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ड्रग्स फैक्ट्री का पर्दाफाश, 1800 करोड़ रुपये का प्रतिबंधित पदार्थ बरामद, दो गिरफ्तार

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भोपाल। गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस), मध्य प्रदेश एटीएस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, दिल्ली की टीम ने एमडी ड्रग के विरुद्ध चल रहे अभियान में अब तक की सबसे बड़ी सफलता हासिल की है। जांच एजेंसियों ने भोपाल के बागरोदा औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में छापामार कार्रवाई करते हुए एमडी ड्रग और इसे बनाने में उपयोग होने वाला कच्चा माल जब्त किया है। इसकी कीमत 1800 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है। जांच एजेंसियों ने यहां से दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने भारी मात्रा में ड्रग्स की बरामदगी के लिए टीम को बधाई दी। उन्होंने खुद कहा है कि यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा- 'गुजरात एटीएस और दिल्ली एनसीबी की टीम ड्रग्स के खिलाफ लड़ाई में मिली बड़ी जीत पर बधाई। हाल ही में भोपाल की फैक्ट्री पर रेड डाली गई और एमडी (ड्रग्स) व उसे बनाने वाला पदार्थ बरामद किया गया, जिसकी कीमत 1814 करोड़ रुपये है।
उन्होंने आगे लिखा, 'यह उपलब्धि हमारी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के ड्रग्स की तस्करी से लड़ने में उनके अथक प्रयास को दर्शाती है। उनका प्रयास हमारे समाज की सुरक्षा और सेहत की सुरक्षा के लिए अहम है। उनका यह समर्पण सच में तारीफ के काबिल है। भारत को सुरक्षित और सेहतमंद राष्ट्र बनाने के उनके मिशन में उनका साथ देना जारी रखें।'
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सोने के सिक्के लेने टूट पड़े ग्रामीणः खुदाई में मुगलकालीन सिक्के निकले
बुरहानपुर। जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर असीरगढ में नेशनल हाईवे निर्माण की खुदाई के दौरान एक खेत से सोने के मुगलकालीन सिक्के निकल रहे है। इस खबर मिलते ही रोजाना बडी संख्या में ग्रामीण खेत में शाम से लेकर देर रात तक खुदाई करने पहुंचते है। गांव में चर्चा है सबसे पहले खेत मालिक को सिक्के मिले, इसके बाद गांव के कई लोगों को सिक्के मिले है। पाने वालों ने सिक्के स्थानीय सराफा बाजार में बेच दिए है।
पुरातत्वविदों के अनुसार पास में ही एक ऐतिहासिक असीरगढ़ का किला है। मुगल बादशाह के डर से उस समय के अमीर लोगों ने असीरगढ़ में शरण ली थी और अपना जमा खजाना असीरगढ में गाड़ दिया था। इससे पहले भी यहां सोने के सिक्के मिल चुके हैं। इतिहासकार व पुरातत्वविद कमरूद्दीन फलक और कांग्रेस नेता अजय रघुवंशी ने जिला प्रशासन से मांग है कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाए। अगर वाकई में मुगलकालीन सोने के सिक्के मिले है तो उसे जब्त कर सरकारी खजाने में जमा करना चाहिए। अगर कोई बेवजह अफवाह फैलाकर किसी तरह की धोखाधड़ी का षडयंत्र रच रहा है तो उन्हें भी बेनकाम कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए। मामले में जिला व पुलिस प्रशासन के जिम्मेदार अफसर कुछ भी कहने से बचते रहे है।
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पुलिस ने मूर्ति चुराने के मामले में 4 लोगों को किया गिरफ्तार
सीधी। मध्य प्रदेश में अपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही है। कहीं चोरी, तो कहीं डकैती, कहीं तस्करी, तो कहीं ठगी जैसी वारदातें सुनकर इंसान के मन में भी डर का माहौल बन गया है। वैसे भी इन दिनों नवरात्रि का त्यौहार चल रहा है लोग अपने घरों में ताला लगाकर अपने आसपास घूमने फिरने जाते हैं। ऐसे में चोरी की संभावनाएं ज्यादा बनी रहती है, क्योंकि ऐसे मौके चोर हमेशा तलाशते रहते हैं। जब उन्हें किसी प्रकार की समस्या ना हो और वह आसानी से अपने प्लान में कामयाब हो जाए।
इसका एक ताजा मामला सीधी से सामने आया है, जहां चोरों ने किसी घर को नहीं बल्कि भगवान के दरबार को अपना निशाना बनाया था। दरअसल, मामला 3 अक्टूबर का था जब कुसमी थाना क्षेत्र अंतर्गत तुरनाथ धाम के पार्वती मंदिर से यह घटना सामने आई थी। इसके बाद पुजारी ने थाने पहुंचकर इसकी शिकायत दर्ज करवाई थी।
वहीं, पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाते हुए मुखबिर तंत्र को एक्टिव कर दिया और आसपास लगे सीसीटीवी खंगाले गए। जिसमें आज पुलिस को सफलता मिली और उन्होंने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिनकी पहचान अमित सिंह, दीपक सिंह, प्रदीप साहू और राम जी साहू के रूप में की गई है।
पूछताछ के दौरान आरोपी अमित सिंह ने बताया कि उसकी मन्नत पूरी हो गई थी, इसलिए वह उस स्थान पर नई मंदिर बनवाना चाहता था। जीर्णोद्धार के उद्देश्य से खुदाई कर रहा, लेकिन यह थोड़ा डैमेज हो गया। तभी मैं वहां से चला गया, लेकिन लोगों ने अफवाह फैला दी कि मंदिर और मंदिर की मुर्ति चोरी हो गई है। फिलहाल, पुलिस इस बयान के आधार पर जांच-पड़ताल कर रही है।