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ATS की बड़ी कार्रवाई: अंतर्राज्यीय स्तर पर हथियार की तस्करी करने वाले बदमाश को दबोचा

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भोपाल। मध्यप्रदेश एटीएस ने अवैध हथियार को लेकर बड़ी कार्रवाई की है। अवैध हथियार के कारोबार से जुड़े अंतरराज्यीय गिरोह के एक सदस्य को इंदौर से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी सूरत से कच्चा माल लाकर बड़े पैमाने पर हथियारों का जखीरा बनाने की तैयारी कर रहा था। लेकिन उसके पहले ही ATS ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के पास से दो देशी पिस्टल, मैगजीन और 200 से अधिक बैरल, शटर नली बरामद हुई है।
जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि मध्‍यप्रदेश एटीएस ने आगरा-मुंबई रोड, इंदौर से अवैध आर्म्स निर्माण एवं विक्रय करने वाले बड़वानी के रहने वाले संदिग्ध नेपाल सिंह को हिरासत में लेकर उसके कब्जे से दो देसी पिस्टल, मैगजीन और 200 से अधिक बैरल, शटर नली बरामद करने में सफलता हासिल की है। आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में पुलिस को बताया कि पिस्टल और बैरल विक्रय करने की नीयत से सूरत (गुजरात) से मंगवाई थी। आरोपी नेपाल सिंह, सिकलीगर समुदाय से है और अवैध हथियार निर्माण एवं अंतरराज्यीय तस्‍कर गिरोहों से जुड़ा हुआ है।
एटीएस, मध्‍यप्रदेश ने मामले के सभी पहलुओं की गहनता से जांच करते हुए इस नेटवर्क से जुड़े कुरियर का काम करने वाले, लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करने वाले और बैरल समेत अन्य सामग्री उपलब्ध कराने वाले लोगों का पता लगाया जा रहा है। इस संबंध में थाना एसटीएफ/एटीएस, भोपाल में धारा 25(1)(क) आर्म्‍स एक्‍ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।
किसी भी हथियार में बैरल उसका महत्वपूर्ण भाग होता है। बैरल की गुणवत्ता से ही हथियार की मारक क्षमता निर्धारित होती है। उच्च गुणवत्ता की बैरल से हथियार ज्यादा असरदार होते हैं। निम्न क्वालिटी की बैरल से फटने तथा उपयोगकर्ता के चोटिल होने की आशंका बनी रहती है और हथियार जल्दी खराब भी हो जाता है। वहीं अच्‍छी क्‍वालिटी की बैरल की क्षमता अधिक होने से हथियार को बिना किसी खतरे के लम्बे समय तक उपयोग में लाया जा सकता है।इसलिए अवैध हथियार निर्माण में उपयोग होने वाली अच्‍छी क्‍वालिटी के बैरल सप्लाई पर रोक लगाने से अवैध हथियार के निर्माण एवं देशभर में अवैध कारोबार पर प्रभावी अंकुश लगाया जा रहा है।
पूर्व में की गई कार्यवाही-एटीएस की अब तक की गई जांच में पता चला था कि प्रदेश के धार, बड़वानी, खरगोन एवं बुरहानपुर जिलों में निवासरत सिकलीगरों ने अवैध हथियार निर्माण में उपयोग होने वाली उच्च क्वालिटी की बैरल, अन्‍य कलपुर्जे एवं रॉ मटेरियल लगातार मंगाया जाकर भारी मात्रा में अवैध हथियारों का निर्माण एवं विक्रय किया जा रहा है। जानकारी मालूम होने पर मार्च, 2024 में भी एटीएस, मध्‍यप्रदेश ने अवैध हथियार कारोबारियों पर प्रभावी कार्यवाही करते हुए खरगोन की अवैध आर्म्स फैक्ट्री पर दबिश देकर अंतर्राज्यीय नेटवर्क से जुड़े सिकलीगर समुदाय के चार आरोपियों को गिरफ्तार कर 800 से अधिक उच्च क्वालिटी की बैरल और अन्य सामग्री खरगोन और सूरत (गुजरात) से जब्त कर अंतर्राज्यीय नेटवर्क का खुलासा किया गया था। मध्य प्रदेश एटीएस की कार्यवाही के बाद प्रदेश में बाहरी राज्यों से बैरल एवं रॉ मटेरियल की सप्लाई में बाधा उत्पन्न हुई है और प्रदेश में अवैध हथियार निर्माण के कारोबार में कमी परिलक्षित हुई है।
एटीएस मध्‍यप्रदेश द्वारा अवैध हथियार कारोबार से जुड़े अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्‍यों पर लगातार निगाह रखी जा रही है। इसके अतिरिक्त ऐसे अंतर्राज्यीय आतंकी/उग्रवादी संगठन तथा गिरोह, जो इन अवैध हथियारों का इस्तेमाल कर किसी आतंकी एवं राष्ट्र विरोधी गतिविधि को कारित कर सकते हैं, उन पर भी एटीएस, मध्‍यप्रदेश द्वारा सतत प्रभावी कार्यवाही की जा रही है।
