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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में फर्जी स्टांप कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। मृत वकीलों की मुहर लगाकर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया जा रहा था। फर्जी स्टांप का खेल 30 साल से चल रहा था। गिरोह में स्टांप वेंडर और वकील भी शामिल बताए जा रहे है।
दरअसल गिरोह के सदस्य उपयोग किए गए स्टांप के प्रिंट को मिटाकर उन्हें दोबारा वेंडर को बेचता था। वेंडर वकीलों की मदद से नोटरी में उनका धड़ल्ले से दोबारा उपयोग कर रहे थे। मामले में पुलिस ने तीन स्टांप वेंडर, दो वकील और दलाल समेत कुल 10 लोगों पर किया केस दर्ज किया है। मामला उजागर होने के बाद वकील और दुकान संचालक फरार हो गया है।
आरोपियों के पास से लाखों रुपए के फर्जी स्टांप टिकट मिले है। आरोपी आरिफ अफजल अली स्टांप पेपरों का प्रिंट केमिकल से मिटाता था और उसे स्टांप वेंडर तक पहुंचाता था। मामले में पुलिस ने प्रीतम प्रजापति, नरेश सहरिया, आरिफ और जतिन साहू को गिरफ्तार किया है। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

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दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करीः चेकिंग के दौरान थैले में 17 दुर्लभ इंडियन फ्लैप सेल कछुए मिले
ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर से बड़ी खबर सामने आई है। शहर में दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तस्करी पकड़ गई है। पुलिस चेकिंग के बाइक सवार दो युवक बैग छोड़कर भाग गए। बैग के अंदर 17 दुर्लभ इंडियन फ्लैप सेल कछुए मिले।
दरअसल शहर के डीडी नगर से पिंटू पार्क तिराहे पर यातायात निरीक्षक (Traffic Inspector) अभिषेक रघुवंशी चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान तस्करी का मामला उजागर हुआ। टीआई अभिषेक रघुवंशी ने इसकी सूचना फॉरेस्ट टीम को दी।
फॉरेस्ट टीम ने कछुओं को वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन एक्ट में संरक्षित दुर्लभ प्रजाति का बताया है। कछुए की खरीद फरोख्त पूरी तरह से प्रतिबंधित है। फरार बाइक सवार युवकों के खिलाफ वाइल्डलाइफ प्रोटक्शन एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। गोला का मंदिर थाना पुलिस फरार तस्करों की तलाश में जुटी है।
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प्रिंसिपल ने 6वीं क्लास के छात्र से की मारपीट: मां से कहा-आपका बच्चा गुंडा बनेगा,FIR दर्ज
भोपाल। राजधानी भोपाल के ईदगाह हिल्स क्षेत्र में स्थित गुरुनानक हायर सेकेंडरी स्कूल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब स्कूल के प्रिंसिपल ने कक्षा 6वीं के 12 वर्षीय छात्र के साथ मारपीट की और उसे 10-15 थप्पड़ जड़ दिए। मारपीट इतनी बेरहमी से की गई कि बच्चा मौके पर ही बेहोश हो गया। उसके चेहरे पर गंभीर चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। परिजनों का गंभीर आरोप है कि प्रिंसिपल ने न सिर्फ बच्चे को पीटा बल्कि उसे और उसके परिवार को धमकी भी दी।
गुस्साए परिजनों ने तुरंत शाहजहांनाबाद थाने पहुंचकर प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई। परिजनों ने बताया कि छोटी-सी बात पर प्रिंसिपल ने बच्चे के साथ अभद्रता की और फिर हाथ उठा दिया। घटना के बाद बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और प्रिंसिपल व स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। बच्चे के परिजन न्याय की मांग कर रहे हैं और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं।
बच्चे की मां ने एक वीडियो जारी करते हुए बताया कि मंगलवार दोपहर 2:03 बजे प्रज्ञा सोनी मैम का कॉल आया कि प्रिंसिपल बुला रही हैं। जब हम पहुंचे तो बच्चा बेहोशी हालत में था। टीचर कह रहे थे कि दो बच्चों की लड़ाई हुई है। मैंने कहा दूसरे बच्चे के पेरेंट्स को बुलाइए, मैं उसका इलाज करवा दूंगी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। जब हम बात कर रहे थे, तभी प्रिंसिपल बाहर आईं और बोलीं ‘क्या गुंडा बनाओगी अपने बेटे को?’
