों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि पैसेंजर ट्रेन के डिब्बे मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गए। कई यात्री अंदर फंसे रह गए। लोगों ने शीशे तोड़कर घायलों को बाहर निकाला। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि चारों ओर चीख-पुकार मची हुई थी।
हादसे के बाद दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने यात्रियों और परिजनों की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। ये नंबर यात्रियों की जानकारी और सहायता के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे।
चंपा जंक्शन : 808595652
रायगढ़ : 975248560
पेंड्रा रोड : 8294730162
इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 9752485499 और 8602007202
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SIR: 10 बड़ी बातों को जान लीजिये, आखिर मतदाता सूची में संशोधन की इस प्रक्रिया को लेकर क्यों मचा है हंगामा
नई दिल्ली। देशभर में चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) की शुरुआत होते ही राजनीति गर्मा गई है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना बताया जा रहा है, लेकिन विपक्षी दल इसे नागरिकता और मताधिकार से जुड़े अधिकारों पर हमला बता रहे हैं। आइए जानते हैं एसआईआर से जुड़ी 10 बड़ी बातें, जो आपके लिए जानना जरूरी हैं-
1. क्यों हो रहा है एसआईआर?
चुनाव आयोग के अनुसार, एसआईआर का मुख्य उद्देश्य अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान करना और उन्हें मतदाता सूची से हटाना है। इसके तहत मतदाताओं के जन्म स्थान और नागरिकता से जुड़ी जानकारी की जांच की जाएगी। हाल के महीनों में बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों पर हुई कार्रवाई के बाद यह कदम काफी अहम माना जा रहा है।
2. किन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हो रहा है एसआईआर
यह प्रक्रिया देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में शुरू की गई है- अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। इनमें से तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए इस प्रक्रिया को राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।
3. कब तक चलेगी प्रक्रिया
एसआईआर की गणना प्रक्रिया 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगी। चुनाव आयोग 9 दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची (Draft Roll) जारी करेगा, जबकि 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
4. क्या है एसआईआर का उद्देश्य?
चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि, कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर न रह जाए और कोई भी अयोग्य मतदाता सूची में शामिल न हो। इसके अलावा, आयोग का यह भी मानना है कि यह कदम मतदाता सूची की पारदर्शिता और शुद्धता सुनिश्चित करेगा।
5. पिछले एसआईआर का संदर्भ?
बिहार में 2003 में हुई मतदाता सूची का पुनरीक्षण इस प्रक्रिया का आधार बना था। उसी की तर्ज पर अब बाकी राज्यों में भी मतदाता सूची की कट-ऑफ डेट तय की जाएगी। अधिकांश राज्यों में पिछला एसआईआर 2002 से 2004 के बीच हुआ था।
6. राजनीतिक विवाद: बंगाल और तमिलनाडु में विरोध
इस प्रक्रिया के खिलाफ सबसे पहले आवाज तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल से उठी। डीएमके (DMK) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि एसआईआर असंवैधानिक और मनमाना है। वहीं, टीएमसी (TMC) ने इसे भाजपा की साजिश बताते हुए कहा कि यह कदम बंगालियों को विदेशी करार देने का प्रयास है। दोनों ही दलों ने आरोप लगाया कि, चुनाव आयोग भाजपा के दबाव में काम कर रहा है।
7. सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
डीएमके ने 27 अक्टूबर की चुनाव आयोग की अधिसूचना को चुनौती दी है। याचिका में कहा गया है कि यह प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), 19 (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और 21 (जीवन के अधिकार) का उल्लंघन करती है। सुप्रीम कोर्ट में इस पर जल्द सुनवाई हो सकती है।
8. बंगाल में टीएमसी का प्रदर्शन और भाजपा का पलटवार
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी मंगलवार को कोलकाता में इस प्रक्रिया के खिलाफ मार्च निकालेंगे। वहीं, भाजपा नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने पलटवार करते हुए कहा कि टीएमसी का विरोध अवैध घुसपैठियों को बचाने की कोशिश है। अधिकारी खुद भी उत्तर 24 परगना जिले में रैली निकालेंगे और घुसपैठियों को हटाने की मांग करेंगे।
9. दस्तावेज क्या दिखाने होंगे?
