This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

ADD-n.jpg

 

 

 

जबलपुर। एमपी के जबलपुर स्थित गोसलपुर से लगे आधा दर्जन गांव में जमीनों पर कब्जा कर डेरा डाले पारधियों को परिवार सहित खदेड़ दिया है. ये पारधी परिवारों सहित रहकर अपराधिक गतिविधियों से लेकर अवैध कारोबार कर रहे थे. पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में शराब भी पकड़ी है. पुलिस जब इन्हे हटाने के लिए पहुंची तो अभद्रता करना शुरु कर दिया, इसके बाद भारी पुलिस बल बुलाया गया, तभी इन लोगों में भगदड़ मच गई.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार गोसलपुर से लगे केवलारी, रानीताल , गांधीग्राम, बरनू सहित करीब 6 गांव में अचानक चोरी, मारपीट, लूटपाट सहित राह चलते लोगों के साथ अभद्रता करने की घटनाएं बढऩे लगी. लगातार हो रही घटनाओं से परेशान होकर लोगों ने पुलिस के आला अधिकारियों से शिकायत की. जिसपर पुलिस अधिकारियों ने भारी बल के साथ इन सभी जगहों पर छापा मारा, जिससे पारधी परिवारों में अफरातफरी व भगदड़ मच गई, इस दौरान गिरोह की महिलाओं ने अभद्रता करते हुए विरोध भी किया. इसके बाद भी पुलिस ने इनके डेरो को हटाते हुए गांव से खदेड़ दिया. ग्रामीणों का कहना था कि करीब 15 दिन पहले एक दो परिवार रानीताल गांव के पास देखे गए थे.
जिन्होने तिरपाल से झोपड़ी बनाई, इसके बाद धीरे धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई और देखते ही देखते आसपास के 6 गांव में 60 से अधिक परिवार गांव की जमीनों पर कब्जा कर बस गए. यहां पर पारधियों ने अवैध शराब बनाने का कारोबार शुरु कर दिया. यहां तक कि इनके डेरों के पास से कोई भी गुजरता तो गाली गलौज व मारपीट तक करते रहे. ताकि कोई इनके पास से गुजरे न और अपना काम आसानी से कर सके. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ये लोग बहुत शातिर होते है, पहले एक -दो परिवार आकर रहते है. इसके बाद जब देखते है कि कोई आपत्ति नही ले रहा है तो अपने साथियों को भी परिवार सहित बुला लेते है. पिछले 15 दिनों में पारधी गिरोह की महिला-पुरुषों ने केवलारी, धमधा, बरनू, गांधीग्राम, रानीताल सहित आसपास के कई गांव के बाहर की जमीन पर कब्जा कर लिया था. कार्रवाई के दौरान पुलिस को पारधियों के पास से बड़ी मात्रा में अवैध शराब भी मिली.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गोसलपुर पुलिस ने अधिकारियों के साथ डेरे पहुंचकर समझाइश दी थी. उस वक्त पुरुष तो भाग गए थे, लेकिन महिला व बच्चे वहीं जमे रहे. जिन्हे समझाइश दी गई थी कि गांव की जमीनों पर इस तरह से कब्जा करना व घर बनाना गलत है. इसके बाद भी पारधी गिरोह की महिलाओं व बच्चों ने डेरे नहीं हटाए . जिसपर देर रात पुलिस बल ने 60 से अधिक परिवारों को खदेड़ दिया, उनके डेरे तक हटा दिए.

-----------------------------
अवैध गुटखा फैक्ट्री का भंडाफोड़: प्रशासन की संयुक्त टीम ने मारा छापा, किया सील
छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर में प्रशासन की संयुक्त टीम ने लवकुशनगर में अवैध गुटखा कारोबार पर छापेमारी की है। लवकुशनगर के छतरपुर रोड स्थित अदालत के समीप एक निजी मकान में अवैध रूप से संचालित गुटखा फैक्ट्री में प्रशासन ने छापेमार कार्रवाई की। प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा, जहां एक मकान के अंदर यह गुटखा फैक्ट्री चल रही थी। वहां कार्य कर रहे आधा सैकड़ा से अधिक महिला और पुरुष मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपायों के काम कर रहे थे।
गुटखा फैक्ट्री में प्रशासनिक अमले ने निरीक्षण किया तो वहां कई प्रकार के लिक्विड केमिकल और पाउडर मिले, जिनमें से अजीब और तेज दुर्गंध आ रही थी। गुटखा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल इंसान के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक थे। गुटखा फैक्ट्री जिस मकान में संचालित थी, वह नाले के ऊपर बना हुआ था, जो खुद में अवैध अतिक्रमण था।
एसडीएम राकेश शुक्ला बताया कि गुटखा फैक्ट्री में मिलाए गए केमिकल्स इंसान के लिए अत्यंत हानिकारक हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फैक्ट्री के संचालन के लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली गई है। जांच के बाद जो भी उचित कार्रवाई होगी, वह की जाएगी और इस फैक्ट्री को यहां से हटाया जाएगा।
-------------------------------------
पुलिस गाड़ी के सामने हथियार के साथ रील बनाने वाला बदमाश गिरफ्तार, आरोपी का शहर में निकाला जुलूस
मुरैना। पुलिस की गाड़ी के साथ अवैध हथियार लेकर रील बनाने वाले बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बदमाश युवक का शहर के प्रमुख मार्गों पर से जुलूस निकाला। इस दौरान बदमाश युवक नारा लगा रहा था ‘जुर्म करना पाप है और पुलिस हमारी बाप है’।
बता दें कि जिले के महुआ थाना क्षेत्र के खुर्द गांव के बीहड़ में 16 मार्च को दंगल का आयोजन हुआ था। दंगल कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने का रास्ता नहीं होने पर पुलिस ने बीहड़ में गाड़ी खड़ी कर दी। इसी दौरान आरोपी युवक ने अवैध हथियार लहराते हुए पुलिस वाहन के सामने गाने के साथ (रील) वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। मामले को लेकर लल्लूराम डॉट काम ने “ऐसा दुस्साहस: बीहड़ में हथियार लहराते पुलिस की गाड़ी के सामने बनाई रील, सोशल मीडिया पर किया वायरल” शीर्षक से समाचार का प्रकाशन कर शासन और पुलिस प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया था। खबर प्रकाशन के बाद पुलिस विभाग हरकत में आया और युवक को गिरफ्तार कर लिया है। बदमाश युवक ने रील पर गाना लगाया था कि नायक नहीं मै हूं खलनायक,, और सरकार अपनी है।

