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भोपाल। राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय ध्वज जलाने के मामले में 2 निगम कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
बता दें कि मामला बीते दिनों 5 जुलाई का है। शाहपुरा के भरत नगर के वार्ड क्रमांक 50 में कुछ लोग कचरे में तिरंगा जलाते हुए पाए गए थे। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और वीडियो बना लिया। मामला सामने आने के बाद निगम कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत हुई।
इस पूरे मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके अलावा कांग्रेस नेता अमित शर्मा ने भी आपत्ति जताई थी।
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8 पुलिसकर्मी सस्पेंड, ट्रांसफर आदेश की अनदेखी पर DCP श्रद्धा तिवारी ने किया निलंबित
भोपाल। राजधानी भोपाल में पुलिस विभाग ने अनुशासनहीनता को लेकर आठ पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन पुलिसकर्मियों को ट्रांसफर आदेशों का पालन न करने और निर्धारित स्थान पर अपनी उपस्थिति दर्ज न कराने के कारण सस्पेंड किया गया है।
डीसीपी श्रद्धा तिवारी द्वारा ये कार्रवाई की गई है। सस्पेंड होने वालों में एक सब इंस्पेक्टर, एक एएसआई, 2 कांस्टेबल और 4 हेड कांस्टेबल शामिल हैं। इस बारे में पुलिस उपायुक्त कार्यालय द्वारा सस्पेंशन आदेश जारी किए गए हैं।
भोपाल में ट्रांसफर के आदेश के बावजूद नई पदस्थापना स्थल पर रिपोर्ट नहीं करने वाले 8 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई नगरीय पुलिस उपयुक्त डीसीपी श्रद्धा तिवारी द्वारा की गई है। पुलिसकर्मियों ने अपने स्थानांतरण आदेश को अनदेखा किया था, जिसके चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। निलंबित पुलिसकर्मियों में 1 सब इंस्पेक्टर, 1 सहायक उप-निरीक्षक, 2 कांस्टेबल और 4 हेड कांस्टेबल शामिल हैं।
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शिक्षा विभाग ने कड़ा कदम उठाते हुए 87 निजी स्कूलों की मान्यता की रद्द
देवास। जिले में शिक्षा विभाग ने कड़ा कदम उठाते हुए 87 निजी स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी है। यह कार्रवाई उन स्कूलों के खिलाफ की गई है जिन्होंने मान्यता प्राप्त करने के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए, गलत जानकारियां दीं और बुनियादी सुविधाओं की अनदेखी भी की।
इस वर्ष जिले के लगभग 800 निजी स्कूलों ने मान्यता/नवीनीकरण के लिए आवेदन किया था। जांच के दौरान पाया कि कई स्कूलों में अयोग्य शिक्षक कार्यरत थे। भवन मानक के अनुरूप नहीं और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी। कई स्कूलों ने पुराने फोटो, अपूर्ण जानकारी और भ्रमित दस्तावेज के सहारे मान्यता प्राप्त करने का प्रयास किया। कलेक्टर ऋतुराज सिंह के निर्देश पर डीपीसी अजय कुमार मिश्र द्वारा जांच कराई गई। जांच के पश्चात दोषी पाए गए 87 स्कूलों की मान्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई।
इन स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग ने उन्हें निकटवर्ती शासकीय विद्यालयों में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। स्कूलवार सूची तैयार कर समायोजन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। कुछ स्कूलों ने कलेक्टर के समक्ष अपील की थी, लेकिन उन अपीलों को भी निरस्त कर दिया गया। डीपीसी ने स्पष्ट किया कि यदि कोई भी स्कूल मान्यता रद्द होने के बावजूद संचालन करता पाया गया तो उसके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

