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रायपुर। ओडिशा के बरगढ़ जिले में अडानी समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट में कार्यरत मुख्य विनिर्माण अधिकारी रामभाऊ गट्टू को रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला तब सामने आया जब गट्टू ने बरगढ़ के कलेक्टर को मिठाई के डिब्बे में 2 लाख रुपये नकद देने की कोशिश की। कलेक्टर को दिए गए पैकेट में फूलों का गुलदस्ता और मिठाई के साथ नकदी छिपाई गई थी।
ओडिशा विजिलेंस निदेशालय के मुताबिक, रामभाऊ गट्टू ने कलेक्टर के साथ एक बैठक के दौरान यह प्रयास किया। वह कलेक्टर को एक गुलदस्ता और मिठाई का पैकेट भेंट स्वरूप देकर उनके कार्यों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, कलेक्टर ने जब मिठाई के पैकेट की जांच की तो उसमें 2 लाख रुपये नकद मिला।
घटना के तुरंत बाद कलेक्टर ने विजिलेंस विभाग को सूचित किया, जिसके बाद गट्टू को रिश्वत देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार गट्टू पर लोक सेवक को लुभाने के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है। अधिकारी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है, और यह पता लगाया जा रहा है कि रिश्वत देने के पीछे क्या उद्देश्य था और इसमें अन्य लोग भी शामिल हैं या नहीं।
अडानी समूह के अंबुजा सीमेंट से जुड़े इस मामले ने उद्योग जगत में हलचल मचा दी है। इस घटना के बाद अडानी समूह की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इधर, विजिलेंस टीम ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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‘तेरा भी हाल दादी की तरह…’, राहुल गांधी को किसने दी जान से मारने की धमकी?
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका (US) में कुछ दिनों पहले सिख समुदाय को लेकर एक बयान दिया था। राहुल के इस बयान पर सियासी हंगामा खड़ा हो गया है। देश में सिख समुदाय के कई लोग राहुल गांधी के बयान पर आपत्ति जाहिर कर चुके हैं। अब एक ताजा मामले में कांग्रेस नेता को जान से मारने की खुलेआम धमकी दी गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस धमकी देने वालें बीजेपी नेता पर कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस ने दिल्ली भाजपा नेता और पूर्व विधायक तरविंदर सिंह मारवाह का वीडियो जारी किया। बीजेपी समर्थित सिख प्रकोष्ठ ने बुधवार, 11 सितंबर 2024 को सोनिया गांधी के दिल्ली स्थित आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन के दौरान BJP नेता तरविंदर सिंह मारवाह ने राहुल गांधी को मारने की धमकी दी है। वीडियो में बीजेपी ने कही, “राहुल गांधी बाज आ जा, नहीं तो आने वाले टाइम में तेरा भी वही हाल होगा जो तेरी दादी का हुआ” कांग्रेस ने भाजपा नेता पर खुलेआम देश के नेता प्रतिपक्ष की हत्या की धमकी देने का आरोप लगाया। बीजेपी नेता पर कार्रवाई की मांग की है।

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CJI के घर पीएम नरेंद्र मोदी की गणेश पूजा पर विवाद, विपक्ष ने सवाल खड़े...
नई दिल्ली। गणेश पूजा में CJI डीवाई चंद्रचूड़ के आवास पर पीएम नरेंद्र मोदी के शामिल होने पर अब विवाद खड़ा हो गया है। विपक्ष इसको लेकर सवाल खड़े कर रहा है। वहीं अब बीजेपी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से जुड़े एक कार्यक्रम की तस्वीर शेयर की है, जिसमें तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश केजी बालकृष्णन ने शिरकत की थी। बुधवार को पीएम मोदी सीजेआई चंद्रचूड़ के घर पर गणेश पूजा में शामिल हुए थे।
गणेश पूजा में पीएम मोदी का सीजेआई के घर जाने को लेकर शिवसेना ( उद्धव ठाकरे गुट) नेता संजय राउत ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि हमें शंका है कि क्या CJI हमें न्याय दे पाएंगे। गणेश उत्सव में लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं। पीएम मोदी अब तक कितने लोगों के घर गए हैं, मेरे पास इसकी जानकारी नहीं है।
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और जस्टिस बालकृष्णन के मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की है। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा साल 2009 में पीएम मनमोहन सिंह की इफ्तार पार्टी में तत्कालीन सीजेआई बालकृष्णन शामिल हुए थे। ये सेक्यूलर है न्यायपालिका सुरक्षित है। पीएम मोदी सीजेआई के घर गणेश पूजा में शामिल हुए, तो हे भगवान न्यायपालिका भष्ट है।
संबित पात्रा ने ये कहा-- कि जब इफ्तार पार्टी में पीएम और चीफ जस्टिस मिलते थे तो इस त्योहार में मिलने पर आपत्ति क्यों?

