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प्यार में ‘कातिल’ बनी लेडी कॉन्स्टेबल: महिला आरक्षक ने कार से कुचलकर एसआई की हत्या की

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राजगढ़। राजगढ़ जिले के ब्यावरा में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां बाइक सवार पुलिस एसआई की कार से कुचलकर हत्या कर दी गई। इस वारदात को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि पचोर थाना में पदस्थ महिला आरक्षक और उसका बॉयफ्रेंड था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मामला राजगढ़ जिले के ब्यावरा का है। जहां बाइक सवार पुलिस एसआई दीपांकर गौतम की कार से कुचलकर हत्या कर दी गई। और थाने जा कर इसे बड़ी ही चालाकी से एक्सीडेंट में बदलने की कोशिश की गई। वहीं इस वारदात को अंजाम देने वाला कोई और नहीं, बल्कि पचोर थाना में पदस्थ महिला आरक्षक पल्लवी सोलंकी और उसका बॉयफ्रेंड करण ठाकुर निकले। मामले में सामने आया कि, एसआई दीपांकर काम से सिलसिले में महिला आरक्षक पल्लवी सोंलंकी से बात करता था। लेकिन ये बात से बॉयफ्रेंड करण सिंह उन पर शक करता था। जिसके चलते दोनों के बीच इस बात को लेकर विवाद होता रहता था।
दरअसल, घटना के बाद सामने आया कि पल्लवी एमऔर करण लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। दोनों ने मिलकर साजिश रची और एसआई दीपांकर को पहले बातचीत के बहाने बुलाया। जब दीपांकर बाइक से जा रहा था, तब पल्लवी और करण ने कार से पीछे से टक्कर मारकर उसे रौंद डाला। इसके बाद दोनों देहात थाने पहुंचे और घटना को एक सामान्य सड़क दुर्घटना बताई।
कार पल्लवी सोलंकी की थी, जो पचोर थाना में आरक्षक के पद पर तैनात है। घटना के बाद जब एसपी आदित्य मिश्रा और एडिशनल एसपी आलोक शर्मा मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया। एसडीओपी कार्यालय में देर रात तक पल्लवी से पूछताछ की गई। जिसके बाद स्पष्ट हुआ कि यह घटना एक दुर्घटना नहीं बल्कि एक सोची समझी साजिश थी।
शुरुआती जांच में सामने आया कि यह मामला प्रेम त्रिकोण का है, जहां पल्लवी और उसके बॉयफ्रेंड करण ने मिलकर इस हत्या की योजना बनाई थी। पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने पुष्टि करते हुए कहा कि यह एक साजिश के तहत की गई हत्या है, और इसके पीछे के सभी कारण जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएंगे। फिलहाल, प्रथम दृष्टि में यह प्रेम प्रसंग का मामला प्रतीत हो रहा है।

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बड़ी खबर: भाजपा नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष पर FIR दर्ज
डिंडोरी। मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां भाजपा नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। बीजेपी नेता पर मारपीट, गाली गलौज और जान से मारने की धमकी का आरोप है। बजाग जनपद के उपयंत्री फिरोज खान ने उनपर केस दर्ज कराया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, बीजेपी नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते और बजाग जनपद के उपयंत्री फिरोज खान के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई थी। दोनों पक्ष शिकायत लेकर कल मंगलवार देर रात गाड़ासरई थाना पहुंचे। जहां बजाग जनपद के उपयंत्री फिरोज खान ने रुदेश परस्ते पर मामला दर्ज कराया है।
गाड़ासरई थाना पुलिस ने रुदेश परस्ते के खिलाफ धारा 296,115(२), 351(२), 3(5) के तहत मामला पंजीबद्ध किया है। टीआई दुर्गा प्रसाद नगपुरे ने इसकी पुष्टि की है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते का आरोप है कि उपयंत्री फिरोज खान बिना पैसे लिए कोई काम नहीं करता है। उन्होंने फिरोज खान पर फोन में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और झूमाझटकी का आरोप लगाया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
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इलाज में की लापरवाही, 11 साल पुराने मामले में देना होगा चार लाख रुपये हर्जाना
इंदौर। प्रसव के बाद प्रसूता के उपचार में बरती लापरवाही डाॅक्टर को महंगी पड़ी। 11 वर्ष चली सुनवाई के बाद जिला उपभोक्ता आयोग ने डाॅक्टर को आदेश दिया कि वह महिला को चार लाख रुपये हर्जाने के रूप में अदा करे। ब्याज सहित यह राशि करीब साढ़े आठ लाख रुपये होती है।
आयोग ने माना कि प्रसूति के बाद महिला को रक्तस्राव होने लगा था और उसकी हालत बिगड़ने लगी थी लेकिन डाॅक्टर ने कुछ नहीं किया। मजबूरी में महिला को दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा। इसमें स्वजन के तीन लाख रुपये खर्च हुए। जिला उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष बलराज कुमार पालोदा ने यह फैसला सुनाया है।
धनवंतरी नगर निवासी गौरव महाशब्दे की पत्नी रितुजा का इलाज डॉक्‍टर नलिनी झंवेरी कर रही थीं। प्रसव पीड़ा होने पर डाक्टर की सलाह पर उन्होंने पत्नी को 25 जून 2023 को अरिहंत अस्पताल में भर्ती कराया। रितुजा ने यहां बच्ची को जन्म दिया। प्रसव के कुछ घंटे बाद ही रितुजा को रक्तस्राव होने लगा।
इंजेक्शन देने के बावजूद यह नहीं रूका। इस पर अस्पताल स्टाफ ने डाॅक्टर को सूचना दी। हालत नहीं सुधरने पर गौरव ने एक अन्य डाक्टर को अस्पताल बुलवाया। उन्होंने बताया कि इलाज ठीक से नहीं होने से हालत बिगड़ी है। उन्होंने स्टाफ से तत्काल उपचार बदलने के लिए कहा लेकिन स्टाफ ने नलिनी से पूछे बगैर कोई भी उपचार करने से इंकार कर दिया। इस पर नलिनी को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने अस्पताल आने से इंकार कर दिया।
इस पर स्वजन रितुजा को तत्काल दूसरे अस्पताल ले गए। वे वहां करीब सात दिन भर्ती रहीं। इस उपचार पर परिवार का तीन लाख रुपया खर्च हुआ। वर्ष 2014 में गौरव ने डॉक्टर नलिनी झंवेरी के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष एडवोकेट रेखा श्रीवास्तव के माध्यम से परिवाद दायर कर दिया।
आयोग ने जवाब और तर्कों के आधार पर पाया कि नलिनी की निगरानी में ही मरीज का उपचार चल रहा था। ऑपरेशन का सुझाव भी उन्होंने ही दिया था।