इसके बाद उन्होंने हमें जबरदस्ती स्कूल से बाहर कर दिया। मेरे बेटे ने मुझे बताया कि प्रिंसिपल मैम ने 7-10 थप्पड़ मारे। हमने पुलिस से स्कूल के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने की मांग की है। अगर मेरे बच्चे को कुछ हो जाता, तो जिम्मेदार कौन होता? हम प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई चाहते हैं।

बेतुल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में अब तक की सबसे बड़ी करीब 9 करोड़ 84 लाख रुपए की साइबर ठगी का खुलासा हुआ है। एमपी पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए तीन आरोपियों राजा उर्फ आयुष चौहान निवासी खेड़ीसावलीगढ़, अंकित राजपूत निवासी इंदौर, नरेंद्र सिंह राजपूत निवासी इंदौर को गिरफ्तार किया है।
खेड़ी सावलीगढ़ निवासी मजदूर बिसराम इवने (40) ने कलेक्टर और SP कार्यालय में आवेदन देकर बताया कि उसके जन-धन खाते में करीब 2 करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन दिख रहे हैं। बैंक में KYC कराने पहुंचा तो यह जानकारी सामने आई। जांच में पता चला कि जून 2025 से उसके खाते से 1.5 करोड़ रुपए का अवैध ट्रांजिक्शन किया गया था।
एमपी पुलिस ने जब मामले की जांच की तो एक ही बैंक के 7 खातों बिसराम, नर्मदा, मुकेश, नितेश, अमोल, चंदन और मृतक राजेश बर्डे को निशाना बनाकर गिरोह ने 98,495,212 रुपए का फर्जीवाड़ा किया। चौंकाने वाली बड़ी बात यह है कि मृतक राजेश बर्डे के खाते का भी सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया गया। गिरोह ने मृतक के खाते में मोबाइल नंबर बदलकर नया ATM कार्ड जारी कराया, इंटरनेट बैंकिंग एक्टिव की और OTP पर कब्जा जमाकर करोड़ों रुपए उड़ाए।
जांच में यह भी सामने आया है कि बैंक में पासबुक एंट्री का काम देखने वाला एक निजी व्यक्ति ही गिरोह को गोपनीय जानकारी देता था। इसी की मदद से खातों में फर्जी मोबाइल नंबर लिंक, ATM कार्ड जारी कर पासबुक/चेकबुक का दुरुपयोग और ग्राहक दस्तावेजों से छेड़छाड़ जैसे कार्यों को अंजाम दिया।
हर खाते की एक 'किट' सिम, ATM, पासबुक, चेकबुक बस द्वारा इंदौर भेजी जाती थी, जहां बैठा गिरोह बड़े लेन-देन को अंजाम देता था।
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चोरों ने मंदिर की दान पेटी तोड़कर की12 लाख की चोरी, घटना CCTV कैमरे में कैद
विदिशा। शहर के सांची रोड स्थित रंगई हनुमान मंदिर में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब सुबह मंदिर प्रबंधन ने देखा कि दान पेटी टूटी हुई और अंदर रखी नकदी गायब है। पुजारी के अनुसार मंदिर की पेटी चार माह में एक बार खोली जाती है इसी बीच चोर मंदिर में घुसकर पेटी तोड़ ले गया। तोड़फोड़ के बाद चोर आराम से 10 से 12 लाख रुपये समेटकर फरार हो गया। पूरी वारदात मंदिर में लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई है। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई।
चोरी की वारदात की जानकारी मिलते ही मंदिर के पुजारी ने पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। फिंगरप्रिंट टीम के साथ एफएसएल की मदद भी ली जा रही है। पुलिस आसपास लगे अन्य कैमरों की भी फुटेज खंगाल रही है ताकि चोर की पहचान की जा सके।
फिलहाल पुलिस इस चोरी को एक सुनियोजित वारदात मान रही है और आसपास के इलाकों में चोरों की तलाश तेज कर दी है।
सवाल यह है कि इतनी बड़ी वारदात मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था पर कैसे भारी पड़ गई?
