कन्नौज। उत्तर प्रदेश के कन्नौज में बिजली पोल पर किशोरी का शव लटकता मिलने से सनसनी फैल गई। इस मामले में परिजनों ने रेप कर हत्या करने की आशंका जताई है. इधर, घटनास्थल पर पहुंची पुलिस शव को कब्जे में लेकर मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
यह घटना छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र की है। जहां मंगलवार को खेत में काम करने गई किशोरी का बिजली पोल पर लटका शव मिला. जिसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया. वहीं परिजनों का आरोप है कि पुरानी रंजिश में पहले किशोरी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया है. फिर उसकी हत्या कर दी गई है।
परिजनों का यह भी कहना है कि वो लगातार पुलिस से मदद मांगते रहे. लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. जिसके चलते यह घटना हुई है. अगर समय रहते पुलिस कार्रवाई करती तो किशोरी की आबरू और जान दोनों ही बच जाती. बता दें कि किशोरी के शरीर पर कई चोट के निशान भी मिले हैं. परिजनाें के इन आरोपों के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि, पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है।
---------------------------
सोलापुर में ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश, रेलवे ट्रैक पर मिला बड़ा पत्थर
सोलापुर। कानपुर और अजमेर के बाद अब महाराष्ट्र के सोलापुर में ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश सामने आई है। सोलापुर में रेलवे ट्रैक पर बड़ा पत्थर मिला है। जिले के कुर्डुवाडी स्टेशन से करीब एक किलोमीटर दूर रेलवे ट्रैक पर सीमेंट का बड़ा पत्थर मिला है। लोको पायलट की सावधानी से हादसा टल गया। इसके बाद रेलवे कर्मचारियों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है।
रेलवे पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बुधवार की रात करीब 8:30 बजे किसी अज्ञात व्यक्ति ने कुर्डुवाडी रेलवे स्टेशन से करीब 700 मीटर की दूरी पर पूर्व दिशा में ट्रैक पर एक बड़ा सीमेंट पत्थर रख दिया था। इसी दौरान लोको पायलट रियाज शेख और जेई उमेश ब्रदर इलेक्ट्रिक रेलवे के ओवरहेड तारों के रखरखाव के लिए टावर वैगन को सोलापुर से कुर्डुवाडी ला रहे थे। उन्होंने ट्रैक पर एक पत्थर देखा तो मालगाड़ी को करीब 200 मीटर की दूरी पर ही रोक दिया और संबंधित रेलवे अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।
बता दें कि इसके पहले राजस्थान के अजमेर में भी मालगाड़ी को पलटाने की साजिश का मामला सामने आया है। अजमेर के सरधना में रविवार रात रेलवे ट्रैक पर 70 किलो के सीमेंट के दो ब्लॉक रखकर मालगाड़ी को डीरेल करने की कोशिश की गई। गनीमत रही कि ट्रैन सीमेंट ब्लॉक को तोड़ती हुई आगे निकल गई और कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इसे लेकर कर्मचारियों ने मांगलियावास पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।
कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश सामने आई थी। रात करीब 08:30 बजे प्रयागराज से भिवानी की ओर जाने वाली कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन रेलवे लाइन पर रखे एलजीपी सिलेंडर से टकरा गई थी, जिसके बाद धमाका भी हुआ था। यह घटना अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर बर्राजपुर और बिल्हौर स्टेशन के बीच हुई थी। मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और कई एजेंसियां इसका खुलासा करने के लिए जांच में जुट गई है।
कालिंदी एक्सप्रेस को उड़ाने की साजिश के पीछे जांच एजेंसियों को आतंकी संगठन आईएस के खुरासान माड्यूल पर शक गहराता जा रहा है। लिहाजा इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), यूपी ATS समेत कई एजेंसियां कानपुर में डेरा डाले हुए हैं और हर पहलू से साजिश की जांच कर रही है। फिलहाल जांच एजेंसियों को कोई अहम सुराग नहीं मिला है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह लोन वूल्फ अटैक की कोशिश है।
बीते कई दिनों से रेलवे को निशाना बनाने वाले कई मामले सामने आए है। बीते अगस्त महीने से लेकर अबतक यानी करीब 40 दिनों में ट्रेनों के डीरेल होने की करीब 18 ऐसी कोशिशें हो चुकी हैं। अगर बीते दो साल की बात करें तो इस दौरान 24 ऐसी कोशिशें की जा चुकी हैं, जिनसे रेलवे को नुकसान पहुंचे. इनमें कानपुर में रेलवे ट्रैक पर एलपीजी सिलेंडर से लेकर तेलंगाना में लोहे की रोड और फर्रूखाबाद में रेलवे लाइन पर लकड़ियां रखना शामिल है। इन सब मामलों में पुलिस से लेकर तमाम एजेंसियां जांच में जुटी हुई हैं।
-------------------------------
मणिपुर में राजभवन जा रहे छात्रों की सुरक्षाबलों से झड़प, 2 जिलों में कर्फ्यू, राज्य में 6 दिन इंटरनेट बैन
इम्फाल। राजभवन की ओर मार्च कर रहे स्टूडेंट्स पर सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे। मणिपुर में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन छात्रों का हिंसक प्रदर्शन जारी है। राजभवन की ओर मार्च कर रहे स्टूडेंट्स की सुरक्षाबलों से झड़प हो गई। छात्रों ने सुरक्षाबलों पर पथराव किया और गुलेल से छर्रे मारे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे गए।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र ने मंगलवार को मणिपुर में 2,000 और CRPF जवान भेजने का फैसला किया है। 9 सितंबर को भी स्टूडेंट्स ने राजभवन पर पत्थरबाजी की थी, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट्स दागी थीं। 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। 9 सितंबर की रात मैतेई समुदाय की महिलाओं ने ड्रोन हमलों के विरोध में मशाल जुलूस निकाला था। राजभवन और मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन किया था। प्रशासन ने इंफाल ईस्ट और इंफाल वेस्ट में कर्फ्यू लगा दिया है। राज्य में 15 सितंबर की शाम 3 बजे तक इंटरनेट बैन कर दिया गया है। छात्रों का नेतृत्व कर रहे एम. सनाथोई चानू ने बताया- हमने DGP, राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार को हटाने की मांग की है। CRPF के पूर्व DG कुलदीप सिंह के नेतृत्व में बनी यूनिफाइड कमांड राज्य सरकार को सौंपने की मांग की है।
प्रमुख समाचार