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण के विरोध में बुधवार को हिंदूवादी संगठनों की ओर से उग्र प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी ढली टनल पर बैरिकेड्स तोड़कर संजाैली बाजार पहुंचे। इस पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें चार पुलिस कर्मियों के साथ आठ से अधिक प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर बल प्रयोग करना और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस पूरे प्रकरण में सरकार की ओर से पहले दिन से ही पक्षपातपूर्ण कार्रवाई की जा रही है। जब यह स्पष्ट है कि मस्जिद कानूनी नहीं है तो न्यायोचित कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन कार्रवाई करने के बजाय मुख्यमंत्री प्रदर्शन करने वाले लोगों की ही धमकाते रहे। सख्ती से निपटने की बात करके जनभावना को आहत करने का प्रयास किया गया। यह सरकार की नाकामी है। सरकार इस मुद्दे को डील करने में, जनभावनाओं को समझने और उसका सम्मान करने में सफल हो गई। जो काम कानून के हिसाब से किया जा सकता था, वह आलाकमान के दबाव में नहीं कर रही है।
उधर, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान ने कहा कि बाहरी राज्यों से प्रदेश में काम करने के लिए आने वाले लोगों के पंजीकरण के लिए सरकार ने फैसला लिया है। कानून को अपने अधिकार में लेने का हक किसी को नहीं है। कानून के दायरे में रहकर प्रदर्शनकारियों को अपना विरोध जताना चाहिए था। प्रदर्शनकारियों में अधिकांश लोग भाजपा के थे। राजनीतिक स्वार्थ के चलते भाजपा नेता इस मामले को जबरन तूल दे रहे हैं। अवैध निर्माण का मामला नगर निगम आयुक्त के कोर्ट में विचाराधीन है। इस निर्माण के लिए क्या विधायक, सांसद निधि से धनराशि जारी हुई है। नक्शा पास किए बिना निर्माण कैसे हुआ। इन मामलों पर भी सरकार जांच कर रही है। हिंदू-मुस्लिम से इस मामले को नहीं जोड़ना चाहिए। देश में बीते दस वर्ष से इस प्रकार की राजनीति करने का क्रम बढ़ा है।
संजाैली में हुए मस्जिद के अवैध निर्माण मामले पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि जिस तरह से अवैध रूप से निर्माण हुआ और अवैध रूप से लोगों ने आधार कार्ड बनवाकर लाभ लिए, यह सब प्रदेश सरकार की नाक के नीचे राजधानी शिमला में हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है और राज्य सरकार को इस बारे कार्रवाई करनी चाहिए। ठाकुर ने कहा कि दुख है कि सदन में कांग्रेस के मंत्री बोल रहे थे और मुख्यमंत्री सो रहे थे।
शिमला के संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण के विरोध में हुए हिंदूवादी संगठनों के उग्र प्रदर्शन में दर्जनों लोगों को चोटें आई हैं। लाठीचार्ज और धक्कामुक्की में आठ घायल अस्पताल पहुंचे है। चार पुलिस कर्मियों को भी चोटे आई हैं। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह मामला लंबे समय से लंबित है। जहां तक अवैध इमारतों के निर्माण का सवाल है, सरकार ने इसका संज्ञान लिया है। मैंने विधानसभा में भी मजबूती से कहा है कि जैसे ही इस पर फैसला आएगा, कानून के दायरे में कार्रवाई की जाएगी, अगर कोई इमारत अवैध पाई गई तो उसे गिरा दिया जाएगा। लेकिन हमें कानून की प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ना होगा। हम चाहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में शांति का माहौल बना रहे।
संजाैली प्रदर्शन पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने व प्रदर्शन करने का अधिकार है। इसे देखते हुए भारी पुलिस बल माैके पर तैनात किया गया था। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल भी करना पड़ा है और हल्का लाठीचार्ज भी हुआ है। कितने लोग घायल हुए हैं, इसकी रिपोर्ट ली जाएगी। किसी को नुकसान पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। कानून के दायरे में कार्रवाई करनी होगी, भावनाओं में बहकर किसी भी तरह के गलत कदम से बचना होगा।
संजाैली स्थिति मस्जिद में अवैध निर्माण मामले पर लोक निर्माण विक्रमादित्य सिंह ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि तहबाजारी पाॅलिसी मामले पर सरकार मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित कर रही है। इसकी पहल हो चुकी है। प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा व तहबाजारी नियमों को और कड़ा करने के लिए फैसला लिया जाएगा। कमेटी में मंत्री भी शामिल होंगे।
संजौली में उग्र प्रदर्शन, लाठीचार्ज मामले के बाद हिमाचल के सभी पुलिस अधीक्षक को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए हैं। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने डीजीपी को तलब किया है। मौके पर खुद, आईजी व डीआईजी को रहने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल संजौली चौक से प्रदर्शनकारियों को पुलिस की ओर से हटाया जा रहा है। भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास जारी है।
वाटर कैनन से प्रदर्शनकारियों को हटाने का पुलिस का प्रयास जारी है। चौक पर भी बैरिकेडिंग की गई है। प्रदर्शनकारियों और पुलिस में फिर धक्कामुक्की शुरू हो गई है। बैरिकेड तोड़ने की कोशिश हो रही। वहीं प्रदर्शन के चलते तनाव की स्थिति के मद्देनजर शिमला जिला प्रशासन ने शहर के सभी स्कूलों को सर्कुलर जारी किया है। स्कूलों से कहा गया है कि अभिभावकों के स्कूल पहुंचने के बाद ही बच्चों को छोड़ जाए।
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नागपुर हिट एंड रन केस:पुलिस बोली- भाजपा अध्यक्ष के बेटे ने बीफ नहीं, मटन-चिकन खाया, शराब मंगाई
नागपुर। नागपुर में 9 सितंबर की रात करीब एक बजे एक ऑडी ने कई गाड़ियों को टक्कर मार दी थी। इसमें दो लोग घायल हुए थे और कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा था। ऑडी महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के बेटे संकेत की थी। एक्सीडेंट के दौरान वह भी कार में मौजूद था।
