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ढाबे में बना रखा था वीआईपी रूम, छापे में नोट गिनने की मशीन और संदिग्ध वस्तुएं बरामद

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रायसेन। औद्योगिक थाना पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने सतलापुर स्थित कल्लू दा ढाबा पर छापेमारी कर 16 पेटी देशी और विदेशी अवैध शराब बरामद की है। एक वीआईपी रूम से नोट गिनने की मशीन भी मिली, जिससे प्रशासनिक अधिकारी भी अचंभे रह गए।
थाना प्रभारी को गुप्त सूचना मिली थी कि ढाबे पर बड़ी मात्रा में अवैध शराब का भंडारण किया गया है। सूचना की पुष्टि के बाद पुलिस ने आबकारी विभाग के साथ मिलकर कार्रवाई की। छापेमारी में बरामद सामग्री की कुल कीमत लगभग पौने दो लाख रुपए बताई जा रही है।
ढाबे के वीआईपी रूम में नोट गिनने की मशीन ने बड़े संदेह को जन्म दिया है। सामान्यतः ढाबे पर ऐसी मशीन की आवश्यकता नहीं होती, जो यह दर्शाता है कि यहां बड़े पैमाने पर नकदी का लेनदेन हो रहा था।
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह मशीन अवैध शराब की बिक्री से जुड़े लेनदेन के लिए इस्तेमाल हो रही थी या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों का हिस्सा थी।
छापेमारी के दौरान यह भी पाया गया कि ढाबे के अंदर विलासिता की तमाम चीजें मौजूद थीं। एक विशेष रूम में एसी, टीवी जैसी सुविधाएं थीं। ढाबे की आड़ में अवैध गतिविधियां संचालित होने का संदेह भी है।
ढाबा संचालक कल्लू पटेरिया पर आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल मामले की जांच जारी है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि अवैध शराब के साथ और कौन-कौन सी गतिविधियां यहां संचालित हो रही थीं।
शहर के कई ढाबों पर अवैध शराब परोसी जा रही है। ये ढाबे दिनभर अहातों की तरह संचालित हो रहे हैं और कई जगह ऐशो-आराम की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इन ढाबों की आड़ में गोरखधंधे संचालित होने की खबरें आम हैं। पुलिस ने फिलहाल कल्लू पटेरिया के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर CBSE ने जारी की गाइडलाइंस, छात्र करें इन नियमों का पालन, वरना रद्द होगा एग्जाम
सीबीएसई 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी 2025 से शुरू होने वाली है। कुल 204 विषयों की परीक्षा देशभर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। इसमें 44 लाख से अधिक छात्र शामिल होंगे। केंद्र माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बोर्ड परीक्षा को लेकर गाइडलाइंस जारी कर दी है। स्कूलों और छात्रों के नियम निर्धारित किए गए हैं, जिनका अनुपालन न करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
नोटिस में सीबीएसई ने कहा कि, “विस्तृत अनुचित साधन नियम तैयार किए गए हैं। बोर्ड परीक्षा में उपस्थित होने वाले सभी छात्रों को परीक्षा की नैतिकता उनके नियमों और सीबीएसई द्वारा जारी निर्देशों के बारे में स्कूल सूचित करें। आगे सीबीएसई ने कहा कि यह संदेश एडमिट कार्ड में उपलब्ध होंगे। फिर भी स्कूल इस जानकारी को अपने छात्रों के बीच फैलाएं और उन्हें संवेदनशील बनाएं। परीक्षा हॉल या केंद्र में अनुचित व्यवहार के उपयोग पर रोक लगाने के प्रति सामान्य जागरूकता पैदा करें।
