This website uses cookies to ensure you get the best experience on our website.

सात व्यापारियों का 4 किलो सोना लेकर भागा दुकानदार, 3 करोड़ से अधिक कीमत

User Rating: 5 / 5

Star ActiveStar ActiveStar ActiveStar ActiveStar Active
 

रतलाम। शहर के सोना व्यापारियों (सराफा दुकानदारों) का सोना लेकर बंगाली कारीगरों द्वारा भागने के कई घटनाएं हो चुकी है लेकिन इस बार एक दुकानदार ही सात व्यापारियों का करीब तीन करोड़ रुपये कीमत का चार किलो सोने के जेवर लेकर भाग गया।
दुकानदार के गायब होने की खबर फैलने से सराफा बाजार में हडंकप मच गया तथा व्यापारियों ने माणकचौक थाने पहुंचकर शिकायत की। सोना लेकर भागे दुकानदार का पता नहीं चल पाया है। वह अपना मोबाइल फोन दुकान पर छोड़ गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
व्यापारियों ने पुलिस को बताया कि मंगलवार दोपहर करीब साढ़े बारह बजे से तीन बजे के बीच भाविका ज्वेलर्स दुकान का संचालक जीवन सोनी बाजार के सात बड़े व्यापारियों सुनील पोरवाल, गोविंग अग्रवाल, कान्हा राठौर, अंशु पामेचा, शशांक पुरोहित, मयंक पोरवाल, सौभाग्यमाल बसंतीलाल जेवर्ल्स की दुकानों से करीब चार किलो सोने के जेवर ग्राहकों को दिखाने के लिए ले गया था।
ग्राहकों को जेवर दिखाने के बाद दुकानदारों के जेवर वापस उनकी दुकान पर जाकर देने का नियम है, लेकिन बाद में उसने दुकानदारों के जेवर वापस नहीं दिए। तब दोपहर करीब साढ़े तीन बजे जब दुकानदार जीवन की दुकान पर पहुंचे तो वह दुकान पर नहीं था। मुनिम से पूछने पर उसने बताया कि जीवन के अपने बेटे को अस्पताल ले गए हैं।
शाम को दुकानदार पुन: जीवन की दुकान पर पहुंचे तो दुकान पर ताला लगा था। इसके बाद उसके घर कल्याण नगर पहुंचे तो घर पर ताला लगा मिला। रात में व्यापारियों ने थाने पहुंच कर पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने जांच शुरू की पता चला कि जीवन मोबाइल फोन अपनी दुकान में ही छोड़कर गया है। उसकी स्कूटी महू-नीमच हाईवे पर चौपाल सागर के पास खड़ी मिली। पुलिस ने आसपास उसे तलाश किया लेकिन उसका पता नहीं चला।
व्यापारियों ने जीवन की पत्नी को फोन किया तो पत्नी ने बताया कि वह बच्चों व सास-ससुर के साथ दो दिन से अपने पैतृक गांव उज्जैन जिले के ग्राम माकड़ौन में है। जीवन यहां नहीं आया है। इसके बाद पुलिस दल माकडौ़न पहुंचा लेकिन जीवन वहां भी नहीं मिला। पुलिस ने उसके रिश्तेदारों के यहां भी उसे तलाश किया लेकिन वह वहां भी नहीं मिला।
व्यापारियों के अनुसार जीवन आठ वर्ष पहले रतलाम आया था। उसने तीन वर्ष तक रामगढ़ क्षेत्र में दुकान संचालित की तथा उसके बाद से त्रिपोलिया गेट क्षेत्र में दुकान संचालित कर रहा था। व्यापारी शशांक पुरोहित ने मंगलवार रात माणकचौक थाने पर आरोपित जीवन सोनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।
उन्होंने पुलिस को बताया कि दोपहर करीब सवा बजे जीवन सोनी उनकी दुकान पर आया था, तथा कहा था कि मेरी दुकान पर ग्राहक आए हैं, उन्हें जेवर दिखाना है। इसके बाद वह करीब 700 ग्राम वजनी सोने की 21 चेन ग्राहकों को दिखाने के लिए ले गया था। काफी देर बाद वह वापस चेन लेकर नहीं आया।
उन्होंने राम सोनी को जीवन की दुकान पर उसे देखने भेजा तो वह नहीं था। जीवन के मुनिम ने बताया कि जीवन सेठ अपने पुत्र को अस्पताल ले गए हैं। तलाश करने पर भी जीवन नहीं मिला। उसे मोबाइल फोन पर कॉल किया तो उसका मोबाइल फोन उसके मुनिम के पास ही था। उसके घर तलाश किया तो वहां ताला लगा था।
वह अन्य दुकानदारों के भी जेवर ले गया है लेकिन जेवर वापस नहीं कर हड़प लिए हैं। पुलिस के अनुसार जीवन सोनी के खिलाफ बीएनएस की धारा 316 (2) के तहत प्रकरण दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।
-आरोपित जीवन सोनी की तलाश की जा रही है। रतलाम तथा माकड़ौन स्थित मकान पर नहीं मिला है। उसकी तलाश में शाजापुर, आगर मालवा आदि स्थानों पर टीमें भेजी है
अभिनव कुमार बारंगे, सीएसपी