शिवसेना (उद्धव गुट) सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया था कि भाजपा अध्यक्ष के बेटे ने बार में बीफ खाया था और शराब पी थी। पुलिस ने बुधवार (11 सितंबर) को बताया कि हादसे से पहले संकेत ने मटन-चिकन खाया था। उन्होंने 12 हजार रुपए की शराब मंगवाई थी। बीफ नहीं खाया था। इसकी पुष्टि बार का बिल देखकर हुई है।
FIR में भाजपा नेता के बेटे का नाम नहीं पुलिस ने बताया कि ऑडी में संकेत के अलावा उसके दोस्त अर्जुन हावरे और रोनित चित्तमवार थे। गाड़ी अर्जुन हावरे चला रहा था, जो पेशे से इंजीनियर है।
पुलिस ने अर्जुन को गिरफ्तार किया, लेकिन थोड़ी देर में ही उसे बेल मिल गई। FIR में अर्जुन और रोनित ​​​​​​को आरोपी बनाया गया है। संकेत बावनकुले का नाम FIR में नहीं है। अर्जुन और रोनित के ब्लड सैंपल अल्कोहल टेस्ट के लिए भेजे गए हैं, ताकि पता चल सके कि उन्होंने घटना के समय शराब पी रखी थी या नहीं।
कांग्रेस का आरोप- भाजपा नेता का बेटा नशे की हालत में था विपक्ष का आरोप है कि कार भाजपा नेता का बेटा चला रहा था। महाराष्ट्र कांग्रेस ने X पर घटना का CCTV फुटेज शेयर करते हुए लिखा, 'नागपुर में भाजपा के एक सीनियर नेता के बेटे ने आधी रात को नशे की हालत में चार-पांच कारों को टक्कर मार दी, जिसके बाद पूरा होम डिपार्टमेंट उस लड़के को बचाने और छिपाने में लग गया। क्या कानून व्यवस्था सिर्फ आम जनता को प्रताड़ित करने के लिए है?
संजय राउत बोले- फडणवीस होम डिपार्टमेंट नहीं चला पा रहे शिवसेना (उद्धव गुट) नेता संजय राउत ने मंगलवार (10 सितंबर) को कहा, 'भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का बेटा नशे में था। हैरानी की बात यह है कि FIR में उसका नाम नहीं है। हादसे के बाद कार की नंबर प्लेट भी हटा दी गई थी। नागपुर के रहने वाले डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस अगर होम डिपार्टमेंट सही तरीके से नहीं चला पा रहे हैं तो वे इस पद के लिए योग्य नहीं हैं।'
भाजपा चीफ बोले- गलत करने वाले के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले ने भी माना है कि गाड़ी उनके बेटे के नाम पर रजिस्टर्ड है। उन्होंने कहा, 'कार मेरे बेटे के नाम पर है। पुलिस को हादसे की निष्पक्ष जांच करनी चाहिए। न्याय किसी के लिए भी अलग-अलग नहीं है। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे कोई राजनीति से संबंध ही क्यों न रखता हो। कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।'
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खड़गे बोले- मोदी झूठों के सरदार:अगर हमारी 20 सीटें और आतीं तो भाजपा के लोग जेल में होते
अनंतनाग। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार (11 सितंबर) को अनतंनाग में रैली की। उन्होंने कहा- जम्मू-कश्मीर में आज हर जगह हमले हो रहे हैं, फिर भी मोदी जी झूठ बोलने में शर्माते नहीं हैं। क्योंकि वे झूठों के सरदार हैं।
उन्होंने लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा- 'कहां गए 400 पार वाले? वो (भाजपा) 240 सीट पर सिमट गए। अगर हमें (विपक्ष को) 20 सीटें और आ जातीं तो ये सारे लोग जेल में होते। ये लोग जेल में रहने के लायक हैं।'
खड़गे ने कहा- 'भाजपा भाषण तो बहुत देती है, लेकिन काम और कथनी में बहुत अंतर होता है। भाजपा चाहे जितनी कोशिश कर ले, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस का गठबंधन कमजोर नहीं होगा। हमने संसद में अपनी ताकत दिखाई है। हम उसी ताकत के साथ आगे बढ़ेंगे।' मंच पर खड़गे के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रेसिडेंट फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद रहे।

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कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में बिजली पोल पर किशोरी का शव लटकता मिलने से सनसनी फैल गई। इस मामले में परिजनों ने रेप कर हत्या करने की आशंका जताई है. इधर, घटनास्थल पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
यह घटना छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र की है। जहां मंगलवार को खेत में काम करने गई किशोरी का बिजली पोल पर लटका शव मिला. जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया. वहीं परिजनों का आरोप है कि पुरानी रंजिश में पहले किशोरी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया है. फिर उसकी हत्या कर दी गई है।
परिजनों का यह भी कहना है कि वो लगातार पुलिस से मदद मांगते रहे. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. जिसके चलते यह घटना हुई है. अगर समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो किशोरी की आबरू और जान दोनों ही बच जाती. बता दें कि किशोरी के शरीर पर कई चोट के निशान भी मिले हैं. परिजनाें के इन आरोपों के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि, पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
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सोलापुर में ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश, रेलवे ट्रैक पर मिला बड़ा पत्थर
सोलापुर। कानपुर और अजमेर के बाद अब महाराष्ट्र के सोलापुर में ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश सामने आई है। सोलापुर में रेलवे ट्रैक पर बड़ा पत्थर मिला है। जिले के कुर्डुवाडी स्टेशन से करीब एक किलोमीटर दूर रेलवे ट्रैक पर सीमेंट का बड़ा पत्थर मिला है। लोको पायलट की सावधानी से हादसा टल गया। इसके बाद रेलवे कर्मचारियों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है।