अशोकनगर। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी पर दर्ज एफआईआर के विरोध में मंगलवार को अशोकनगर में न्याय सत्याग्रह आंदोलन का आयोजन किया। प्रदेशभर से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने भाग लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। इस दौरान कई विवादास्पद बयान भी सामने आए, जिसने सियासी तापमान को और तेज कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत अशोकनगर की पुरानी कृषि उपज मंडी से हुई, जहां हजारों कार्यकर्ताओं ने जुटकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के समर्थन में नारे लगाए। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार 100 गाड़ियों के काफिले के साथ पहुंचे, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी मंच पर पहुंचे और सरकार पर जमकर निशाना साधा। आंदोलन में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह, फूल सिंह बरैया, साहब सिंह गुर्जर सहित कई नेता मौजूद रहे।
सभास्थल पर दिए गए भाषणों में कांग्रेस नेताओं ने एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि यदि झूठी एफआईआर और दमन की राजनीति बंद नहीं हुई तो पार्टी सड़कों पर उतरकर जवाब देगी। नेताओं का दावा था कि यह न्याय की लड़ाई है और कांग्रेस इससे पीछे नहीं हटेगी।
न्याय सत्याग्रह में ग्वालियर ग्रामीण विधायक साहब सिंह गुर्जर ने संघ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने मंच से कहा, “जो मर्द थे वे जंग में आए, जो हिजड़े थे, वे संघ में गए।” समझ गए न, इशारा ही काफी है। गुर्जर ने आगे कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के ऊपर जो एफआईआर दर्ज हुई है, हमें एफआईआर का डर नहीं है। वजह वह है कि जब हमारे अध्यक्ष जनता के बीच में संघर्ष करते हैं, दलित, शोषित पीड़ित, किसान, मजदूर की आवाज उठाते हैं। तो इससे भाजपा के लोगों को पीड़ा होती है। यदि इस प्रकार से किसी भी कांग्रेसी पर झूठी एफआईआर दर्ज हुई तो यह हुजूम भाजपा को जवाब देगी।
प्रदर्शन के दौरान एसडीओपी विवेक शर्मा ने मंच से पटवारी सहित सभी को गिरफ्तार करने की घोषणा की, लेकिन कुछ ही सेकंड में एसडीएम बृज बिहारी लाल श्रीवास्तव ने सभी को रिहा करने की घोषणा कर दी। इस पूरे घटनाक्रम को कार्यकर्ताओं ने ‘सत्ता की बौखलाहट’ बताया।
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं को रोकने के लिए 8 जिलों की पुलिस को बुलाया गया। वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने रास्ते में गाड़ियों की चेकिंग पर पुलिस से तीखी नोकझोंक करते हुए पूछा, “हम क्या बम, हथियार, मिसाइल लेकर जा रहे हैं?” पुलिस ने जवाब दिया कि यह सब उनकी सुरक्षा के लिए किया जा रहा है।
पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ट्रैक्टर से सभास्थल पहुंचे और कहा, जहां कार्यकर्ता का पसीना गिरेगा, वहां कांग्रेस नेताओं का खून गिरेगा। उन्होंने शेर पढ़ते हुए कहा, वसूलों पर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जिंदा हैं तो जिंदा नजर आना जरूरी है।
पूरा विवाद अशोकनगर निवासी गजराज लोधी द्वारा बीजेपी कार्यकर्ता पर मैला खिलाने और मारपीट के आरोप से शुरू हुआ था। गजराज ने जीतू पटवारी से मिलकर शिकायत की थी, लेकिन बाद में पलटी मारते हुए कहा कि उन्होंने पटवारी के कहने पर झूठी शिकायत की। इसके बाद पटवारी पर एफआईआर दर्ज हुई, जिसका विरोध करने कांग्रेसियों ने 8 जुलाई को गिरफ्तारी की चेतावनी दी थी।
जिला प्रशासन ने आंदोलन के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। शहर के विभिन्न चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई, होटल-मैरिज गार्डन अधिग्रहण कर लिए गए और पेट्रोल पंप तक बंद करा दिए गए। नेताओं की गाड़ियों की चेकिंग से कई विधायक नाराज नजर आए।
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बिना इजाजत वनभूमि में गाड़े बिजली के खंबे, रेंजर ने दर्ज किया केस
सतना। जिले के मझगवां वनपरिक्षेत्र के कानपुर मोड़ के समीप बिजली विभाग के संविदाकारों द्वारा वन विभाग से बिना अनुमति लिए गढ्ढे खोदकर खम्भे गाडऩे के मामले में मझगवां रेंजर रंजन सिंह परिहार ने ट्रैक्टर इत्यादि जब्त कर वन चौकी में खड़ा कराते हुए इस काम में लगे कर्मचारियों के खिलाफ पीओरआर काटा है।
