This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

User Rating: 4 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Inactive

महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार शाम को मानसून सत्र के दौरान विधानसभा लॉबी में हुई मारपीट मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है। दरअसल, इस मामले में एनसीपी शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई है। उन पर सरकारी कामकाज में बाधा डालने का आरोप है। मालूम हो कि विधायक जितेंद्र आव्हाड ने गुरुवार शाम को विधानसभा के बाहर अपने कार्यकर्ता नितिन देशमुख की गिरफ्तारी पर विरोध किया था। इस दौरान पुलिस की गाड़ी के नीचे घुसकर उसे रोकने की कोशिश की।
इस मामले में पुलिस ने दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। इसमें भाजपा नेता गोपीचंद पड़लकर के समर्थक सर्जेराव बबन टकले और जितेंद्र आव्हाड के कार्यकर्ता नितिन देशमुख को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले को लेकर रात भर विधानसभा के परिसर और मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ।
जैसे ही पुलिस ने नितिन देशमुख को गिरफ्तार किया, एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड भड़क गए। उन्होंने पुलिस की गाड़ी रोकी, गाड़ी के नीचे घुसने की कोशिश की। इसके बाद उन्होंने पुलिस स्टेशन में भी जमकर हंगामा किया है। जितेंद्र आव्हाड ने आरोप लगाया है कि उन्होंने जिस तरह से इशारे किए, यह सब साफ तौर पर पहले ही प्लान था। जब वह मुझ तक नहीं पहुंच पाए तो उन्होंने मेरे पार्टी कार्यकर्ता पर हमला किया। जो बात सच में दुखद है वह यह है कि केवल दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। बाकी लोग कहां हैं? सरकार हमलावरों का समर्थन कर रही है और आरोपियों को नहीं पकड़ सकती है।
विधानसभा की लॉबी में दो पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हुई फ्री स्टाइल में मारामारी पर महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सख्त रुख अपनाया है। विधानसभा में विधायकों के साथ अब उनके PA को छोड़कर किसी भी कार्यकर्ताओं को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा अब किसी भी पार्टी की बैठक विधानभवन परिसर में नहीं होगी।
इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि विधानसभा की लॉबी में हुई मारपीट की घटना को राजनीतिक रंग ना दिया जाए, क्योंकि ये बिल्कुल सही नहीं है। ये सिर्फ दो विधायकों का मुद्दा नहीं है, यह हम सभी विधायकों का मामला है, सभी विधायकों की गरिमा का प्रश्न है। आज हम सभी लोगों को बाहर सभी को शक भरी नजरों से देखा जा रहा है। इस दौरान उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि विधानसभा पर किसी का मालिकाना हक नहीं है, न विधानसभा के अध्यक्ष का, ना मंत्री का और ना ही विधायक का। इस मामले में मारपीट करने वाले नीतीश देशमुख पर आठ मामले पहले दर्ज हैं, जबकि सार्जेराव बबन टकले के खिलाफ 6 केस दर्ज हैं। ऐसे लोग विधानसभा में आकर मारपीट कर रहे हैं, यह चिंताजनक है।
--------------------------------
महाराष्ट्र के इस्लामपुर का नाम बदलकर किया गया ईश्वरपुर, 1986 से नाम बदलने की हो रही थी मांग
महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी फैसला लेते हुए सांगली जिले के इस्लामपुर कस्बे का नाम बदलने का एलान किया है। अब इस्लामपुर को ईश्वरपुर के नाम से जाना जाएगा। यह फैसला विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन लिया गया है।
खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने विधानसभा में बताया कि यह निर्णय गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। इसके बाद अब राज्य सरकार इस फैसले को केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजेगी।
इस मांग के पीछे हिंदुत्ववादी संगठन शिव प्रतिष्ठान की प्रमुख भूमिका रही। संगठन ने सांगली जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने की मांग की थी।
शिव प्रतिष्ठान के प्रमुख संबाजी भिडे के समर्थकों ने इस नाम परिवर्तन की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चलाया था। उनका कहना है कि जब तक यह मांग पूरी नहीं होती वे शांत नहीं बैठेंगे। क्षेत्र के एक शिवसेना नेता ने भी बताया कि साल 1986 से यह मांग लंबित थी।
----------------------------------
