भोपाल। केंद्र सरकार ने स्वाधीनता दिवस की पूर्वसंध्या पर बुधवार को राष्ट्रपति पदकों की घोषणा कर दी है। मध्य प्रदेश के 32 पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों को राष्ट्रपति की ओर से दिए जाने वाले गैलेंट्री अवार्ड (वीरता पदक), विशिष्ट सेवा पदक (डिस्टिंग्विश्ड सर्विस अवार्ड) और सराहनीय सेवा पदक (मेरिटोरियस सर्विस अवार्ड) के लिए चुना गया है। इनमें वीरता पदक के लिए 12, विशिष्ट सेवा पदक के लिए 4 और सराहनीय सेवा पदक के लिए 14 अधिकारी, कर्मचारियों को चयनित किया गया है। इसके अलावा होमगार्ड कैटेगरी में भी दो सैनिकों अवार्ड के लिए चुने गए हैं।
एमपी के पदक विजेताओं में एडीजी चंचल शेखर, आईजी अरविंद सक्सेना और राजेश हिंगणकर, डीआईजी पंकज श्रीवास्तव, राजेश सिंह, विनीत कपूर के अलावा पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी समीर सौरभ, मोती उर रहमान और इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल शामिल हैं।
इन्हें मिलेगा वीरता पदक-
मो. अयूब खान - सब इंस्पेक्टर
आशीष शर्मा - सब इंस्पेक्टर
हनुमत टेकाम - हेड कांस्टेबल
समीर सौरभ - आईपीएस (पुलिस अधीक्षक)
मोती उर रहमान - आईपीएस (कमांडेंट)
आशीष शर्मा - इंस्पेक्टर
मोहनलाल मरावी - सब इंस्पेक्टर
राजेश धुर्वे - असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर
नामदेव शर्मा - सब इंस्पेक्टर
अरुण मिश्रा - असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर
अतुल कुमार शुक्ला - असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर
पुनीत गहलोत - असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर
विशिष्ट सेवा पदक के लिए ये हुए चयनित
चंचल शेखर - एडीजी
अरविंद कुमार सक्सेना - आईजी
राजेश हिंगणकर - आईजी
रामाधर भारद्वाज - एसपी
ये हैं सराहनीय सेवा पदक विजेता
संजय कुमार दुबे - डीएसपी
पंकज श्रीवास्तव - डीआईजी
राजेश सिंह - डीआईजी
विनीत कपूर - डीआईजी
अंजना तिवारी - डिप्टी कमांडेंट
योगेश्वर शर्मा - एसपी
महावीर सिंह मुजाल्दे - एएसपी
इरमीन शाह - एएसपी
सुरेश कुमार बजंघाटे - इंस्पेक्टर
मानवेंद्र सिंह कुशवाह- डीएसपी
रवि कुमार द्विवेदी - डीएसपी
प्रवीण नारायण बघेल - डीएसपी
सुरेंद्र सिंह सिकरवार - डीएसपी
शैलेंद्र सिंह राजपूत - सब इंस्पेक्टर
होमगार्ड एंड सिविल डिफेंस
मोहनलाल शर्मा - सैनिक (वालेंटियर)
श्याम सिंह राजपूत - सैनिक (वालेंटियर)
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घूसखोर महिला रजिस्ट्री अधिकारी गिरफ्तार: EOW ने रंगे हाथों दबोचा
विदिशा। मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन सरकारी अधिकारी कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़े जा रहे हैं। ताजा मामला विदिशा जिले से सामने आया है। जहां पंजीयक कार्यालय में महिला रिजस्ट्री (उप पंजीयक) अधिकारी को घूस लेते रंगें हाथों गिरफ्तार किया गया है। एडवोकेट की शिकायत पर ईओडब्ल्यू ने यह कार्रवाई की है।
विदिशा के वकील राकेश मीणा ने रिश्वत मांगे जाने की शिकायत ईओडब्ल्यू से की थी। इसके बाद आज बुधवार को EOW ने जाल बिछाया और उप पंजीयक अधिकारी प्रतिभा कुमरे को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई देर शाम तक जारी रही। बताया गया कि कार्यालय में कई वकील अपने पार्टियों की रजिस्ट्री करने के लिए पहुंचे हैं। कुछ दिन पहले राकेश मीणा एक पार्टी को लेकर रजिस्ट्री करने के लिए गए थे। जहां उनसे 10000 रुपए की रिश्वत मांगी गई थी।
वहीं जब उन्होंने इस बात की जानकारी पार्टी को दी, तो पार्टी का कहना था कि उप पंजीयक के नाम पर वकील ही अतिरिक्त राशि ले रहे हैं। इसी से दुखी और परेशान होकर एडवोकेट राकेश मीणा ने इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू से की। जैसे ही प्रतिभा ने राशि अपने हाथ में ली, ईओडब्ल्यू ने उन्हें पकड़ लिया। हालांकि 10 हजार की पूरी राशि न होने पाने के कारण कुछ कम राशि दी जा रही थी।
