This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

जंगल में 700 किलो गांजा मिला, टीआई सस्पेंड, स्ट्राइक फोर्स की दबिश, 4 नाबालिग गिरफ्तार

User Rating: 4 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Inactive
 

डिंडौरी। एमपी के डिंडौरी के शहपुरा स्थित ग्राम पड़रिया में आज उस वक्त हड़कम्प मच गया. जब जबलपुर से पहुंची स्ट्राइक फोर्स की टीम ने वन विभाग के साथ मिलकर जंगल में दबिश देकर चार लोगों को गिरफ्तार कर जमीन के अंदर से 700 किलो गांजा बरामद किया है. इसके लिए जेसीबी बुलाई गई. खुदाई अभी भी जारी है क्योकि और भी गांजा मिलने की संभावना है. पुलिस ने इस मामले में चार नाबालिगों को हिरासत में लिया है. वहीं एसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए शहपुरा थानाप्रभारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।
जबलपुर की स्ट्राइक फोर्स की टीम को खबर मिली थी कि शहपुरा स्थित पड़रिया के जंगल को शिकारियों व तस्करों ने अवैध कारोबार का अड्डा बनाया है. तस्कर बाहर के राज्यों से लाया जाने वाला गांजा यहां पर जमीन के अंदर रखते है इसके बाद जबलपुर सहित आसपास के जिलों में सप्लाई करते है. यहां तक कि जंगल में जंगली जानवरों का शिकार भी करते है. इसके बाद आज जबलपुर से पहुंची स्ट्राइक फोर्स की टीम ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर दबिश दी. जहां से करीब 700 किलो गांजा मिला, गांजा को निकालने के लिए जेसीबी बुलाई गई।
यहां तक कि अधिकारियों द्वारा सूचना दिए जाने पर शहपुरा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई. टीम को गांजा के अलावा जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए छिपाए गए उपकरण जैसे प्रेशर बम, जाल, चाकू भी मिले है।
अधिकारियों का कहना है कि मामले में मुख्य आरोपी सूर्य पिता अजीत अपने कु छ साथियों के साथ जंगल के रास्ते भागने में सफल हो गया है, वहीं पुलिस ने चार नाबालिग संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है. जिन्हे थाना लाकर पूछताछ की जा रही है, जिससे और भी खुलासे होने की संभावना है. वहीं पुलिस की एक टीम द्वारा फरार आरोपियों को पकडऩे के लिए संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है. इस घटना के बाद शहपुरा क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
स्ट्राइक फोर्स, वन विभाग व पुलिस की टीम ने जब जंगल में तलाशी लेना शुरु किया तो एक स्थान पर 12 मोटर साइकलें भी मिली है. जिससे यह माना जा रहा है कि गांजा की सप्लाई मोटर साइकलों के जरिए डिंडौरी, जबलपुर, मंडला सहित आसपास के जिलों में की जाती है जिससे किसी को शक भी नहीं होता है. पुलिस अब बरामद की गई मोटर साइकलों के नम्बरों के आधार पर आगे की जांच में जुट गई है कि उक्त मोटर साइकलें किसकी है।