शराब घोटाला : भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेजे गए, पूर्व CM ने मोदी-शाह पर लगाए आरोप
रायपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को शुक्रवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी राज्य के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) की जांच के तहत हुई है।
ईडी ने यह कार्रवाई भिलाई स्थित उनके आवास पर सुबह छापेमारी के बाद की। गिरफ्तारी के बाद चैतन्य को रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने उन्हें 22 जुलाई तक 5 दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया। कोर्ट में पेशी के दौरान भूपेश बघेल, चरणदास महंत और मोहम्मद अकबर समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
गिरफ्तारी के दिन ही चैतन्य बघेल का जन्मदिन भी था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- पिछली बार मेरे जन्मदिन पर ईडी को भेजा गया था। इस बार मेरे बेटे के जन्मदिन पर। मोदी-शाह अपने मालिक को खुश करने के लिए ईडी का इस्तेमाल कर रहे हैं। भूपेश बघेल न झुकेगा, न डरेगा।”
बघेल ने आरोप लगाया कि विधानसभा सत्र के अंतिम दिन जब वह सदन में अडाणी ग्रुप द्वारा रायगढ़ जिले की तमनार तहसील में पेड़ कटाई का मुद्दा उठाने वाले थे, उसी समय उनके घर पर ईडी की छापेमारी की गई।
ईडी की जांच के अनुसार, छत्तीसगढ़ में यह कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ, जब राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी। ईडी ने कहा है कि इस घोटाले में राज्य सरकार को 2100 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ और यह पूरा खेल एक संगठित शराब सिंडिकेट के जरिए किया गया। इस सिंडिकेट में आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर जैसे नाम शामिल हैं।
ईडी ने दावा किया कि इस सिंडिकेट ने शराब की अवैध बिक्री से जो मोटी कमाई की, उसे राज्य के शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व के निर्देशों के अनुसार विभिन्न स्तरों पर बांटा गया।
सूत्रों के अनुसार, ईडी ने चैतन्य बघेल को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया। ईडी का कहना है कि उन्हें चैतन्य बघेल से जुड़ी कंपनियों में करीब 17 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (proceeds of crime) के सबूत मिले हैं। इसके साथ ही, चैतन्य करीब 1070 करोड़ रुपये की संदेहास्पद राशि और उसके उपयोग को लेकर भी ईडी की जांच के दायरे में हैं। ईडी का आरोप है कि उन्होंने इस मामले में सहयोग नहीं किया, जिसके कारण यह कार्रवाई की गई।
ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को दबाया जा रहा है। भूपेश बघेल ने कहा, हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। हम ईडी की जांच में सहयोग करेंगे, लेकिन केंद्र की बदले की राजनीति को बेनकाब करते रहेंगे।

User Rating: 3 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar InactiveStar Inactive

बिहार पुलिस की तरफ से कल बुधवार को ही शूटर सेल बनाने की बात कही गई थी. लेकिन अगले ही दिन यानी आज गुरुवार को राजधानी पटना में सुबह-सुबह हत्या की दो वारदातों को अंजाम देकर अपराधियों ने लॉ एंड ऑर्डर को खुलेआम चुनौती दे दी. सबसे पहले पटना से सटे दानापुर में एक हत्याकांड की खबर आई. यहां बीस वर्षीय बंटी नाम के एक युवक को धारदार हथियार से काट डाला गया.राजधानी पटना से सटे दानापुर शाहपुर थाना क्षेत्र के हथियाकांध में अपराधियों ने घर के पास ही धारदार हथियार से एक युवक की सुबह-सुबह ही हत्या कर दी. मृतक की पहचान स्थानीय निवासी राकेश सिंह के पुत्र शिवम उर्फ बंटी (20 वर्ष) के रूप मे की गई है.
इस हत्याकांड से आसपास के इलाकों में सनसनी फैल गई. आननफानन में पुलिस की टीम भी मौके पर पहुंची. पुलिस इस घटना की छानबीन में जुटी है. दानापुर पुलिस इस हत्याकांड की शुरुआती जांच-पड़ताल में ही जुटी थी कि दानापुर से कुछ ही दूर पटना के शास्त्रीनगर में स्थित पारस अस्पताल में मर्डर हो गया. बड़ी हैरानी की बात है कि अपराधियों ने पारस अस्पताल के आईसीयू में घुसकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया है. पारस अस्पताल पटना का एक बड़ा अस्पताल है. इस अस्पताल में निजी सुरक्षा गार्ड भी तैनात रहते हैं. यह अस्पताल काफी भीड़भाड़ वाले इलाके में मौजूद है. इस अस्पताल से कुछ ही दूरी पर पटना के कई वीआईपी इलाके भी हैं.
इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. पटना वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय कुमार शर्मा ने घटना की पुष्टि की है. दरअसल उम्र कैद की सजा काट रहे चंदन को परिजन इलाज कराने के लिए पारस अस्ताल लाए थे. इस संबंध में पांच की संख्या में अपराधियों के घुसने की बात बताई जा रही है. अस्पताल के अंदर हुई घटना से जहां मौके पर अफरातफरी मच गई. वहीं चार अपराधियों ने हथियारों से लैस होकर अस्पताल के सेकंड फ्लोर पर पहुंचे और तमाम सुरक्षा व्यवस्था को ताक पर रखते हुए चंदन मिश्रा को चार गोली मार दी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई. गौरतलब हो कि इस अस्पताल के सुरक्षा गार्ड आम लोगों को मोबाइल पर फोटो खींचने से मना किया करते हैं. इतना ही नहीं ज्यादा गुस्सा आने पर बदतमीजी करने से भी बाज़ भी नहीं आते, लेकिन इस घटना को पांच अपराधियों ने हथियारों से लैस होकर आईसीयू में जाकर कैसे एक ईलाज रत कैदी को गोली मारकर भागने में सफल हो गए यह एक यक्ष प्रश्न है.
वहीं इस घटना के संबंध में पुलिस का कहना है कि चंदन, बेऊर जेल से पेरोल पर इलाज के लिए पारस अस्पताल आया था. इसी दौरान अस्पताल के अंदर पांच अपराधी घुसे और उसे गोली मार दी. बक्सर में केसरी नाम के व्यक्ति की हत्या के मामले में वह आरोपी है. पारस हॉस्पिटल में हुई मरीज की हत्या के बाद पूरे पटना शहर में अहले सुबह- सवेरे ही सनसनी मच गई है. वहीं पटना पुलिस के तमाम अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं. मामला पटना के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र का है. इस पूरे मामले में अस्पताल के सुरक्षा प्रबंधन पर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं. फिलहाल पुलिस अस्पताल के अंदर और बाहर का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है.
ज्ञात हो कि 21 अगस्त 2011 को बक्सर में रंगदारी नहीं देने पर चूना कारोबारी राजेंद्र केसरी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. इस हत्याकांड में मृतक के परिजनों के द्वारा कुख्यात अपराधी शेरू सिंह और चंदन मिश्रा समेत कुछ अन्य आरोपित बनाए गए थे और इनपर मुकदमा दर्ज हुआ था.चंदन मिश्रा और शेरू बंगाल से गिरफ्तार हुए थे. शेरू को जब कोर्ट में पेश किया गया था और जज फैसला सुना रहे तो मौका देखकर शेरू ने कोर्ट में ही एक पुलिसकर्मी की हत्या गोली मारकर कर दी थी और फरार हो गया था.बाद में उसे आरा पुलिस ने पकड़ा था. बक्सर जिला अदालत ने ओंकारनाथ सिंह उर्फ शेरू को फांसी की सजा सुना दी थी. हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने फांसी पर रोक लगा दी थी. वहीं इसी हत्याकांड में चंदन मिश्रा को उम्रकैद की सजा सुनाई गयी थी.
---------------------------------
7 दिन बंद रहेंगे सभी स्कूल, कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 17 जुलाई से 23 जुलाई तक बंद रखने का निर्णय लिया है। शहर में प्रतिदिन बढ़ रही कांवड़ियों की संख्या को देखते हुए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है।
मेरठ रोड की एक साइड रिजर्व होने के कारण बुधवार को स्कूल जाने वाले बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सड़क पर लगे बैरिकेड्स के नीचे से होकर बच्चे किसी तरह स्कूल पहुंचे। ट्रैफिक डायवर्जन और बैरिकेडिंग की वजह से पूरे दिन जाम की स्थिति बनी रही। मेरठ रोड के आस-पास के कई स्कूलों को 16 जुलाई से ही बंद कर दिया गया है। छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए इन स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
11 जुलाई से शिव भक्तों की कांवड़ यात्रा प्रारंभ हो चुकी है, जो 23 जुलाई तक चलेगी। इस दौरान शिवरात्रि के दिन शिवजी का जलाभिषेक किया जाएगा। कांवड़ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु गाजियाबाद से हरिद्वार गंगाजल लेने जाते हैं। कांवड़ियों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए शहर के कई मार्गों पर यातायात प्रतिबंधित किया गया है।
हरिद्वार और अन्य स्थानों से गंगाजल लेकर लौट रहे कांवड़िए अपनी मंजिल की ओर बढ़ने लगे हैं। जल्द ही मेरठ सीमा से लगे हाईवे पर कांवड़ियों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। इसके लिए पुलिस-प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मंगलवार को पुलिस ने परतापुर से लेकर दादरी गांव तक के अवैध कट पर बैरिकेडिंग कर उन्हें बंद कर दिया। हाईवे को वन-वे किए जाने के कारण बुधवार को भी दिनभर जाम की स्थिति बनी रही।
