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छिंदवाड़ा. मध्यप्रदेश के पांढुर्णा जिले के सौंसर में पुलिस सेक्स रैकेट का खुलासा किया है. ये सेक्स रैकेट शहर के एक होटल से संचालित किया जा रहा था. जिसके बारे में पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी. सूचना पर पुलिस ने शुक्रवार की रात होटल पर छापा मारा तो हड़कंप मच गया और अलग अलग कमरों में युवक-युवतियां आपत्तिजनक हालत में मिले. पुलिस को होटल के कमरों से आपत्तिजनक सामग्री भी मिली है.
पांढुर्णा के सौंसर में रेमंड चौक के पास एनएन होटल पर पुलिस ने छापा मारते हुए सेक्स रैकेट पकड़ा है. पुलिस ने जब होटल पर दबिश दी तो होटल के अलग अलग कमरों से 7 युवक-7 युवतियां आपत्तिजनक हालत में मिले. कमरों में आपत्तिजनक सामग्री भी थी जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. लॉज पर छापा पड़ते ही तीन युवक लॉज के पिछले गेट से फरार हो गए. हालांकि 7 युवक और 7 युवतियों को पुलिस ने धरदबोचा. पुलिस ने लॉज के मालिक को भी युवक-युवतियों के साथ गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने बताया कि एनएन होटल में अनैतिक देह व्यापार की सूचना मिली थी. होटल से कुल 07 जोड़े महिला-पुरूष आपत्तिजनक स्थिति में पकड़े गए थे. होटल के मालिक को भी पकड़ा गया है. कमरे के अंदर मिली आपत्तिजनक सामग्री को गवाह के समक्ष जब्त किया गया है. पुरुषों को अभिरक्षा में लेने के साथ ही महिलाओं की निजता को ध्यान में रखते हुए विस्तृत पूछताछ कर उनके परिजनों को सूचना देकर परिजनों के सुपुर्द किया गया है.

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रेलवे स्टेशन में मचा बवाल: TTE और कांस्टेबल के बीच हुई जमकर मारपीट
नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में हैरान करने वाला वाकया सामने आया है, यहां कामायनी एक्सप्रेस में टिकट चेकिंग के दौरान कांस्टेबल और टीटीई के बीच झूमाझटकी और मारपीट हो गई। बताया जा रहा है कि यह घटना नर्मदापुरम रेलवे स्टेशन के पास हुई, जहां टीसी राजेश कुमार के साथ मारपीट की गई, वहीं इस घटना में एक कांस्टेबल को भी चोटें आई हैं।
जानकारी के मुताबिक संबंधित कांस्टेबल बोरीवली में पदस्थ है और अपने माता-पिता के साथ बोरीवली की यात्रा कर रहा था। टिकट चेकिंग के दौरान टीसी पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए विवाद बढ़ गया, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गया। घटना की सूचना मिलते ही नर्मदापुरम जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों को जिला अस्पताल नर्मदापुरम में मेडिकल जांच के लिए भेजा गया।
वहीं, कांस्टेबल के पिता को इटारसी स्टेशन पर ट्रेन से उतारा गया। फिलहाल जीआरपी पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि घटना के लिए जिम्मेदार कौन है।
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दिल दहलाने वाली घटनाः 90 साल की बुजुर्ग महिला जिंदा जली, इस वजह से घर में लगी आग
ग्वालियर। घर के अंदर सो रही 90 साल की बुजुर्ग महिला आग लगने से जिंदा जल गई। आग की लपटों को उठता देख परिजनों ने दरवाजा तोड़कर बुजुर्ग महिला को कमरे से बाहर निकाला और अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल से पुलिस को एक हीटर मिला है, जिससे आशंका जताई है कि हीटर से आग लगी होगी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