इंदौर। में एक डॉक्टर को शेयर मार्केट में निवेश का लालच देकर 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी करने वाले गिरोह के 7 आरोपियों को क्राइम ब्रांच पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी व्हाट्सएप के जरिए डॉक्टर के संपर्क में आए और उन्हें ‘वेब बुल’ नामक वेबसाइट पर ट्रेडिंग के लिए प्रेरित किया। शुरुआती मुनाफे के झांसे में आकर डॉक्टर ने 1 करोड़ रुपए तक का निवेश कर दिया, लेकिन जब उन्होंने राशि निकालनी चाही तो ठगी का खुलासा हुआ।
क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराते हुए फरियादी डॉक्टर ने बताया कि कुछ समय पहले उनकी व्हाट्सएप पर एक युवती से बातचीत हुई, जिसने उन्हें शेयर बाजार में निवेश कर अच्छा मुनाफा कमाने का लालच दिया। युवती ने उन्हें ‘वेब बुल’ नाम की एक वेबसाइट पर अकाउंट बनाने के लिए कहा, जहां शुरुआती निवेश के बाद उन्हें दो बार ट्रेडिंग में लाभ भी मिला। इससे डॉक्टर को भरोसा हो गया कि प्लेटफॉर्म असली है और उन्होंने निवेश बढ़ा दिया
शुरुआत में लाभ दिखाने के बाद आरोपियों ने असली जाल बिछाया और डॉक्टर को बार-बार अधिक पैसे लगाने के लिए उकसाते रहे। जब निवेश की राशि 1 करोड़ तक पहुंच गई और डॉक्टर ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो उन्हें वेबसाइट से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। जब उन्होंने वहां दिए गए कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क किया, तो अलग-अलग बहाने बनाकर उनसे और पैसे मांगे गए।
आरोपियों ने ‘इंटरनेशनल सिक्योरिटी टैक्स’, ‘सरकारी शुल्क’, ‘रजिस्ट्रेशन चार्ज’ जैसे फर्जी बहाने बनाकर डॉक्टर से करीब 3 करोड़ रुपए तक की ठगी कर ली। ये रकम 103 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी गई थी।
पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जो इस ऑनलाइन ठगी गैंग के लिए काम कर रहे थे। जांच में सामने आया कि ठगों ने कई बैंक खातों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करके रुपए ट्रांसफर किए थे। क्राइम ब्रांच ने इन सभी खातों को फ्रीज करवा दिया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
यह मामला ऑनलाइन ठगी के बढ़ते खतरों को उजागर करता है। क्राइम ब्रांच ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान वेबसाइट्स पर निवेश करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल करें और किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज के झांसे में न आएं। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि ठगी के शिकार अन्य लोगों को भी न्याय मिल सके।
-----------------------------
बंद कमरे में पति को बेरहमी से पीटा, पति चिल्लाया ‘मम्मी बचाओ
सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक पति की घरेलू हिंसा का शिकार होने की घटना सामने आई है, जिसका वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में एक पत्नी अपने पति को कमरे में बंद करके बेरहमी से पीटती नजर आ रही है, जबकि पति “मम्मी बचाओ, मम्मी बचाओ” की गुहार लगा रहा है।
दरअसल, ये मामला सतना के कोलगवां थाना क्षेत्र के सिंधी कैंप का है। पीड़ित पति की पहचान अंकित आसवानी के रूप में हुई है। अंकित और उसकी पत्नी ज्योति ने चार साल पहले प्रेम विवाह किया था, लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद ही दोनो के बीच विवाद शुरू हो गया। पत्नी ने पति पर मारपीट और पैसे न देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था।
पति अंकित का कहना है कि पत्नी उसे लगातार प्रताड़ित कर रही थी। उसने अपनी पिटाई के सुबूत जुटाने के लिए घर में सीसीटीवी कैमरे लगवाए। बीते रविवार को जब पत्नी ज्योति ने कमरा बंद करके पति को पीटा, तो पूरा घटनाक्रम कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। इसके बाद अंकित ने वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया, जो अब तेजी से वायरल हो गया।
पीड़ित अंकित ने आरोप लगाया कि पत्नी उससे 10 लाख रुपए की मांग कर रही है और लगातार मारपीट कर रही है। उसने कोलगवां थाना पहुंचकर सुरक्षा की गुहार लगाई।
----------------------
मप्र हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: हिंदू विवाह अधिनियम के तहत ही निपटाए जाएंगे जैन समाज के वैवाहिक विवाद
इंदौर। जैन समाज के वैवाहिक मामले हिंदू विवाह अधिनियम के तहत ही सुने और निराकृत किए जाएंगे। कुटुंब न्यायालय के अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश ने यह निष्कर्ष निकालकर कि हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के प्रविधान जैन समुदाय पर लागू नहीं होते हैं, गंभीर त्रुटि की है। वर्ष 2014 में जैन समुदाय को भले ही अल्पसंख्यक का दर्जा दे दिया गया, लेकिन उन्हें किसी भी मौजूदा कानून के तहत आवेदन करने के अधिकार से वंचित नहीं किया गया है।
कुटुंब न्यायालय को लग रहा था कि जैन समुदाय के मामले हिंदू विवाह अधिनियम के तहत निराकृत नहीं किए जा सकते हैं, तो कुटुंब न्यायालय को मामले को उच्च न्यायालय को रेफर कर देना था, लेकिन ऐसा नहीं किया। इस टिप्पणी के साथ मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने कुटुंब न्यायालय के आठ फरवरी 2025 के निर्णय को निरस्त कर दिया। कुटुंब न्यायालय ने इस निर्णय में जैन दंपती (नीतेश-शिखा) द्वारा विवाह-विच्छेद के लिए प्रस्तुत याचिकाओं को यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि केंद्र सरकार द्वारा जैन समाज को अल्पसंख्यक समुदाय घोषित किया गया है। 27 जनवरी 2014 को इस बारे में राजपत्र भी जारी हो चुका है। ऐसी स्थिति में जैन समाज के अनुयायियों को हिंदू विवाह अधिनियम के तहत अनुतोष प्राप्त करने का अधिकार नहीं है।
खंडेलवाल ने हिंदू विवाह विधि मान्य अधिनियम 1949 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें दी गई हिंदू की परिभाषा में पहले से ही जैन शामिल हैं।
सभी पक्षकारों को सुनने के बाद न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था, जो सोमवार को जारी हुआ।
उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने कुटुंब न्यायालय के निर्णय को निरस्त करते हुए कुटुंब न्यायालय को आदेश दिया है कि वह मामले में हिंदू विवाह अधिनियम के प्रविधानों के तहत आगे सुनवाई करे।
28 याचिकाएं की गई थीं निरस्त कुटुंब न्यायालय ने वैवाहिक विवादों से संबद्ध जैन समुदाय की 28 याचिकाएं निरस्त कर दी थीं।
अभिभाषक खंडेलवाल ने बताया कि इनमें से चार मामलों में उच्च न्यायालय में अपील हुई थी। इनमें अभिभाषक वर्षा गुप्ता, अभिभाषक यशपाल राठौर भी पैरवी कर रहे थे।
उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में यह भी कहा कि हिंदू विवाह वैधता अधिनियम, 1949 को हिंदुओं, सिखों और जैनों तथा उनकी विभिन्न जातियों, उपजातियों और संप्रदायों के बीच सभी मौजूदा विवाहों को वैध बनाने के लिए पारित किया गया था।
अधिनियम की धारा 2 में हिंदू की परिभाषा के अनुसार सिख या जैन धर्म को मानने वाले व्यक्ति शामिल हैं।
उक्त अधिनियम की धारा 3 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सिख और जैन सहित हिंदुओं के बीच कोई भी विवाह किसी अन्य मौजूदा कानून, व्याख्या, पाठ, नियम, रीति-रिवाज या उपयोग के आधार पर अमान्य नहीं माना जाएगा।