----------------------------------
रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ीं, गुरुग्राम ज़मीन घोटाले में ED ने दाखिल की चार्जशीट, 37.6 करोड़ की 43 प्रॉपर्टी अटैच ; 18 घंटे हुई थी पूछताछ
जाने-माने बिजनेसमैन और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा के शिकोहपुर में हुए जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है. उनके साथ ही इसमें और भी कई लोगों और कंपनियों के नाम भी शामिल हैं. चार्जशीट में बताया गया है कि इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों जैसे स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. की कुल 43 अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं। वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में 7.5 करोड़ रुपये में 3.53 एकड़ ज़मीन खरीदी थी। यह जमीन गुरुग्राम के शिखोपुर में खरीदी गई थी।
आरोपों के मुताबिक परियोजना पूरी किए बिना ही उतनी ही ज़मीन 58 करोड़ रुपये में बेच दी गई। चार्जशीट में रॉबर्ट वाड्रा को आरोपी बनाया गया है। इस मामले में ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा से 18 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। रॉबर्ट वाड्रा के साथ-साथ हरियाणा के कई अन्य कांग्रेस नेताओं से भी पूछताछ की गई थी।
क्या है पूरा मामला? 1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने एक एफआईआर (नं. 288) दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया कि रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव (सेक्टर 83) में 3.53 एकड़ ज़मीन धोखाधड़ी से खरीदी थी। यह ज़मीन उन्होंने ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. से 12 फरवरी 2008 को खरीदी थी और इसमें झूठा दस्तावेज़ी बयान देने का आरोप है।
आरोप ये भी है कि वाड्रा ने अपना निजी प्रभाव इस्तेमाल करके इस ज़मीन के लिए कमर्शियल लाइसेंस भी हासिल कर लिया।
अब इस केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 16 जुलाई 2025 को एक अस्थायी कुर्की आदेश (Provisional Attachment Order) जारी किया है। इसके तहत रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों जैसे स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. की कुल 43 अचल संपत्तियां जिनकी कीमत 37.64 करोड़ रुपये है, कुर्क की गई हैं।
इसके बाद 17 जुलाई 2025 को राउज़ एवेन्यू कोर्ट, नई दिल्ली में इस मामले में 11 लोगों/संस्थाओं के खिलाफ चार्जशीट (Prosecution Complaint) दाखिल की गई है। इसमें रॉबर्ट वाड्रा, उनकी कंपनियां, सत्यनंद याजी, केवल सिंह विर्क, और उनकी कंपनी ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्रा. लि. को आरोपी बनाया गया है।
हालांकि, अभी कोर्ट ने इस चार्जशीट पर संज्ञान (cognizance) नहीं लिया है यानी अदालत ने अभी यह तय नहीं किया है कि इन आरोपों पर मुकदमा चलाया जाएगा या नहीं।
राबर्ट वाड्रा से जुड़े इस मामले में हुई गड़बड़ी का खुलासा आईएएस अशोक खेमका ने किया था. दिसंबर 2023 में ईडी ने इस मामले में यूएई स्थित व्यवसायी सीसी थंपी और ब्रिटेन के हथियार डीलर संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में वाड्रा और उनकी पत्नी प्रियंका गांधी का नाम आरोपी के तौर पर नहीं है, लेकिन उनकी भूमि खरीद-बिक्री का विवरण शामिल है.
ईडी ने कहा था कि वाड्रा से कथित तौर पर जुड़े थंपी ने 2005 से 2008 के बीच दिल्ली-एनसीआर स्थित रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा के जरिए हरियाणा के फरीदाबाद के अमीरपुर गांव में लगभग 486 एकड़ जमीन खरीदी थी. आरोपपत्र के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा ने 2005-2006 में एचएल पाहवा से अमीरपुर में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन टुकड़े खरीदे और दिसंबर 2010 में उसी जमीन को एचएल पाहवा को बेच दिया. ईडी के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अप्रैल 2006 में एचएल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अमीरपुर गांव में 40 कनाल (05 एकड़) कृषि भूमि खरीदी और फरवरी 2010 में उसी जमीन को एचएल पाहवा को बेच दिया.