मध्‍यप्रदेश पुलिस, अवैध हथियार कारोबार से जुड़े लोगों पर लगातार कार्यवाही कर प्रदेश में अवैध हथियारों के अन्तर्राज्यीय नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उल्लेखनीय है कि मध्‍यप्रदेश के धार, बड़वानी, खरगोन एवं बुरहानपुर जिलों के सिकलीगरों के अवैध हथियारों बनाने वाले सक्रिय डेरों में मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा लगातार ऑपरेशन प्रहार चलाया जा रहा है।
इस साल जनवरी से अभी तक इन जिलों में 22 अवैध हथियार निर्माण के कारखानों को नेस्तनाबूद किया गया है और भारी मात्रा में अवैध शस्त्र निर्माण सामग्री एवं उपकरण जैसे कनास, ग्राइंडर आदि जब्त किए हैं। इसी के साथ इन जिलों में 498 अवैध पिस्टल एवं कट्टे, 98 कारतूस बरामद कर 72 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था की मजबूती और अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए पुलिस को दिए गये निर्देशों के परिपालन में मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा राज्य में लूट, चोरी, नकबजनी, अवैध हथियारों के निर्माण एवं विक्रय समेत अन्य घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों पर निरंतर सख्त कार्यवाही की जा रही है।
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ट्रेन डिरेल करने की साजिश : रेलवे ट्रैक पर रखी लोहे की छड़ें, बाल-बाल बची यात्रियों की जान
ग्वालियर। बीते कुछ समय से देश के अलग-अलग जगह पर ट्रेन एक्सीडेंट की साजिश रची जा रही है। कई जगह के तो वीडियो भी सामने आए। इसी बीच एक बार फिर ग्वालियर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां रेलवे ट्रेक पर पटरियों पर लोहे की छड़ें रखकर ट्रेन को गिराने की कोशिश की गई। चालक की सतर्कता से दुर्घटना टल गई।
दरअसल, ग्वालियर के बिरला नगर स्टेशन में रेलवे ट्रेक पर लोहे की छड़े रख दी गई। इसी ट्रैक पर मालगाड़ी 12 किलोमीटर की रफ्तार से आ रही थी। लेकिन मालगाड़ी के चालक की सतर्कता से दुर्घटना टल गई। समय रहते माल गाड़ी को रोक दिया गया। मामले की सूचना पर आरपीएफ व जीआरपी ने मौके पर पहुंच अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
रूसी नागरिक को मिली 200 टुकड़े करने की धमकीः कन्फेक्शनरी माफिया संजय जैसवानी पर फैक्ट्री हड़पने का आरोप, रशियन एंबेसी में भी मामले की शिकायत, MP के DGP को कार्रवाई के दिए निर्देश
रेलवे ट्रेक पर पटरियों पर लोहे की रॉड रखकर बदमाशों ने ट्रेन को पलटाने का प्रयास किया था। इसी बीच उस ट्रेक पर एक गुड्स ट्रेन भीआ रही थी लेकिन स्पीड कम होने और पायलट की नजर पड़ने से हादसा नहीं हो सका। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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DEO पर गिरी निलंबन की गाज, कमिश्नर ने की कार्रवाई
शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां पिछले 7 सालों से अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटक रहे शिक्षक के परिवार ने मामले की शिकायत कमिश्नर की. जिसके बाद कमिश्नर ने लापरवाह जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को निलंबित कर दिया है.
बता दें कि शिक्षक रामराज द्विवेदी की 7 साल पहले हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. रामराज द्विवेदी ब्यौहारी के शासकीय माध्यमिक विद्यालय देवराव में पदस्थ थे. शिक्षक का बेटा अवनीश कुमार द्विवेदी पिछले 7 सालों से अनुकंपा नियुक्ति के लिए अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगा रहा था. लेकिन उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल रही थी
इसे आहत होकर वह कमिश्नर कार्यलय पहुंचा और कमिश्नर श्रीमन शुक्ला से शिकायत की. मामले की गंभीरता को देखते हुए कमिश्नर जिला शिक्षा अधिकारी फूलसिंह मारपाची तत्काल प्रभाव ने निलंबित कर दिया. डीईओ की लापरवाही के कारण यह कार्रवाई की गई है. वहीं निलंबन की गाज गिरने पर डीईओ ने इस कार्रवाई को गलत बताया है.