


झाबुआ। मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के कल्याणपुरा थाना क्षेत्र के भगोर गांव में प्रेम-प्रसंग के चलते लड़की पक्ष के लोगों ने लड़के के बंद मकान में घुसकर तोड़फोड़ कर मकान में आग लगा दी। इस घटना में घर में रखा सारा सामान जल कर खाक हो गया। पुलिस दल बल के साथ मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया, लेकिन जब तक सारा सामान जल कर खाक हो गया था। वहीं फरियादी की रिपोर्ट पर पुलिस ने 8 लोगों पर मामला दर्ज कर सभी को राउंडआप कर लिया है जिनमें 3 महिलाएं शामिल है। आरोपियों को राउंड अप कर लिया है।
जानकारी के अनुसार भगोर में रहने वाले लड़का-लड़की प्रेम प्रसंग के चलते 10 दिसंबर को घर से बिना बताए चले गये थे। लड़की बालिक होने के कारण उसके परिवार वालो ने थाना कल्याणपुरा पर गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई थी, दोनों की तलाश कर ही रहे थे कि 18 दिसंबर को हमें पता चला कि दोनों ने आर्य समाज में शादी कर ली। यही नहीं उन्होंने इंदौर के किसी थाने में पुलिस को अपने बयान दिये है।
वहीं आगजनी में घर के अंदर का सारा घरेलू सामान कुलर, टीवी, फ्रीज, पलंग , बिस्तर, कपड़े,बर्तन, इन्वर्टर, बैटरी व अन्य सामान जल कर राख हो गया, जिससे करीब 2 से 3 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड न्याय संहिता की धारा 326(g), 324(5),330(2)(d),191(2) के तहत मामला पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
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परीक्षा के बीच बवाल: छात्रा ने फैकल्टी टीचर को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा
इंदौर। श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय में एक बार फिर अनुशासन, सुरक्षा और शैक्षणिक माहौल पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। परीक्षा के दौरान शुरू हुआ मामूली विवाद कुछ ही मिनटों में हिंसक हंगामे में बदल गया। आरोप है कि एक छात्रा ने फैकल्टी सदस्य पर अपशब्दों और आपत्तिजनक व्यवहार का आरोप लगाते हुए उसे कॉलेज कॉरिडोर में सरेआम पीट दिया। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें छात्रा फैकल्टी पर हाथ उठाते हुए साफ नजर आ रही है।
सूत्रों के अनुसार घटना परीक्षा कक्ष की है। छात्रा कथित तौर पर आगे-पीछे बैठे छात्रों से बातचीत कर रही थी। इसी दौरान ड्यूटी पर तैनात फैकल्टी ने उसे टोका। आरोप है कि समझाइश के नाम पर फैकल्टी ने अभद्र भाषा और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे छात्रा मानसिक रूप से आहत हो गई। यही आक्रोश कुछ ही पलों में फूट पड़ा।
बताया जा रहा है कि छात्रा परीक्षा कक्ष से बाहर निकली और कॉरिडोर में ही फैकल्टी पर हमला कर दिया। अचानक हुई इस घटना से पूरे फ्लोर पर अफरा-तफरी मच गई। कुछ छात्र बीच-बचाव करते नजर आए, तो कई मोबाइल निकालकर वीडियो बनाने लगे। कुछ देर के लिए विश्वविद्यालय परिसर में तनावपूर्ण माहौल बना रहा। मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब सामने आया कि जिस फैकल्टी सदस्य की पिटाई हुई, वह इसी विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र रह चुका है और वर्तमान में फैकल्टी के रूप में कार्यरत है। इस खुलासे के बाद विश्वविद्यालय की आंतरिक नियुक्ति प्रक्रिया, प्रशिक्षण और व्यवहार मानकों पर भी सवाल उठने लगे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। न यह स्पष्ट किया गया है कि छात्रा के आरोपों की निष्पक्ष जांच होगी या फैकल्टी के आचरण पर कोई कार्रवाई की जाएगी। यह घटना बताती है कि परीक्षा जैसे संवेदनशील माहौल में संवाद की कमी और गलत व्यवहार किस तरह हालात को विस्फोटक बना सकता है। अब सबकी नजर इस पर है कि विश्वविद्यालय प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करता है या मामला दबाने की कोशिश की जाती है।
