हैदराबाद। तेलंगाना के हैदराबाद में एक पूर्व फौजी की क्रूरता ने देश को हैरान कर दिया है। उसने पत्नी को मारकर उसकी शव के टुकड़े-टुकड़े किए। उसके बाद उनको प्रेशर कुकर में पकाया। पुलिस ने आरोपी हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए।
न्यूज एजेंसी के अनुसार, 35 साल की वेंकट माधवी की शादी 13 साल पहले 45 साल के गुरु मूर्ति से हुई थी। वह पहले सेना में काम करता था, लेकिन रिटायरमेंट के बाद हैदराबाद के कंचनबाग में DRDO में सुरक्षा गार्ड का काम कर रहा था। दंपति दो बच्चों के साथ मीरपेट के न्यू वेंकटेश्वर नगर कॉलोनी में एक मकान में किराए से रहते थे।
सुधा एक दिन अचानक से कहीं गायब हो गई, तो उसके माता-पिता काफी परेशान हो गए। उन्होंने 13 जनवरी को पुलिस में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया। इस दौरान गुरु मूर्ति भी साथ था। उसने भी घबराने का बहान किया।
वह पुलिस के साथ जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहा था। वह ऐसे जता रहा था कि उसको पत्नी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। फिर पता लगा कि माधवी के गायब होने से पहले दंपति के बीच बड़ा झगड़ा हुआ था। पुलिस का गुरु मूर्ति पर शक गहराया। उसको हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए
आरोपी ने बताया कि माधवी अपने मायके नंदयाल जाने की जिद कर रही थी। इसी बात पर दोनों के बीच बहस हुई, जो हाथापाई में बदल गई। उसकी मौत होने के बाद शव के छोटे-छोटे टुकड़े कर उनको प्रेशर कुकर में पका दिया। उसके बाद उनको शहर के मीरपेट के जिल्लेलागुडा की एक झील में फेंक दिया। पुलिस का कहना है कि आरोपी के बयानों की पुष्टि की जा रही है।
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पुष्पक एक्सप्रेस में आग की अफवाह चाय वाले ने फैलाई, ट्रेन से कूदकर 13 की मौत
जलगांव। महाराष्ट्र के जलगांव में लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस के 23 यात्रियों को दूसरे ट्रैक पर आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ने कुचल दिया. हादसे में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 10 घायलों का इलाज जलगांव के सिविल अस्पताल में चल रहा है. ट्रेन में आग लगने की अफवाह चाय वाले ने फैलाई थी।
घटना के वक्त ट्रेन में मौजूद लोगों ने बताया कि आग लगने की अफवाह सबसे पहले एक चायवाले ने फैलाई थी. जिसे जनरल डिब्बे में सफर कर रहे उधल कुमार व विजय कुमार ने सुना. दोनों घबराकर चलती ट्रेन से ट्रैक पर कूद गए. इसके बाद किसी ने चेन पुलिंग की और कुछ अन्य पैसेंजर्स भी जान बचाने के लिए ट्रेन से कूद गए।
अफवाह के बाद ट्रेन में अफरातफरी का माहौल था. लोग जान बचाने के लिए ट्रेन से निकलने की कोशिश में थे. कुछ लोग ट्रैक पर कूदे तो कुछ लोगों ने दूसरे दरवाजे से छलांग लगाई जहां ट्रैक नहीं था. चश्मदीद के मुताबिक अगर ट्रैक की ओर ही बाकी लोग भागते तो हादसा और बड़ा हो सकता था. जलगांव कलेक्टरेट ने बताया कि हादसे में जान गंवाने वाले 13 में से 10 लोगों की पहचान हो गई है. 3 की पहचान की जा रही है.
कर्नाटक एक्सप्रेस से कटने के बाद कई लोगों की बॉडी टुकडों में बंट गई थी. रेस्क्यू टीम और आसपास के लोगों ने चादरों में इन टुकड़ों को इक_ा किया. हादसा 22 जनवरी को शाम 4.42 बजे पाचोरा स्टेशन के पास हुआ था. इधर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजन को 1.50-1.50 लाख रुपएए गंभीर घायलों को 50-50 हजार और मामूली रूप से घायल लोगों को 5 हजार का मुआवजा देने की घोषणा की है.
सेंट्रल रेलवे के भुसावल डिवीजन के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जहां घटना हुई उस जगह पर शार्प टर्न था. इस वजह से दूसरे ट्रैक पर बैठे पैसेंजर्स को ट्रेन के आने का अंदाजा नहीं लगा. प्रत्यक्षदशर््ियों का कहना था कि लोग आग-आग चिल्लाकर और हादसे का शिकार हुए. ट्रेन रुकी तो बाहर निकले, कुछ लोग भागते हुए चिल्ला रहे थे, आग लग गई निकलो, डिब्बे में भी अफरा.तफरी मच गई. महिलाएं और बच्चे सब उतरकर भागने लगे. इसी दौरान सामने से ट्रेन आई और लोगों को कुचलते हुए निकल गई.
इनकी हुई है मौत, 3 नेपाल के है-
-हिमू नंदराम विश्वकर्मा उम्र 11 वर्ष निवासी नेपाल
-लच्छी राम पासी उम्र 23 वर्ष निवासी नेपाल
-कमला नवीन भंडारी उम्र 43 वर्ष निवासी नेपाल
-जवाकला भाटे उम्र 50 वर्ष
-नसीरुद्दीन बदरुद्दीन सिद्दीकी उम्र 20 वर्ष निवासी गोंडा
-इन्तियाज अली उम्र 35 वर्ष निवासी गुलरिहा
-बाबू खान उम्र 30 वर्ष
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सत्या फिल्म के डायरेक्टर को 3 महीने की जेल, गैर-जमानती वारंट जारी
मुंबई। फिल्म डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मुंबई की अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राम गोपाल वर्मा को चेक बाउंस मामले में तीन महीने की सजा सुनाई। अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट, जो सात साल से इस मामले की सुनवाई कर रही थी, ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। बता दें कि सत्या फिल्म से चर्चित हुए राम गोपाल वर्मा सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं थे, जिसके कारण अदालत ने उनकी गिरफ्तारी के लिए गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया।
बता दें कि यह मामला राम गोपाल वर्मा की फर्म की ओर से जारी किए गए चेक से जुड़ा है। राम गोपाल वर्मा की फर्म की ओर से जारी चेक को बैंक में भुनाया नहीं जा सका। यह नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत अपराध है। यह धारा अपर्याप्त धनराशि या तय सीमा से अधिक राशि के कारण चेक अनादर पर दंड लगाती है। इंडिया टुडे के मुताबिक, राम गोपाल वर्मा को तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता को 3.72 लाख रुपये का मुआवजा देने या तीन महीने की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा भुगतने का भी आदेश दिया गया है। इसके अलावा, उनकी गिरफ्तारी के लिए गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।
राम गोपाल वर्मा हाल ही में अपनी फिल्म सत्या की दोबारा रिलीज का जश्न मना रहे हैं। अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले फिल्म निर्माता अब मुश्किल में हैं। फिल्म निर्माता के खिलाफ 2018 में ‘श्री’ नामक फिल्म को लेकर मामला दर्ज किया गया था। निर्देशक कुछ वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने हाल के दिनों में कोई फिल्म नहीं बनाई है और उनकी पिछली फिल्मों ने भी पिछले कुछ सालों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है। फिल्म निर्माता को 5000 रुपये की नकद सुरक्षा का भुगतान करने के बाद 2022 में मेल पर रिहा किया गया था।