User Rating: 3 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar InactiveStar Inactive

महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा कि मदरसों में उर्दू की जगह मराठी पढ़ाई जानी चाहिए और मुसलमानों को अजान मराठी में देनी चाहिए। राणे ने यह बयान कांग्रेस के मुंबई के कुछ इलाकों में मराठी पाठशालाएं शुरू करने पर पूछे गए सवाल के जवाब में दिया।
राणे ने बुधवार को कहा कि, 'कांग्रेस को मराठी स्कूल चलाने की जरूरत क्यों है? विपक्ष को मुसलमानों से कहना चाहिए कि अजान मराठी में दी जाए। हमारे मंदिरों के बाहर 'जय श्रीराम' के नारे लगते हैं, लेकिन दुकानों के अंदर 'अब्दुल' बैठा है।'
राणे के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने विरोध जताया है। AIMIM नेता वारिस पठान ने कहा कि बीजेपी नेता धर्म और भाषा के नाम पर नफरत फैला रहे हैं। मुख्यमंत्री को ऐसे नेताओं पर रोक लगानी चाहिए।
कांग्रेस नेता अमीन पटेल ने कहा कि मदरसों में पहले से ही हिंदी और अंग्रेजी पढ़ाई जाती है, और कुछ संस्थानों में मराठी भी सिखाई जाती है। उन्होंने कहा, 'अजान अरबी में दी जाती है, धर्म और भाषा दो अलग चीजें हैं।'
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सापकाल ने कहा, 'हम हिंदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जबरदस्ती तीसरी भाषा थोपने के खिलाफ हैं। हम मारपीट नहीं करेंगे, बल्कि मराठी सिखाएंगे।”
भाजपा नेता और महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे ने कहा था, 'मैं हिंदुओं के वोट से विधायक बना हूं। गोल टोपी और दाढ़ी वालों ने उन्हें वोट नहीं दिया। इसलिए अगर मैं हिंदुओं का समर्थन नहीं करेंगे, तो क्या उर्दू बोलने वालों का समर्थन करूंगा। वे हरे सांप हैं। मुंबई का DNA हिंदू है।'
राणे 11 जुलाई को मुंबई में महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड की ₹33.94 करोड़ के प्रोजेक्ट बोरीवली रो-रो जेट्टी फेज-1 का शिलान्यास करने गए थे, जहां उन्होंने यह बयान दिया।
राणे की यह टिप्पणी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) नेता जावेद शेख के बेटे की मराठी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर राजश्री मोरे के साथ दुर्व्यवहार और मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद के कुछ दिनों बाद आई है।
नितेश राणे ने मनसे पार्टी पर निष्क्रियता का आरोप लगाया था। मनसे पार्टी चुनिंदा रूप से केवल गरीब हिंदुओं को निशाना बनाती है। राणे ने कहा- उसका नाम राहिल शेख है, और वे उसका वीडियो जारी नहीं करेंगे। वे सिर्फ गरीब हिंदुओं को निशाना बनाएंगे क्योंकि उन्होंने इस हिंदू राष्ट्र को बांटने, जिहादियों को खुश करने का ठेका ले रखा है।
वे जो नियम हिंदुओं पर थोपते हैं, वही नियम शेख पर कब थोपेंगे? यह हमारा शुरू से सवाल रहा है। यह साफ तौर पर राजनीति है। वे शेख पर कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। मोहम्मद अली रोड और बेहरामपाड़ा में घूमते समय उनके सुर नरम पड़ जाते हैं।

-----------------------------------------------
मोदी कैबिनेट के बड़े फैसले:सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना लॉन्च करने का ऐलान किया
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक 16 जुलाई बुधवार को हुई, जिसमें खेती और हरित ऊर्जा से जुड़ी कई बड़ी घोषणाएं की गईं.
सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना लॉन्च करने का ऐलान किया है. इसका मकसद देशभर के कृषि आधारित जिलों का समग्र विकास करना है. इस योजना के अंतर्गत 36 विभिन्न कृषि योजनाओं को एक साथ जोड़ा जाएगा. इस योजना का वार्षिक बजट 24 हजार करोड़ रुपए है, जो किसानों की आमदनी बढ़ाने और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने में सहायक होगी.
सरकार ने ऊर्जा कंपनी एनटीपीसी को ?20,000 करोड़ तक की मदद देने की मंजूरी दी है ताकि कंपनी रिन्यूएबल एनर्जी (ग्रीन एनर्जी) में तेज़ी से निवेश कर सके.
ऊर्जा क्षेत्र की एक और प्रमुख कंपनी एनएलसीआईएल को 7,000 करोड़ रुपए का समर्थन मिलेगा. इससे यह कंपनी भी ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकेगी.
इन दोनों कंपनियों को सहयोग देने से साफ है कि सरकार आने वाले समय में हरित ऊर्जा को देश के विकास का आधार बनाना चाहती है. इससे ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में अहम बढ़त मिलेगी.
सरकार के इन तीन फैसलों को मिलाकर लगभग 51 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक योजना तैयार की गई है. यह खेती से लेकर ऊर्जा तक, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की सोच को आगे बढ़ाता है.