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चर्च के हॉस्टल में हिंदूवादी संगठन ने बोला हल्लाः धर्मांतरण को लेकर मारपीट
जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में चर्च के हॉस्टल में हिंदूवादी संगठन ने हल्ला बोला है। एक कार्यक्रम की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाकर जमकर मारपीट की गई है। कार्यक्रम का संचालन करने वालों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया। हिंदू संगठन के लोगों ने जमकर गाली-गलौज की।
दरअसल घटना गोरखपुर थाना अंतर्गत जॉनसन स्कूल के पास की है। हिंदू संगठन के लोगों का कहना हिन्दू बच्चों को बाइबिल पढ़ाई जा रही थी। विवाद बढ़ने पर भारी पुलिस बल पहुंचा और बीच-बचाव किया।
बच्चों को जबरन लाकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। अंधमुख बायपास के पास स्थित छात्रावास से बच्चे लाए गए थे। बच्चों ने हिंदू संगठन के आरोपों को नकारा है। बच्चों का कहना हॉस्टल प्रबंधन की इजाजत से एंट्री कर कार्यक्रम में पहुंचे थे।बच्चों का कहना है कि हर साल क्रिसमस में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होते है।
इंदौर। शहर की कानून-व्यवस्था को खुली चुनौती देने वाले सनसनीखेज हमले का विजयनगर पुलिस ने परत-दर-परत खुलासा किया है। जज के डॉक्टर भाई की कार पर हमला कर दहशत फैलाने की यह वारदात जेल की सलाखों के पीछे बैठकर रची गई साजिश निकली। इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड है कुख्यात हिस्ट्रीशीटर हेमंत यादव, जो फिलहाल सेंट्रल जेल में बंद है। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो बदमाश भागते वक्त घायल हुए और रोते-बिलखते नजर आए।
16 दिसंबर को डॉ. शिवकुमार यादव ने विजयनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि स्कीम नंबर-54 स्थित दूरसंचार कॉलोनी से घर लौटते वक्त बिना नंबर की बाइक पर सवार दो बदमाशों ने उनकी कार रोक ली। कांच खोलने का दबाव बनाया और इनकार पर लोहे की रॉड से कार का शीशा तोड़ डाला। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस तुरंत हरकत में आई।
CCTV फुटेज, तकनीकी साक्ष्य और स्थानीय इनपुट के आधार पर पुलिस ने साजिद उर्फ चेतन लाला और मोहसिन को दबोच लिया। पूछताछ में सनसनीखेज सच सामने आया ,हमले की साजिश परदेशीपुरा क्षेत्र के कुख्यात बदमाश हेमंत यादव ने रची थी, जिसके खिलाफ करीब 26 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
टीआई चंद्रकांत पटेल के मुताबिक जेल में बंद हेमंत ने अपने साथियों साजिद, मोहसिन और कालू उर्फ आसिफ के साथ मिलकर योजना बनाई। बदले और जमानत की डील तय हुई, पैसे का इंतजाम किया गया और वारदात को अंजाम दिलवाया गया। इस पूरे ऑपरेशन में ड्राइवर विशाल भंडारी ने आर्थिक और लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया. उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
जांच में सामने आया कि वर्ष 2022 में हेमंत यादव के बेटे मोहित यादव के पैर का इलाज डॉ. एस.के. यादव ने किया था। हालत बिगड़ने पर पैर काटना पड़ा। हेमंत ने इसे डॉक्टर की लापरवाही मानते हुए बदला लेने की ठान ली और जेल से ही हमला प्लान कर दिया। मगर पुलिस की मुस्तैदी के आगे उसकी साजिश धराशायी हो गई।
सूचना मिलते ही एसीपी श्रॉफ के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और फरार बदमाशों को दबोच लिया। गिरफ्तारी के दौरान भागने की कोशिश में दोनों हमलावरों के पैर टूट गए। मेडिकल जांच में गंभीर चोटें पाई गईं। वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल भी जब्त कर ली गई। गिरफ्तारी के वक्त बदमाश रोते-बिलखते रहे और गिड़गिड़ाते बोले “बच्चे ऐसी हालत में देखेंगे तो क्या सोचेंगे?”