दअरसल ग्वालियर के हजीरा थाना क्षेत्र के रेशम मिल स्थित इंद्रा नगर निवासी 90 साल की बेनी बाई रात को भोजन कर अपने कमरे में सोने चली गई। देर रात करीब 12 बजे अचानक उनके कमरे से आग की लपटें उठती देख उनके बेटे ने शोर मचा दिया। आवाज सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और दरवाजा तोडना शुरू कर दिया और इसके साथ ही पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दरवाजे को तुड़वाया। पुलिस और परिजन जब अंदर पहुंचे तब-तक बुजुर्ग महिला जलकर खाक हो चुकी थी।
जिस कमरे में बुजुर्ग महिला सो रही थी वहां बिस्तर के पास एक हीटर लगा हुआ था। जिसकी केबल व प्लग जल चुका था। जिससे देख पुलिस ने आशंका जताई है कि सर्दी से बचने के लिए हीटर जलाकर सो गई होगी और रजाई हीटर से टच होने पर आग लगी होगी। फिलहाल पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेज जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही घटना स्पष्ट हो सकेगी।

खंडवा। फिनो फाइनेंस प्रायवेट लिमिटेड शाखा भंडारिया रोड खंडवा में बैंक के साथ धोखाधड़ी कर लंबे समय से फरार चल रहे आरोपित बैंक मैनेजर को रामनगर चौकी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित वर्ष 2022 से फरार था, जिसकी तलाश लगातार की जा रही थी।
रामनगर चौकी प्रभारी नंदराम वासूरे के अनुसार फिनो फाइनेंस प्रायवेट लिमिटेड एक पंजीकृत माइक्रो फाइनेंस संस्था है, जो छोटे-छोटे व्यवसायियों को ऋण उपलब्ध कराकर किस्तों के माध्यम से राशि वसूलने का कार्य करती है। वर्ष 2021 में बैंक की खंडवा शाखा में मनोहर सिंह पुत्र मांगीलाल मालवीय, निवासी ग्राम रूपखेड़ा तहसील आष्टा जिला सीहोर, शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ था। शाखा प्रबंधक होने के नाते बैंक में होने वाले समस्त लेन-देन, खातों के संधारण तथा कर्मचारियों की निगरानी की जिम्मेदारी उसी के पास थी।
जांच में सामने आया कि 22 मार्च 2021 से 21 अप्रैल 2021 के बीच आरोपित द्वारा प्रविष्टियों में 9 लाख 87 हजार रुपये जमा होना दर्शाया गया, जबकि वास्तविक रूप से बैंक में केवल 8 लाख 19 हजार रुपये ही जमा हुए थे। इस प्रकार 1 लाख 68 हजार रुपये की राशि का अंतर पाया गया। बैंक की रिस्क कंट्रोल यूनिट द्वारा आंतरिक जांच किए जाने पर यह स्पष्ट हुआ कि उक्त राशि आरोपी द्वारा गबन की गई है।
बैंक प्रबंधन द्वारा स्पष्टीकरण मांगे जाने पर आरोपित ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया और स्वयं के उपयोग में राशि लेने की बात स्वीकार की। आरोपी ने 20 हजार रुपये वापस जमा कराए, जबकि शेष 1 लाख 48 हजार रुपये सात दिन में लौटाने का आश्वासन दिया। निर्धारित समय सीमा में राशि जमा नहीं करने पर बैंक द्वारा 7 मई 2021 को लिखित नोटिस जारी किया गया, इसके बावजूद भी आरोपी ने रकम जमा नहीं की और फरार हो गया।
इस संबंध में बैंक प्रबंधन द्वारा 16 जुलाई 2021 को रामनगर चौकी, थाना कोतवाली खंडवा में लिखित शिकायत की गई थी। कार्रवाई नहीं होने पर पुलिस अधीक्षक को भी आवेदन दिया गया।
बाद में न्यायालय के आदेश पर थाना कोतवाली खंडवा में धारा 420, 409 भादवि के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय के निर्देशानुसार पुराने एवं गंभीर अपराधों के फरार आरोपितों की धरपकड़ अभियान के तहत रामनगर चौकी पुलिस ने आरोपित मनोहर सिंह को गिरफ्तार किया। आरोपित को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।
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किसी और के साथ सो रही थी लिव-इन पार्टनर, गुस्साए प्रेमी ने प्राइवेट पार्ट जलाया, दर्दनाक मौत