मुंबई कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन्हें ‘गद्दार’ कहा और आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसका वीडियो सामने आने के बाद शिवसैनिक भड़क गए और मुंबई स्थित हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ कर दी, जहां विवादित शो की शूटिंग हुई थी। इस मामले में मुंबई पुलिस ने शिवसेना नेता समेत 11 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। हालांकि मुंबई की अदालत ने बाद में सभी को जमानत दे दी।
जानकारी के मुताबिक, खार पुलिस ने शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल (Rahool Kanal) सहित 11 से अधिक शिवसेना कार्यकर्ताओं को स्टूडियो में तोड़फोड़ मामले में गिरफ्तार किया। बाद में उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया, जहां राहुल कनाल और 11 अन्य को जमानत मिल गई।
अधिकारियों ने बताया कि राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ बीती रात हैबिटेट स्टैंडअप कॉमेडी सेट पर तोड़फोड़ करने के आरोप में खार पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कॉमेडियन कुणाल कामरा की टिप्पणी के बाद शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं ने रविवार रात खार में हैबिटेट कॉमेडी क्लब में तोड़फोड़ की। वहीँ, वीडियो वायरल होने के बाद शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर देर रात मुंबई के एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में कॉमेडियन के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
तोड़फोड़ को लेकर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर पर शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल ने कहा, “यह कानून को हाथ में लेने की बात नहीं है। यह पूरी तरह से आपके आत्मसम्मान की बात है। जब बात बुजुर्गों या देश के सम्मानित नागरिकों की आती है… जब आपके बुजुर्गों को निशाना बनाया जाता है, तो आप उस मानसिकता के किसी व्यक्ति को निशाना बनाएंगे… इससे संदेश (कुणाल कामरा के लिए) स्पष्ट है कि ‘अभी तो यह ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है।’ जब भी आप मुंबई में होंगे, आपको शिवसेना स्टाइल में अच्छा सबक सिखाया जाएगा।”
वहीँ, कॉमेडियन कुणाल कामरा विवाद पर महाराष्ट्र सरकार के गृह (शहरी) मंत्री योगेश कदम ने कहा कि संविधान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान की है। लेकिन संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान करने का अधिकार नहीं दिया गया है। उन्होंने शिवसैनिकों के तोड़फोड़ पर कहा, “जो भी कार्रवाई जरुरी होगी वह की जाएगी।”
छत्रपति संभाजी नगर में पत्रकारों के सवाल पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, “किसी को भी कानून, संविधान और नियमों से परे नहीं जाना चाहिए। उन्हें अपने अधिकारों के अंदर रहकर ही बोलना चाहिए। मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इसमें पुलिस की आवश्यकता न पड़े।”
बता दें कि वायरल वीडियो में कामरा ने सत्तारूढ़ महायुति में शामिल तीनों दलों- बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी का मजाक उड़ाया।
कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ कार्रवाई पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। राउत ने कहा, कुणाल कामरा को मैं पहले से जानता हूं। उसने हम पर भी इसी प्रकार से पहले टिप्पणी की है। उन्होंने अगर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की है, तो कार्रवाई की जरुरत नहीं है। यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। लेकिन कामरा का ऑफिस और स्टूडियो तोड़ दिया गया। यह गुंडागर्दी है।
संजय राउत ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में गुंडाराज चल रहा है। मुंबई पुलिस कमिश्नर का तबादला होना चाहिए। महाराष्ट्र को बहुत कमजोर गृह मंत्री मिला है। वह गृह मंत्रालय नहीं चला पा रहे हैं। कहीं दंगे हो रहे हैं, गुंडागर्दी हो रही है, उनसे कंट्रोल नहीं हो रहा है। मैं दिल्ली में जाकर बात करूंगा। महाराष्ट्र में जो चल रहा है, उसके लिए आवाज उठानी पड़ेगी।
कामरा के वीडियो को उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने भी सोशल मीडिया पर शेयर किया था और लिखा, ‘‘कुणाल का कमाल।’’ शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने भी कुणाल कामरा का समर्थन किया है।
--------------------------
सांसदों के वेतन में 24% का इजाफा, हर सांसद को अब 1.24 लाख रुपए मिलेंगे, पूर्व सांसदों की पेंशन बढ़कर 31 हजार
नई दिल्ली. सरकार ने सांसदों की सैलरी में 24 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है. सोमवार को संसदीय कार्य मंत्रालय ने इसकी अधिसूचना जारी की. इसके मुताबिक मौजूदा सांसदों को अब 1.24 लाख रुपए प्रति माह मिलेगा. पहले उन्हें 1 लाख रुपए प्रति माह मिलते थे. यह बढ़ोतरी कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (लागत मुद्रास्फीति सूचकांक) के आधार पर की गई है. बढ़ी हुई सैलरी 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी.
डेली अलाउंस और पेंशन भी बढ़ाई गई है. डेली अलाउंस 2,000 रुपए से बढ़ाकर 2,500 कर दिया गया है. पूर्व सांसदों की पेंशन 25,000 रुपए से प्रतिमाह से बढ़ाकर 31,000 रुपए प्रति माह कर दी गई है. पांच साल से ज्यादा समय तक सांसद रहे सदस्यों को हर साल के लिए मिलने वाली एक्स्ट्रा पेंशन भी 2,000 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2,500 रुपए प्रति माह कर दी गई है.
लोकसभा और राज्यसभा में सांसदों की संख्या
लोकसभा - कुल सदस्य: 545 (वर्तमान में 543)
निर्वाचित सदस्य: 543 (सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं)
नामित सदस्य: 2 (राष्ट्रपति नॉमिनेट करते हैं)
कार्यकाल: 5 साल
राज्यसभा- कुल सदस्य: 250 (वर्तमान में 245)
निर्वाचित सदस्य: 233 (विधानसभाओं द्वारा चुने जाते हैं)