रेलवे पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार की रात करीब 8:30 बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने कुर्डुवाडी रेलवे स्टेशन से करीब 700 मीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में ट्रैक पर एक बड़ा सीमेंट पत्थर रख दिया था। इसी दौरान लोको पायलट रियाज शेख और जेई उमेश ब्रदर इलेक्ट्रिक रेलवे के ओवरहेड तारों के रखरखाव के लिए टावर वैगन को सोलापुर से कुर्डुवाडी ला रहे थे। उन्होंने ट्रैक पर एक पत्थर देखा तो मालगाड़ी को करीब 200 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया और संबंधित रेलवे अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।
बता दें कि इसके पहले राजस्थान के अजमेर में भी मालगाड़ी को पलटाने की साजिश का मामला सामने आया है। अजमेर के सरधना में रविवार रात रेलवे ट्रैक पर 70 किलो के सीमेंट के दो ब्लॉक रखकर मालगाड़ी को डीरेल करने की कोशिश की गई। गनीमत रही कि ट्रैन सीमेंट ब्लॉक को तोड़ती हुई आगे निकल गई और कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इसे लेकर कर्मचारियों ने मांगलियावास पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।
कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश सामने आई थी। रात करीब 08:30 बजे प्रयागराज से भिवानी की ओर जाने वाली कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन रेलवे लाइन पर रखे एलजीपी सिलेंडर से टकरा गई थी, जिसके बाद धमाका भी हुआ था। यह घटना अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर बर्राजपुर और बिल्हौर स्टेशन के बीच हुई थी। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और कई एजेंसियां इसका खुलासा करने के लिए जांच में जुट गई है।
कालिंदी एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश के पीछे जांच एजेंसियों को आतंकी संगठन आईएस के खुरासान माड्यूल पर शक गहराता जा रहा है। लिहाजा इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), यूपी ATS समेत कई एजेंसियां कानपुर में डेरा डाले हुए हैं और हर पहलू से साजिश की जांच कर रही है। फिलहाल जांच एजेंसियों को कोई अहम सुराग नहीं मिला है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह लोन वूल्फ अटैक की कोशिश है।
बीते कई दिनों से रेलवे को निशाना बनाने वाले कई मामले सामने आए है। बीते अगस्त महीने से लेकर अबतक यानी करीब 40 दिनों में ट्रेनों के डीरेल होने की करीब 18 ऐसी कोशिशें हो चुकी हैं। अगर बीते दो साल की बात करें तो इस दौरान 24 ऐसी कोशिशें की जा चुकी हैं, जिनसे रेलवे को नुकसान पहुंचे. इनमें कानपुर में रेलवे ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर से लेकर तेलंगाना में लोहे की रोड और फर्रूखाबाद में रेलवे लाइन पर लकड़ियां रखना शामिल है। इन सब मामलों में पुलिस से लेकर तमाम एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।
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मणिपुर में राजभवन जा रहे छात्रों की सुरक्षाबलों से झड़प, 2 जिलों में कर्फ्यू, राज्य में 6 दिन इंटरनेट बैन
इम्फाल। राजभवन की ओर मार्च कर रहे स्टूडेंट्स पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे। मणिपुर में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन छात्रों का हिंसक प्रदर्शन जारी है। राजभवन की ओर मार्च कर रहे स्टूडेंट्स की सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। छात्रों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया और गुलेल से छर्रे मारे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे गए।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र ने मंगलवार को मणिपुर में 2,000 और CRPF जवान भेजने का फैसला किया है। 9 सितंबर को भी स्टूडेंट्स ने राजभवन पर पत्थरबाजी की थी, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट्स दागी थीं। 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। 9 सितंबर की रात मैतेई समुदाय की महिलाओं ने ड्रोन हमलों के विरोध में मशाल जुलूस निकाला था। राजभवन और मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया था। प्रशासन ने इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में कर्फ्यू लगा दिया है। राज्य में 15 सितंबर की शाम 3 बजे तक इंटरनेट बैन कर दिया गया है। छात्रों का नेतृत्व कर रहे एम. सनाथोई चानू ने बताया- हमने DGP, राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग की है। CRPF के पूर्व DG कुलदीप सिंह के नेतृत्व में बनी यूनिफाइड कमांड राज्य सरकार को सौंपने की मांग की है।

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भारत में मंकीपॉक्स से बढ़ती चिंता को देखते हुए केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है. हाल ही में एक संदिग्ध मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और स्क्रीनिंग व संपर्क ट्रेसिंग पर जोर देने की हिदायत दी है. गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पहले ही मंकीपॉक्स को लेकर चिंता जता चुका है, क्योंकि इस बीमारी से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए स्क्रीनिंग में तेजी लाने और स्थिति पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है. हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत यात्रा से संबंधित मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
दिल्ली में संदिग्ध मामला सामने आया रविवार को मंत्रालय ने मंकीपॉक्स के एक संदिग्ध मामले की पुष्टि की थी. यह व्यक्ति विदेश से भारत लौटा था, जिसे आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी स्थिति स्थिर बताई गई है. मंत्रालय ने बताया कि मरीज के सैंपल की जांच जारी है ताकि मंकीपॉक्स की पुष्टि की जा सके.
