शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले से एक सनसनीखेज घटना सामने आई है। जहां बेटे ने अपनी 100 वर्षीय मां और बड़े भाई की हत्या कर दी। दोनों को मौत के घाट उतारकर आरोपी फरार हो गया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। यह पूरी घटना मायापुर थाना क्षेत्र की है।
मामला जमीन से जुड़ा हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक, राजा उर्फ जसवंत सरदार ने जमीनी विवाद को लेकर खौफनाक कदम उठाया। उसने अपनी 100 वर्षीय बुजुर्ग मां दिलीप कौर और बड़े भाई दर्शन कौर की हत्या कर दी। राजा ने फार्म हाउस में दोनों को मौत की नींद सुला दिया।
मां और बड़े भाई को मौत के घाट उतारने के बाद आरोपी जसवंत मौके से फरार हो गया। घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। लेकिन जिले में डबर मर्डर से कई सवाल उठ रहे है। अपराधियों में शासन प्रशासन का जरा भी खौफ नजर नहीं आ रहा है।
प्रदेशभर से आए दिन जमीनी विवाद को लेकर कई तरह की घटनाएं सामने आते रहती है। सिस्टम पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घरवालों और आसपास के लोगों से पूछताछ कर रही है। आरोपी की सरगर्मी से तलाश में की जा रही है।
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ऊर्जा मंत्री के सामने रस्सी लेकर आत्महत्या करने पहुंचा आदिवासी, कहा- महिला पटवारी ने मेरी जमीन पर किया कब्जा
शिवपुरी। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक आदिवासी युवक हाथ में रस्सी लेकर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह के पास पहुंच गया। जहां उसने मंत्री के सामने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की बात कही। आदिवासी ने महिला पटवारी पर जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाया है। प्रभारी मंत्री ने तुरंत निराकरण के निर्देश दिए हैं। वहीं पटवारी ने आरोपो को निराधार बताया हैं।
सोमवार को ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर शिवपुरी के हातोद पंचायत में जनमन आवास कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे। जहां आदिवासी हरगोविंद अपने हाथ में रस्सी लेकर पहुंच गया। हरगोविंद ने मंत्री के सामने फांसी लगाने की बात कही। उसका आरोप था कि महिला पटवारी शिवा पांडे ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत कई बार की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
महिला पटवारी ने उसकी जमीन से कब्जा नहीं हटाया। जिससे वह बेहद परेशान हो गया था। इधर, पटवारी शिवा पांड ने अपने ऊपर लगे तमाम आरोपों को निराधार बताया है। वहीं जिले के प्रभारी मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने आदिवासी हरगोविंद को आश्वासन दिया है। मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को तुरंत निराकरण के निर्देश दिए हैं।
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बड़े भाई के नाम लाइसेंस और चला रहा पटाखा फैक्ट्री छोटा भाई, प्रशासन ने जड़ा ताला
बैतूल। हरदा में हुए पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट को लोग अभी भूले भी नहीं हैं और अब बैतूल में भी एक ऐसी ही पटाखा फैक्ट्री पर पुलिस प्रशासन ने छापा मारा है. जहां अवैध तरीके से भारी मात्रा में पटाखे बनाने का काम चल रहा था. मौके से कुल 25 हजार सुतली बम और 60 किलोग्राम बारूद बरामद हुआ है. पटाखा फैक्ट्री जिस शख्स के नाम पर संचालित है उसका भाई फैक्ट्री का संचालन कर रहा था. सुरक्षा के नाम पर कुछ टंकियों में पानी भरा हुआ था. अगर कोई हादसा होता तो हरदा की तरह भारी तबाही निश्चित थी.
पुलिस और प्रशासन की टीम ने साईंखेड़ा थानाक्षेत्र के रेहड़वा गांव की एक पटाखा फैक्ट्री पर छापा मारा तो हालात होश उड़ाने वाले थे. फैक्ट्री में बिहार और उज्जैन के 11 मजदूर काम कर रहे थे. जिनमें 2 नाबालिग बच्चे शामिल हैं. जो बिना सुरक्षा किट पहने हाथों से ही बारूद का मसाला तैयार कर रहे थे. 15 किलोग्राम बारूद के भंडारण की अनुमति लेकर 60 किलोग्राम बारूद का स्टॉक किया गया था. कुल 25 हजार तैयार सुतली बम भी जब्त किए गए हैं. वहीं बम बनाने के घातक केमिकल लापरवाही से रखे गए थे. जहां जरा सी लापरवाही बड़ी तबाही में तब्दील हो सकती थी.
एसपी निश्चल झारिया ने बताया कि केवल बारूद का अवैध स्टॉक ही नहीं, बल्कि फैक्ट्री भी अवैध तरीके से संचालित पाई गई है. फैक्ट्री का लाइसेंस बैतूल निवासी अनिल दरवाई का है, लेकिन अनिल जिले से बाहर रहता है और फैक्ट्री उसका भाई राजेश दरवाई संचालित कर रहा था. फैक्ट्री में संचालन से जुड़े कोई दस्तावेज बरामद नहीं हुए. पुलिस ने राजेश दरवाई को मौके से ही गिरफ्तार किया है.
सुरक्षा के नाम पर वहां खिलवाड़ हो रहा था. अग्नि शमन यंत्र तो दूर की बात है. वहां तो केवल कुछ टंकियों में पानी भरा हुआ था. यानी आपातकाल की स्थिति में आग बुझाने का कोई बंदोबस्त नहीं था. वहीं पुलिस ने ये भी बताया कि पटाखे बैतूल में बनाकर गुजरात और राजस्थान में बेचे जा रहे थे और बारूद हरियाणा से लाया गया था.
जो खामियां बैतूल की इस पटाखा फैक्ट्री में मिली, उन्हीं खामियों के चलते हरदा में कई जानें गई थी. पुलिस ने राजेश दरवाई को गिरफ्तार किया है और मुख्य आरोपी अनिल दरवाई की तलाश जारी है. पटाखा फैक्ट्री सहित 5 अन्य गोदामों को सील कर दिया गया है. पुलिस प्रशासन अगले दो दिनों में बैतूल के सभी पटाखा गोदामों की तेजी से जांच करेगी और कमियां पाए जाने पर बड़ा एक्शन हो सकता है.
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