सीबीएसई ने स्कूलों से कहा कि वे यूएफएम निर्देशों और दंडों को पढ़ें। छात्रों और अभिभावकों को परीक्षा नैतिकता और दंड से जुड़ी जानकारी प्रदान करें। उन्हें बताएं कि अफवाहें फैलाने वालों में शामिल होना चाहिए। ताकि परीक्षा का सुचारू रूप से संचालन हो सके। परीक्षा ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को भी यह जानकारी देने का निर्देश बोर्ड ने स्कूलों को दिया है।
इस साल बोर्ड परीक्षा में सीसीटीवी पॉलिसी के तहत लागू की जाएगी। हर परीक्षा केंद्र पर सभी परीक्षा हॉल में सीसीटीवी कैमरे फिट किए जाएंगे। सीसीटीवी कैमरे द्वारा निगरानी की जाएगी। यदि किसी भी छात्र के पास परीक्षा केंद्र में प्रवेश के बाद इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे कि मोबाइल फोन इत्यादि मिलता है। या यदि कोई छात्र अफवाह अफवाह फैलाने में शामिल होते हैं, जिससे परीक्षा का संचालन प्रभावित होता है। तो ऐसे मामलों में वर्तमान के साथ-साथ अगले वर्ष की पूर्ण विषयों की परीक्षा रद्द कर दी जाएगी। छात्र पूर्ण विषय की परीक्षा देने के पात्र नहीं होंगे।
बोर्ड परीक्षा में रेगुलर छात्र अपने स्कूल यूनिफॉर्म में उपस्थित होंगे। वहीं प्राइवेट स्टूडेंट को सीबीएसई ने हल्के और सिंपल कपड़े पहनने की सलाह दी है। वॉलेट, चश्मा, हैंडबैग, पाउच इत्यादि ले जाने की अनुमति नहीं होगी। स्टेशनरी आइटम, खाने-पीने की चीज इत्यादि प्रतिबंधित चीजों को ले जाना मना होगा। हालांकि मधुमेह रोग से ग्रसित छात्रों को खाने-पीने की चीज ले जाने की अनुमति दी गई है।
उत्तर पुस्तिका में अश्लील या अपमानजनक भाषा का प्रयोग न करें। मूल्यांकर्ताओं के लिए किसी अपील के साथ या बिना किसी अपील के धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल करना और उत्तर देते समय स्वयं को नुकसान पहुंचाने की भाषा का इस्तेमाल करना/ धमकी न दें। उत्तर पुस्तिका में उत्तर लिखने के लिए किसी अन्य स्याही या पेंसिल का उपयोग न करें। मूल्यांकन के लिए किसी अपीलीय संदेश के साथ या उसके बिना उत्तर पुस्तिका के साथ कोई करेंसी नोट या अन्य ऐस उपकरण को जोड़ना स्वीकार नहीं किया जाएगा। ऐसे मामले में यूएफएम समिति द्वारा परामर्श दिया जाएगा ताकि वे भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में उत्तर पुस्तिकाओं में ऐसी भाषा का प्रयोग न करें। नोट या करेंसी को जब्त कर बोर्ड के खाते में जमा कर दिए जाएंगे।
इन नियमों का जरूर करें नियम
छात्र अपने साथ पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र ना ले जाएं।
उत्तर पुस्तिका के अलावा किसी अन्य सामग्री पर प्रश्न या उत्तर न लिखें।
परीक्षा केंद्र में परीक्षा के समय परीक्षा स्टाफ के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के साथ संपर्क या संवाद करने की कोशिश ना करें।
परीक्षा के संचालन के संबंध में परीक्षा नियमों का सीबीएसई द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन न करें।
प्रवेश पत्र पर फर्जी फोटो चिपकने या अपलोड करने की गलती ना करें।
उत्तर पुस्तिकाओं पर मुद्रित किसी भी जानकारी को ना मिटायें।
आंसर शीट पर किसी प्रकार की गलत जानकारी ना लिखें।
छात्र अपने पास प्रतिलिपि सामग्री हार्ड कॉपी आईटी यदि ना रखें। इसका इस्तेमाल नियमों के विरुद्ध माना जाएगा।
किसी अन्य शास्त्रीय सहायक या अधीक्षक के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संवाद ना करें।
अन्य छात्रों को कदाचार में शामिल होने में सहायता भी ना करें। अन्य छात्रों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी प्रकार की सहायता देने की कोशिश भी ना करें।