पड़ताल में खुलासा हुआ कि विशाल भंडारी पर 2 केस, साजिद पर कातिलाना हमले सहित 25 से ज्यादा और मारपीट के 3 केस, जबकि मोहसिन पर लूट, मारपीट, चाकूबाजी और डकैती की साजिश समेत 7 केस दर्ज हैं।
मोहसिन, विशाल और साजिद गिरफ्तार हैं। हेमंत यादव और आसिफ पहले से जेल में बंद हैं, जिन्हें प्रोटेक्शन वारंट पर पूछताछ के लिए लाया जाएगा। हेमंत पर परदेशीपुरा, तुकोगंज समेत कई थानों में दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। हाल ही में उसके बेटे पर भी शराब दुकान में तोड़फोड़ और अड़ीबाजी का केस दर्ज हुआ था।
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स्ट्रीट डॉग को लेकर हाईकोर्ट सख्तः नसबंदी को लेकर लगाई फटकार, कहा- कहीं भी चले जाए, आवारा कुत्ते बैठे मिलेंगे
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर हाईकोर्ट ने स्ट्रीट डॉग को लेकर सख्त रवैया अपनाया है। हाईकोर्ट ने स्ट्रीट डॉग के नसबंदी को लेकर नगर निगम प्रशासन को जमकर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा स्टेट डॉग की नसबंदी के आंकड़े में बहुत बड़ा घोटाला है कुछ कीजिए नहीं तो हमें न्यायिक जांच बिठानी होगी।
दरअसल इंदौर नगर निगम ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा कि- 2,39,000 से अधिक स्ट्रीट डॉग की नसबंदी की गई है। स्ट्रीट डॉग के मामले में इंदौर हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।
प्रशासनिक जज विजय कुमार शुक्ला जस्टिस बीके द्विवेदी की खंडपीठ ने कहा 56 दुकान, सराफा, एमजी रोड कहीं भी चले जाएं वहां आवारा कुत्ते बैठे मिलेंगे। हाईकोर्ट ने नगर निगम को निर्देशित किया कि स्ट्रीट डॉग की समस्या में कोई ठोस कदम उठाएं नहीं तो न्यायिक जांच की जाएगी।
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पूर्व मंत्री दीपक जोशी की आर्य समाज मंदिर में मांग में सिंदूर भरते तस्वीरें वायरल, इधर दो महिलाओं का दावा- मैं ही उनकी कानूनी पत्नी
देवास। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे पूर्व विधायक दीपक जोशी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनकी कथित चौथी शादी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में दीपक जोशी कांग्रेस की पूर्व प्रदेश सचिव पल्लवीराज सक्सेना के साथ फेरे लेते और मंगलसूत्र पहनाते नजर आ रहे हैं। लेकिन इस शादी पर दो अन्य महिलाओं ने खुद को दीपक जोशी की कानूनी पत्नी बताते हुए विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि लल्लूराम डॉट कॉम शादी के इन वायरल हो रही तस्वीरों की पुष्टि नहीं करता है।
पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी (63 वर्ष) ने 4 दिसंबर को आर्य समाज मंदिर में पल्लवीराज सक्सेना (43 वर्ष) से शादी रचाई। तस्वीरें खुद पल्लवी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं, लेकिन बाद में डिलीट कर दीं। इन तस्वीरों में दीपक जोशी पल्लवी की मांग में सिंदूर भरते दिख रहे हैं। हालांकि, इस शादी के सामने आने के बाद दो महिलाएं आगे आईं।
नम्रता जोशी का दावा: “मैं दीपक जोशी की कानूनी पत्नी हूं और उनके घर में रहती हूं। पल्लवी हो, शिखा हो या कोई और, अगर वे ऐसा दावा कर रही हैं तो यह गलत है। हम कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।”
शिखा जोशी का बयान: “मेरी शादी दीपक से 2016 में हुई थी। मैं उनकी कानूनी पत्नी हूं। जब मैंने अपनी शादी की तस्वीर साझा की तो पल्लवी ने मुझे बधाई दी थी। फिर भी उसने शादी क्यों की?”