नामित सदस्य: 12 (राष्ट्रपति कला, साहित्य, विज्ञान और सोशल एक्टिविस्ट को चुनते हैं)
कार्यकाल: 6 साल (हर दो साल में 1/3 सदस्य रिटायर होते हैं)
सांसदों को सैलरी-पेंशन के अलावा मुफ्त हवाई, रेल और सड़क यात्रा की सुविधा मिलती है. सांसदों के परिवार के सदस्यों को भी सीमित यात्रा सुविधा मिलती है. इसके अलावा दिल्ली में मुफ्त सरकारी आवास, टेलीफोन, बिजली और पानी पर छूट मिलती है. मेडिकल सुविधाएं मिलती हैं, सीजीएचएस अस्पतालों में मुफ्त इलाज होता है.
----------------------------
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका; CJI की इन-हाउस जांच को दी गई चुनौती
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर आग लगने के दौरान भारी मात्रा में कथित कैश मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका अधिवक्ता मैथ्यूज जे नेदुम्परा, हेमाली सुरेश कुर्ने, राजेश विष्णु आद्रेकर और चार्टर्ड अकाउंटेंट मंशा निमेश मेहता ने संयुक्त रूप से दायर की है। इस याचिका में जस्टिस वर्मा, सीबीआई, ईडी, आयकर और जस्टिस वर्मा के खिलाफ जांच करने वाली न्यायाधीशों की समिति के सदस्यों को मामले में पक्ष बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा गया है कि इस मामले में दिल्ली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने और प्रभावी तथा सार्थक जांच करने का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की ओर से 22 मार्च को गठित तीन सदस्यीय न्यायाधीशों की समिति को जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना की जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। वो घटना भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस ) के तहत विभिन्न संज्ञेय अपराधों के दायरे में आती है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता मैथ्यूज नेदुम्परा ने दायर याचिका में के. वीरस्वामी बनाम भारत संघ मामले में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश को चुनौती दी है। इसमें माना गया था कि किसी मौजूदा हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज पर धारा 154 सीआरपीसी के तहत आपराधिक मामला केवल भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) से परामर्श के बाद ही दायर किया जा सकता है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जबकि अधिकांश जज ईमानदारी से काम करते हैं। ऐसे में वर्तमान मामले जैसे मामलों को निर्धारित आपराधिक प्रक्रिया से नहीं छोड़ा जा सकता है।
याचिका में आगे कहा गया है “जनता की धारणा यह है कि इस मामले को दबाने की बहुत कोशिश की जाएगी। यहां तक ​​कि पैसे की वसूली के बारे में शुरुआती बयानों का भी अब खंडन किया जा रहा है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति वर्मा के स्पष्टीकरण के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट और भारी मात्रा में करेंसी नोटों को बुझाने वाले अग्निशमन दल के वीडियो को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करके जनता का विश्वास बहाल करने में कुछ हद तक मदद की है।”
जनहित याचिका में बताया गया है कि इस तरह की जांच करने का अधिकार समिति को देने का निर्णय शुरू से ही निरर्थक है, क्योंकि कॉलेजियम (सुप्रीम कोर्ट) खुद को ऐसा आदेश देने का अधिकार नहीं दे सकता। जबकि संसद या संविधान ने ऐसा करने का अधिकार नहीं दिया है। याचिका में कहा गया है “जब अग्निशमन/पुलिस बल ने आग बुझाने के लिए अपनी सेवाएं दीं तो यह बीएनएस के विभिन्न प्रावधानों के तहत दंडनीय संज्ञेय अपराध बन गया और पुलिस का कर्तव्य है कि वह मुकदमा दर्ज करे।”
याचिका में कहा गया है “यह न्याय बेचकर जमा किए गए काले धन को रखने का मामला है। जस्टिस वर्मा के अपने बयान पर विश्वास करने का प्रयास करने पर भी यह सवाल बना हुआ है कि उन्होंने मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया। पुलिस को साजिश के पहलू की जांच करने में सक्षम बनाने के लिए देर से भी प्राथमिकी दर्ज करना अत्यावश्यक आवश्यक है। ऐसे में न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के मामले में याचिकाकर्ताओं की जानकारी में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।”
याचिका में आम जनता और मीडिया का हवाला देकर कहा गया है कि जब 14 मार्च को ये घटना हुई, तो उसी दिन FIR क्यों नहीं दर्ज की गई? किसी को गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया? जब इतनी बड़ी रकम बरामद हुई तो पैसे जब्त क्यों नहीं किए गए? कोई पंचनामा (मौका मुआयना) क्यों नहीं बना? और आपराधिक प्रक्रिया की शुरुआत क्यों नहीं की गई? यह घोटाला सामने आने में पूरे एक हफ़्ते से ज़्यादा का वक्त क्यों लग गया?
याचिका में आगे कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की कमेटी बनाकर केवल इन-हाउस (आंतरिक) जांच कराना और FIR दर्ज न करना, आम जनता के हितों के खिलाफ है। इससे न केवल सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका की साख को नुकसान हुआ है, बल्कि अगर न्यायमूर्ति वर्मा के दावे को सही भी मान लिया जाए, तो भी मामला गंभीर है और आंतरिक जांच काफी नहीं है। भ्रष्टाचार रोकने के लिए सख्त कानून लाया जाए। सरकार को आदेश दिया जाए कि वह न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए Judicial Standards and Accountability Bill, 2010 जैसे कानून को दोबारा लागू करे जो पहले रद्द हो चुका है।
दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की सिफारिश की है। वह मूल रूप से इलाहाबाद उच्च न्यायालय से संबंधित थे। उन्हें साल 2021 में दिल्ली लाया गया था। सोमवार को सीजेआई संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एएस ओका वाले कॉलेजियम द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है “सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 20 और 24 मार्च 2025 को आयोजित अपनी बैठकों में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वापस भेजने की सिफारिश की है।”