----------------------------------
प्रसव के दौरान लापरवाही में बड़ी कार्रवाई: 5 की सेवा समाप्त, एक निलंबित, दो की वेतन वृद्धि रोकी
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रसव के दौरान लापरवाही बरतने पर बड़ी कार्रवाई की गई है। 10 स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है। पांच की सेवाएं समाप्त तो वहीं एक पर निलंबन की गाज गिरी है। वहीं दो कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोक दी गई है।
दरअसल, भोपाल से सेट बैरसिया में इलाज में लापरवाही की वजह से गर्भवती और शिशु की मौत हो गई थी। बैरसिया के सोहाया उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव करने के बजाए भोपाल रेफर कर दिया गया। आसानी दर्द की वजह से गर्भवती ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। लापरवाही बरतने के चलते 10 स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है।
5 स्वास्थ्य कर्मचारियों की सेवा समाप्त, एक को निलंबित, दो की वेतन वेतन वृद्धि रुकी, एक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुसंशा तो वहीं एक कर्मचारी को चेतावनी दी गई है।
इन स्वास्थ्य कर्मचारियों की गई नौकरी
कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर ज्योति दाते
एएनएम अनीता सेन
एएनएम तबस्सुम अख़्तर
आशा सहयोगी संगीता शर्मा
आशा कार्यकर्ता सीमा सैनी
---------------------------------
आस्था या अंधविश्वास? देवी को प्रसन्न करने के लिए पुजारी ने काटी जीभ
भिंड। शरदीय नवरात्रि पर आस्था के अनेक रूप देखने को मिल रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के भिंड जिले से सामने आया है. जहां एक पुजारी ने अपनी जीभ काटकर देवी को अर्पण कर दिया. हैरानी वाली बात यह है कि जीभ काटने के बाद उसने खुद ही इलाज कर लिया.
बता दें कि यह मामला लहार में रतनगढ़ माता मंदिर का है. जहां मंगलवार को बुजुर्ग पुजारी ने देवी को प्रसन्न करने के लिए जीभ काटकर चढ़ा दिया. जिसकी जानकारी मिलते ही मौके पर लोगों की भीड़ लग गई. अब सवाल खड़ा होता है कि इसे आस्था कहा जाए या अंधविश्वास? यह कोई पहला मामला नहीं है. इसके पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. जबलपुर में एक महिला भक्त ने अपनी जीभ काटकर ही देवी को अर्पण कर दी थी और इलाज के लिए अस्पताल ले जाने से भी मना कर दी थी.