दीपक जोशी की पहली पत्नी विजया जोशी का निधन 2021 में कोरोना संक्रमण से हो गया था। इसके बाद ये विवाद और गहरा गया है। पल्लवीराज सक्सेना ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा: “मैं न तो दीपक जोशी को जानती हूं और न ही उनके परिवार को। मैंने उनसे शादी नहीं की है।” वहीं, दीपक जोशी का कहना है: “फिलहाल दो-तीन मामले अदालत में चल रहे हैं। मैं अभी बाहर हूं। 22 तारीख के बाद भोपाल लौटूंगा, तब वकील से बात करके इस पर टिप्पणी करूंगा। अभी मैं कुछ नहीं कह सकता।”
यह मामला अब कानूनी पेंच में फंसता नजर आ रहा है। दीपक जोशी की इस शादी ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि यदि कोई पति अपनी पत्नी से घर के खर्चों का हिसाब रखने के लिए एक्सेल शीट बनाने को कहता है, तो इसे वैवाहिक क्रूरता नहीं माना जा सकता. इसी आधार पर आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती.
इस टिप्पणी के साथ ही शीर्ष अदालत ने पत्नी द्वारा पति के खिलाफ दर्ज की गई स्नढ्ढक्र को रद्द कर दिया. अदालत ने कहा कि यह भले ही भारतीय समाज की एक वास्तविकता हो कि कई मामलों में पुरुष घर के वित्तीय मामलों पर नियंत्रण रखने की कोशिश करते हैं, लेकिन मात्र इस आधार पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करना उचित नहीं है.
मामले की सुनवाई जस्टिस बी. वी. नागरत्ना और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने की. बेंच ने कहा कि अदालतों को वैवाहिक विवादों से निपटते समय अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए और व्यावहारिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखना चाहिए, क्योंकि कई शिकायतें शादीशुदा जीवन की रोज़मर्रा की छोटी-मोटी बातों से जुड़ी होती हैं, जिन्हें क्रूरता की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता.
पीठ ने कहा कि पति पर यह आरोप लगाया गया था कि उसने पत्नी को घर के सभी खर्चों का रिकॉर्ड रखने के लिए एक्सेल शीट बनाने को मजबूर किया. यदि इस आरोप को सही भी मान लिया जाए, तो भी यह मानसिक या शारीरिक क्रूरता नहीं माना जा सकता, खासकर तब जब किसी ठोस नुकसान या उत्पीडऩ का कोई प्रमाण सामने नहीं आया हो. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वित्तीय मामलों में पति का दबदबा अपने आप में आपराधिक क्रूरता नहीं है. अदालत ने यह भी कहा कि आपराधिक कानून का इस्तेमाल व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने या स्कोर सेटल करने के हथियार के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.
पति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभजीत जौहर की दलील को स्वीकार करते हुए अदालत ने कहा कि यह मामला कानून के दुरुपयोग का प्रतीत होता है. एफआईआर के अवलोकन से यह स्पष्ट होता है कि लगाए गए आरोप सामान्य और अस्पष्ट हैं तथा उत्पीड़न की किसी विशिष्ट घटना या ठोस साक्ष्य का उल्लेख नहीं किया गया है. पीठ ने दोहराया कि वैवाहिक मामलों में शिकायतों की जांच अत्यंत विवेक और सावधानी से की जानी चाहिए, ताकि न्याय की विफलता और कानून के दुरुपयोग को रोका जा सके. अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि शिकायत में लगाए गए आरोप शादीशुदा जीवन की सामान्य असहमति को दर्शाते हैं और उन्हें किसी भी तरह से क्रूरता की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता.