------------------------------------
चलती ट्रेन में टीटीई ने यात्री को जमकर पीटा, मचा बवाल
कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे के राजस्थान स्थित कोटा से एक चलती ट्रेन में यात्री की पिटाई का मामला सामने आया है. इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें टीटीई बेरहमी से एक यात्री की टिकट को हुए विवाद में पिटाई करता हुआ नजर आ रहा है. वीडियो में टीटीई लात-घूंसे और थप्पड़ मारता दिख रहा है. वीडियो तीन से चार दिन पुराना बताया जा रहा है. फिलहाल, पीड़ित व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई है और न ही इस संबंध में पीड़ित ने अब तक शिकायत दर्ज कराई है या नहीं इस बात की भी पुष्टि नहीं हो पाई.
वायरल वीडियो डॉ अंबेडकर नगर से निजामुद्दीन तक जाने वाली ट्रेन के जनरल कोच का बताया जा रहा है. वीडियो में टीटीई जनरल कोच में एक यात्री को बेरहमी से पीटते हुआ दिख रहा है. वहीं, बाकी यात्री इस दौरान तमाशबीन बने नजर आ रहे हैं. इस दौरान एक यात्री ने चोरी छिपे वीडियो बना लिया था, जो अब काफी वायरल हो रहा है. पिटाई की यह घटना शामगढ़ से भवानी मंडी स्टेशन के बीच की बताई जा रही है
वीडियो में टीटीई एक यात्री की लात-घूंसे और थप्पड़ों मार रहा है. इस वीडियो टीटीई तो मारता हुआ दिख रहा है, लेकिन पीड़ित यात्री नजर नहीं आ रहा है. इस वीडियो ने ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि, यात्री के शिकायत दर्ज करने की अभी तक जानकारी सामने नहीं आई है. सोशल मीडिया पर लोगों की इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. वीडियो अपने आप में सच्चाई बयां कर रहा है.
फिलहाल, अब इस पूरे मामले देखने वाली बात यह होगी कि रेलवे प्रशासन आरोपी टीटीई के खिलाफ कब और क्या कार्रवाई करता है. बताया जा रहा है कि टीटीई और यात्री के बीच टिकट को लेकर विवाद हुआ था. इस बात को लेकर उसने यात्री को पीट दिया, लेकिन किसी भी यात्री की इस तरह से पिटाई करना बहुत ही शर्मनाक घटना है.

 

User Rating: 5 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Active

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में मंगलवार शाम एक भीषण सड़क हादसा हो गया। मुवानी से बकटा जा रही एक मैक्स गाड़ी अचानक बेकाबू होकर करीब 150 मीटर गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में 8 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए।
यह हादसा सोनी पुल के पास हुआ। हादसे के वक्त गाड़ी में 13 लोग सवार थे। जैसे ही घटना की सूचना मिली, प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई। रेस्क्यू ऑपरेशन तुरंत शुरू किया गया और घायलों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।
पिथौरागढ़ की एसएसपी रेखा यादव ने बताया कि गाड़ी मुवानी से बोकटा की ओर जा रही थी, तभी ड्राइवर का नियंत्रण बिगड़ गया और गाड़ी सीधे नदी में जा गिरी। हादसे में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। रेस्क्यू अभी भी जारी है।
प्रशासन की टीम इस दर्दनाक हादसे के पीछे की वजह की जांच में जुट गई है। माना जा रहा है कि सड़क की हालत या तकनीकी खराबी इसके पीछे हो सकती है। मृतकों की शिनाख्त और परिवारों को सूचना दी जा रही है। हादसे के बाद इलाके में शोक का माहौल है।
------------------------------------
राहुल गांधी का लखनऊ कोर्ट में सरेंडर, 5 मिनट बाद जमानत
लखनऊ. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार 15 जुलाई की दोपहर को लखनऊ कोर्ट में सरेंडर किया। इसके 5 मिनट बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आलोक वर्मा ने 20-20 हजार के दो बॉन्ड पर राहुल को जमानत दी। राहुल के वकील ने जमानत याचिका डाली थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। राहुल कोर्ट के अंदर करीब 30 मिनट तक रहे।
राहुल दिल्ली से लखनऊ एयरपोर्ट आने के बाद सीधे एमपी-एमएलए कोर्ट पहुंचे थे। भारतीय सेना पर की गई टिप्पणी को लेकर कोर्ट ने उन्हें पेश होने का आदेश दिया था। पिछली 5 सुनवाई के दौरान राहुल हाजिर नहीं हुए। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें समन जारी किया था। जमानत मिलने के बाद राहुल कोर्ट से सीधे अमौसी एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।