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किसानों की बल्ले-बल्ले, हाईटेंशन लाइन के लिए अब मिलेगा 200% मुआवजा
भोपाल: प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए हाईटेंशन लाइन बिछाने के लिए अधिग्रहित भूमि पर मिलने वाले मुआवजे में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब खेतों के ऊपर से 66 केवी या उससे अधिक क्षमता की विद्युत लाइन डाली जाती है, तो भूमि स्वामी को कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर 200 प्रतिशत मुआवजा भुगतान किया जाएगा। पहले यह राशि मात्र 85 प्रतिशत दी जाती थी।
राजस्व विभाग द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि हाईटेंशन लाइन के लिए जहां-जहां टावर स्थापित किए जाएंगे, वहां टावर के चारों लेग के भीतर आने वाली भूमि तथा उसके दोनों ओर एक-एक मीटर अतिरिक्त क्षेत्र का पूरा मुआवजा दिया जाएगा। हालांकि यह जमीन किसान के कब्जे में बनी रहेगी।
इसके साथ ही ट्रांसमिशन लाइन के नीचे आने वाले मार्गाधिकार (ROW) क्षेत्र में स्थित भूमि के कारिडोर क्षेत्रफल का कलेक्टर गाइडलाइन मूल्य का 30 प्रतिशत क्षतिपूर्ति के रूप में दिया जाएगा। आदेश के अनुसार, ROW क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण करने की अनुमति नहीं होगी।
मुआवजा निर्धारण की जिम्मेदारी जिला कलेक्टर को सौंपी गई है, जो भूमि के बाजार मूल्य और निर्धारित मानकों के आधार पर क्षतिपूर्ति राशि तय करेंगे। सरकार ने विभिन्न क्षमता की हाईटेंशन लाइनों के लिए मार्गाधिकार क्षेत्रफल का निर्धारण भी सार्वजनिक किया है।
हाईटेंशन लाइन के नीचे भूमि के क्षतिपूर्ति क्षेत्रफल का निर्धारण
केवी हाईटेंशन लाइन- सामान्य मार्ग- वन क्षेत्र- शहरी आबादी क्षेत्र
400 केवी- 46 मीटर- 40 मीटर- 38 मीटर
220 केवी- 32 मीटर- 28 मीटर- 24 मीटर
132 केवी- 25 मीटर- 21 मीटर- 19 मीटर

महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तम्हिनी घाट क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा सामने आया है, जहां एक थार SUV करीब 400 फीट गहरी खाई में गिर गई, जिसमें छह युवाओं की मौत हो गई। यह दुर्घटना मंगलवार सुबह हुई, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी गुरुवार सुबह प्राप्त हुई। अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन कैमरे की मदद से ही गाड़ी की सटीक लोकेशन का पता लगाया जा सका।
मृतकों की उम्र 18 से 22 वर्ष के बीच बताई गई है। सभी युवक सोमवार देर रात पुणे से थार SUV में निकले थे। तम्हिनी घाट, जो रायगढ़ और पुणे जिलों को जोड़ने वाली एक खूबसूरत पहाड़ी सड़क है, अक्सर लोगों के लिए लोकप्रिय पिकनिक स्थल रहा है।
अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार सुबह से ही इन लड़कों का परिजनों से संपर्क टूट गया था। चिंता बढ़ने पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने युवकों के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की, जो तम्हिनी घाट के आसपास पाई गई। इसके बाद मानगांव पुलिस स्टेशन की टीम ने गुरुवार सुबह खोज अभियान शुरू किया।
तलाशी के दौरान सड़क के एक मोड़ पर टूटी सुरक्षा रेलिंग दिखाई दी, जिससे आशंका हुई कि वाहन खाई में गिरा हो सकता है। इसके बाद पुलिस ने ड्रोन की सहायता ली और SUV घाटी में नीचे एक पेड़ में अटकी हुई मिली।
हालांकि घटना का कोई प्रत्यक्षदर्शी नहीं था, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि सड़क के मोड़ पर वाहन चालक का नियंत्रण गाड़ी से हट गया होगा, जिसके कारण यह हादसा हुआ।
रायगढ़ पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवकों की एक संयुक्त टीम ने गुरुवार दोपहर सभी छह शवों को खाई से बाहर निकाला। मृतकों की पहचान पूरी कर ली गई है। पुलिस ने बताया कि शवों को सरकारी अस्पताल में भेजा गया है, जहां पोस्टमार्टम के बाद उन्हें परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
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प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर SC का फैसला : बिल को रोक नहीं सकते गवर्नर… बिल मंजूर करें, लौटाएं या राष्ट्रपति को भेजें
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने राष्ट्रपति और राज्यपाल की बिल मंजूरी की डेडलाइन तय करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 14 संवैधानिक सवाल भेजे थे। ये सवाल राज्यपाल और राष्ट्रपति के अधिकार, विधानसभा में पास बिलों पर कार्रवाई की समय-सीमा और उनके संवैधानिक दायरे से जुड़े थे।
यह मामला उस फैसले के बाद सामने आया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि राज्यपाल और राष्ट्रपति को पारित बिलों पर समयबद्ध निर्णय लेना चाहिए। राष्ट्रपति ने इस मामले में संवैधानिक सीमाओं और संघवाद पर संभावित प्रभाव की चिंता जताई थी।
संविधान पीठ ने कहा कि, न्यायपालिका कानून बनाने की प्रक्रिया में सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकती, लेकिन बिना वजह की अनिश्चित देरी न्यायिक जांच के दायरे में आ सकती है। अदालत ने स्पष्ट किया कि, भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में राज्यपाल के लिए सख्त समयसीमा तय करना संविधान की लचीलेपन की भावना के खिलाफ होगा। राज्यपाल के पास केवल तीन संवैधानिक विकल्प हैं:
बिल को मंजूरी देना
बिल को दोबारा विचार के लिए विधानसभा को लौटाना
बिल को राष्ट्रपति के पास भेजना