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टेंट हाउस संचालक व समिति के बीच पैसों को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में जमकर मचा विवाद
रायपुर. छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम नगपुरा में आयोजित सुप्रसिद्ध कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दौरान 20 दिसम्बर शनिवार को आयोजन समिति और टेंट हाउस संचालक के बीच पैसों को लेकर विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि टेंट हाउस संचालक ने पंडाल उखाड़ने की कोशिश की. हालांकि पुलिस ने ऐसा होने नहीं दिया और कथा को जारी रखवाया. पुलिस की तत्परता से स्थिति को संभाल लिया गया.
आयोजन समिति और टेंट हाउस संचालक के बीच रोजना रात में पैसों के लेकर विवाद की स्थिति बन रही है. शुक्रवार की रात भी इसी तरह डोम उखाड़ने को लेकर बात हुई. बाद में इसे किसी तरह रोक लिया गया. शनिवार को सुबह से ही समिति और टेंट हाउस संचालक के बीच पैसों को लेकर फिर विवाद हुआ. जिसके बाद टेंट हाउस वाले डोम उखाड़ने पहुंच गए. मौके पर तैनात एएसपी पद्मश्री, हेम प्रकाश नायक ने मोर्चा संभाला और टेंट उखाड़ने से रोक दिया. कथा को सुचारू रूप से संचालित करवाया.
नगपुरा में 17 से 21 दिसंबर तक शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें रोजाना हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. इसी बीच शुक्रवार रात को टेंट हाउस संचालक और आयोजन समिति के बीच भुगतान को लेकर विवाद सामने आया. टेंट लगाने वालों का कहना था कि तय समय पर उन्हें पूरा भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे वे ट्रांसपोर्ट और मजदूरी का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं. विवाद की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा कि कथा शुरू होने के बाद किसी भी हालत में टेंट नहीं हटाया जाएगा, क्योंकि इससे भगदड़ जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है. पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाइश दी और फिलहाल टेंट हटाने पर रोक लगा दी.
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एयरपोर्ट T1 पर हंगामा : पायलट ने पैसेंजर को पीटा, एअर इंडिया एक्सप्रेस ने किया सस्पेंड
नई दिल्ली। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर एअर इंडिया एक्सप्रेस के एक ऑफ-ड्यूटी पायलट पर यात्री के साथ मारपीट का आरोप लगा है। जानकारी के अनुसार, विवाद सुरक्षा जांच कतार में आगे निकलने को लेकर शुरू हुआ। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और तस्वीरों के बाद मामला तूल पकड़ गया। एयरलाइन ने गंभीरता को देखते हुए पायलट को तुरंत ड्यूटी से हटा दिया। यह घटना यात्रियों की सुरक्षा और पायलट के पेशेवर व्यवहार पर सवाल खड़े करता है।
जानकारी के मुताबिक, यात्री अंकित दीवान अपनी पत्नी, 4 महीने के बच्चे और 7 साल की बेटी के साथ यात्रा कर रहे थे। छोटे बच्चे के कारण उन्हें स्टाफ/PRM सुरक्षा कतार का उपयोग करने की अनुमति मिली। उसी दौरान एअर इंडिया एक्सप्रेस के कैप्टन वीरेंद्र सेजवाल भी वहां पहुंचे। अंकित ने पायलट को लाइन तोड़ने पर टोका, जिसके बाद पायलट ने उन्हें ‘अनपढ़’ कह दिया और बहस बढ़ गई।