शिकायतकर्ता एडवोकेट राकेश मीणा का कहना है कि यहां बिना रिश्वत के कोई भी काम नहीं होता। बदनाम सिर्फ वकील होते हैं। इसे खत्म करने के लिए उन्होंने यह पहल की है। हालांकि इस मामले में EOW की ओर से कोई बयान नहीं आया है। फिलहाल आरोपी उप पंजीयक प्रतिभा कुमरे के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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‘मैंने आपको जूता मारा है, मुझे जेल भेजो, परेशान होकर बुजुर्ग ने कलेक्ट्रेट में किया हंगामा, अधिकारी पर फेंका जूता
निवाड़ी। मध्य प्रदेश के निवाड़ी तहसील में भ्रष्टाचार से परेशान एक बुजुर्ग ने कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया। बुजुर्ग ने अधिकारी को जूता फेंककर मारा, हालांकि कि जूता अधिकारी को नहीं लगा। इसके बाद बुजुर्ग शख्स ने कहा कि मैंने आपको जूता मारा है, आप मुझे जेल भेज दो। आप लोगों ने कमिश्नर का आदेश नहीं माना, आप बड़े अधिकारी हैं, इस भ्रष्टाचार को मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा, जब तक भ्रष्ट अधिकारी जेल नहीं जाते तब तक के लिए मुझे जेल भेज दिया जाए।
जिले के निवाड़ी जनपद पंचायत के ग्राम घुघसी निवासी लक्ष्मी प्रसाद यादव समाजसेवा का काम करते हैं। निवाड़ी जनपद की ग्राम घुघसी में एक आदिवासी महिला की जमीन पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है। आदिवासी महिला को न्याय दिलाने के लिए अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर काट रहे लक्ष्मी प्रसाद यादव परेशान होकर मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में चल रही जनसुनवाई में पहुंचे। जहां वरिष्ठ अधिकारी से नोंकझोक के बाद जूता फेंककर मारा। गनीमत रही कि जूता अधिकारी को नहीं लग पाया। इस घटना के बाद भी वहां से गया नहीं, बल्कि चिल्ला चिल्ला कर बोलता रहा कि मैंने आपको जूता मारा है आप मुझे जेल भेजो।
समाजसेवी लक्ष्मी प्रसाद ने एक दिन पूर्व 12 अगस्त को ही एसडीएम निवाड़ी को एक आवेदन दिया था। आवेदन में लक्ष्मी प्रसाद यादव ने उल्लेख किया था कि जिले की निवाड़ी तहसील में फैले भ्रष्टाचार को वह सहन नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए जब तक इन भ्रष्टाचारियों को जेल नहीं भेजा जाता तब तक मुझे मेरी सुरक्षा के लिए जेल भेज दिया जाए। इसके बाद 13 अगस्त को जिला कलेक्ट्रेट में चल रही जनसुनवाई में पहुंचे। जहां आक्रोश में आकर लक्ष्मी प्रसाद यादव ने जनसुनवाई कक्ष में उपस्थित जिले के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ अन्य लोगों की मौजूदगी में सामने कुर्सी पर बैठे अधिकारी को जूता फेंककर मारा, लेकिन अधिकारी ने फुर्ती में अपना बचाव कर लिया।
कलेक्ट्रेट कार्यालय में अचानक हुई इस घटना से हलचल मच गई। आनन-फानन में कलेक्टर कार्यालय के आसपास मौजूद सभी लोग जनसुनवाई कक्ष में पहुंचे। जहां समाजसेवी वृद्ध और अधिकारी की तीखी नोंकझोक हो रही थी। जिसमें समाजसेवी लक्ष्मी प्रसाद यादव खुद बोल रहे थे कि मैंने आपको जूता मारा है, आप मुझे जेल भेज दीजिए। लेकिन उसके बाद भी अधिकारी उसको समझाने का प्रयास करते हुए नजर आ रहे थे। आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों से वरिष्ठ अधिकारियों के प्रति जिलेभर में नाराजगी देखने को मिल रही है। पिछले माह में जिले के कर्मचारी कलेक्टर के खिलाफ लामबंद होकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। एक बार फिर इस घटना प्रशासन की नाकामी को बयां करती दिख रही है।