मंत्रालय ने कहा कि मामले को प्रोटोकॉल के अनुसार संभाला जा रहा है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों का पता लगाकर उनका आकलन किया जा रहा है. यह कदम राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) द्वारा किए गए पहले के जोखिम मूल्यांकन के अनुरूप है, और इस समय किसी भी अनावश्यक चिंता का कारण नहीं है.
हाल ही में मंकीपॉक्स को दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (PHEIC) घोषित किया गया था, क्योंकि यह बीमारी अफ्रीका के कई हिस्सों में फैल रही है. 2022 में WHO द्वारा इसे पीएचईआईसी घोषित किए जाने के बाद भारत में अब तक इस बीमारी के 30 मामले सामने आ चुके हैं. इस साल मार्च में मंकीपॉक्स का आखिरी मामला रिपोर्ट किया गया था.
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से अब तक 116 देशों में 99,176 मंकीपॉक्स के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 208 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले साल इस बीमारी के मामलों में काफी वृद्धि देखी गई थी और इस साल के मामलों की संख्या पिछले साल से भी अधिक हो गई है.
मंकीपॉक्स क्या है? मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति या जानवर के सीधे संपर्क में आने से फैलती है. इसे एमपॉक्स भी कहा जाता है. यह वायरस जानवरों और इंसानों दोनों को प्रभावित कर सकता है. मंकीपॉक्स के लक्षण 3 से 17 दिनों के बीच दिखाई दे सकते हैं, जिसे इनक्यूबेशन पीरियड कहा जाता है. इसके लक्षणों में बुखार, दाने, और सूजन शामिल होते हैं.
कांगो में सबसे ज्यादा मामले फिलहाल, मंकीपॉक्स का सबसे अधिक प्रकोप अफ्रीका के कांगो में देखने को मिल रहा है, जहां 2023 में अब तक 27,000 से अधिक मामले सामने आए हैं और 1100 लोगों की मौत हो चुकी है. खासतौर पर बच्चे, गर्भवती महिलाएं और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. कांगो में मंकीपॉक्स के दो स्ट्रेन तेजी से फैल रहे हैं, जिसके कारण स्थिति और भी गंभीर हो गई है.
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रामेश्वरम कैफे विस्फोट: NIA का खुलासा- मुस्लिम युवाओं को डार्क वेब-क्रिप्टो के जरिए IS में भर्ती की हुई साजिश
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ जो आरोपपत्र दायर किया है, उसमें अहम खुलासा हुआ है। मुस्लिम युवाओं को गुमराह कर उन्हें वैश्विक आतंकी संगठन 'आईएसआईएस' में शामिल करने के लिए बड़ी साजिश रची जा रही थी। सुरक्षा एवं जांच एजेंसियों से बचने के लिए ये आतंकी डार्क वेब, क्रिप्टो मुद्रा व टेलीग्राम की मदद ले रहे थे।
एनआईए ने सोमवार को हाई - प्रोफाइल बंगलूरू रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। इन आरोपियों में मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ शामिल हैं। इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए), विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और पीडीएलपी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है। ये चारों आरोपी आरसी-01/2024/एनआईए/बीएलआर मामले में फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इस साल एक मार्च को आईटीपीएल बंगलूरू के ब्रुकफील्ड स्थित रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे। होटल की संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा था।
एनआईए ने 3 मार्च को इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस केस में विभिन्न राज्य पुलिस बलों और अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय कर कई तकनीकी पहलुओं की जांच की थी। जांच से पता चला है कि शाजिब ही वह शख्स था, जिसने कैफे में बम रखा था। वह, ताहा के साथ, 2020 में अल-हिंद मॉड्यूल आतंकी संगठन का भंडाफोड़ होने के बाद से फरार था। एनआईए द्वारा की गई व्यापक तलाशी के कारण उन्हें रामेश्वरम कैफे विस्फोट के 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल में उनके ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के रहने वाले दोनों व्यक्ति आईएसआईएस के साथ जुड़े हुए थे। उन्होंने पहले सीरिया में आईएसआईएस क्षेत्रों में हिजरत करने की साजिश रची थी।