राहुल के वकील प्रांशु अग्रवाल ने कोर्ट से राहुल की पेशी पर छूट की मांग की थी। मगर कोर्ट ने राहुल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया था। कोर्ट गेट पर गाडिय़ों का काफिला पहुंचते ही पुलिस ने राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी और आराधना मिश्रा की कार रुकवा दी। पुलिस से नोकझोंक के बाद दोनों लोग पैदल चलकर अंदर गए।
बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने 11 फरवरी को सीजेएम कोर्ट में राहुल के खिलाफ केस दायर किया था। इसमें कहा- राहुल ने 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भारतीय सेना पर टिप्पणी की थी। उन्होंने 9 दिसंबर 2022 को भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प का जिक्र किया। राहुल ने कहा था कि चीनी सैनिक भारतीय सेना के जवानों को पीट रहे थे। पूर्व निदेशक ने दावा किया था कि राहुल का यह बयान तथ्यों के विपरीत और भ्रामक था। इससे न सिर्फ भारतीय सैनिकों का मनोबल प्रभावित हुआ, बल्कि उनके परिजनों की भावनाएं भी आहत हुईं।
दरअसल, 12 दिसंबर, 2022 को भारतीय सेना ने कहा था कि चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण की कोशिश की। भारतीय जवानों ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। इस टकराव में दोनों पक्षों के सैनिकों को हल्की चोटें आई थीं। हमारे जवानों ने चीनी सैनिकों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था।
-------------------------------------
बिलासपुर में तेज रफ्तार वाहन ने मवेशियों को रौंदा, 17 की मौत,5 मवेशी घायल
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ बिलासपुर में सोमवार की देर रात तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने 20 से ज्यादा मवेशियों को कुचल दिया. जिससे 17 गौवंशों की मौके पर मौत हो गई. जबकि, 5 मवेशी घायल हंै. गौ-सेवकों ने मामले की शिकायत पुलिस से की है. घटना रतनपुर थाना क्षेत्र की है.
इससे पहले, हाईकोर्ट ने सड़कों पर घूम रहे मवेशियों को हटाने के लिए राज्य शासन को आदेश जारी किया है. बावजूद इसके सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है. जिसकी वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं. रात के अंधेरे में मवेशियों के नजर नहीं आने पर बाइक सवार हादसों का शिकार हो रहे हैं.
दरअसल, रतनपुर से पेंड्रा जाने वाले मार्ग पर बारीडीह के पास सड़क पर गाय, बैल और बछड़ों के झूंड बैठे थे. इसी दौरान रतनपुर की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार वाहन ने गौवंशों को चपेट में ले लिया. हादसे के बाद ड्राइवर वाहन लेकर भाग निकला.
मंगलवार 15 जुलाई की सुबह इस घटना की जानकारी लोगों को हुई. उन्होंने इसकी सूचना गौ-सेवकों को दी. जिसके बाद आक्रोशित गौ सेवक मौके पर पहुंच गए. उन्होंने घायल गौवंशों को इलाज के लिए भेजा. जिसके बाद मामले की शिकायत रतनपुर थाने में की. गौसेवकों ने दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है.

User Rating: 4 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Inactive


एंटरटेनमेंट डेस्क। साउथ के मशहूर स्टंट आर्टिस्ट मोहनराज उर्फ राजू की 13 जुलाई को स्टंट के दौरान हादसे में मौत हो गई। यह हादसा फिल्म वेट्टुवन की शूटिंग के दौरान हुआ। डायरेक्टर पा. रंजीत और एक्टर आर्या की फिल्म वेट्टुवन की शूटिंग पर हुए हादसे ने फिल्म इंडस्ट्री को हिला कर रख दिया है।
स्टंटमैन राजू एक SUV गाड़ी चला रहे थे, जो रैंप से गुजरी और फिर पलट गई। गाड़ी सीधे नीचे गिरी और उसका आगे का हिस्सा जोर से जमीन से टकराया। इसी हादसे के दौरान फेमस स्टंट आर्टिस्ट राजू की मौत हो गई। पहले खबर थी की उनको हार्ट अटैक आया है, लेकिन सेट के इस वीडियो में दिख रहा है की स्टंट करते समय खतरनाक हादसा हुआ है।
हादसे की खबर सामने आने के बाद फिल्म आर्या के लीड एक्टर विशाल को गहरा सदमा लगा है। विशाल ने एक्स पर पोस्ट कर राजू के परिवार से वादा किया है। पोस्ट में लिखा, इस बात पर यकीन कर पाना मुश्किल है कि स्टंट आर्टिस्ट राजू का आर्या और रंजीत की फिल्म के लिए कार स्टंट करते हुए निधन हो गया है। वो एक बहादुर इंसान थे।
ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने प्रोड्यूसर रंजीत के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने की मांग की है। एसोसिएशन ने पोस्ट में लिखा, तमिल फिल्म वेट्टुवन की शूटिंग के दौरान दुखद हादसा हुआ। कई वेक-अप कॉल के बावजूद प्रोड्यूसर्स ने पैसे बचाने के लिए सेफ्टी प्रोटोकॉल को नजरअंदाज किया और वर्कर्स की जान से समझौता किया है।