इस संबंध में रेंजर रंजन सिंह परिहार ने बताया कि मझगवां रेंज की मझगवां बीट के कक्ष क्रमांक 832 में बिजली लाइन के लिए संविदाकर के कर्मचारियों द्वारा वन भूमि पर गढ्ढे खोदने की जानकारी हमारे सामने आई थी।
इसके बाद मौके पर जाकर संबंधित व्यक्तियों से वनभूमि पर खम्भे गाडऩे की इजाजत के संबंध में दस्तावेज मांगे। जिस पर उनके द्वारा एक दिन का वक्त मांगा गया था।
लेकिन दूसरे दिन भी उनके द्वारा किसी भी प्रकार के दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने पर वनभूमि में बिना इजाजत गढ्ढें खोदने पर मौके पर इस कार्य में लगे लोगों के खिलाफ वन अपराध प्रकरण कायम किया गया है। जबकि इस काम लगे ट्रैक्टर व अन्य मशीन को जब्त करते हुए वन चौकी में खड़ा कराया गया है।
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तीन साल की बच्ची ने कैसे दी संथारा की सहमति, इंदौर कोर्ट ने खड़े किए सवाल
इंदौर। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने केंद्र शासन और राज्य सरकार के साथ सभी संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर पूछा है कि ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित साढ़े तीन साल की बच्ची वियाना 'जो कि समझने की स्थिति में नहीं थी' ने संथारा की सहमति कैसे दी थी। मामले को लेकर हाई कोर्ट में चल रही जनहित याचिका में मंगलवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि अब तक तीन नाबालिग का संथारा हुआ है। ये तीनों ही बालिकाएं हैं। इनमें हैदराबाद की 13 वर्षीय, मैसूर की 10 वर्षीय और इंदौर की साढ़े तीन वर्षीय बालिका शामिल हैं।
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई कि याचिका का अंतिम निराकरण होने तक नाबालिग के संथारा पर रोक लगाई जाए, लेकिन कोर्ट ने यह कहते हुए इससे इंकार कर दिया कि यह जैन समाज से जुड़ा मामला है। उनका पक्ष सुने बगैर कोई आदेश नहीं दे सकते। मामले में अब 25 अगस्त को सुनवाई होगी। याचिका में अब वियाना के माता-पिता भी पक्षकार होंगे। कोर्ट ने मंगलवार उन्हें पक्षकार बनाने के आवेदन को स्वीकार कर लिया। हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता प्रांशु जैन ने एडवोकेट शुभम शर्मा के माध्यम से यह जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि इतनी कम उम्र की बच्ची संथारा जैसे गंभीर निर्णय की सहमति कैसे दे सकती है।
मंगलवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ने गुहार लगाई कि नाबालिग के संथारा दिलाए जाने पर रोक लगाई जाए, लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि संबंधित पक्षकारों को सुनने के बाद ही कोई आदेश दिया जा सकता है। यह है मामला इंदौर के पीयूष और वर्षा जैन की लगभग साढ़े तीन वर्षीय बेटी वियाना को 21 मार्च को संथारा दिलवाया गया था। मई के पहले सप्ताह में वियाना की मां वर्षा ने यह बात खुद मीडिया को बताई थी। उन्होंने बताया था कि जनवरी 2025 में पता चला था कि वियाना को ब्रेन ट्यूमर है।
9 जनवरी को उसे मुंबई ले जाया गया था। वहां उसका ट्यूमर का आपरेशन हुआ जिसके बाद वह ठीक भी होने लगी थी, लेकिन मार्च 2025 के तीसरे सप्ताह में उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। ऐसी स्थिति में हम वियाना को 21 मार्च को राजेश मुनि महाराज के पास ले गए। उन्होंने कहा कि इसका एक रात निकालना भी मुश्किल है। इसे संथारा करा देना चाहिए। हमने संथारा की सहमति दे दी। गुरुदेव ने संथारा की प्रक्रिया पूरी कराई। संथारा लेने के मात्र 10 मिनट बाद ही वियाना का निधन हो गया।
वियाना के स्वजन के मुताबिक गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने वियाना को दुनिया की सबसे कम उम्र की संथारा व्रती के रूप में प्रमाणित भी किया है। इतनी कम आयु की बच्ची को संथारा दिलाने को लेकर विवाद भी खड़ा हुआ था। इस मामले में याचिकाकर्ता प्रांशु जैन ने एडवोकेट शुभम शर्मा के माध्यम से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा है कि कि इतनी कम उम्र की बच्ची संथारा जैसे गंभीर निर्णय की सहमति कैसे दे सकती है। हाई कोर्ट की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए याचिका में वियाना के माता-पिता को पक्षकार बनाए जाने के आदेश दिए हैं।