धरमपुरी । धरमपुरी में महिला की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। सुनीता की हत्या लिव-इन पार्टनर अजय उर्फ रवि चौहान ने की थी। आरोपी ने सुनीता को एक अन्य व्यक्ति के साथ संदिग्ध अवस्था में देखा तो वह गुस्से पर काबू नहीं रख सका। उन्माद में उसने बेलन से सिर पर वार किया। बाद में माचिस से उसका निजी अंग जला दिया, जिससे मौत हो गई।
एमपीके धार के धरमपुरी थाना क्षेत्र के पुराना मनावर रोड, वार्ड-2 स्थित किराए के मकान में 9 दिसंबर को महिला का शव मिला था। सूचना मकान मालिक रविंद्र ने दी थी। प्रारंभिक जानकारी में सामने आया कि सुनीता पिछले 17 वर्षों से अपने पहले पति रामसिंह से अलग रह रही थी। घटना की सूचना पर उसका पहला पति और परिजन भी अस्पताल पहुंचे। घटना के बाद पुलिस ने तलाश अभियान चलाकर 11 दिसंबर को आरोपी को उसके गांव सिरला (बड़वाह) से गिरफ्तार कर लिया। थाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आरोपी को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
थाना प्रभारी संतोष यादव के अनुसार सुनीता, अजय कई वर्षों से लिव-इन में थे। 2 दिसंबर को किराए के घर में शिफ्ट हुए थे। घटना वाले दिन अजय मिस्त्री का काम कर लौटा और सुनीता को संदिग्ध हालत में देख भड़क गया। गुस्से में हत्या कर दी।
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स्पा सेंटर मसाज की आड़ में गंदा काम, कोलकाता, बंगाल की युवतियां काम करते मिलीं
ग्वालियर। शहर में चल रहे कई स्पा सेंटर मसाज की आड़ में अनैतिक गतिविधियों के अड्डे बनते जा रहे हैं। ग्वालियर सहित दिल्ली, कोलकाता और पश्चिम बंगाल की युवतियों के ऐसे काम में संलिप्त होने की जानकारी सामने आने के बाद महिला पुलिस हरकत में आ गई है।
इसी के चलते महिला पुलिस की विशेष टीम गठित की गई इस टीम ने स्पा सेंटरों पर अचानक छापामार कार्रवाई की है। टीम के पहुंचते ही स्पा संचालकों में हड़कंप मच गया। महिला पुलिस अधिकारियों ने रजिस्टर खंगाले, कस्टमर लिस्ट देखीं और CCTV फुटेज चेक कराए ताकि किसी तरह की संदिग्ध गतिविधि का सच सामने आ सके। अधिकारियों ने संचालकों को साफ शब्दों में चेतावनी दी कि स्पा की आड़ में अनैतिक काम नहीं चलना चाहिए वरना उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
महिला पुलिस ने नीलिमा स्पा सेंटर फूलबाग, कशिश स्पा सेंटर इंदरगंज और कंचन स्पा सेंटर यूनिवर्सिटी रोड सहित कई स्थानों पर दबिश दी। अचानक हुई कार्रवाई में टीम ने सभी सेंटरों के रजिस्टर, ग्राहकों का ब्यौरा और स्टाफ की जानकारी खंगाली। जहां भी कोई आपत्तिजनक बात दिखी वहीं स्पा संचालकों से सख्ती से पूछताछ की गई। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे सेंटरों पर अब लगातार निगरानी रखी और लगातार कार्रवाई की जाएगी। जानकारी विदिता डागर- ASP ग्वालियर ने दी।

महान फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी को देखने का सपना लेकर हजारों प्रशंसक शनिवार को कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम पहुंचे थे। लेकिन यह खुशी का मौका जल्द ही अफरा-तफरी और हंगामे में बदल गया। खराब इंतजाम के चलते स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को सख्ती करनी पड़ी और मुख्य आयोजक को हिरासत में लेना पड़ा।
मेसी करीब 14 साल बाद भारत आए थे। इससे पहले वह 2011 में कोलकाता आए थे। इस बार उनका दौरा तीन दिनों का था, जिसकी शुरुआत कोलकाता से हुई। यह आयोजन फुटबॉल के सबसे बड़े सितारों में से एक के सम्मान में रखा गया था, लेकिन सही योजना और नियंत्रण की कमी ने पूरे कार्यक्रम को बिगाड़ दिया।