एसआईआर के दौरान नागरिकों को अपनी पहचान साबित करने के लिए कुछ दस्तावेज दिखाने होंगे, जैसे-
वोटर कार्ड या आधार कार्ड
पासपोर्ट/जन्म प्रमाण पत्र
पेंशन भुगतान आदेश
शैक्षणिक प्रमाणपत्र
जाति प्रमाणपत्र (OBC/SC/ST)
परिवार रजिस्टर या स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी प्रमाणपत्र
भूमि/मकान आवंटन पत्र
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (जहां लागू हो)
10. आगे का रास्ता
जहां भाजपा इस प्रक्रिया को पारदर्शिता की दिशा में कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे मतदाता सूची से छेड़छाड़ का हथियार मान रहा है। आगामी महीनों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला, और राजनीतिक दलों के विरोध प्रदर्शन यह तय करेंगे कि एसआईआर केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया रह जाएगी या फिर यह राष्ट्रीय बहस का बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन जाएगी।
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आपसी संबंधों में गलत तरीके से उपयोग…शीर्ष अदालत ने POCSO के दुरुपयोग पर जताई गहरी चिंता, कहा- जागरूकता की सख्त जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण करने के लिए बनाये गए अधिनियम (पॉक्सो कानून) का गलत इस्तेमाल बढ़ रहा है। अदालत ने देखा कि इस कानून का उपयोग कई बार पति-पत्नी के झगड़ों या किशोर-किशोरी के आपसी सहमति वाले संबंधों में किया जा रहा है, जो कानून की असली भावना के खिलाफ है। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस आर महादेवन की पीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में मांग की गई है कि लोगों को दुष्कर्म और पॉक्सो कानून के प्रावधानों के बारे में जागरूक किया जाए, ताकि देश में महिलाओं और लड़कियों के लिए माहौल और सुरक्षित बने।
इस सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, ‘हम यह देख रहे हैं कि कई बार पॉक्सो एक्ट का इस्तेमाल झगड़ों या किशोरों के आपसी संबंधों में गलत तरीके से किया जा रहा है। इसलिए जरूरी है कि लड़कों और पुरुषों में इस कानून की जानकारी और समझ बढ़ाई जाए।’
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 2 दिसंबर तक टाल दी है, क्योंकि कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक इस मुद्दे पर अपनी राय नहीं दी है। पहले, अदालत ने केंद्र सरकार, शिक्षा मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद हर्षद पोंडा ने अदालत से कहा कि लोगों को यह बताया जाना जरूरी है कि निर्भया कांड के बाद दुष्कर्म से जुड़े कानूनों में क्या बदलाव हुए हैं।
जनहित याचिका में मांग की गई है कि शिक्षा मंत्रालय सभी स्कूलों को यह निर्देश दे कि बच्चों को महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से जुड़े कानूनों की बुनियादी जानकारी दी जाए। नैतिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ताकि बच्चों को लैंगिक समानता, महिलाओं के अधिकार और सम्मानजनक जीवन के महत्व के बारे में सिखाया जा सके।
इस याचिका में यह भी कहा गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय तथा सीबीएफसी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फिल्मों और मीडिया के माध्यम से जनता को दुष्कर्म जैसे अपराधों के दुष्परिणाम और सजा के बारे में जागरूक किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि लड़कियों की सुरक्षा सिर्फ कानून से नहीं, बल्कि समाज की सोच बदलने से संभव है, और यह बदलाव स्कूल स्तर से शुरू होना चाहिए।

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तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले में सोमवार सुबह एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। चेवेल्ला मंडल के खानापुर स्टेज के पास बजरी से भरे ट्रक और तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम (RTC) की बस में आमने-सामने टक्कर हो गई। इस हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई यात्री गंभीर रूप से घायल हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों वाहन तेज रफ्तार में थे और मोड़ पर नियंत्रण खो बैठे। टक्कर इतनी भीषण थी कि ट्रक में लदी बजरी बस पर गिर गई, जिससे कई यात्री मौके पर ही दब गए। बस का ड्राइवर साइड पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
हादसे के बाद आसपास के ग्रामीण और पुलिस तुरंत मौके पर पहुंचे। फंसे हुए यात्रियों को बाहर निकालने के लिए राहत कार्य शुरू किया गया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बचाव और राहत कार्य अभी भी जारी है। अधिकारियों ने बताया कि बस तंदूर डिपो से रवाना हुई थी और शुरुआती जांच में ओवरस्पीडिंग को हादसे का कारण माना जा रहा है।
भीषण टक्कर के बाद सड़क पर मलबा फैल गया, जिससे चेवेल्ला-तंदूर मार्ग पर यातायात प्रभावित हुआ। प्रशासन ने क्रेन और जेसीबी मशीनों की मदद से सड़क से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है और उनके परिजनों को सूचना दी जा रही है। पुलिस हादसे के सटीक कारणों की जांच कर रही है।
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बिहार में सड़क हादसे में एमपी के 3 लोगों की मौत, ट्रक से टकराई कार, क्रेन से निकाले गये शव
हाजीपुर. बिहार के वैशाली के हाजीपुर में सड़क हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 4 लोग घायल हैं. हादसा सोमवार की सुबह 4 बजे औद्योगिक थाना क्षेत्र के नाईपर के पास हुआ. सभी मृतक एमपी के निवासी हैं.