ये दोनों व्यक्ति भोले-भाले मुस्लिम युवाओं को आईएसआईएस विचारधारा के प्रति कट्टरपंथी बनाने में सक्रिय रूप से शामिल थे। माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ ने ऐसे दर्जनों युवाओं का माइंड वॉश किया था। ताहा और शाजिब ने धोखाधड़ी से प्राप्त भारतीय सिम कार्ड और भारतीय बैंक खातों का उपयोग किया। सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में न आने पाएं, इसके लिए उन्होंने डार्क वेब की मदद ली। इसी की मदद से उन्होंने विभिन्न भारतीय और बांग्लादेशी पहचान पत्र वाले दस्तावेजों को डाउनलोड किया था। जांच से यह भी पता चला है कि ताहा को एक पूर्व दोषी शोएब अहमद मिर्जा ने लश्कर-ए-तैयबा बंगलूरू साजिश मामले में भगोड़े मोहम्मद शहीद फैसल से मिलवाया था। इसके बाद ताहा ने अपने हैंडलर फैसल को अल-हिंद आईएसआईएस मॉड्यूल मामले के आरोपी महबूब पाशा और आईएसआईएस दक्षिण भारत के अमीर खाजा मोहिदीन और बाद में माज मुनीर अहमद से मिलवाया। इन सभी ने मिलकर आईएसआईएस विचारधारा के मुताबिक आतंक को आगे बढ़ाने की साजिश रची थी।
आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए ताहा और शाजिब को उनके हैंडलर द्वारा क्रिप्टो मुद्राओं के माध्यम से वित्त पोषित किया गया था। ताहा ने विभिन्न टेलीग्राम आधारित पी2पी प्लेटफार्मों की मदद से फिएट में बदल दिया। जांच में आगे पता चला है कि आरोपियों ने इस धनराशि का इस्तेमाल बंगलूरू में हिंसा की विभिन्न घटनाओं को अंजाम देने के लिए किया था। इनमें 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन राज्य भाजपा कार्यालय, मल्लेश्वरम, बंगलूरू पर एक असफल आईईडी हमला भी शामिल था। इसके बाद दो मुख्य आरोपियों ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट की योजना बनाई थी।
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8 साल बाद खुलेगी जज की पत्नी की संदिग्ध मौत की फाइल, सुप्रीम कोर्ट ने दिए सीबीआई जांच के आदेश
दंतेवाड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में उच्च न्यायिक सेवा के जज की पत्नी की आठ वर्ष पूर्व संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने महिला की मां और भाई की याचिका पर सीबीआई को जल्दी रिपोर्ट दाखिल करने कहा है।
15 मई 2016 को जिला व सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा के तत्कालीन एडीजे मानवेंद्र सिंह की पत्नी रंजना दीवान सिंह (37) ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। रंजना के मायके ग्राम किरारी, अकलतरा, जांजगीर से उनकी मां मंदाकिनी दीवान, भाई राजीव और सुबोध पहुंचे। तीनों मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे थे। हालांकि गीदम पुलिस ने आत्महत्या बताकर 2017 में मामले को बंद कर दिया था।
CBI जांच करे, जरूरी हो तो FIR करे: SC
SC में कहा गया कि मृतका के पति के वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी होने के कारण जांच प्रभावित हुई।
यह आरोप लगाया गया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी मैनेज की गई। रिपोर्ट में मौत का सच छुपाया गया।
याचिकाकर्ता का कहना था कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छह चोटें ऐसी पाई गईं जो मरने से पहले की थीं।
दोनों का विवाह 2014 में हुआ था। जस्टिस विक्रमनाथ की पीठ ने CBI जांच का आदेश दिया।
कहा कि CBI जल्दी जांच करके रिपोर्ट दाखिल करे। यदि जरूरत हो तो एफआइआर भी दर्ज करे।

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हैदराबाद । इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अजीबो-गरीब रील बनाकर फेमस होने की सनक ने तेलंगाना में 21 वर्षीय युवक की जान ले ली। युवक का नाम शिवराज बताया गया है, जो एक कोबरा को मुंह में लेकर रील बना रहा था। कोबरा के डंसने से युवक की मौत हो गई। यह रील अब सोशल मीडिया पर वायरल है। घटनाक्रम सामने आने के बाद युवाओं को सलाह दी जा रही है कि वे रील के चक्कर में अपनी जिंदगी खतरे में न डालें। नीचे देखिए वीडियो।
पिता के कहने पर शिवराज ने मुंह में रखा था कोबला-
युवक ऐसी रील बनाना चाहता था जो सोशल मीडिया पर वायरल हो जाए।
इसी सनक में उनसे कोबरा को मुंह में रखकर अपना वीडियो शूट करवाया।
घटना के बाद कामारेड्डी जिले के देसीपेट गांव की चर्चा देशभर में हो रही है।
शिवराज अपने पिता के साथ सांपों को पकड़ कर परिवार का पालन-पोषण करता था।