 

मुरैना। जिले में हथियारों का शौक और सोशल मीडिया पर प्रदर्शन करते हुए कई वीडियो वायरल होते रहते हैं। इसी कड़ी में महुआ क्षेत्र में एक दुस्साहसी युवक ने कट्टे को लहराते हुए पुलिस की गाड़ी के सामने हथियार लहराते रील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।
दरअसल वायरल वीडियो में एक युवक थाना प्रभारी लिखी गाड़ी के आगे पहले हथियार लहराता है, फिर गाड़ी के चक्कर काटता और अंत में दबंगई के साथ थाने की सरकारी गाड़ी में बैठ भी जाता है। इस वीडियो के साथ दबंगई भरा गाना चलता है। छानबीन हुई तो पता चला, कि वीडियो में दिख रही गाड़ी मुरैना जिले के महुआ थाने की है। 16 मार्च को खुर्द गांव में दंगल प्रतियोगिता थी। जिस जगह दंगल था, वहां तक गाड़ी के पहुंचने का रास्ता नहीं था। दंगल स्थल से दूर बीहड़ जैसे क्षेत्र में पुलिसकर्मी गाड़ी को रख गए थे। इसी दौरान एक युवक ने मौके का फायदा उठाकर कट्टा लहराते हुए व थाना प्रभारी की गाड़ी के साथ रील बना लिया। इसके बाद वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया। महुआ थाना पुलिस मामले की जांच कर आरोपी की तलाश में जुट गई है।