प्रशंसकों ने 4,500 से लेकर 10,000 रुपए तक के टिकट खरीदे थे, जबकि ब्लैक में टिकटों की कीमत 20,000 रुपए से भी ज्यादा थी। सुबह से ही लोग स्टेडियम पहुंचने लगे थे। करीब 50 हजार दर्शक मौजूद थे, लेकिन मेसी मैदान पर कुछ ही देर के लिए आए और आयोजकों व वीआईपी लोगों की भीड़ में घिर गए। आम दर्शक उन्हें ठीक से देख भी नहीं पाए।
जैसे ही यह खबर फैली कि मेसी समय से पहले स्टेडियम छोड़ रहे हैं, दर्शकों का गुस्सा फूट पड़ा। बोतलें और प्लास्टिक की कुर्सियां फेंकी गईं, बैनर और होर्डिंग फाड़ दिए गए। कई जगह बैरिकेड तोड़ने की कोशिश हुई और कुछ दर्शक मैदान में घुस आए।
हालात बेकाबू होते देख पुलिस को रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) बुलानी पड़ी। भीड़ को काबू में करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। कुछ समय के लिए स्टेडियम में डर और अराजकता का माहौल बन गया।
इस हंगामे के चलते कार्यक्रम को अचानक रोकना पड़ा। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान, पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई आमंत्रित मेहमान योजना के अनुसार कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके।
घटना के कुछ घंटों बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस कुप्रबंधन पर दुख जताया और प्रशंसकों से माफी मांगी। उन्होंने एक उच्च स्तरीय जांच समिति बनाने की घोषणा की। इस समिति की अध्यक्षता कलकत्ता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस आशीष कुमार राय करेंगे। समिति यह जांच करेगी कि गलती कहां हुई और भविष्य में ऐसी घटनाएं कैसे रोकी जा सकती हैं।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इस दिन को कोलकाता के खेल प्रेमियों के लिए ‘काला दिन’ बताया और आयोजकों की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। वहीं, राज्य के डीजीपी राजीव कुमार ने कहा कि आयोजकों की भूमिका की जांच की जा रही है और उन्होंने टिकट के पैसे लौटाने का लिखित वादा किया है।
मुख्य आयोजक शताद्रु दत्ता को कोलकाता एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया, जहां वह मेसी को विदा करने पहुंचे थे। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है।
फुटबॉल संस्कृति पर गर्व करने वाले कोलकाता के लिए यह दिन बेहद दर्दनाक रहा। टूटी कुर्सियां, फटे बैनर और नाराज प्रशंसक इस बात की गवाही दे रहे थे कि जो दिन यादगार बनना था, वह एक बुरे सपने में बदल गया।
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निकाय चुनावों में एनडीए (NDA) ने बड़ी राजनीतिक सफलता हासिल की
तिरुवनंतपुरम। केरल के निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए (NDA) ने बड़ी राजनीतिक सफलता हासिल की है। तिरुवनंतपुरम नगर निगम में गठबंधन ने 101 वार्डों में से 50 वार्डों पर जीत दर्ज कर ली है, जो राज्य की राजनीति में एक अहम बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
