जयपुर। पुलिस ने फर्जी आईआरएस अधिकारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी खुद को विभाग में बड़ा अधिकारी बताकर लड़कियों से पहले लाखों की ठगी करता था। बाद में पैसा मिलने के बाद उनको ब्लॉक कर दिया करता था। आरोपी के मोबाइल में महिलाओं की कई अश्लील तस्वीरें मिलीं है। पकड़े गए आरोपी की पहचान उज्जैन के रहने वाले सर्वेश कुमावत के तौर पर हुई है।
जांच में सामने आया है कि आरोपी खुद को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) का जोनल डायरेक्टर बताकर पहले तो लड़कियों से चैट करता था। बाद में उसने लाखों रुपए की ठगी करता था। बताया जा रहा है कि आरोपी ने जितनी भी लड़कियों को फंसा रखा था। इनमें से ज्यादातर सरकारी कर्मचारी है।
उसने एनसीबी का फर्जी जोनल डायरेक्टर बनकर सरकारी नौकरी करने वाली लड़कियों को अपने जाल में फंसाया था और फिर उनके साथ अश्लील चैट करता था। बाद में अश्लील तस्वीरें वायरल करने की धमकी देकर उन्हें ब्लैकमेल करता था।
पुलिस ने यह कार्रवाई NCB की महिला सब इंस्पेक्टर कृतिका गोयल की शिकायत के बाद की है। गोयल को इनपुट मिला था कि एक युवक खुद को NCB का जोनल डायरेक्टर बताकर लड़कियों से लाखों रुपए की ठगी कर रहा है। इसके बाद कृतिका गोयल ने आरोपी के खिलाफ विद्याधर नगर थाने में FIR दर्ज कराई थी।
शिकायत के बाद पुलिस आरोपी को लगातार ट्रैक कर रही थी। इसी दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपी अजमेर रोड के एक होटल में छुपा है। इस बात का पता चलते ही पुलिस की टीम और NCB की टीम ने तुरंत होटल में छापामारी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के मोबाइल से पुलिस को 25 से ज्यादा लड़कियों की चैट मिली है। इनमें से ज्यादातर लड़कियां सरकारी कर्माचारी है।
आरोपी सर्वेश कुमावत ने जयपुर में तीन लड़कियों को फंसा रखा है। उसमें से एक लड़की ने शक होने पर जयपुर के नेशनल नारकोटिक्स ब्यूरो के दफ़्तर में जाकर इसके बारे में पता किया तब इसकी पोल खुली थी। वहां से जब नेशनल नारकोटिक्स ब्यूरो वालों के कहने पर लड़की ने सुबूत मांगे तो इसने मंत्रालय के फर्जी लेटर हेड पर नारकोटिक ब्यूरो के भारत सरकार का फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ अपना पत्र भी भेज दिया। इसके बाद नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों ने विद्याधर नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने जाल बिछाकर इसे जयपुर के एक अजमेर रोड के होटल में बुलाया।
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'धार्मिक गुरु के कहने पर यौन संबंध नहीं बनाती पत्नी...', पति की याचिका पर हाई कोर्ट का फैसला
इलाहाबाद। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लंबे समय तक यौन संबंध से न बनाने देने को तलाक का आधार बताया है। पति की याचिका पर न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति डोनादी रमेश की खंडपीठ ने टिप्पणी की। उन्होंने इस दौरान कहा कि पति-पत्नी के बीच किस तरह की शारीरिक अंतरंगता है, यह विषय कोर्ट का नहीं है। पति ने मीरजापुर के पारिवारिक न्यायायल के प्रधान न्यायाधीश के सामने तलाक की याचिका खारिज होने के बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख किया था। उसकी याचिका यहां भी खारिज कर दी गई है।
खंडपीठ ने कहा कि कोर्ट का काम यह तय करना नहीं है कि वैवाहिक संबंध में दोनों पक्षों के निजी संबंध कैसे होने चाहिए। अगर, कोई साथी लंबे समय तक यौन संबंध से इन्कार करता है, तो फिर विवाह तोड़ने की मांग हो सकती है।
दोनों की शादी जून 1999 को हुई थी। इस रिश्ते से उनके दो बच्चे हैं। एक पिता व दूसरा मां के साथ रह रहा है। दोनों डॉक्टर हैं। पति दिल्ली में ही अपनी निजी क्लीनिक चला रहा है। पत्नी भारतीय रेलवे से रिटायर हो चुकी है।
पति का आरोप है कि पत्नी एक धार्मिक गुरु के प्रभाव में आ चुकी है। उसके कहने पर वह यौन संबंधों को मनाने से मना करती है। उधर, पत्नी ने सभी आरोपों को नकारा है। उसका कहना है कि इस शादी से उसको दो बच्चे हैं। यह साबित करता है कि यह रिश्ता पूरी तरह सामान्य है।
कोर्ट ने कहा कि यौन संबंध से इन्कार का कोई साक्ष्य मौजूद नहीं है। दोनों के बीच सामान्य वैवाहिक संबंध है, जिससे उनको दो बच्चे हैं।
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मंदिरों पर हमले के विरोध में कनाडा हाई कमीशन के बाहर पुलिस बैरिकेड पर चढ़े प्रदर्शनकारी
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों द्वारा मंदिर पर हमले के विरोध में रविवार को हिंदू और सिख एक्टिविस्ट्स ने नई दिल्ली में कनाडा हाई कमीशन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड पर चढ़कर कनाडा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। विभिन्न हिंदू संगठनों के विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए, चाणक्यपुरी के डिप्लोमेटिक एन्क्लेव में कनाडा के उच्चायोग के सामने सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
बता दें कि 4 नवंबर को कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के बाहर खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू श्रद्धालुओं पर उस वक्त हमला किया गया था, जब वहां एक कांसुलर कैम्प चल रहा था। इस घटना की व्यापक निंदा हुई थी। पीएम मोदी ने भी कनाडा में हिंदू मंदिर के बाहर भक्तों पर जानबूझकर किए गए इस हमले और भारतीय राजनयिकों को डराने-धमकाने के कायरतापूर्ण प्रयासों की आलोचना की थी।
हमले के विरोध में विवार को हिंदू और सिख एक्टिविस्ट्स (हिंदू सिख ग्लोबल फोरम ) ने जोरदार प्रदर्शन किया। दिल्ली पुलिस ने एहतियात बरतते हुए कनाडाई हाईकमीशन के सामने कई परतों में बैरिकेडिंग कर रखी थी और बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया था।
हिंदू सिख ग्लोबल फोरम के कई कार्यकर्ता, जो उच्चायोग की ओर मार्च कर रहे थे, उन्होंने पुलिस बैरिकेड्स पर चढ़ने का प्रयास किया और उन्हें गिरा दिया। उन्होंने ‘हिंदू और सिख एकजुट हैं’ और ‘भारतीय कनाडा में मंदिरों का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे के नारे लगाए।