दाक्षिन भारत के राज्य तमिलनाडु से दिल को दहला देने वाले हादसे की खबर सामने आई है। यहां कडलोर जिले में मंगलवार को रेलवे क्रॉसिंग पर बच्चों को ले जा रही एक स्कूल वैन चलती पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आ गई, जिससे दो छात्रों की मौत हो गई। वहीं कम से कम छह अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुखद टक्कर सुबह करीब 7:45 बजे कडलोर और आलप्पक्कम के बीच मानवयुक्त रेलवे क्रॉसिंग पर हुई, जिससे सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानवीय भूल पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, ये हादसा मंगलवार को सुबह करीब पौने आठ बजे हुआ है। छात्रों को ले जा रही स्कूल वैन ने कडलूर और अलप्पक्कम के बीच रेलवे क्रॉसिंग को पार करने की कोशिश की। इस दौरान वैन 56813 विल्लुपुरम-मयिलादुथुराई यात्री ट्रेन से टकरा गई। टक्कर के कारण वैन रेलवे क्रॉसिंग से उछलकर कुछ दूर गिरी। इसके बाद घायलों को सरकारी अस्पताल में भेजा गया। पुलिस के मुताबिक, वैन का ड्राइवर पटरी पार करने के समय ये नहीं देख पाया कि ट्रेन आ रही है। इस कारण अचानक टक्कर हुई और वैन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में गांव के दो बच्चों की मौत हो गई है। दो अन्य का अस्पताल में इलाज चल रहा है। आपातकालीन सेवाओं ने घायल बच्चों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया।
रेलवे ट्रैक पार कर रही एक स्कूल बस के ट्रेन की चपेट में आने पर कुड्डालोर के एसपी जयकुमार ने कहा- “दो छात्रों की मौत हो गई, दो छात्र और बस चालक घायल हो गए। रेलवे पुलिस, रेलवे अधिकारी और राज्य पुलिस आगे की जांच कर रही है।” हादसे के बाद सेम्बनकुप्पम रेलवे क्रॉसिंग पर मरम्मत का काम चल रहा है।
PTI के मुताबिक, रेलवे की प्रारंभिक जांच में ये जानकारी सामने आई है कि जब गेटकीपर रेलवे फाटक को बंद करने जा रहा था तो वैन के ड्राइवर ने वाहन को फाटक पार करने की अनुमति देने पर जोर दिया। हालांकि, इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए थी। अधिकारियों की एक समिति घटना की जांच कर रही है। कथित लापरवाही के कारण लोगों ने रेलवे गेटकीपर पर हमला कर दिया था जिसे पुलिस ने बचाया।
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भारत बंद : 9 जुलाई को देशभर में थमेगा कामकाज, 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी उतरेंगे सड़कों पर
नई दिल्ली। 9 जुलाई को देश एक बार फिर बड़े श्रमिक आंदोलन का गवाह बनने जा रहा है। बैंकिंग, बीमा, कोयला खनन, राजमार्ग, निर्माण और डाक सेवाओं जैसे तमाम क्षेत्रों में काम करने वाले 25 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी और मजदूर देशव्यापी आम हड़ताल पर उतरेंगे। इस भारत बंद का आह्वान 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनसे जुड़ी सहयोगी इकाइयों ने सरकार की श्रम विरोधी, किसान विरोधी और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ किया है। देश की राजधानी से लेकर दूर-दराज के गांवों तक इसका असर देखने को मिल सकता है।
यह हड़ताल सिर्फ एक प्रतीकात्मक विरोध नहीं है, बल्कि देश की बुनियादी सेवाओं को ठप करने की क्षमता रखती है। बैंकिंग, बीमा और डाक सेवाओं के अलावा कोयला खनन, परिवहन, स्टील, निर्माण, राज्य परिवहन और फैक्ट्रियों में कामकाज पूरी तरह ठप पड़ सकता है। हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू के मुताबिक, इस आंदोलन का असर देश की सामान्य सेवाओं पर भी गंभीर पड़ेगा। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पहले से ही संसाधनों की कमी है, वहां हालात और भी बिगड़ सकते हैं।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) की महासचिव अमरजीत कौर ने जानकारी दी कि इस बार की हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक मजदूरों और कर्मचारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने की तैयारी की जा रही है। संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के कामगार इस आंदोलन में शामिल होंगे। हड़ताल को किसानों और ग्रामीण श्रमिक संगठनों का भी समर्थन मिला है। संयुक्त किसान मोर्चा और देशभर के कृषि मजदूर संगठन भी इस हड़ताल में साथ खड़े हैं। इतना ही नहीं, एनएमडीसी लिमिटेड, सार्वजनिक क्षेत्र की इस्पात कंपनियों, खनिज उद्योग और राज्य सरकारों के विभागों से भी कर्मचारियों ने भाग लेने की घोषणा की है।
श्रमिक संगठनों का आरोप है कि सरकार श्रमिकों की मांगों को लगातार नजरअंदाज कर रही है। संगठनों ने पिछले साल श्रम मंत्री को 17 सूत्री मांगपत्र सौंपा था, लेकिन उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। प्रमुख आरोपों में चार नई श्रम संहिताओं के लागू किए जाने से श्रमिक अधिकारों का हनन, वार्षिक श्रम सम्मेलन का दस सालों से आयोजित न होना और सामूहिक सौदेबाजी व हड़ताल के अधिकार को कमजोर करने की कोशिशें शामिल हैं। इसके अलावा, संगठनों का कहना है कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और घटती मजदूरी ने कामगार वर्ग की स्थिति को और भी दयनीय बना दिया है।
श्रमिक संगठनों ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि वह निजीकरण, आउटसोर्सिंग और ठेकेदारी प्रणाली को बढ़ावा दे रही है, जिससे स्थायी नौकरियों में कटौती हो रही है। संगठनों का कहना है कि सरकार एक तरफ युवाओं को रोजगार के अवसर देने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दोबारा नियुक्त कर रही है। ऐसे में 35 वर्ष से कम उम्र की देश की 65% युवा आबादी खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। इसके अलावा, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ELI) जैसे कार्यक्रमों के जरिए नियोक्ताओं को फायदा पहुंचाया जा रहा है, जिससे कामगारों का शोषण और बढ़ रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब श्रमिक संगठनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोला है। 26 नवंबर 2020, 28-29 मार्च 2022 और 16 फरवरी 2024 को भी इसी तरह की देशव्यापी हड़तालें की गई थीं। लेकिन इस बार का आंदोलन अधिक संगठित और प्रभावशाली बताया जा रहा है। संगठनों ने जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक जनसंपर्क और जनजागरण अभियान शुरू कर दिए हैं, जिससे अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
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STF का बड़ा एक्शन : दो गिरफ्तार, पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप, ISI से निकला सीधा संबंध
पश्चिम बंगाल में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से संबंध रखने के आरोप में 2 संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। STF के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पश्चिम बंगाल के पूर्व बर्धमान जिले से दोनों संदिग्धों को पकड़ा गया है। संदिग्धों की पहचान राकेश कुमार गुप्ता और मुकेश राजक के रूप में हुई है। राकेश कोलकाता के भोवानीपुर का रहने वाला है तो वहीं, मुकेश पाना गढ़ का निवासी है।
STF ने बताया कि दोनों पश्चिम बंगाल के एक NGO में काम करते हैं और मेमारी में किराए के घर में रहते हैं। STF ने मेमारी स्थित घर से ही एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। खुफिया जानकारी के आधार पर शनिवार की रात को STF ने यहां रेड मारी और मुकेश को धर दबोचा। वहीं, राकेश अपने इलाज के लिए एक नर्सिंग होम में भर्ती था, जिसे पुलिस ने वहां पहुंचकर गिरफ्तार किया।
STF के अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तान की ISI से दोनों का संबंध मिला है। पिछले कुछ समय से दोनों संदिग्ध आरोपी ISI समेत कई पाकिस्तानी नागरिकों के संपर्क में थे।
STF ने सोमवार को दोनों संदिग्धों को अदालत में पेश किया था, जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