तिरुवनंतपुरम नगर निगम पर बीते 45 सालों से वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) का वर्चस्व रहा है, ऐसे में एनडीए की यह बढ़त ऐतिहासिक मानी जा रही है। चुनाव परिणामों के मुताबिक, LDF को 29 वार्डों में जीत मिली है, जबकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने 19 वार्डों पर कब्जा जमाया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शहरी मतदाताओं के बीच एनडीए की बढ़ती स्वीकार्यता और स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित चुनावी रणनीति ने इस प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाई है। वहीं, लंबे समय से सत्ता में रहने के कारण LDF को एंटी-इन्कम्बेंसी का सामना करना पड़ा, जिसका असर नतीजों में साफ नजर आया।
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने इस जीत पर कहा, 'तिरुवनंतपुरम नगर निगम में शानदार जीत पर मेहनती भाजपा कार्यकर्ताओं को हार्दिक धन्यवाद। आज का दिन केरल में कार्यकर्ताओं की पीढ़ियों के कार्य और संघर्षों को याद करने का है, जिन्होंने जमीनी स्तर पर काम किया। हमारे कार्यकर्ता ही हमारी ताकत हैं और हमें उन पर गर्व है।'
कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा, 'यह केरल लोकल बॉडी चुनावों के इतिहास में UDF और कांग्रेस को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं। यह हमारे लिए एक बड़ी जीत है। निश्चित रूप से हम अगले विधानसभा चुनाव जीतने वाले हैं। उन्होंने कहा कि मैं तिरुवनंतपुरम के किसी भी व्यक्ति (कांग्रेस सांसद शशि थरूर) पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि हम वैसे भी सफलताओं और असफलताओं दोनों की समीक्षा करेंगे।'
वहीं भाजपा उम्मीदवार आर. श्रीलेखा ने कहा- जब से मेरी उम्मीदवारी की घोषणा हुई है, LDF और कांग्रेस ने उम्मीद से ज्यादा मेरी आलोचना की है। मुझे खुशी है कि मेरे वार्ड के लोगों ने उन सभी बातों को नजरअंदाज किया और मेरा साथ दिया।
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इलाहाबाद हाई कोर्ट का आदेश : पति से बेहतर जीवन जी रही पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता
प्रयागराज. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि पत्नी पति से बेहतर जीवन यापन कर रही है, तो वह दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत पति से गुजारा भत्ता मांगने की हकदार नहीं है. कोर्ट ने इसी आधार पर परिवार अदालत द्वारा पत्नी को पांच हजार रुपये मासिक गुजारा भत्ता देने के आदेश को रद कर दिया.
यह आदेश न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह ने गौतम बुद्ध नगर निवासी अंकित साहा की पुनरीक्षण याचिका पर सुनाया. परिवार अदालत ने पति की आमदनी और दोनों पक्षों के बीच आर्थिक संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से पत्नी को पांच हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था.
हाई कोर्ट ने कहा कि पत्नी स्वच्छ हृदय से अदालत के समक्ष नहीं आई. उसने खुद को बेरोजग़ार और अनपढ़ बताया, जबकि रिकॉर्ड से स्पष्ट है कि वह पोस्ट ग्रेजुएट है और सीनियर सेल्स को-ऑर्डिनेटर के पद पर कार्यरत है. वह हर महीने करीब 36 हजार रुपये कमाती है. कोर्ट ने माना कि पत्नी ने गुजारा भत्ता प्राप्त करने के लिए तथ्यों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया.
याची पति की ओर से दलील दी गई कि पत्नी ने परिवार अदालत, गौतमबुद्धनगर में खुद को बेरोजग़ार बताया था, जबकि वह पोस्ट ग्रेजुएट और वेब डिज़ाइनर है तथा नियमित रूप से वेतन प्राप्त कर रही है. सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण का अधिकार तभी मिलता है, जब पत्नी अपना भरण-पोषण करने में असमर्थ हो. इस मामले में पत्नी आर्थिक रूप से सक्षम पाई गई, इसलिए उसे गुजारा भत्ता देने का कोई आधार नहीं बनता.