---------------------------
कर्मचारियों की हरकत पर भड़के ज्योतिरादित्य सिंधिया, 3 पटवारी, 2 बाबू सस्पेंड
शिवपुरी। शिवपुरी जिले की शिवपुरी और पिछोर विधानसभा में शनिवार को केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आमजन की समस्याएं सुनीं थीं। लेकिन पिछोर में सिंधिया के शिविर से जाने के बाद एक गंभीर मामला सामने आया, जहां कुछ आवेदकों द्वारा दिए गए आवेदन पत्र फेंक दिए गए और इसका वीडियो भी वायरल हुए। वायरल वीडियो सिंधिया तक पहुंचे तो उन्होंने इसे लेकर नाराजगी जताई है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तत्काल जांच के आदेश दिए। सिंधिया की नाराजगी से अधिकारियों में हड़कंप मच गया और तुरंत जांच की गई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि कुछ शरारती तत्वों ने जानबूझकर यह अफवाह फैलाई कि कर्मचारियों ने आवेदनों को फेंक दिया है। जबकि पंजीयन काउंटर पर कार्यरत कर्मचारियों ने आवेदन पत्रों की फोटोकॉपी कर एक प्रति अपने रिकॉर्ड में रखी थी।
इस घटना में पंजीयन काउंटर पर तैनात कर्मचारियों की लापरवाही सामने आने पर कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया। निलंबित कर्मचारियों में पटवारी दीपक शर्मा, पटवारी दीपक दांगी, प्रतीक पाराशर, सहायक ग्रेड 3 प्रमोद वर्मा, सहायक ग्रेड 3 प्रशांत शर्मा के नाम शामिल हैं। इनके अलावा पंजीयन काउंटर पर ड्यूटी पर तैनात पांच शिक्षकों के खिलाफ भी कार्यवाही के लिए एसडीएम ने प्रस्ताव भेजा है।
एसडीएम पिछोर ने बताया कि पंजीयन काउंटर पर काम कर रहे कर्मचारियों से कुछ शरारती तत्वों ने स्कैन और फोटोकॉपी आवेदन छीनकर एक महिला को सौंप दिए और यह अफवाह फैला दी कि आवेदनों को कचरे में फेंका गया है। इस मामले में जांच के बाद शरारती तत्वों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
-----------------------------
अशोकनगर में बंद हुआ बड़ा बैंक, उपभोक्ताओं की करोड़ों की रकम डूबी
अशोकनगर। मध्यप्रदेश में एक प्राइवेट बैंक बंद हो गया है। उपभोक्ताओं की बैंक में जमा करोड़ों की रकम डूब गई है। अशोकनगर में यह वारदात हुई है जहां इलाके के बड़े प्राइवेट बैंक में ताला लग गया है। उपभोक्ता बैंक में जमा कराई अपनी ही रकम लेने के लिए भटक रहे हैं। मामले का खुलासा तब हुआ जब एक कारोबारी ने पुलिस को शिकायत की। कारोबारी ने पिछले तीन साल में बैंक में लाखों रुपए जमा किए पर न अब मैनेजर मिल रहे हैं और न ही बैंक के कलेक्शन एजेंट दिखाई दे रहे हैं। इधर पुलिस मामले की जांच की बात कह रही है।
अशोकनगर में प्राइवेट बैंक के रूप में काम कर रहे लस्टीनेस जनहित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड का बड़ा कारनामा सामने आया है। बैंक कर्मचारियों ने उपभोक्ताओं को रोजाना राशि जमा कराने पर अच्छे ब्याज का लालच दिया। इससे कई लोग फंस गए और खासी राशि जमा करा दी। अब बैंक में ताला लग गया है। मैनेजर व अन्य कर्मचारी उपभोक्ताओें के साथ धोखाधड़ी कर गायब हो गए हैं। लोगों के करोड़ों रुपए डूब गए हैं।
बताया जा रहा है कि लस्टीनेस जनहित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी शहर में 2016 से पैसे जमा कराने का काम कर रही है। जिला अस्पताल चौराहा पर चाय का ठेला लगाने वाले हिनोतिया फूट गांव निवासी कृष्णपाल यादव ने कोतवाली में बैंक की शिकायत करते हुए कारस्तानी उजागर की।
पुलिस को की गई शिकायत में बताया गया है कि लस्टीनेस जनहित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के कर्मचारियों ने अपनी बैंक में रोजाना राशि जमा कराने की सलाह दी और उस जमा पर ब्याज का भी लालच दिया। इससे कृष्णपाल यादव ने दो खाते खुलवा लिए, एक खाते में एक साल तक 500 रुपए रोज जमा कराकर 1.80 लाख रुपए जमा करा लिए। दूसरे खाते में भी 400 रुपए रोजाना के हिसाब से 3.08 लाख रुपए जमा करा लिए। बाद में रुपए लौटाने से इंकार कर दिया।
शिकायतकर्ता कृष्णपाल यादव का कहना है कि लस्टीनेस जनहित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड बैंक के शहर में 20 कलेक्शन एजेंट काम करते थे जो रोज दुकानदारों व लोगों से रुपए जमा कराते थे। उसकी एक साल वाली योजना की समय अवधि अक्टूबर 2024 में पूरी होने पर जब वह राशि वापस लेने गया तब न तो कोई कलेक्शन एजेंट मिला और न ही मैनेजर व अन्य कर्मचारी मिल रहे हैं। वहीं बैंक में भी ताला लगा दिया गया है। इसके बाद उसे अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला।
शिकायतकर्ता कृष्णपाल यादव का कहना है कि सिर्फ उसी के खाते नहीं, बल्कि शहर के कई दुकानदारों व लोगों के इस बैंक में खाते खुले थे। इनसे रोजाना एक निर्धारित राशि जमा कराई जाती थी। कई लोग पहले भी थाने में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समय अवधि पूरी हो जाने के बावजूद भी अब तक राशि वापस नहीं मिली।
शिकायतकर्ता का दावा है कि शहर में इस तरह से बैंक ने लोगों की बड़ी रकम जमा कराई है जो करोड़ों में हो सकती है। बैंक कर्मचारी पहले ही सभी को धमका चुके हैं कि यदि शिकायत की तो रुपए वापस नहीं किए जाएंगे।
इधर अशोकनगर कोतवाली प्रभारी मनीष शर्मा के मुताबिक हमारे पास एक व्यक्ति ने अपने दो खातों की शिकायत की है। हमने उससे ऐसे अन्य लोगों को भी एकत्रित करने की बात कही है, ताकि इसकी वास्तविक जानकारी मिल सके। शिकायत पर जांच की जा रही है।