अनूपपुर। मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में हो रही बारिश ने लोगों की जान मुसीबत में डाल दी है। इस बीच अनूपपुर में दर्दनाक हादसे ने परिवार के 4 लोगों की जान ले ली। जहां पति-पत्नी समेत 2 बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं। घटना कोतवाली थाना क्षेत्र की है।
उप पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी ने बताया कि भारी बारिश के कारणों से पुल पर पानी आ गया था। जिससे कार बह गई। घटना में धनपुरी निवासी प्रीति यादव, चंद्रशेखर यादव के साथ में 2 साल की बेटी और 8 साल का बेटा, चारों अमरकंटक से आ रहे थे।
पुल पर ज्यादा पानी था। यात्री बस के पीछे इन्होंने ने भी पुल क्रॉस करने की कोशिश की। लेकिन बस निकल गई और इनकी कार पानी के तेज बहाव में बह गई। इस घटना में चारो की दर्दनाक मौत हो गई है।
घटना रविवार की रात 9 बजे की है। देर रात पत्नी का शव बरामद कर लिया गया था। आज सुबह 12 बजे पति चंद्रेशेखर यादव का शव बरामद कर लिया गया। वहीं निदावन और खमहरिया के पास 8 साल के रेयांश और 2 साल की मासूम सीबी यादव का शव बरामद कर लिया गया है।