बालाघाट। मध्यप्रदेश के बालाघाट में हिंदुओं के आस्था के साथ खिलवाड़ का मामला सामने आया है। किसी विधर्मी ने भगवान शिवलिंग के ऊपर मटन का ग्रेवी (रस) डाल दिया। इतना ही नहीं जलपात्र (मटकी) में मटन का टुकड़ा भी मिला है। इसकी खबर लगते ही हड़कंप मच गया। हिंदुवादी संगठनों में जबरदस्त आक्रोश है। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल कर मामले की जांच में जुट गई।
दरअसल घटना कोतवाली थाना क्षेत्र के गर्रा शंकरघाट की है, जहां आज सुबह लोग पूजा करने पहुंचे तो देखा कि शिवलिंग पर मटर का ग्रेवी डला हुआ था। जलपात्र (मटकी) में मटन का टुकड़ा भी मिला है। श्रद्धालुओं ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है।
वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों के साथ हिंदुओं में जबरदस्त आक्रोश है। बवाल मचने के बाद पुलिस CCTV फुटेज खंगाल रही। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है। आशंका जताई जा रही है कि पिकनिक मनाने आए विधर्मियों द्वारा हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाने यह हरकत की गई होगी। फिलहाल मामले को लेकर कोतवाली पुलिस जांच में जुटी है।

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सुरक्षा को लेकर हाई कोर्ट सख्त, मकर संक्रांति से पहले इन 14 जिलों में चाइनीज मांझा बैन
मकर संक्रांति आने में कुछ ही दिन बचे हैं। बाजारों में पतंगों की दुकानें सज चुकी हैं, बच्चों की आंखों में उत्साह है, और छतों पर उड़ती पतंगों की कल्पना से ही त्योहार की रौनक महसूस होने लगती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में चाइनीज मांझे से हुए दर्दनाक हादसों ने इस खुशियों भरे त्योहार पर एक काली छाया डाल दी।
इंदौर में एक नाबालिग बच्चे की गर्दन कटने से मौत, खजराना में एक व्यक्ति का अंगूठा कटने जैसी घटनाओं ने हाई कोर्ट को झकझोर दिया। लगातार बढ़ते हादसों को देखते हुए इंदौर हाई कोर्ट ने गंभीर रुख अपनाते हुए बड़े स्तर पर कार्रवाई की है और प्रदेश के 14 जिलों में चाइनीज मांझे की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन पर अब कड़ी निगरानी की जिम्मेदारी आ गई है, जिससे कि त्योहार किसी और मासूम की जान न ले।
मकर संक्रांति से पहले इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में चाइनीज मांझे से लगातार हादसे बढ़ने लगे थे। कनाडिया थाना क्षेत्र में एक नाबालिग बच्चे की चाइनीज मांझे से गर्दन कटने से मौत ने पूरे शहर को हिला दिया। यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि चेतावनी थी कि त्योहार की भीड़ में किसी भी दिन बड़ा नुकसान हो सकता है।
इसी बीच खजराना थाना इलाके में एक व्यक्ति का चाइनीज मांझे में पैर उलझ गया और उसका अंगूठा कट गया। शहर के अन्य क्षेत्रों से भी इसी तरह की घटनाओं की रिपोर्ट आने लगी। ये घटनाएँ हाई कोर्ट के ध्यान में आईं और कोर्ट ने बिना किसी शिकायत का इंतज़ार किए स्वत: संज्ञान लिया। यह कदम बताता है कि अदालत इस मुद्दे को कितना गंभीर मानती है।
सुनवाई के दौरान पीठ ने साफ कहा चाइनीज मांझा खुलेआम बिक रहा है और प्रशासन सिर्फ कागजों में कार्रवाई दिखा रहा है। वास्तविकता में ग्राउंड पर स्थिति अलग है। कोर्ट ने साफ पूछा कि जब इसके कारण लगातार हादसे हो रहे हैं, तब अधिकारी कड़ी कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे? कोर्ट की टिप्पणी ने प्रशासन की जिम्मेदारी को और ज्यादा केंद्रित कर दिया।
सरकारी उप महाधिवक्ता सुदीप भार्गव ने कोर्ट को बताया कि चाइनीज मांझे पर पहले ही प्रतिबंध का आदेश जारी किया जा चुका है, और पुलिस अभियान चलाकर कार्रवाई भी कर रही है। लेकिन अदालत ने इस पर संतोष नहीं जताया और साफ निर्देश दिए कि प्रतिबंध कागजों में नहीं, जमीन पर दिखना चाहिए।
जिन 14 जिलों में चाइनीज मांझा पूरी तरह बैन हुआ है
इंदौर
देवास
उज्जैन
रतलाम
नीमच
मंदसौर
आगर मालवा
शाजापुर
राजगढ़
धार
झाबुआ
अलीराजपुर
खरगोन
बड़वानी
