जबलपुर। विजय नगर पुलिस जब उखरी चौक स्थित स्पा सेंटर की जांच करने पहुंची तो पता चला कि अट्रैक्शन थाई स्पा सेंटर अवैध रूप से चल रहा था। पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि स्पा सेंटर संचालक ने बिना लाइसेंस के तहत इसे कई माह से चला रहा था।
पुलिस ने विजय नगर स्थित स्पा सेंटर में छापा मारते हुए उसे सील कर दिया। दरअसल एसपी संपत उपाध्याय ने थाना प्रभारियों को निर्देश दिए है, कि शहर में संचालित स्पा सेंटर की नियमित जांच की जाए, जहां-जहां भी सेंटर संचालित हो रहे है, वहां जाकर चेकिंग की जाए।
विजय नगर पुलिस जब उखरी चौक स्थित स्पा सेंटर की जांच करने पहुंची तो पता चला कि अट्रैक्शन थाई स्पा सेंटर अवैध रूप से चल रहा था। पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि स्पा सेंटर संचालक ने बिना लाइसेंस के तहत इसे कई माह से चला रहा था। पुलिस ने स्पा सेंटर को सील करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच के दौरान मौके पर कुछ लड़कियां भी मौजूद रही। विजय नगर थाना पुलिस ने महिला थाना पुलिस के साथ मिलकर स्पा सेंटर में छापा मार कार्रवाई की।
इस दौरान पांच लड़कियों सहित तीन अन्य युवक को भी गिरफ्तार किया। इसके बाद से ही एसपी के निर्देश पर पुलिस लगातार स्पा सेंटर की जांच में जुटी हुई है। मंगलवार की दोपहर को जब स्पा सेंटर की जांच की जा रही थी, उसी दौरान अट्रैक्शन स्पा सेंटर अवैध रूप से संचालित होना पाया गया। दोपहर को जब अट्रैक्शन स्पा सेंटर जाकर दस्तावेज चेक किए तो संचालक के पास कुछ नहीं मिला। पुलिस ने स्पा सेंटर को सील करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है। स्पा सेंटर संचालक आर्यन पटेल और मैनेजर आदर्श सिंह मौके पर मिले थे, इनके पास नगर निगम का ना ही गुमास्ता है।
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धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी को लेकर मोहन सरकार का बड़ा फैसला, उमा भारती ने की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा है कि धार्मिक शहरों में शराबबंदी की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। वहीं, उमा भारती लंबे समय से शराब और नशे के खिलाफ आवाज़ उठाती आई हैं। इस मुद्दे को लेकर पूर्व में वो अपनी ही सरकार और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ भी बयान दे चुकी हैं। अब मौजूदा सरकार के इस फैसले पर उन्होंने प्रसन्नता ज़ाहिर की है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि हम धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी की ओर बढ़ रहे हैं। इस घोषणा की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सराहना की है। उन्होंने इसे ‘अभूतपूर्व निर्णय’ बताते हुए मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
बता दें कि उमा भारती लंबे समय से शराबबंदी का समर्थन करती आई हैं। पूर्व में इस मुद्दे पर कई बार वो अपनी ही सरकार पर निशाना साध चुकी हैं। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल के दौरान उमा भारती ने एक शराब की दुकान को गोशाला बना दिया था। इसी के साथ वो खुलकर शराब बिक्री का विरोध करते हुए कई बार शराबबंदी को लेकर ट्वीट भी करती रही हैं।
सीएम डॉ. मोहन यादव एक दिन पहले उज्जैन पहुंचे थे। वहां उन्होंने वीर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और इसके बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार मध्य प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री ने संकेत दिया कि आगामी 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति के तहत उज्जैन, ओंकारेश्वर, दतिया, अमरकंटक, चित्रकूट, सांची, खजुराहो, महेश्वर, ओरछा, मैहर सहित अन्य धार्मिक नगरों में शराबबंदी लागू की जा सकती है।
इसके बाद बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने मुख्यमंत्री के इस फैसले की प्रशंसा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के द्वारा “धार्मिक शहरों में पूर्ण शराब बंदी” अभूतपूर्व निर्णय है, इसके लिए मोहन यादव जी का अभिनंदन। दो साल पहले हमारी सरकार के द्वारा घोषित की गई शराब पर प्रतिबंध नीति बहुत ही जनहितकारी एवं व्यवहारिक थी। हम पूर्ण शराबबंदी की ओर ही बढ़ रहे थे। यह पूर्ण शराबबंदी की दिशा में एक और कदम है।’ उमा भारती हमेशा से शराबबंदी का समर्थन करती आई हैं। इसे लेकर वे अपनी ही पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी कई बार निशाना साध चुकी हैं। ऐसे में सीएम डॉ मोहन यादव द्वारा धार्मिक शहरों में पूर्ण शराबबंदी के फैसले की तारीफ करते हुए उन्होंने इसे एक सराहनीय कदम बताया है।
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टीटीई घर पर फरमा रहे थे आराम, कागज में बता दी ड्यूटी, निलंबित कर दिया
रतलाम। रेल मंडल में एक टीटीई के अपने गृह राज्य में जाने के दौरान भी कागज में फर्जी ड्यूटी पर रहने का मामला सामने आया है। रेलवे कर्मचारी अपने घर दूसरे राज्य में था, बावजूद इसके ड्यूटी रतलाम में रोस्टर में दर्शा दी। टीटीई देहरादून उत्तराखंड अपने घर गया। लेकिन इसकी ट्रेन में बकायदा ड्यूटी लगा दी गई।
विजिलेंस की जांच के दौरान ट्रेन में जांच की गई तो मामला उजागर हुआ। बल्कि उसी ट्रेन में ड्यूटी कर रहे दो अन्य टीटीई को विजिलेंस ने नगदी के साथ ट्रैप किया। इनके पास से अतिरिक्त राशि मिली। उत्तराखंड घर गए टीटीई को निलंबित कर दिया गया। जबकि दो अन्य की जांच चल रही है।
मामला 16 जनवरी का कानपुर-बांद्रा एक्सप्रेस का है। रतलाम से सुबह 9.30 बजे रवाना होने वाली ट्रेन में उस दिन तीन टीटीई अरविंद्र रावत, रंजीत भाने व नुरुद्दीन सि्िद्धकी की रतलाम से मुंबई तक की ड्यूटी लगाई गई। इसमें से रावत अपने घर देहरादून उत्तराखंड गए थे, बावजूद रोस्टर में इस ट्रेन की ड्यूटी में इसका नाम दर्ज था।
ट्रेन में वापी से मुंबई के बीच विजिलेंस टीम द्वारा जांच की गई। तब टीटीई रंजीत की जेब से 5400 रुपए तथा सिद्धिकी के पास 3200 रुपए मिले। इनका प्रकरण बनाकर इसकी सूचना रतलाम में विभाग के अधिकारियों को दी गई। नियम अनुसार दो हजार से अधिक रुपए होने पर इसकी सूचना देकर ही टीटीई ट्रेन में ड्यूटी कर सकता है। जांच के दौरान ड्यूटी में शामिल अन्य टीटीई रावत नहीं मिले। जानकारी लेने पर संज्ञान में आया कि रावत अपने गृह गांव गए है। विभाग द्वारा इसे निलंबित कर दिया गया।
मध्य प्रदेश