राज्यपाल बिलों को अनिश्चितकाल तक रोककर विधायी प्रक्रिया को बाधित नहीं कर सकते। इस निर्णय से स्पष्ट हुआ कि राज्यपाल सिर्फ "रबर स्टैंप" नहीं हैं, बल्कि उनके पास संवैधानिक विवेकाधिकार है। लेकिन यह विवेक अनिश्चितकालीन देरी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
राष्ट्रपति और राज्यपाल के लिए समयसीमा का सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के रेफरेंस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि, अनुच्छेद 200 और 201 के तहत राज्यपाल के पास केवल तीन विकल्प हैं। अदालत ने यह भी कहा कि, राष्ट्रपति के लिए बिल सुरक्षित रखना भी संवैधानिक संवाद का हिस्सा है। कोर्ट ने टिप्पणी की है कि, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को टकराव या बाधा पैदा करने के बजाय संवाद और सहयोग की भावना अपनानी चाहिए।
इस फैसले से भारत के संघीय ढांचे, राज्यों के अधिकार और गवर्नर की भूमिका पर व्यापक असर पड़ेगा। अदालत ने यह स्पष्ट कर दिया कि, न्यायपालिका राज्यपाल या राष्ट्रपति पर समयसीमा थोप नहीं सकती। लेकिन अनिश्चितकाल तक किसी बिल को रोकना संविधान और संघवाद के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। राज्यपाल और राष्ट्रपति को संवैधानिक पद के नाते संतुलित और जिम्मेदार निर्णय लेना होगा। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राज्य और केंद्र के बीच संवैधानिक संतुलन को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल है और विधायी प्रक्रिया में समय पर निर्णय लेने की आवश्यकता पर जोर देता है।
टाइमलाइन और मामला
नवंबर 2020 - अप्रैल 2023: तमिलनाडु विधानसभा में 12 बिल पास हुए। राज्यपाल आर.एन. रवि ने इन्हें मंजूरी नहीं दी।
अक्टूबर 2023: तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि राज्यपाल द्वारा बिलों को बिना कारण रोकना असंवैधानिक है।
8 अप्रैल 2025: सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के बिल अटकाने को अवैध बताया और कहा कि राष्ट्रपति को भेजे गए बिलों पर तीन महीने में निर्णय लेना होगा।
15 मई 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आर्टिकल 143 (1) के तहत सुप्रीम कोर्ट से 14 सवाल पूछे।
आज का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न्यायपालिका समय-सीमा तय नहीं कर सकती, लेकिन अनिश्चितकालीन देरी न्यायिक हस्तक्षेप के दायरे में आ सकती है।
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SIR: ममता बनर्जी ने SIR को बताया खतरनाक, CEC को लिखा पत्र
बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर पश्चिन बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखा है. ममता ने लिखा कि राज्य में मतदाता SIR की मौजूदा प्रक्रिया अनियोजित और जबरन तरीके से चलाई जा रही है. ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर कई बार अपनी चिंता जाहिर की हैं. अब स्थिति काफी बिगड़ जाने के कारण उन्हें मजबूर होकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त को यह पत्र लिखना पड़ा है.
SIR: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार को पत्र लिखकर एसआईआर को अनियोजित और दबाव डालने वाला कहा है. सीएम ममता ने आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की मौजूदा प्रक्रिया ‘अनियोजित और जबरन’ तरीके से चलाई जा रही है, जो नागरिकों और अधिकारियों दोनों को जोखिम में डाल रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया कि यह विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया चिंताजनक और खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर कई बार अपनी चिंता जाहिर की हैं. अब स्थिति काफी बिगड़ जाने के कारण उन्हें मजबूर होकर मुख्य निर्वाचन आयुक्त को यह पत्र लिखना पड़ा है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को लिखा “…मैं आपको लिखने के लिए मजबूर हूं क्योंकि चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के हालात बहुत ही खतरनाक स्टेज पर पहुंच गए हैं. जिस तरह से यह काम अधिकारियों और नागरिकों पर थोपा जा रहा है, वह न सिर्फ़ बिना प्लान के और अस्त-व्यस्त है, बल्कि खतरनाक भी है. बेसिक तैयारी, सही प्लानिंग या साफ कम्युनिकेशन की कमी ने पहले दिन से ही इस प्रोसेस को कमजोर कर दिया है. ट्रेनिंग में बड़ी कमियां, जरूरी डॉक्यूमेंटेशन पर साफ जानकारी न होना और वोटरों से उनके रोजगार के कामों के बीच मिलना लगभग नामुमकिन होने की वजह से यह काम स्ट्रक्चर के हिसाब से ठीक नहीं है. मैं आपसे रिक्वेस्ट करूंगी कि आप इस काम को रोकने के लिए मजबूती से दखल दें, जबरदस्ती के तरीके बंद करें, सही ट्रेनिंग और सपोर्ट दें, और मौजूदा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण (SIR) की यह प्रक्रिया लोगों पर थोपी जा रही है. बिना किसी बुनियादी तैयारी या पर्याप्त योजना के काम किया जा रहा है. सीएम ममता ने पत्र में लिखा “यह प्रक्रिया जिस तरह अधिकारियों और नागरिकों पर थोपी जा रही है, वह न केवल अनियोजित और अव्यवस्थित है, बल्कि खतरनाक भी है. बुनियादी तैयारी, पर्याप्त योजना और स्पष्ट संचार के अभाव ने पहले दिन से ही पूरे अभियान को पंगु बना दिया है.” उन्होंने कहा प्रशिक्षण में गंभीर खामियां, अनिवार्य दस्तावेजों को लेकर कुछ भी साफ नहीं है. ममता बनर्जी ने कहा कि एसआईआर की पूरी कवायद संरचनात्मक रूप से कमजोर हो गयी है.