हाई कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि बाजारों में नियमित निरीक्षण किया जाए। जहां-जहां पतंग और मांझा बिकता है, राजवाड़ा, सियागंज, मालवायुक्ति, राऊ, खजराना जैसे बड़े बाजारों में विशेष टीमें निगरानी करेंगी। दुकानदारों से स्टॉक की जानकारी ली जाएगी। पुराने स्टॉक में चाइनीज मांझा छिपा कर रखने वालों पर केस दर्ज किया जाएगा। पैकेजिंग बदलकर बेचने वालों पर भी कार्रवाई तय है।
चाइनीज मांझा सिर्फ एक पतंग की डोर नहीं, बल्कि अत्यंत तीखी, मजबूत और घातक धातु-लेपित नायलॉन की डोर होती है। भारत में कानूनी मांझा सूती धागे पर आधारित होता है, जबकि चाइनीज मांझा नायलॉन, सिंथेटिक फाइबर, ग्लास पाउडर, धातु के महीन टुकड़े से बनाया जाता है। यह गर्दन, हाथ और चेहरे को बेहद आसानी से काट देता है। दोपहिया वाहन सवार इससे सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। 2021-2024 के बीच देशभर में चाइनीज मांझे से 200 से ज्यादा मौतें और 500 से अधिक गंभीर चोटें दर्ज हुई थीं। हाई कोर्ट हमेशा से इस सामग्री को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा मानता आया है। अब 2025 में हादसे फिर बढ़ने लगे, इसलिए अदालत को सख्ती दिखाना जरूरी लगा।
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झोलाछाप डॉक्टरों पर बड़ी कार्रवाई, मचा हड़कंप, कई लोग क्लीनिक छोड़कर भागे
श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर में झोलाछाप डॉक्टरों पर शुक्रवार को ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई। CMHO की रेड से कई लोग डरकर अपनी क्लिनिक छोड़कर फरार हो गए। इस दौरान एक शख्स ने स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई भी रोकने की कोशिश की।
दरअसल, काफी दिनों से झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ लोगों की जान से खिलवाड़ करने की शिकायत सामने आ रही थी। जिसके बाद सीएमएचओ डॉ. दिलीप सिंह सिकरवार कार्रवाई करने के लिए पहुंचे तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं सीएमएचओ के साथ मुंहवाद करते हुए कार्रवाई करने से भी रोक दिया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने इसका वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

मंदसौर। नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम हिंगोरिया बड़ा में 17 व 18 जुलाई की दरमियानी रात में भाजपा के मंडल उपाध्यक्ष श्यामलाल पुत्र दौलतराम धाकड़ की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने कई एंगल से जांच की पर कोई सिरा हाथ नहीं लग रहा था।
एसपी विनोद कुमार मीना ने बताया कि जांच में पाया कि मृतक श्यामलाल धाकड़ का गांव की एक महिला से संपर्क था। स्वजन को मृतक श्यामलाल धाकड़ द्वारा अपने नाम की रजिस्टर्ड जमीन व घर महिला के नाम करने का डर भी था। वहीं समाज में बदनामी का डर भी सता रहा था। इसी कारण मृतक के पिता दौलतराम धाकड़ ने गोपाल धाकड़, रंगलाल बाछड़ा, सुमित बाछड़ा, अटलू बाछड़ा के साथ मिलकर बेटे श्यामलाल को कुल्हाडी व चाकू से मारने की योजना बनाई।
दौलतराम धाकड़ ने रंगलाल बाछड़ा, सुमित बाछड़ा, अटलु बाछड़ा को श्यामलाल धाकड़ की हत्या के लिए 5 लाख रुपये भी दिए थे। 17 व 18 जुलाई की दरमियानी रात में को सुमित और अटलू अपनी-अपनी मोटर साईकिल से राती तलाई से हिंगोरिया बड़ा पहुंचे। यहां मोटरसाईकिल दौलतराम धाकड़ के घर से थोड़ी दूर गली में खड़ी कर दौलतराम के घर पहुंचे।
यहां से बताए अनुसार सीढ़ियों के रास्ते श्यामलाल के कमरे में पहुंचे। श्यामलाल पलंग पर सोया था। आरोपित सुमित, रंगलाल व अटलु ने कुल्हाड़ी व चाकू से श्यामलाल की गर्दन व शरीर पर कई बार वार कर हत्या कर दी।
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महिला को आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर किया ‘Digital Arrest’,30 लाख की ठगी