बताया जाता है कि जंदाहा की तरफ से हाजीपुर की ओर जा रही लग्जरी कार ने सड़क किनारे गलत दिशा में खड़े 16 पहिए वाले ट्रक को पीछे से टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार का आगे का हिस्सा पूरी तरह से डैमेज हो गया. मौके पर ही तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि बाकी लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.
मरने वाले सभी मध्यप्रदेश के बताए जा रहे हैं. वो लोग बिहार विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के लिए यहां आए थे. मृतकों की पहचान मध्यप्रदेश के गुनौर के रहने वाले राजाबाई चौधरी( 23), छतरपुर के हेमंत प्रताप यादव( 24) और एमपी के करधनिया बक्सवाहा के रहने वाले रामस्वरूप यादव( 23) के रूप में हुई है.
घटना की सूचना मिलते ही औद्योगिक थाना पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने क्रेन की मदद से कार में फंसे शवों को बाहर निकाला और उन्हें सदर अस्पताल हाजीपुर भेज दिया. घायलों को सदर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. मरने वालों में एक महिला और दो पुरुष शामिल हैं.
औद्योगिक थाना अध्यक्ष अरविंद पासवान ने बताया कि, घायलों की पहचान हाजीपुर के चकुंडा उर्फ मिल्की गांव निवासी अरुण चौधरी की पत्नी पुष्पा चौधरी( 28), उत्तर प्रदेश के सीतापुर निवासी सरोज वर्मा की बेटी शालिनी वर्मा(26), उत्तर प्रदेश के सीतापुर के कपिल कुमार(24) और समस्तीपुर जिले के मोहनपुर निवासी स्वर्गीय शिव बच्चन सिंह के बेटे शिवम कुमार(19) सिंह के रूप में हुई है.
सर्वे कंपनी के सुपरवाइजर शिवम द्विवेदी ने बताया, हमलोग एक्जिट पोल सर्वे का काम करते हैं. बिहार विधानसभा 2025 को लेकर किशनगंज में काम पूरा करने के बाद हाजीपुर विधानसभा आ रहे थे. तभी दुर्घटना में तीन लोगों का स्पॉट डेथ हो गए हैं. चार लोग घायल हैं जिनका इलाज चल रहा है.