------------------------------------
सब इंजीनियर की करतूत: हिंदू-देवी देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट किया शेयर, FIR दर्ज
दतिया। मध्य प्रदेश के दतिया में बिजली विभाग के सब इंजीनियर ने हिंदू देवी-देवताओं से जुड़े आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया में शेयर किया है। जिसके बाद लोगों में काफी आक्रोश है। भावनाएं आहत करने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है।
दरअसल, भांडेर तहसील के विद्युत विभाग में पदस्थ महेश गौतम ने अपने सोशल मीडिया पर हिंदू देवी-देवताओं के कई वीडियो-फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। पोस्ट में भगवान को लेकर कई अभद्र टिप्पणी कही गई है। जिसे वह लगातार अपने फेसबुक पर शेयर कर रहा था। एक शख्स ने इसका वीडियो बनाकर पुलिस में शिकायत कर दी और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
ADSP सुनील शिवहरे ने इस मामले में जल्द कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा, सोशल मीडिया ओर कुछ फोटो और वीडियो शेयर किया गया है जिसमें भगवान को लेकर कई अभद्र टिप्पणियां भी की है। इसके संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है। आगे जो भी वैधानिक कार्रवाई है वह की जाएगी।
-----------------------
जेठ बना जानवर: खेत में जेठ ने अपनी बहू पर फावड़े से हमला कर दिया
खातेगांव, (देवास)। मध्य प्रदेश में सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लाख दावे करती हो। लेकिन एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने शासन-प्रशासन के सारे दावों की धज्जियां उड़ाकर रख दी। दरअसल, देवास में एक जुल्मी जेठ ने मामूली सी बात पर अपने छोटे भाई की पत्नी को बेरहमी से पीट दिया। शख्स हैवान बनकर उस पर टूट पड़ा और इतना मारा कि उसकी हड्डियां तक टूट गई। जिसके बाद घायल महिला को अस्पताल में भर्ती करना पड़ गया।
पूरा मामला खातेगांव थाना क्षेत्र के संदलपुर का है। बताया जा रहा है कि खेत में पानी देने को लेकर एक जेठ ने अपनी बहू पर फावड़े से हमला कर दिया। शनिवार सुबह की इस घटना में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना का वीडियो देर रात सामने आया है।
घटना के समय सुनीता गुर्जर अपने बेटे सचिन के साथ खेत में काम कर रही थी। उनके जेठ कैलाश गुर्जर भी पास के खेत में थे। सुनीता ने कैलाश को समझाया कि दोनों खेतों के बीच एक ही मोटर है, इसलिए बारी-बारी से पानी का उपयोग कर सकते हैं। इस बात पर कैलाश ने पहले गालियां दीं और फिर फावड़े से हमला कर दिया।
हमले में सुनीता के हाथ की हड्डियां टूट गईं। उनके सिर, पीठ और पेट में भी गंभीर चोटें आईं। बचाव में आए बेटे सचिन को भी कैलाश ने थप्पड़ मारे और उसे पीठ और हाथ में चोटें आईं। आरोपी ने धमकी दी कि अगर दोबारा पानी को लेकर बात की तो जान से मार देगा।
स्थानीय लोगों ने घायल सुनीता को पहले खातेगांव सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हरदा रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने हाथ का ऑपरेशन करने की सलाह दी है। फिलहाल मामले में खातेगांव थाना क्षेत्र पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार पीड़ित पक्ष के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ है। पीड़ित महिला और लड़के के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