उत्तर पुस्तिका को परीक्षा केंद्र या परीक्षा हॉल से बाहर ले जाने की गलती महंगी पड़ेगी।
प्रश्न पत्र या उसके किसी भाग को परीक्षा हॉल से बाहर ना ले जाएं।
परीक्षा केंद्र में प्रवेश के बाद किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को अपने पास न रखें। ना ही इसका इस्तेमाल करें।
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नर्सिंग काउंसिल के आफिस से सीसीटीवी फुटेज गायब, हाईकोर्ट ने 15 दिन में मांगी रिपोर्ट
जबलपुर। एमपी में नर्सिंग घोटाला में सीबीआई जांच के बाद 500 कालेजों में ताले लग गए है. वहीं अब नर्सिंग काउंसिल में भी गंभीर अनियमितता सामने आई हैं. हाईकोर्ट ने इस मामले को भोपाल पुलिस कमिश्नर और साइबर सेल को सौंपते हुए राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
नर्सिंग फर्जीवाड़े को लेकर लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल की जनहित याचिका पर अन्य नर्सिंग मामलों के साथ सुनवाई हुई. पिछली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल कार्यालय के 13 से 19 दिसंबर 2024 तक के सीसीटीवी फुटेज संरक्षित कर बंद लिफाफे में पेश करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दस्तावेज पेश करते हुए बताया किए काउंसिल से 11 से 16 दिसंबर के सीसीटीवी फुटेज ग़ायब हैं. जिसपर याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट ने जब 12 दिसंबर को तत्कालीन रजिस्ट्रार को हटाने के आदेश दिए थे. उसके बाद उनके द्वारा अपने कार्यकाल में की गई अनियमितताओं से संबंधित कई फाइल 14 दिसंबर को ग़ायब की गई हैं।
सहयोगियों के साथ मिलकर सीसीटीवी फुटेज भी डिलीट किए गए हैं. नर्सिंग फर्जीवाड़े मामले में हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच जस्टिस संजय द्विवेदी व जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने सुनवाई के बाद पूरा मामला पुलिस कमिश्नर भोपाल और साइबर सेल को सौंपते हुए आदेश दिए है कि उक्त अवधि के काउंसिल कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज पुन: रिट्रीव करने के हर संभव प्रयास किए जाए. यदि आवश्यक हो तो काउंसिल ऑफिस के आसपास लगे कैमरों की रिकार्डिंग देखकर पता लगाया जाए कि आफिस से क्या-क्या बाहर ले ज़ाया गया है. हाईकोर्ट ने साइबर सेल को तत्कालीन रजिस्ट्रार के मोबाइल फोन के टावर लोकेशन के बारे में भी जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए हैं.
ताकि 13 से 19 दिसंबर 2024 की अवधि के दौरान परिषद के कार्यालय में उनकी भौतिक उपलब्धता का पता चल सके. याचिकाकर्ता विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में आवेदन पेश कर तत्कालीन रजिस्ट्रार अनीता चांद पर यह भी आरोप लगाया है कि उनके द्वारा ग्वालियर के कई ऐसे नर्सिंग कॉलेजों के सत्र 2022-23 के छात्रों के नामांकन अवैध रूप से जारी किए गए हैं. जिन कॉलेजों की सीबीआई जांच रिपोर्ट में सत्र 2022-23 में एक भी छात्र प्रवेश लेना नहीं पाए गए हैं. इसके बाद भी तत्कालीन रजिस्ट्रार द्वारा कॉलेजों से मिलीभगत कर सीबीआई रिपोर्ट को दरकिनार कर बैकडेट पर फर्जी तरीके से प्रवेश दर्शाए गए. छात्रों के इनरोलमेंट के लिए पोर्टल खोला गया. आरोपों की गंभीरता के चलते हाईकोर्ट ने नर्सिंग काउंसिल को एनरोलमेंट संबंधी फाइलें हाईकोर्ट में पेश करने के निर्देश भी दिए हैं .