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14 लाख रुपए की इनामी ACM रैंक की महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
बालाघाट। एमपी के बालाघाट स्थित ग्राम चौरिया में बन रहे हॉक फोर्स के नए कैम्प में एक महिला नक्सली ने मुख्य धारा में शामिल होने के लिए हॉक फोर्स के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। महिला नक्सली का नाम सनीला उर्फ सुनीता है जो 2024 से नक्सलियों के एमएमसी जोन प्रभारी व सीसी मेंबर रामदेर की हथियारबंद गार्ड थी। सुनीता ने हॉकफोर्स डीएसपी अखिलेश गौर के सामने हथियार डाले है।
सीसी मेंबर पर अलग अलग राज्यों द्वारा मिलकर लगभग 3 करोड़ रुपए का इनाम घोषित है। नक्सली महिला का हॉक फोर्स के समक्ष समर्पण हॉक फोर्स की विश्वसनीयता व संवेदनशीलता को स्थापित करता है। महिला नक्सली ने इंसास राइफल की 3 मैगजीन में 30 राउंड और 1 बीजीएल के साथ अन्य सामग्रियों सहित आत्मसमर्पण किया है। महिला नक्सली के पिता भी छत्तीसगढ़ में नक्सली से जिन्होंने सितंबर में सरेंडर कर दिया है। विस्तृत पूछताछ में बताया कि उसने सरकार की समर्पण नीति से प्रभावित होकर और समाज की मुख्य धारा में काम करने के लिए सोच समझकर हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया है। हॉक फोर्स डीएसपी/सहायक सेनानी अखिलेश गौर ने समर्पण के पश्चात महिला नक्सली से पूछताछ की जिसमें महिला नक्सली ने बताया कि उसने जंगल में एक गुप्त स्थान पर अपनी राइफल और अन्य सामान छिपा कर रख दिया है। इसके बाद हथियार बरामद करने के लिए सेनानी हॉक फोर्स शियाज़ के नेतृत्व में सहायक सेनानी अखिलेश गौर व रूपेंद्र धुर्वे की टीम ने जंगल में गोपनीय सर्च ऑपरेशन डालकर हथियार बरामद कर इस ऐतिहासिक आत्मसमर्पण को सफल बनाया। संभावना है कि इस सरेंडर के पश्चात बालाघाट में सक्रिय अन्य नक्सली भी जल्द ही सरेंडर कर सकते है। इस उपलब्धि पर पुलिस महानिरीक्षक बालाघाट संजय सिंह एवं पुलिस अधीक्षक बालाघाट आदित्य मिश्रा ने हॉक फोर्स को बधाई देकर इनाम देने की घोषणा की है। उल्लेखीय है डीएसपी अखिलेश गौर की पदस्थापना जबलपुर में गोहलपुर सीएसपी के रूप में रह चुकी है इस दौरान भी उन्होंने ऐतिहासिक कार्यों को अंजाम देते हुए कुख्यात अपराधियों पर लगाम लगाने में सराहनीय योगदान दिया था।

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मुंबई. महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की सत्याचा मोर्चा (सत्य के लिए मार्च) रैली में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने मतदाता सूची में कथित गड़बडिय़ों को लेकर नाराजगी जताते हुए लोगों से अपील की कि वे वोट चोरों को पहचानें और सबक सिखाएं.
उद्धव ठाकरे ने कहा, जहां भी वोट चोर दिखे, उसे पीटो. देश के हर मतदाता से मेरा अनुरोध है कि वे अपना नाम वोटर लिस्ट में जरूर जांचें. जब एक शौचालय के पाते पर 100 मतदाता दर्ज हो सकते हैं, तो सोचिए आपके घर में कितने होंगे.
पूर्व मुख्यमंत्री का यह बयान राज्य की मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोपों के बीच आया है. विपक्ष का दावा है कि वोटर लिस्ट में एक ही पते पर सैकड़ों लोगों के नाम दर्ज हैं, कुछ जगहों पर तो 800 से ज्यादा मतदाता एक ही पते पर पाए गए हैं.
इस मोर्चे में एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष राज ठाकरे, कांग्रेस नेता बाला साहेब थोरात और सुप्रिया सुले समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. सभी ने एकसुर होकर मांग की कि स्थानीय निकाय चुनाव तब तक स्थगित किए जाएं, जब तक मतदाता सूची की पूरी तरह जांच कर गड़बडिय़ों को दूर नहीं किया जाता. अपने संबोधन में उद्धव ठाकरे ने यह भी दावा किया कि किसी ने चुनाव आयोग के सक्षम ऐप पर उनका नाम और मोबाइल नंबर फर्जी तरीके से इस्तेमाल करने की कोशिश की. उन्होंने कहा, मुझे शक है कि यह मेरी वोटर लिस्ट से नाम हटाने की साजिश थी.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उद्धव ठाकरे ने फिल्म शोले का फेमस डायलॉग दोहराते हुए कहा, जैसे जब बच्चा रोता है तो मां कहती है सो जा, नहीं तो गब्बर आ जायेगा, वैसे मैं कहता हूं- जागते रहो, नहीं तो एनाकोंडा आ जाएगा. सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा, पहले मेरी पार्टी, मेरा चुनाव चिन्ह, मेरे पिता का नाम चुराया और अब वोट चुराने की कोशिश हो रही है.