भोपाल। करोंद स्थित पीले क्वार्टर इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां कूड़े के ढेर में एक नवजात शिशु बोरी में बंद मिला। शनिवार देर रात एक टैक्सी चालक ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी और उसे तुरंत बचाया। टैक्सी चालक मुश्ताक खान जब गाड़ी रोककर टॉयलेट के लिए रुके, तो उन्हें एक बोरी में हलचल महसूस हुई। शक होने पर उन्होंने जब बोरी खोली, तो उसमें एक नवजात बच्चा मिला। बिना देर किए उन्होंने निशातपुरा पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे को अस्पताल पहुंचाया गया।
पुलिस अधिकारी आरपी भारती ने बताया कि नवजात के शरीर पर किसी प्रकार की चोट के निशान नहीं पाए गए हैं। हालांकि, घटना स्थल के आसपास कोई CCTV कैमरा नहीं है, जिससे बच्चे को वहां छोड़ने वाले का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। अब पुलिस आसपास के रास्तों के फुटेज खंगाल रही है।
बच्चे को कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। डिस्चार्ज होने के बाद उसे बाल कल्याण समिति (CWC) को सौंप दिया जाएगा। फिलहाल, पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है।
----------------------------
13 साल के छात्र ने किया सुसाइड, जातिगत अपमान का आरोप, लात-घूंसों और जूतों से की थी मारपीट
छतरपुर। में एक 13 वर्षीय छात्र ने सुसाइड कर लिया। परिवार का आरोप है कि गांव के ही किराना दुकानदार ने उसका जातिगत अपमान किया था। इसके बाद परिवार ने भीम आर्मी के साथ मिलकर आरोपी की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, साथ ही सीएसपी को ज्ञापन भी सौंपा।
पीड़ित के पिता किशोरा अहिरवार ने बताया कि उनका बेटा अंशु अहिरवार शनिवार दोपहर को किराना दुकान पर सामान लेने गया था। दुकान में उसने सामान छुआ तो दुकानदार राम शुक्ला ने जातिसूचक गालियां दीं। दुकान का गेट बंद कर उसके साथ लात-घूंसों और जूतों से मारपीट की।
किशोरा अहिरवार ने कहा कि अंशु ने घर आकर छोटे भाई अमित और रामरतन को घटना की जानकारी दी। इसके बाद कमरे में जाकर फांसी लगा ली। परिवार ने आरोप लगाया है कि दुकानदार ने उनके बेटे का जातिगत अपमान किया था, जिसके कारण उसने सुसाइड कर लिया।
आज सुबह अंशु के परिजन और भीम आर्मी के सदस्य शव को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां दोबारा पोस्टमॉर्टम की मांग की। फिर छत्रसाल चौराहे पर इकट्‌ठा होकर प्रदर्शन करने लगे।
मामले की जानकारी लगने के बाद सीएसपी अमन मिश्रा मौके पर पहुंचे। परिजन को कार्रवाई का आश्वासन देकर प्रदर्शन शांत कराया। सीएसपी मिश्रा ने बताया कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है। परिजन के बयान लिए जा रहे हैं। जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
------------------------------
एमपी में पुलिस पर फिर हमला, पुलिस ने भागकर बचाई जान, SI गंभीर घायल
सीहोर मध्यप्रदेश में एक बार फिर पुलिस टीम पर हमला हुआ है। इस बार मामला सीहोर जिले का है जहां इछावर तहसील के एक गांव में पुलिस टीम विवाद की सूचना पर पहुंची थी। पुलिस के पहुंचते ही लोगों ने पुलिस टीम को घेर लिया और हमला कर दिया। हमले में SI गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों को मौके से भागकर अपनी जान बचानी पड़ी।
घटना इछावर तहसील के खेरी गांव की है जहां के रहने वाले कमलेश नाम के युवक ने कुछ दिन पहले गेरूखान गांव की रहने वाली एक युवती से कोर्ट मैरिज की थी और उसे अपने साथ खेरी गांव ले गया था। युवती के परिजन को जब इस बात की जानकारी लगी तो वो इकहट्ठे होकर खेरी गांव पहुंच गए और कमलेश के घर पर हमला बोल दिया। कमलेश के घर पर कोई नहीं था इसी कारण युवती के परिजन घर में तोड़फोड़ कर रहे थे जिसकी सूचना ग्रामीणों ने पुलिस को दी थी।
विवाद की सूचना मिलते ही एसआई रामनारायण धुर्वे दो आरक्षकों के साथ मौके पर पहुंचे तो आरोपी हेमराज, विशाल, गजराज, राहुल और भूरा ने पुलिस पर लाठी डंडों से हमला कर दिया। जिससे एसआई गंभीर रूप से घायल हो गए। बाकी जवानों ने मौके से भागकर अपनी जान बचाई। घायल एसआई को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। फिलहाल सबी आरोपी फरार हैं जिनकी पुलिस तलाश कर रही है।