ममता बनर्जी ने कहा कि एसआईआर में कुप्रबंधन के कारण लोगों की जान जा रही है. उन्होंने जलपाईगुड़ी में बूथ-स्तरीय अधिकारी के रूप में तैनात एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मौत का भी हवाला दिया है. सीएम ममता ने कहा कि उन्होंने आत्महत्या की “बताया जा रहा है कि वह एसआईआर से जुड़ी बेहद दबावपूर्ण परिस्थितियों के कारण मानसिक रूप से टूट गई थीं”. उन्होंने कहा “इस प्रक्रिया की शुरुआत के बाद से कई अन्य लोगों ने भी अपनी जान गंवाई है.” ममता बनर्जी ने कहा “ऐसे हालात में, मैं तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई की कड़ी अपील करती हूं और इसकी अपेक्षा भी रखती हूं.”

रतलाम। जिले के बासिंद्रा गांव में बुधवार को प्रशासनिक टीम पर हमला हो गया। SIR सर्वे के लिए पहुंचे नायब तहसीलदार और BLO पर अचानक तीन युवकों ने हमला कर दिया। पथराव में दोनों अधिकारी घायल हो गए और जान बचाने के लिए मौके से भागना पड़ा।
बता दें कि, प्रशासनिक टीम निर्वाचन कार्य से जुड़ी जानकारी लेने रावटी थाना क्षेत्र के आधारशिला गांव के पास नहर पुलिया पर पहुंची थी। नायब तहसीलदार रामकलेश साकेत के साथ पटवारी बाबूलाल मुनिया, BLO विक्रम सिंह राठौड़ और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी मौजूद थे। इसी दौरान बाइक सवार तीन युवक वहां पहुंचे। बताया जा रहा है कि वे नशे में थे और आते ही गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि “सड़क पर क्यों खड़े हो” और अचानक पथराव शुरू कर दिया।
हमले के दौरान नायब तहसीलदार और BLO को पत्थर लगे, जिससे वे घायल हो गए। टीम के बाकी सदस्य भी डरकर इधर-उधर भागे। बाद में सभी ने सुरक्षित स्थान पर जाकर घटना की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। घायलों को तुरंत रतलाम मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया जहां उनका इलाज जारी है।
सैलाना SDM तरुण जैन ने बताया कि नायब तहसीलदार निर्वाचन कार्य के निरीक्षण पर थे। तभी तीन बदमाशों ने बिना किसी कारण के हमला कर दिया। घटना गंभीर है और पुलिस मामले की जांच कर रही है। पीड़ित अधिकारियों की शिकायत पर हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है।
SIR यानी यह निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत मतदाता सूची से जुड़े दस्तावेजों और व्यवस्थाओं की जांच का काम है।

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इंदौर में विदेशी ड्रग सप्लायर का भंडाफोड़,अफ्रीका की लिंडा 15.50 लाख की कोकीन के साथ गिरफ्तार
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर की रेसिडेंसी एरिया में मंगलवार शाम सनसनी फैल गई जब नारकोटिक्स टीम ने एक विदेशी महिला कोकीन सप्लायर को रंगे हाथों पकड़ लिया। वेस्ट अफ्रीका की रहने वाली 25 साल की लिंडा ओडियो को पुलिस ने 31.85 ग्राम कोकीन के साथ धर दबोचा। बरामद माल की कीमत 15 लाख 50 हजार रुपये बताई जा रही है। जिस इलाके में लोग रोज़ शाम ढलते ही घूमने निकलते हैं, उसी साईं मंदिर के पीछे पानी की टंकी के पास यह विदेशी युवती कोकीन की सप्लाई करने पहुंची थी। मुखबिर की सूचना के बाद नारकोटिक विभाग की टीम ने घेराबंदी कर इसे पकड़ लिया।
DIG नारकोटिक्स महेश चंद्र जैन ने बताया कि जांच में सामने आया कि लिंडा ओडियो नालासोपारा, मुंबई में रहती थी और 2024–2025 में जारी हुए स्टूडेंट वीज़ा पर भारत आई थी। पढ़ाई के नाम पर वीज़ा लिया और यहां आकर कोकीन सप्लाई का धंधा शुरू कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है कि विदेशी वीज़ा पर आने वाले युवक-युवतियां ड्रग रैकेट से जुड़ते पकड़े गए हों। लेकिन इस केस ने इंदौर में ड्रग नेटवर्क की नई परत खोल दी है— आखिर इसे ड्रग लेने कौन बुला रहा था? इसके पीछे कौन सा गिरोह काम कर रहा है। नारकोटिक विभाग अब इस कड़ी को पकड़ने की कोशिश कर रहा है कि इस विदेशी सप्लायर को कोकीन किसे देनी थी और इसका नेटवर्क कितने शहरों तक फैला हुआ है।
एप्पल मोबाइल भेजा फॉरेंसिक में- ड्रग नेटवर्क के सुराग निकलने की उम्मीद