दोनों ने कोबरा पकड़ा था। इसी दौरान पिता ने बेटे को कोबरा मुंह में रखने को कहा।
शिवराज जब ऐसा कर रहा था, तब पिता ही उसका वीडियो शूट कर रहे थे।
सोशल मीडिया पर प्रसारित क्लिप में शिवराज सड़क के बीच में खड़ा नजर आ रहा है। वह हाथ जोड़कर कैमरे की ओर देख रहा है और कोबरा उसके मुंह में रखा है। जैसे-जैसे वीडियो आगे बढ़ता है, शिवराज अपने बालों में हाथ फिराता हैं, जबकि सांप छूटने के लिए छटपटाता नजर आता है। बाद में कोबरा के डंसने से शिवराज की मौत हो जाती है।
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिएक्शन्स आ रहे हैं। यूजर्स ऐसे लोगों पर अपना गुस्सा उतार रहे हैं, जो फेमस होने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं।
एक यूजर ने लिखा, 'लोग अपने जीवन के प्रति बहुत लापरवाह हैं।' एक अन्य ने टिप्पणी की, 'इससे पता चलता है कि हमारे युवा किस तरह सोशल मीडिया के आदी हो चुके हैं। लोकप्रियता पाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।'
कुछ ऐसा ही वीडियो इस साल जुलाई में आंध्र प्रदेश से सामने आया था। एक शराबी व्यक्ति एक घंटे से अधिक समय तक जहरीले कोबरा के साथ खेलता रहा। कोबरा के डंसने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
मधुबाबू नागराजू ने कोबरा को कादिरी में कॉलेज परिसर में रेंगते हुए देखा और उसे पकड़ लिया।
राहगीरों और आसपास खड़े लोगों ने नागराजू को कई बार चेतावनी देने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं माना। आखिरकार कोबरा ने उसे काट लिया।
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सूरत में गणेश पंडाल पर पथराव, 33 गिरफ्तार, पुलिस ने लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले भी दागे
सूरत। सूरत के लालगेट इलाके में गणेश उत्सव के दौरान रविवार देर रात 6 युवकों ने पंडाल पर पथराव किया। इसके विरोध में हजारों लोग सड़क पर आकर प्रोटेस्ट करने लगे।
पुलिस ने बताया कि पथराव करने वाले सभी 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसके अलावा पथराव की घटना का समर्थन करने वाले 27 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गिरफ्तार किए गए लोग दूसरे धर्म के हैं, लोगों का प्रोटेस्ट देर रात हिंसक हो गया। दोनों धर्म के लोगों के बीच भी झड़प देखने को मिली। गाड़ियों में तोड़फोड़ और आग लगाई गईं। शांति की अपील करने पहुंचे स्थानीय विधायक कांति बलर और पुलिस के साथ भी धक्का-मुक्की हुई। DCP विजय सिंह गुर्जर और उनके साथ मौजूद एक अन्य पुलिस ऑफिसर घायल हो गए।
देर रात स्थिति काबू में करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। आंसू गैस के गोले भी दागे गए। सूरत में करीब 1000 पुलिस जवान तैनात किए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने 35 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।
सैयदपुरा इलाका (जहां पंडाल में पथराव हुआ)में बड़े पैमाने पर पुलिस सर्चिंग ऑपरेशन चला रही है। पुलिस पथराव करने वालों की पहचान कर गिरफ्तार करने में जुटी हैं। वहीं, दो धर्म गुटों में संघर्ष न हो, इसके लिए ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
लाठीचार्ज और पथराव करने वालो गिरफ्तार करने के अलावा स्थिति को काबू में करने के लिए पुलिस ने कॉम्बिंग ऑपरेशन शुरू किया। पंडाल के पास के घरों में जाकर पुलिस ने पूछताछ और जांच की, क्योंकि पुलिस को लोगों को बाहर बुलाने पर स्थिति के बिगड़ने का खतरा था।
पूरे शहर में पुलिस फोर्स बढ़ाई गई है। सूरत के उन इलाकों, जहां अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं, वहां पुलिस तैनात की गई। पुलिस ने शहर के सभी इलाकों में गश्त करना भी शुरू किया। नानपुरा, रांदेर, महाराणा प्रताप सर्किल समेत इलाकों की विशेष रूप से निगरानी की गई।
गणेष पंडाल की आयोजक बोलीं- मूर्ति को नुकसान नहीं हुआ गणेश पंडाल की आयोजक मनीषाबेन ने बताया कि पथराव जरूर हुआ है, लेकिन मूर्ति खंडित नहीं हुई है। मूर्ति ड्रम पर रखी गई थी। पथराव के कारण ड्रम टूट गया है। हम इस क्षेत्र में बहुत शांति से रहते हैं और भाईचारा बनाए रखते हैं। जब भी ताजिए का जुलूस हमारे क्षेत्र से निकलते हैं, तब भी को अप्रिय घटना नहीं होती है। पिछले साल भी पास के एक अन्य गणेश पंडाल पर पथराव हुआ था।