अंकित के अनुसार, पायलट ने अपना आपा खोकर उन पर हमला कर दिया। यात्री ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि, मारपीट में उनका चेहरा लहूलुहान हो गया। पायलट की शर्ट पर भी उनका खून लगा था।
यात्री की 7 साल की बेटी ने घटना देखी और गहरे सदमे में चली गई। अंकित ने सवाल उठाया कि, ऐसे पायलटों को विमान उड़ाने की अनुमति कैसे दी जा सकती है, जो छोटी बहस में अपना आपा खो देते हैं।
अंकित ने एयरपोर्ट प्रबंधन पर भी आरोप लगाए कि, स्टाफ और छोटे बच्चों वाले यात्रियों के लिए अलग कतार नहीं होने से अराजकता फैलती है। उन्होंने दावा किया कि, उन्हें मजबूर किया गया कि वह घटना को आगे न बढ़ाएं, अन्यथा उनकी 1.2 लाख रुपए की हॉलिडे बुकिंग बर्बाद हो जाती।
सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद एयरलाइन ने तुरंत पायलट को सस्पेंड कर दिया। एयरलाइन प्रवक्ता ने कहा कि, आरोपी कर्मचारी तत्काल प्रभाव से आधिकारिक जिम्मेदारियों से हटा दिया गया है। जांच के निष्कर्षों के आधार पर पायलट के खिलाफ उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। एयरलाइन ने अपने कर्मचारियों से बेहतर आचरण और पेशेवर व्यवहार बनाए रखने की अपेक्षा जताई।
जानकारी के अनुसार, पायलट ने तब हाथ उठाया जब पैसेंजर ने उनकी बीमार मां के लिए कथित अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। सुरक्षाकर्मियों ने बीच-बचाव किया। इसके बाद पायलट बेंगलुरु के लिए रवाना हुए, लेकिन उन्हें उस फ्लाइट को उड़ाने से रोक दिया गया।
रतलाम. एमपी के रतलाम जिले के जावरा के हुसैन टेकरी क्षेत्र में कुरान शरीफ जलाने का मामला सामने आया है. यहां एक रिटायर्ड महिला शिक्षिका ने कुरान शरीफ जलाया था. जिसकी शिकायत पुलिस के पास पहुंची, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई तो बवाल मच गया. सैकड़ों समाज जन स्थानीय पुलिस थाने पहुंचे और थाने का घेराव कर लिया.
कुरान शरीफ जलाने का ये मामला इलाके के रोजाना रोड स्थित इमामबाड़े के पीछे का है. बता दें कि इस संदर्भ में औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस को कुछ लोगों ने आवेदन दिया था. लेकिन मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. जिसके बाद सीरत कमेटी के सदस्यों और सैकड़ों समाज जनों ने थाने का घेराव किया. बवाल बढ़ता देख पुलिस ने महिला टीचर के खिलाफ एक्शन लेते हुए एफआईआर दर्ज की.
थाना घेरने की ये घटना देर रात 9.30 बजे की है. सीरत कमेटी पदाधिकारी सहित मुस्लिम समाज के सैकड़ों लोग थाने पहुंच गए और आक्रोश जताया. इसके बाद पुलिस ने जेल रोड निवासी शाहीन हुसैन की रिपोर्ट पर हुसैन टेकरी क्षेत्र में रोजाना रोड निवासी रिटायर्ड महिला टीचर अतिया खान के खिलाफ बीएनएस की धारा 299 के तहत केस दर्ज किया. मामले की जांच शुरू की है.
औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी विक्रमसिंह चौहान ने बताया कि फरियादी के मुताबिक हुसैन टेकरी क्षेत्र में अजाखाना जेहरा के पीछे गुरुवार सुबह 11.30 बजे अतिया कुछ धार्मिक किताबें जला रही थी. इन धार्मिक किताबों में कुरान शरीफ भी था, वह भी जल रहा था. किसी अनवर अली ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई लेकिन महिला जला हुआ कुरान शरीफ लेकर भाग गई. अब केस दर्ज किया गया है, मामले की जांच में लिया गया है.