लिंडा के पास से एक एप्पल मोबाइल भी जब्त किया गया है फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि फोन से कई बड़े कांटेक्ट्स, चैट और पेमेंट ट्रेल सामने आ सकते हैं जो इस रैकेट की असली कहानी बताएंगे।
कार्रवाई शाम 17:30 से 19:50 के बीच की गई और FIR 22:26 बजे दर्ज हुई। इस पूरी कार्रवाई का नेतृत्व निरीक्षक राधा जामोद ने किया। टीम में निरीक्षक हरीश सोलंकी, उपनिरीक्षक सीमा मिमरोट, आरक्षक ओमप्रकाश राठौर, प्रदीप पाल, रजनीश पांडे, रवि कदम, और महिला आरक्षक स्मिता राठौर, नेहा तिवारी शामिल थे।
आज लिंडा को कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी, ताकि उससे पूछताछ की जा सके कि—वह इंदौर में किसे ड्रग्स देने आई थी? यह माल कहां से आता था? नालासोपारा में बैठे कौन से लोग इसे ऑपरेट कर रहे थे? , नारकोटिक विभाग का कहना है कि यह गिरफ्तारी सिर्फ शुरुआत है, इस ड्रग रैकेट की जड़ें अब और गहरी जांच में सामने आएंगी।
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बैंक घोटाले के आरोपी श्रीकांत भासी की 51 करोड़ की संपत्ति कुर्क, SBI से की थी 1266 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी
भोपाल। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बैंक धोखाधड़ी के एक बड़े मामले में कड़ा एक्शन लिया है। ED की भोपाल जोनल यूनिट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से 1266 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी करने के आरोपी श्रीकांत भासी की दुबई स्थित अचल संपत्ति कुर्क कर ली है। इस संपत्ति की अनुमानित कीमत करीब 51 करोड़ रुपये है।
ED के अनुसार, श्रीकांत भासी कंपनी एडवांटेज ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड (AOPL) के निदेशक हैं। इस कंपनी पर आरोप है कि उसने SBI के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से भारी मात्रा में लोन लिया और बाद में उसका दुरुपयोग किया। लोन की राशि को विदेश भेजकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई। ED ने PMLA (Prevention of Money Laundering Act) की धारा 5 के तहत प्रॉपर्टी अटैचमेंट का यह आदेश जारी किया है। कुर्क की गई संपत्ति दुबई में स्थित फ्लैट्स और कमर्शियल स्पेस हैं। ED ने इस कार्रवाई की जानकारी अदालत को भी दे दी है।
इससे पहले भी श्रीकांत भासी पर CBI और ED की अलग-अलग जांच चल रही है। ED का कहना है कि जांच में और भी संपत्तियां सामने आ सकती हैं।

उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक शादी में उस वक्त हंगामा मच गया जब दूल्हे की पहली पत्नी मंडप में पहुंच गई। मंडप में पत्नी को पुलिस के साथ देख दूल्हा मंडप छोड़कर भाग गया। शादी के मंडप में पहुंची पहली पत्नी और पुलिस ने जब दूसरी दुल्हन बनने जा रही युवती के परिजन को पूरी बात बताई तो वो भी हैरान रह गए। पुलिस ने पहली पत्नी की शिकायत पर शादी को रुकवा दिया है और फरार दूल्हे की तलाश में जुट गई है।
सोमवार रात को जीवाजीगंज थाने में एक महिला पहुंची जिसने अपना नाम रीता (बदला हुआ नाम) बताते हुए शिकायत दर्ज कराई की उसका पति अजय बंजारा दूसरी शादी कर रहा है। जबकि उसने अभी तक उसे तलाक नहीं दिया है। रीता के मुताबिक शादी सोमवार रात को ही मंगलनाथ रोड स्थित शुभ-लाभ गार्डन में हो रही थी इसलिए पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत रीता के साथ मैरिज गार्डन पहुंची। मैरिज गार्डन में पहली पत्नी रीता को पुलिस के साथ देख आता देख दूल्हा बना पति अजय बंजारा मंडप से भाग गया।
रीता (बदला हुआ नाम) का कहना है कि अजय के साथ उसके संबंध बीते कुछ समय से ठीक नहीं चल रहे थे। वो अपने संबंध सुधारने की कोशिश कर रही थी और परिवार के लोगों में भी बातचीत चल रही है। इसी बीच अजय चोरी-छिपे उज्जैन की रहने वाली युवती के साथ दूसरी तैयारी कर रहा था। पुलिस का कहना है कि अजय बंजारा दूसरी शादी कर रहा था। पहली पत्नी की शिकायत के बाद शुभ-लाभ मैरिज गार्डन और कुमावत धर्मशाला में हो रही शादी को रुकवा दिया गया है।