प्रमुख समाचार

मुंबई कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन्हें ‘गद्दार’ कहा और आपत्तिजनक टिप्पणी की। इसका वीडियो सामने आने के बाद शिवसैनिक भड़क गए और मुंबई स्थित हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ कर दी, जहां विवादित शो की शूटिंग हुई थी। इस मामले में मुंबई पुलिस ने शिवसेना नेता समेत 11 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। हालांकि मुंबई की अदालत ने बाद में सभी को जमानत दे दी।जानकारी के मुताबिक,...

मध्य प्रदेश

जबलपुर। एमपी के जबलपुर स्थित गोसलपुर से लगे आधा दर्जन गांव में जमीनों पर कब्जा कर डेरा डाले पारधियों को परिवार सहित खदेड़ दिया है. ये पारधी परिवारों सहित रहकर अपराधिक गतिविधियों से लेकर अवैध कारोबार कर रहे थे. पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में शराब भी पकड़ी है. पुलिस जब इन्हे हटाने के लिए पहुंची तो अभद्रता करना शुरु कर दिया, इसके बाद भारी पुलिस बल बुलाया गया, तभी इन लोगों में भगदड़ मच गई.पुलिस अधिकारियों के अनुसार गोसलपुर से लगे केवलारी, रानीताल , गांधीग्राम, बरनू...

अपराध

इंदौर। में एक डॉक्टर को शेयर मार्केट में निवेश का लालच देकर 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी करने वाले गिरोह के 7 आरोपियों को क्राइम ब्रांच पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी व्हाट्सएप के जरिए डॉक्टर के संपर्क में आए और उन्हें ‘वेब बुल’ नामक वेबसाइट पर ट्रेडिंग के लिए प्रेरित किया। शुरुआती मुनाफे के झांसे में आकर डॉक्टर ने 1 करोड़ रुपए तक का निवेश कर दिया, लेकिन जब उन्होंने राशि निकालनी चाही तो ठगी का खुलासा हुआ।क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज...
More inअपराध  

गुना सिटी

गुना।(गरिमा टीवी न्यूज़) अपर लोक अभियोजक राकेश व्यास ने बताया कि दिनांक 31/03/2019 को फरियादी जयनारायण ने रिपोर्ट लेख कराईं कि दिनांक 03/12/2018 को उसकी भूमि पर गेहूं की फसल कटवा कर रख दी थी । उस फसल को वह सभी लोग एकत्रित कर रहे थे तभी पुरैना, पुरैनी ,खेजरा गुरुजी, पगारा से यादव समाज के 19 लोग एक राय होकर लाठी फरसी लेकर आए और गाली देते हुए बोले कि  तुम गेहूं की फसल नहीं ले जा सकते और सभी ने हमला बोल दिया  । लखन सहित सभी लोगों ने हम सब की गंभीर मारपीट की, एवं...

फोटो गैलरी

35,10,0,50,1
25,600,60,1,300,200,25,800
90,150,1,50,12,30,50,1,70,12,1,50,1,1,1,5000
0,2,1,0,2,40,15,5,2,1,0,20,0,1
गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
गरिमा के 1 वर्ष बाद का फोटो
गरिमा के 1 वर्ष बाद का फोटो
गरिमा के 2 वर्ष बाद का फोटो
गरिमा के 2 वर्ष बाद का फोटो
बीमार होने के बाद भोपाल अस्पताल मे भर्ती गरिमा
बीमार होने के बाद भोपाल अस्पताल मे भर्ती गरिमा
हाई कोर्ट के आदेश के बाद गरिमा के शव को जमीन से निकालते हुऐ
हाई कोर्ट के आदेश के बाद गरिमा के शव को जमीन से निकालते हुऐ
निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
दोषी डॉक्टर के खिलाफ मामला कायम कराने के लिऐ पुलिस अधिक्षक से मिले पत्रकार
दोषी डॉक्टर के खिलाफ मामला कायम कराने के लिऐ पुलिस अधिक्षक से मिले पत्रकार
गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
पूजा स्थल मे गरिमा
पूजा स्थल मे गरिमा