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HIV ब्लड मामले में कार्रवाई: ब्लड बैंक प्रभारी समेत दो टेक्नीशियन निलंबित, पूर्व सिविल सर्जन को नोटिस
सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को HIV संक्रमित रक्त चढ़ाने के गंभीर मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच समिति की प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर जिला अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी सह पैथोलॉजिस्ट डॉ. देवेंद्र पटेल और दो लैब टेक्नीशियन रामभाई त्रिपाठी तथा नंदलाल पांडे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, जिला अस्पताल के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
नोटिस में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं हुआ तो कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई डॉ. योगेश भरसट (CEO, आयुष्मान भारत) की अध्यक्षता में गठित सात सदस्यीय राज्य स्तरीय जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट पर आधारित है। यह समिति 16 दिसंबर को गठित की गई थी और जल्द ही अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी।
गौरतलब है कि सतना के सरदार वल्लभभाई पटेल जिला अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित कई बच्चों को नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन के दौरान संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने की शिकायत सामने आई थी, जिसके बाद कुछ बच्चे HIV पॉजिटिव पाए गए। इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो, इसके लिए ब्लड बैंक की प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा की जा रही है। पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का भी वादा किया गया है।
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होटल में थाना प्रभारी का शव मिला, हर एंगल पर हो रही जांच
धार। धार के मोहन टॉकीज इलाके में शुक्रवार को एक होटल में थाना प्रभारी का शव पाया गया। मृतक अधिकारी उर्स ड्यूटी के लिए खरगोन से धार आए हुए थे।
मृतक की पहचान करण सिंह रावत के रूप में हुई है। वे खरगोन जिले के बरूड़ थाने के प्रभारी रह चुके हैं और वर्तमान में लाइन अटैच थे। वे 13 दिसंबर से उर्स आयोजन के दौरान धार में ड्यूटी पर तैनात थे और होटल में ठहरे हुए थे।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, थाना प्रभारी लंबे समय से लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। कमरे में खून फैला मिला, जिससे आशंका जताई जा रही है कि उन्हें खून की उल्टियां हुई हों। सटीक कारण पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा।
घटना की जानकारी मिलते ही कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी ने भी होटल का निरीक्षण किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल टीम को बुलाया गया, लेकिन टीम समय पर नहीं पहुंची। शव को पोस्टमार्टम के लिए धार जिला अस्पताल भेज दिया गया।
कोतवाली थाना प्रभारी दीपक सिंह चौहान ने बताया कि मामले में मर्ग कायम कर लिया गया है। होटल के कमरे में किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। पोस्टमार्टम और एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा होगा।
ग्वालियर। घाटीगांव क्षेत्र में 20 बीघा जमीन फर्जीवाड़ा कर हड़प ली गई। जिस महिला के नाम यह जमीन थी, उस महिला की जगह किसी दूसरी महिला को खड़ा कर दिया गया। महिला के नाम का ही आधार कार्ड तैयार कर दूसरी महिला से रजिस्ट्री करा दी गई।
जब महिला जमीन पर पहुंची तो दूसरों का कब्जा मिला। इस मामले में शिकायत की गई। यूनिवर्सिटी थाना पुलिस ने जांच के बाद 12 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। पुलिस ने धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने सहित अन्य धाराओं में एफआईआर की है।
11 लोग नामजद हैं, जबकि जिस महिला को खड़ा कर रजिस्ट्री की गई, उसकी पहचान नहीं हो सकी है। इस तरह पुलिस ने 12 लोगों को आरोपित बनाया है। जमीन सुधा सेंगर के नाम है।