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1984 सिख विरोधी दंगों के दौरान मौके पर मौजूद थे कमलनाथ; दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और पुलिस से मांगा जवाब
साल 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। यह नोटिस दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की उस अर्जी पर जारी हुआ है, जिसमें उन्होंने एक पुलिस अधिकारी की पुरानी रिपोर्ट को अदालत में पेश करने की मांग की है। अदालत ने संबंधित पक्षों को मामले पर अपना पक्ष रखने के लिए निर्देश दिए हैं।
दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर अर्जी में दावा किया है कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में हुई हिंसा की जगह पर कमलनाथ मौजूद थे और यह तथ्य उस समय के पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है। सिरसा ने कोर्ट से अनुरोध किया कि उस समय के एडिशनल पुलिस कमिश्नर गौतम कौल द्वारा तत्कालीन पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई रिपोर्ट को मामले के रिकॉर्ड में शामिल किया जाए।
दिल्ली हाईकोर्ट में 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस रविंदर डुडेजा ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए 15 जनवरी 2026 तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले में मनजिंदर सिंह सिरसा की ओर से वरिष्ठ वकील एच.एस. फुल्का ने अदालत को बताया कि गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब हिंसा के दौरान कमलनाथ की मौजूदगी को लेकर पुलिस रिकॉर्ड में प्रविष्टियां मौजूद हैं और उस समय कई अखबारों में इस संबंध में रिपोर्टें भी प्रकाशित हुई थीं। फुल्का ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से दायर स्टेटस रिपोर्ट में इन महत्वपूर्ण तथ्यों को शामिल नहीं किया गया है, जबकि यह रिकॉर्ड मामले के निष्पक्ष मूल्यांकन के लिए जरूरी है।
1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 15 जनवरी 2026 तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। यह नोटिस दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की उस अर्जी पर जारी हुआ है, जिसमें उन्होंने एक पुलिस अधिकारी की पुरानी रिपोर्ट को अदालत के रिकॉर्ड में शामिल करने की मांग की है। सिरसा की यह अर्जी साल 2022 में दायर उनकी मुख्य याचिका का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने 1984 दंगों में कथित भूमिका को लेकर कांग्रेस नेता कमलनाथ को बिना देरी गिरफ्तार करने की मांग की थी। इससे पहले 27 जनवरी 2022 को हाईकोर्ट SIT को इस याचिका पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दे चुका है।
यह मामला संसद मार्ग थाने में दर्ज FIR नंबर 601/84 से जुड़ा है। इस FIR में पाँच लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनके बारे में आरोप है कि दंगों के समय वे कमलनाथ के घर में ठहरे हुए थे। हालांकि, सबूतों के अभाव में सभी आरोपी बरी कर दिए गए। उल्लेखनीय है कि FIR में कभी भी कमलनाथ का नाम शामिल नहीं किया गया था।
याचिका में दावा किया गया है कि 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब के बाहर दंगाइयों की भीड़ ने हमला किया था, जिसमें दो सिखों—इंद्रजीत सिंह और मनमोहन सिंह—को कथित रूप से जिंदा जला दिया गया। सिरसा का कहना है कि घटना के दौरान कमलनाथ मौजूद थे और यह बात पुलिस रिकॉर्ड तथा कई समकालीन अखबारों की रिपोर्ट में दर्ज है। लेकिन सरकार की स्टेटस रिपोर्ट में इन तथ्यों को शामिल नहीं किया गया।
सितंबर 2019 में SIT ने सिख विरोधी दंगों से जुड़े सात ऐसे मामलों को दोबारा खोलने का निर्णय लिया था, जिनमें आरोपी या तो बरी हो चुके थे या ट्रायल बंद हो गया था। इसके बाद सिरसा ने दावा किया कि कमलनाथ ने उन पाँच आरोपियों को पनाह दी थी, जो इन मामलों में शामिल थे। सिरसा के अनुसार, अब जब SIT इस केस की भी दोबारा जांच करेगी, तो दो गवाह SIT के सामने कमलनाथ की कथित भूमिका के बारे में बयान देंगे।