राजू के परिवार को 1 करोड़ रुपए का मुआवजा दिए जाने की भी मांग की जा ही है। साथ ही कहा गया है कि फिल्म वेट्टुवन की शूटिंग रोक दी जाए और सभी फिल्मों के सेट पर सेफ्टी इंस्पेक्शन किया जाए। तमिल नाडू के केलाइपुर पुलिस स्टेशन में राजू की मौत का मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल जांच जारी है।
--------------------------------
पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर अब उम्रकैद, विधानसभा में पेश हुआ सख्त कानून
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब विधानसभा में ‘पंजाब पवित्र धर्मग्रंथों के विरुद्ध अपराध रोकथाम विधेयक 2025’ पेश किया। इस नए कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवद्गीता, बाइबिल या कुरान जैसे किसी भी पवित्र ग्रंथ का अपमान करता है, तो उसे 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
इस कानून को सदन में पेश करने से पहले मुख्यमंत्री मान की अध्यक्षता में एक अहम कैबिनेट बैठक हुई, जिसमें इस विधेयक को मंजूरी दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इसे विधानसभा में पेश किया। विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि बेअदबी बिल पर चर्चा के लिए समय दिया जाना चाहिए। इसके बाद सदन को 15 मिनट के लिए फिर से स्थगित कर दिया गया। बाजवा के बेअदबी बिल पर चर्चा कल के लिए आयोजित किए जाने को स्पीकर ने मंजूरी दे दी है। बताया गया कि इस कानून का मकसद राज्य में भाईचारा, शांति और धार्मिक सौहार्द बनाए रखना है।
विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने इस मुद्दे को गंभीर बताया और विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया कि मंगलवार को इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि यह विषय केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि समाजिक स्थिरता से भी जुड़ा हुआ है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पिछले कुछ सालों में राज्य में गुरु ग्रंथ साहिब और अन्य धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की कई घटनाएं सामने आईं हैं। इन घटनाओं से लोगों की भावनाओं को गहरी चोट पहुंची है और समाज में अशांति फैली है। अभी तक ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई के लिए कोई कड़ा कानून नहीं था, लेकिन अब यह बिल इन अपराधों पर सख्त रोक लगाने का काम करेगा।
अब तक भारतीय दंड संहिता की धारा 295, 298 जैसी धाराओं के तहत ऐसे मामलों में केस दर्ज किए जाते थे, लेकिन इनमें सजा बेहद सीमित होती थी और अपराधियों को सख्त सजा नहीं मिल पाती थी। नए कानून से अब बेअदबी करने वालों को कड़ी सजा मिलेगी और यह एक सख्त चेतावनी भी होगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य राज्य में शांति और आपसी भाईचारा बनाए रखना है। इस कानून से वे असामाजिक तत्वों को कड़ा संदेश देना चाहते हैं कि पंजाब में किसी भी पवित्र धर्मग्रंथ के अपमान की इजाजत नहीं दी जाएगी।
---------------------------------
SIMI पर प्रतिबंध बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार, चुनौती देने वाली याचिका खारिज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) पर लगाए गए प्रतिबंध को चुनौती दी गई थी। यह प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ाया गया है। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने न्यायाधिकरण के 24 जुलाई 2024 के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
केंद्र सरकार ने 29 जनवरी, 2024 को सिमी पर लगे प्रतिबंध को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया था। इसके बाद सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक न्यायिक न्यायाधिकरण गठित किया, जिसने केंद्र के इस फैसले को सही ठहराया।
सिमी को पहली बार 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने गैरकानूनी घोषित किया था। इसके बाद से समय-समय पर इस प्रतिबंध को आगे बढ़ाया जाता रहा है। हर बार सरकार ने इसे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
सिमी की स्थापना 25 अप्रैल, 1977 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुई थी। यह संगठन छात्रों और युवाओं के एक समूह द्वारा बनाया गया था, जिनकी विचारधारा जमात-ए-इस्लामी-हिंद (JEIH) से प्रभावित थी। हालांकि, 1993 में संगठन ने एक प्रस्ताव पारित कर खुद को स्वतंत्र संगठन घोषित कर दिया था।