गृह मंत्री बोले- शांति भंग करने वाले के खिलाफ कार्रवाई होगी गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि शांति भंग करने वाले के खिलाफ कार्रवाई होगी। सूरत में पुलिस फोर्स बढ़ा दी गई है। सिचुएशन को कंट्रोल करने की कोशिशें की जा रही हैं।
VHP बोली- पथराव करने वालों में छोटे बच्चे भी शामिल विश्व हिंदू परिषद के सूरत नगर के मंत्री नीलेश अकबरी ने कहा- जिस तरह जम्मू-कश्मीर में छोटे-छोटे बच्चों पर पत्थर फेंके जाते थे, उसी तरह का पथराव आज सूरत में भी देखने को मिला है। पथराव करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उपद्रवियों ने गणेश उत्सव में खलल डालने की हरकत की है। इन्हें कानून का सबक सिखाना जरूरी है।
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युवक ने पंडाल में रखी गणेश प्रतिमा तोड़ी, देर रात हिंदू संगठनों ने घेरा थाना
रायपुर में गणेश चतुर्थी से ठीक एक दिन पहले किसी 2 युवकों ने पंडाल में रखी गणेश प्रतिमा को तोड़ दिया। घटना के बाद हिंदू संगठनों ने आजाद चौक थाने का घेराव कर दिया। बवाल के अगले दिन शनिवार को पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले स्थानीय पार्षद के साथ मिलकर देर रात लोगों ने जमकर बवाल मचाया।
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AI का शिकार हुए प्रेमानंद महाराज, ठग उनकी आवाज की नकल कर बेच रहे सामान
। वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के आज लाखों की संख्या भक्त हैं। कई बड़े सेलिब्रिटी उनके यहां आकर माथा टेकते हैं। प्रेमानंद महाराज भक्तों की समस्याओं से जुड़े हर प्रश्न का जवाब देते हैं। उनसे मिलने के लिए किलोमीटर लंबी लाइन लगती है। ऐसे में कई भक्त उनको सोशल मीडिया के जरिए सुनकर मन को शांत करते हैं।
प्रेमानंद महाराज ने सोशल मीडिया से जुड़े भक्तों के लिए एक खास संदेश भिजवाया है। दरअसल, प्रेमानंद महाराज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का शिकार हो गये हैं। ऐसे में श्री हित राधा केली कुंज परिकर ने लोगों से निवेदन किया है कि वह ऐसे अराजक तत्वों से सावधान रहें।
आखिर क्या है पूरा मामला... शनिवार की शाम को प्रेमानंद महाराज के इंस्टाग्राम आईडी भजनमार्ग ऑफिशियल से एक पोस्ट किया गया। उसमें लिखा था कि आप सभी को सूचित किया जाता है कि पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस का दुपरयोग कर पूज्य महाराज जी की आवाज की नकल कर कुछ अराजक तत्व अपने उत्पाद का प्रचार-प्रसार वीडियो एडवरटाइजमेंट्स के जरिए कर रहे हैं, जिससे लोग भ्रमित होकर उनके सामान को खरीद रहे हैं। कृपया आप सभी सतर्क और सावधान रहें व ऐसी किसी भी प्रकार की धोखधड़ी में ना फंसे।
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उन्नाव में 400 करोड़ रुपए की ठगी का मुकदमा दर्ज, चार गिरफ्तार, मुख्य आरोपी फरार
उन्नाव। बांगरमऊ कोतवाली पुलिस ने बताया कि लखनऊ आगरा एक्सप्रेसवे से 51 वर्षीय अनवारुद्दीन उर्फ राजू पुत्र शहाबुद्दीन निवासी मोहल्ला तालाब कस्बा गंज मुरादाबाद थाना बांगरमऊ को गिरफ्तार किया गया है। इसके खिलाफ बांगरमऊ कोतवाली में पांच मुकदमा दर्ज है। जिसे आईपीसी की धारा 406/504/506 और 3/5/21/23 BUDS ACT में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने अनवारुद्दीन को अदालत के सामने पेश किया है‌। जहां से जेल भेज दिया गया।
क्या था मामला?-15 में 2024 को बांगरमऊ कोतवाली में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें अरबाज उर्फ कासान अदनान पुत्र गण अनवारुद्दीन उर्फ राजू अनवारुद्दीन उर्फ राजू और अयाजउद्दीन पुत्रगण शहाबुद्दीन निवासी गण गंज मुरादाबाद बांगरमऊ शामिल थे। सभी पर आरोप है कि इन लोगों ने लालच देकर लोगों से लगभग 400 करोड रुपए की ठगी की है।
क्या कहता है पीड़ित?-अली ने बताया कि उन्होंने धीरे-धीरे करके लगभग 2 करोड रुपए अलग-अलग तरीकों में जमा कराया था और यह रकम फहीम खान, सना अब्दुलहक खान, आफरीन पुत्री इकबालुद्दीन, अदनान खान, अरबाज इंटरप्राइजेज, उमर, तनवीर, नाजरीन बेगम के खातों में जमा किए गए थे। उन्होंने अधिक कमाई के लालच में बाजार से पैसा लिया था। कुछ पैसा रिश्तेदार और मित्रों का भी था। ‌अब मामला मुख्यमंत्री के पास भी पहुंच चुका है।‌