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर के एरोड्रम थाना क्षेत्र में बड़ी ठगी की वारदात सामने आई है, जम्मू का एसपी बनकर वृद्ध महिला को साइबर अपराधी ने डिजिटल अरेस्ट किया और 30 लाख रुपए खातों में ट्रांसफर करवा लिए। जब वृद्ध महिला का दामाद और बेटी उससे मिलने पहुंचे तो इस पूरी घटना का खुलासा हुआ।
एरोड्रम थाना क्षेत्र में रहने वाली एक वृद्ध महिला साइबर ठगों का शिकार हो गई, खुद को जम्मू-कश्मीर पुलिस का एसपी बताने वाले बदमाश ने महिला को डिजिटल अरेस्ट में रखकर उससे करीब 30 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करवा लिए। जानकारी के अनुसार आरोपी ने महिला को फोन कर बताया कि उसका नाम एक आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है, इसी बहाने उसे घंटों कॉल पर रोके रखा और डराकर अलग-अलग दिनों में महिला के बैंक खातों से कई ट्रांजैक्शन करवाए।
मामला तब खुला जब महिला की बेटी और दामाद घर पहुंचे, संदिग्ध गतिविधि पर उन्हें शक हुआ और पूछताछ में पूरी घटना सामने आई। इसके बाद पीड़िता ने एरोड्रम थाना पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई है, पुलिस साइबर ठगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच में जुट गई है।
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पुलिसवाले ने ली ‘5 हजार’ की रिश्वत, SP ने किया निलंबित
अलीराजपुर। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन कोई न कोई अफसर या कर्मचारी रिश्वत लेते लोकायुक्त के हत्थे चढ़ता है। ऐसा ही मामला आलीराजपुर जिले से सामने आया है। यहां पर बीते दिनों चौकी उमराली के कार्यवाहक प्रधान आरक्षक मनोहर जाटव रिश्वत लेते वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह एक युवक से रिश्वत लेते नजर आ रहे थे।
जानकारी के अनुसार, फरियादी के द्वारा प्रधान आरक्षक को एक युवक की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज कराई थी। युवक एफआईआर के 2-3 दिन बाद ही घर वापस लौट आया था। परिजनों ने इसकी जानकारी चौकी में दे दी थी, लेकिन प्रधान आरक्षक के द्वारा एफआईआर बंद करने की एवज में 5 हजार रुपए की रिश्वत ली गई थी।
जैसे ही वीडियो आलीराजपुर एसपी तक पहुंचा। उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते तुरंत ही मनोहर जाटव को निलंबित कर दिया है। उन्हें चौकी उमराली से हटाकर रक्षित केंद्र आलीराजपुर से संबद्ध किया गया है।
गुरुवार को प्रदेश के अलग-अलग जिलों में लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए 5 और रिश्वतखोरों को पकड़ा था।
विदिशा जिले के गंजबासौदा से उपयंत्री को राम गोपाल यादव के द्वारा 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था। उसके द्वारा सीसी सड़क निर्माण के मूल्यांकन की एवज में 40 हजार रुपए की रिश्वत मांगी जा रही थी।
शिवपुरी में अपर कलेक्टर कार्यालय के स्टेनो को पांच हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी स्टोनो के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7 के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है।
झाबुआ जनजतीय विभाग में पदस्थ लेखापाल जामसिंह अमलियार को लोकायुक्त ने 14,500 की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन)2018 की धारा-7 के अंतर्गत कार्रवाई की जा रही है।
नरसिंहपुर में लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने सहकारिता निरीक्षक (कॉपरेटिव इंस्पेक्टर) संजय दुबे को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है। सहकारिता निरीक्षक संजय दुबे के खिलाफ 8 दिसंबर को लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई गई थी।
बालाघाट में भी जबलपुर लोकायुक्त की टीम ने तहसील कार्यालय बिरसा में पदस्थ बाबू राजकुमार रामटेके को 3 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है। रिश्वतखोर बाबू राजकुमार रामटेके के खिलाफ संतोष ढेकवार नाम के युवक ने लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर में रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी।

प्रमुख समाचार

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