राज ठाकरे ने भी अपने चचेरे भाई के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि मुंबई की मतदाता सूचियों में लाखों डुप्लीकेट वोटर हैं. उन्होंने कहा, जब भी ऐसे मतदाता पकड़े जाएं, उनकी पिटाई करो और फिर पुलिस के हवाले करो. मनसे प्रमुख ने आने वाले स्थानीय चुनावों को फिक्स्ड मैच करार देते हुए कहा, जब मतदाता सूची ही सही नहीं है तो चुनाव कराने का क्या मतलब? पहले मतदाता सूची को ठीक करो, फिर चुनाव कराओ.
गौरतलब है कि अक्टूबर में विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी का प्रतिनिधिमंडल राज्य चुनाव आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर चुका है. इस दौरान उन्होंने मतदाता सूची में कथित गड़बडिय़ों की जांच की मांग की थी. विपक्ष का कहना है कि आने वाले स्थानीय निकाय चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराए जाएं. हालांकि अब देखना होगा कि चुनाव आयोग विपक्ष के इन गंभीर आरोपों पर क्या कदम उठाता है.
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प्रेमिका के साथ सरकारी आवास में इश्क लड़ा रहे थे. CO साहब, पत्नी ने आकर जड़ दिया ताला
झारखंड के गढ़वा जिला के मझिआंव अंचल के सीओ साहब, प्रमोद कुमार सामाजिक मर्यादा को ताक पर रखकर अपनी पत्नी श्यामा रानी की गैर हाजिरी में अपने सरकारी आवास में अपनी प्रेमिका के साथ मजे से सरकारी आवास में इश्क लड़ा रहे थे. इस बात की जानकारी उनकी पत्नी श्यामा रानी को लगी वह पति को रंगे हाथ पकड़ने के लिए बगैर किसी शोर शराबे के सीधे साहब के सरकारी आवास पहुंच गयी. जैसे ही उसने घर में झांका अंदर का नजारा देखा वह दंग रह गई. सीओ प्रेमिका के साथ ही थे. पत्नी श्यामा रानी ने अपना आपा खो दिया और उसने तत्काल कमरे में ताला जड़ दिया और पति और उनकी प्रेमिका को उनके ही सरकारी आवास में कैद कर लिया.
इस शर्मिंदगी भरे पल में और छौंका तब लग गया जब हालात से निपटने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी और पूरे मामले को शांत कराया गया. खास बात ये रही कि, इस हाई वोल्टेज ड्रामे से बचने के लिए सीओ साहब ने छत से छलांग दी, जिसमें उन्हें मामूली चोट लगी है. मंझिआव थाना की पुलिस ने सीओ साहब के आवास से सीओ प्रमोद कुमार की प्रेमिका को हिरासत में ले लिया. महिला थाना को सुपुर्द करते हुए इस हाई प्रोफाइल मामले की तहकीकात में जुट गई है.
इधर पूरे मामले पर सीओ प्रमोद कुमार की पत्नी श्यामा रानी ने कहा कि मुझे पहले से ही शंका था कि उनके पति का किसी और के साथ नाजायज संबंध है. इसी बीच मुझे सूचना मिली कि मेरी ग़ैर मौजूदगी में मेरे पति अपने सरकारी आवास में किसी बाहरी महिला को लेकर पहुंचे हैं. दोनों कमरे के अंदर मौजूद हैं, गाड़ी मिलने के बाद मैं जैसे ही सरकारी आवास पहुंची तो मैंने रंगे हाथों दोनों को कमरे में पकड़ लिया. आगे कानून का सहारा लेकर आगे की करवाई होगी.
गढ़वा जिला में हुई इस हाई वोल्टेज ड्रामा की चर्चा पूरे राज्य में हो रही है, घटना की वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. अब चूंकि मामला एक प्रशासनिक अधिकारी और पति- पत्नी के विवाद से जुड़ा हुआ है, इस कारण इस मामले में प्रशासन के लोगों ने भी चुप्पी साध ली है.