सुधा सेंगर ने पुलिस को बताया कि उनकी 20 बीघा जमीन को शातिर तरीके से हड़पा गया है। उनकी जगह किसी दूसरी महिला को सुधा सेंगर बनाकर रजिस्ट्रार कार्यालय में प्रस्तुत किया गया। इस जमीन को बेच दिया गया। जमीन खरीदने वालों सहित 12 लोगों पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है।
जितेंद्र पुत्र देवी सिंह रावत निवासी ग्राम सेकरा, घाटीगांव, उपेंद्र पुत्र मोहन सिंह रावत निवासी घाटीगांव, हेमंत पुत्र मोहन सिंह रावत निवासी घाटीगांव, मंगलसिंह रावत पुत्र घनसुंदर सिंह रावत, छत्रपाल पुत्र चंदन रावत निवासी घाटीगांव, शैलेंद्र पुत्र ओमप्रकाश शर्मा निवासी घाटीगांव, हाकिम पुत्र डीलन सिंह रावत निवासी घाटीगांव, वीरेंद्र सिंह पुत्र नारायण सिंह रावत निवासी घाटीगांव, अरविंद पुत्र राजेंद्र सिंह रावत निवासी आरोन, दिनेश पुत्र मंगल सिंह रावत निवासी करही, किरण बाई पत्नी मोहन सिंह रावत निवासी सेकरा आरोन।
इस मामले में रजिस्ट्रार कार्यालय की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। दूसरी महिला को खड़ा कर रजिस्ट्री करा दी गई। रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों ने इसे क्यों नहीं पकड़ा। सामने आया है कि आधार कार्ड भी फर्जी लगाया गया है। रजिस्ट्री करने वाली महिला और आधार कार्ड में दिख रही महिला अलग-अलग हैं।
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गुजरात से झारखंड जा रही अनार की 850 पेटियां गायब: MP के ट्रांसपोर्ट से बुक हुआ था माल, लाखों का नुकसान
जबलपुर। गुजरात से झारखंड जा रही अनार की 850 पेटियां रहस्यमय ढंग से मध्यप्रदेश के जबलपुर से गायब हो गई है। भुज (गुजरात) से झारखंड भेजी जा रही 1150 पेटियां अनार में से सिर्फ 345 पेटियां ही पहुंची। गुजरात से जबलपुर पहुंचे ट्रांसपोर्टर ने इसकी शिकायत पुलिस से की है।
दरअसल जबलपुर के गुरूकृपा ट्रांसपोर्ट के माध्यम से माल बुक हुआ था। जबलपुर शहपुरा के पास ट्रक का एक्सीडेंट बताकर गुमराह करने की कोशिश की गई है। ट्रांसपोर्टर का दावा है कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रक से गांववालों ने अनार निकाल लिया था।
इधर पुलिस का कहना है कि टोल और दुर्घटनास्थल की जानकारी ली जाएगी। 850 पेटी अनार की गुमशुदगी ने ट्रांसपोर्ट सुरक्षा पर सवाल उठाए है। पुलिस ने जांच शुरू की है। मामले में जल्द बड़ा खुलासा हो सकता है। गुजरात के ट्रांसपोर्ट का कहना करीब 12 लाख से ज्यादा का नुकसान हुआ है। जानकारी बलकार सिंह भट्टी, ट्रांसपोर्ट संचालक, गुजरात ने दी।
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नायाब तहसीलदार गिरफ्तार: 10 हजार की घूस लेते रंगे हाथों दबोचा, कार्यालय में मचा हड़कंप
सतना। मध्य प्रदेश के सतना जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई। लोकायुक्त पुलिस ने नायब तहसीलदार को 10 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि नायाब तहसीलदार ने बंटवारा के प्रकरण में आदेश पारित करने के एवज घूस मांगी थी। आवेदक की शिकायत के आधार पर ट्रैप की कार्रवाई की गई है। यह पूरा मामला रामपुर बघेलान तहसील कार्यालय का है।
जानकारी के अनुसार, आवेदक आशुतोष सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके बंटवारे के प्रकरण में आदेश करने के लिए संबंधित अधिकारी रिश्वत की मांग कर रहा है। शिकायत की पुष्टि के बाद ट्रैप की योजना बनाई गई। रामपुर बघेलान तहसील में पदस्थ नायाब तहसीलदार वीरेंद्र सिंह को 10,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। यह ट्रैप कार्रवाई वृत्त माहौरी कटरा के कक्ष में अंजाम दी गई। बताया गया कि शिकायतकर्ता के बंटवारा संबंधी मामले में आदेश पारित करने के बदले नायब तहसीलदार ने 10 हजार रुपये की मांग की गई थी। जैसे ही शिकायतकर्ता ने पूर्व निर्धारित राशि आरोपी को सौंपी, पहले से तैनात ट्रैप टीम ने मौके पर दबिश देकर आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया।
लोकायुक्त की टीम आरोपी वीरेंद्र सिंह से पूछताछ कर रही है और आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किए जाने की तैयारी है। इस कार्रवाई के बाद तहसील कार्यालय में हड़कंप की स्थिति है। वहीं प्रशासनिक हलकों में भी चर्चाएं तेज हैं। ट्रैप कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है।
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21 December 2025
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