रतलाम। मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के सैलाना कस्बे में मोहर्रम के जुलूस के दौरान कुछ लोगों ने कथित तौर पर “हिंदू राष्ट्र” लिखा हुआ भगवा बैनर जलाने का प्रयास किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद स्थानीय नागरिकों में आक्रोश फैल गया। इस घटना के बाद सैलाना में तनाव का माहौल है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी बल तैनात किया है।
जानकारी के मुताबिक मोहर्रम के जुलूस के दौरान कुछ युवकों ने करतब दिखाते हुए ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखा हुआ भगवा बैनर को जलाने की कोशिश की, जिस पर “हिंदू राष्ट्र” लिखा हुआ था। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ लोग बैनर को आग के हवाले कर रहे हैं, जिसे देखकर स्थानीय हिंदू संगठनों और नागरिकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
घटना के विरोध में आक्रोशित नागरिकों ने सैलाना में बाजार बंद करवाया और प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थानीय लोग और संगठन आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, कुछ संगठनों ने मांग की है कि आरोपियों को जुलूस निकालकर सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी का सामना करना चाहिए।
इधर पुलिस ने तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सैलाना में भारी पुलिस बल तैनात किया है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस गश्त और फ्लैग मार्च कर रही है ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे। पुलिस ने वीडियो के आधार पर कुछ आरोपियों को चिह्नित (आईडेंटिफाई) किया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए जांच शुरू कर दी है।