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नाबालिग ने पहले भाई को मारा फिर प्रेग्नेंट भाभी से रेप कर पेट लात मारी तो बच्चा गर्भ से बाहर आया; दोनों के शव को नग्न कर घर में दफनाया
गुजरात के जूनागढ़ में डबल मर्डर की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। इस हत्याकांड जो भी सुना, उसका दिल ही नहीं आत्मा को भी हिलाकर रख दिया। एक 15 साल के नाबालिग ने पहले भाई को मारा फिर प्रेग्नेंट भाभी से रेप कर पेट लात मारी तो बच्चा गर्भ से बाहर आया। इसके बाद दोनों को नग्न कर शव को घर में ही दफना दिया। पुलिस ने नाबालिग आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।
पूरा मामला जूनागढ़ शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर शोभावदला गांव के खोडियार आश्रम का है। घटना 16 अक्टूबर को हुई, लेकिन इसका खुलासा 31 अक्टूबर, शुक्रवार को हुआ।
दरअसल मृतकों की पहचान शिवमगिरी (22 साल) और उसकी पत्नी, कंचन कुमारी (19) के रूप में की गई। शिवमगिरी इलेक्ट्रीशियन का काम करता था। आरोपी आश्रम की देखभाल और गोशाला में गायों की सेवा करता था। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि आरोपी को शराब की लत थी। इसके कारण घर में अक्सर लड़ाई-झगड़े होते थे। बड़ा भाई उसे बार-बार नशे की लत छोड़ने के लिए समझाता था, जिसके कारण आरोपी उससे नफरत करने लगा था। बड़ा भाई आरोपी से उसके कमाए पैसे भी रख लेता था, जिसके चलते नाबालिग ने अपने भाई की हत्या करने का फैसला कर लिया। 16 अक्टूबर की सुबह जब बड़ा भाई सो रहा था। तभी आरोपी ने अपने उसके सिर पर लोहे के रॉड से हमला कर दिया।उसे तब तक पीटा, जब तक वह मर नहीं गया।
पति के चिल्लाने पर उसकी पत्नी कंचन घर में देखने गई, तो शिवम के सिर से खून बह रहा था। पत्नी को लगा कि देवर उसे भी मार देगा, तो वह वह खुद को छोड़ने के लिए विनती करने लगी। भाई की हत्या करने के बाद आरोपी ने पहले गर्भवती भाभी का रेप किया। सके बाद उसके पेट पर घुटना रखकर उसका गला घोंट दिया। रेप के बाद महिला के पेट पर इतनी जोर से लात मारा कि बच्चा गर्भ से बाहर आ गया। इसके बाद भाभी का गला घोंटकर मार डाला।
पुलिस ने बताया कि दोनों को मारने के बाद आरोपी ने घर में पांच फुट गहरा गड्ढा खोदा। इसके बाद बड़े भाई और भाभी के शवों को नग्न कर घर में ही दफना दिया। फिर उनके कपड़ों में आग लगा दी और खून के धब्बे साफ कर दिए। पुलिस के मुताबिक, कॉल डिटेल रिकॉर्ड से पता चला कि घटना के दिन लड़के की मां घटनास्थल के पास नहीं थी। हालांकि, उसने सबूत मिटाने में अपने बेटे की मदद की थी। पुलिस का मानना ​​है कि अकेले नाबालिग के लिए इतना गरा गड्ढा खोदकर शवों को दफनाना संभव नहीं होता।
पुलिस ने बताया कि मृत महिला के माता-पिता अपनी बेटी से बात करने की कोशिश कर रहे थे। दिवाली के दौरान जब बेटी से बात नहीं हो पाई, तो उन्हें शक हुआ। जब दामाद के फोन पर बार-बार कॉल करने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला तो उन्होंने आरोपी को फोन किया।
हालांकि, वह हर बार कुछ बहाना बनाकर फोन काट देता था। फिर उसकी मां ने कॉल का जवाब दिया और कहा कि उनके बेटे और बहू की गुजरात के हिम्मतनगर के पास एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। महिला ते माता-पिता ने हादसे की तस्वीरें, वीडियो या कोई दस्तावेज मांगे, तो उसने सवालों को टाल दिया। फिर उनका संदेह और गहरा गया। वे बिहार के खगड़िया जिले में अपने गांव से गुजरात पहुंचे और छानबीन करने लगे। पुलिस ने उन्हें बताया कि हिम्मतनगर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में ऐसा कोई सड़क हादसा या मौत नहीं हुई थी। इसके बाद, 31 अक्टूबर को पुलिस आश्रम गई, शवों को बाहर निकाला।
पिता की कोरोना से मौतो हो गई थी। इसके बाद आरोपी की मां साध्वी की तरह रहती थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी का परिवार मूलरूप से बिहार का रहने वाला है। वे 28 साल से शोभावदला गांव के पास खोडियार आश्रम में रहते थे। आरोपी के पिता की कोरोना से मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद मां विभाबेन साध्वी जैसा जीवन जी रही थीं।