सिरसा की ओर से वरिष्ठ वकील एच.एस. फुल्का ने अदालत में कहा कि उस वक्त के एडिशनल पुलिस कमिश्नर गौतम कौल की रिपोर्ट, जो तत्कालीन पुलिस कमिश्नर को सौंपी गई थी, मामले के रिकॉर्ड का हिस्सा बनाई जानी चाहिए क्योंकि उसमें घटनाओं का महत्वपूर्ण विवरण मौजूद है।
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कांग्रेस नेता पर लाठी-डंडों और बंदूक के बट से किया जानलेवा हमला, गंभीर हालत में ICU में भर्ती
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पूर्व कांग्रेस पार्षद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पर जानलेवा हमले का मामला सामने आया है। जहां कांग्रेस नेता लगुन फलदान के कार्यक्रम से देर रात घर लोटे थे तभी घर के बाहर पांच बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया। घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई हैं। जिसमें बदमाश कांग्रेस नेता के गाड़ी रोकते ही उन पर लात घुसो, लाठी डंडा और बंदूक के बाटो से हमला कर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं पुलिस घायल फरियादी को अस्पताल में भर्ती करने के बाद उनकी शिकायत पर मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है।
दरअसल ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र मेला ग्राउंड न्यू विवेक विहार कॉलोनी में रहने वाले सत्येंद्र सिंह कुशवाहा कांग्रेस के पूर्व पार्षद भी रह चुके हैं। कांग्रेस नेता सत्येंद्र लगुन फलदान के कार्यक्रम से कल देर रात अपने घर के बाहर आकर रुके हुए थे कि तभी 5 बदमाशों ने उनकी गाड़ी से उतरते ही उनके ऊपर लात घुसो,लाठी डंडों और बंदूक के बाटो से हमला कर दिया मारपीट के दौरान सत्येंद्र की आवाज सुनकर उनकी पत्नी और गली के कुछ लोग बाहर आए तो बदमाश उनके साथ मारपीट कर मौके से भाग गए। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और घायल सतेंद्र को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उनका इलाज अभी चल रहा है।
घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है जिसमें 5 बदमाश आते और सतेंद्र की गाड़ी से उतरते ही उनके साथ मारपीट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। घायल कांग्रेस नेता सत्येंद्र ने बताया कि उन्होंने मारपीट करने वाले दो लोगों को पहचान लिया था जिसमें रामेंद्र सिंह और सेलू राजावत थे जिसने उनका कोई विवाद नही हैं। लेकिन सत्यम रमन से जरूर उनका विवाद चल रहा हैं। सायद हो सकता हैं। की इसी बजह से उन्होंने हमला किया हो क्योंकि सेलू ने दो दिन पहले फ़ोन पर उन्हें धमकी भी दी थी और कल रात यह हमला हो गया। फिलहाल पुलिस ने घायल कांग्रेस नेता सतेंद्र सिंह कुशवाहा की शिकायत पर मामले की जांच पड़ताल कर कार्रवाई शुरू कर दी हैं।

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फोटो गैलरी

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गरिमा के जन्म के 15 मिनिट बाद का फोटो
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गरिमा के 1 वर्ष बाद का फोटो
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गरिमा के 2 वर्ष बाद का फोटो
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बीमार होने के बाद भोपाल अस्पताल मे भर्ती गरिमा
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हाई कोर्ट के आदेश के बाद गरिमा के शव को जमीन से निकालते हुऐ
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निकालने के बाद गरिमा के शव को पैक कर जॉच के लिऐ भेजा गया
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दोषी डॉक्टर के खिलाफ मामला कायम कराने के लिऐ पुलिस अधिक्षक से मिले पत्रकार
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गरिमा के शव की जॉच होने के बाद पुनः उसी स्थान पर चबूतरा का निर्माण किया गया
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पूजा स्थल मे गरिमा
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