प्रमुख समाचार

दाक्षिन भारत के राज्य तमिलनाडु से दिल को दहला देने वाले हादसे की खबर सामने आई है। यहां कडलोर जिले में मंगलवार को रेलवे क्रॉसिंग पर बच्चों को ले जा रही एक स्कूल वैन चलती पैसेंजर ट्रेन की चपेट में आ गई, जिससे दो छात्रों की मौत हो गई। वहीं कम से कम छह अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। यह दुखद टक्कर सुबह करीब 7:45 बजे कडलोर और आलप्पक्कम के बीच मानवयुक्त रेलवे क्रॉसिंग पर हुई, जिससे सुरक्षा प्रोटोकॉल और मानवीय भूल पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए...

मध्य प्रदेश

अशोकनगर। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष जीतू पटवारी पर दर्ज एफआईआर के विरोध में मंगलवार को अशोकनगर में न्याय सत्याग्रह आंदोलन का आयोजन किया। प्रदेशभर से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने भाग लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। इस दौरान कई विवादास्पद बयान भी सामने आए, जिसने सियासी तापमान को और तेज कर दिया।कार्यक्रम की शुरुआत अशोकनगर की पुरानी कृषि उपज मंडी से हुई, जहां हजारों कार्यकर्ताओं ने जुटकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी...

अपराध

भोपाल। राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय ध्वज जलाने के मामले में 2 निगम कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।बता दें कि मामला बीते दिनों 5 जुलाई का है। शाहपुरा के भरत नगर के वार्ड क्रमांक 50 में कुछ लोग कचरे में तिरंगा जलाते हुए पाए गए थे। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और वीडियो बना लिया। मामला सामने आने के बाद निगम कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत हुई। इस पूरे मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री...
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गुना सिटी

गुना।(गरिमा टीवी न्यूज़) गुना जिले के चांचौड़ा थाना प्रभारी निरीक्षक प्रमोद कुमार साहू और उनकी टीम द्वारा चांचौड़ा में जुए की सूचना पर तत्काल दविश देकर 06 जुआरियों पर कार्यवाही की गई है । उल्लेखनीय है कि चांचौड़ा में सरकारी स्कूल के पास की बाड़ी में बने चबूतरा पर कुछ लोगों के फड़ जमाकर तास पत्तों से रूपयों की हारजीत के दाव लगाकर जुआ खेले जाने की सूचना पर, जुआरियों की धरपकड़ और कार्यवाही हेतु चांचौड़ा थाने से पुलिस की एक टीम सरकारी स्कूल के पास पहुंची और जहां मुखबिर की बताई जगह...

फोटो गैलरी

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गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
गरिमा के 1 वर्ष बाद का फोटो
गरिमा के 1 वर्ष बाद का फोटो
गरिमा के 2 वर्ष बाद का फोटो
गरिमा के 2 वर्ष बाद का फोटो
बीमार होने के बाद भोपाल अस्पताल मे भर्ती गरिमा
बीमार होने के बाद भोपाल अस्पताल मे भर्ती गरिमा
हाई कोर्ट के आदेश के बाद गरिमा के शव को जमीन से निकालते हुऐ
हाई कोर्ट के आदेश के बाद गरिमा के शव को जमीन से निकालते हुऐ
निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
दोषी डॉक्टर के खिलाफ मामला कायम कराने के लिऐ पुलिस अधिक्षक से मिले पत्रकार
दोषी डॉक्टर के खिलाफ मामला कायम कराने के लिऐ पुलिस अधिक्षक से मिले पत्रकार
गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
पूजा स्थल मे गरिमा
पूजा स्थल मे गरिमा