महेश्वर। महेश्वर के मंडाल खोर घाट में स्नान के दौरान नर्मदा में डूबने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। डूबने वालों में महिला और उसके बेटा-बेटी हैं। स्नान के दौरान 18 वर्षीय बेटा विक्रम नदी में डूबने लगा, जिसे बचाने मां और उसकी बहन भी नदी में उतर गई। तीनों को तैरना नहीं आता था, जिसके कारण तीनों ही नदी में डूब गए। मां और बेटी का शव निकाल लिया गया है, जबकी विक्रम के शव की तलाश की जा रही है।
इंदौर के अरविंदो सांवेर रोड ई-सेक्टर के रहने वाले राजपूत परिवार के पांच लोग महेश्वर घूमने आए हुए थे।बुधवार सुबह करीब 11 बजे सभी महेश्वर पहुंचने के बाद एकांत मंडाल खोर घाट में नर्मदा स्नान कर रहे थे। स्नान के दौरान 18 वर्षीय विक्रम राजपूज डूबने लगा।
विक्रम को डूबता देख मां 45 वर्षिय उर्मिला राजपूत और बहन 25 वर्षीय मोहिनी हाथ पकड़ कर बचाने की कोशिश करने लगीं। बचाने की कोशिश में तीन गहरे पानी में पहुंच गए, लेकिन तैरना नहीं आने के कारण तीनों की डूबने से मौत हो गई।
घाट पर ऊंचाई बैठकर मोबाइल चलाते हुए, कुछ देर के बाद बड़े भाई 22 वर्षीय अमन राजपूत ने जब मां और बहन के शव को पानी में तैरते देखा, तो इसकी सूचना गोताखोरों को दी। इसके बाद गोताखोरों ने मां और बहन के शव को निकाल लिया, जबकि विक्रम राजपूत के शव की तलाश की जा रही है। जान गवांने वाली बहन मोहिनी का डेढ़ माह का बेटा भी है।
घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। घटना की जानकारी मिलते थाना निरीक्षक पंकज तिवारी, एसडीएम अनिल जैन, तहसीलदार राकेश सस्तिया मौके पर पहुंचे और घटना की जांच की। दोनों महिलाओं को शवों को महेश्वर अस्पातल भेजा गया।
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एक घर में मां और दो बेटियों की धारदार हथियार से की हत्या, खून से लथपथ मिले शव
सागर। मध्य प्रदेश के सागर से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। यहां सिविल लाइन थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात एक तीन मंजिला मकान में मां और उसकी 2 बेटियों के खून से लथपथ शव मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। घटना पुलिस कंट्रोल रूम के ठीक 100 मीटर की दूरी पर हुई है। जिस समय यह घटना हुई पति घर पर मौजूद नहीं था। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ में जुट गई है।
मिली जानकारी के अनुसार ये पूरी घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र के नेपाल पैलेस इलाके की है। वारदात का पता उस समय चला, जब पति रात में घर पहुंचा। पुलिस मृतका के पति से पूछताछ कर रही है। वहीं घटना के बाद पुलिस के आलाधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे। वहीं आसपास के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
फिलहाल हत्या का कारण अज्ञात बताया जा रहा है। मृतिका की उम्र 30 वर्ष जबकि दोनों मृत बच्चियों की उम्र 3 और 8 साल बताई जा रही है। जब पुलिस घर में दाखिल हुई तो चारों तरफ खून ही खून नजर आया। आरोपी ने बेरहमी से इस कत्ल की वारदात को अंजाम दिया है। मां सहित दो बच्चियों की निर्ममता से की गई हत्या के इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सागर रेंज के आईजी सहित आसपास के थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंची।
जानकारी के अनुसार 35 वर्षीय मृतिका वंदना पटेल अपने पति विशेष पटेल और दोनों बच्चियों के साथ घर में निचले फ्लोर पर रहती थी, बाकी ऊपर के सभी माले में किरायेदार रहते हैं। जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के दवाई वितरण केन्द्र में नौकरी करने वाला विशेष पटेल रात में जब अपने घर पहुंचा तो उसने घर में अपने पूरे परिवार के शव देखे। जिसके बाद उसने तुरंत अपने एक किरायेदार को ये बताया और पुलिस को सूचना दी गई।
मृतक महिला के भाई चिराग पटेल ने बताया कि 35 वर्षीय वंदना पटेल और बड़ी बेटी 8 वर्षीय अवंतिका का शव किचिन में मिला है, जिनके शरीर पर पेंचकस जैसे और धारदार किसी हथियार के निशान हैं। वहीं छोटी बेटी 3 वर्षीय बेटी का शव दूसरे कमरे में मिला है। जिसे देखकर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि जमीन पर पटककर उसकी हत्या की गई है।
घटना की वजह और वारदात को अंजाम देने वाले के संबंध में अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। घटना की जानकारी लगते ही आईजी प्रमोद वर्मा, डीआईजी सुनील कुमार जैन, प्रभारी एसपी संजीव कुमार उइके, एएसपी लोकेश कुमार सिन्हा सहित शहर के सभी थानों के प्रभारी मौके पर पहुंच गए। प्रभारी एसपी संजीव कुमार उइके ने बताया कि प्रथम दृष्टया हत्या का मामला दर्ज करके मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
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इंदौर सांसद शंकर लालवानी का निर्वाचन शून्य घोषित करने की मांग, अब सुनवाई 2 सितंबर को
इंदौर। सांसद शंकर लालवानी के खिलाफ मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष चल रही चुनाव याचिका में याचिकाकर्ता के आरंभिक तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी।
लालवानी के खिलाफ यह चुनाव याचिका धर्मेन्द्र सिंह झाला ने एडवोकेट कपील शुक्ला के माध्यम से दायर की है। झाला ने मई 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इंदौर लोकसभा क्षेत्र से नामांकन फार्म भरा था।
एडवोकेट शुक्ला ने बताया कि हमने याचिका में कहा है कि जिला निर्वाचन अधिकारी ने याचिकाकर्ता का नाम गलत तरीके से प्रत्याशियों की सूची से बाहर किया है। नाम वापसी के फार्म पर याचिकाकर्ता के हस्ताक्षर नहीं थे।
नाम वापसी के फार्म पर पिता का नाम भी दूसरा था। हमारा कहना है कि हमने कभी नामांकन फार्म वापस लिया ही नहीं, बावजूद इसके हमारा नाम प्रत्याशियों की सूची से बाहर कर दिया गया।
याचिका में हमने लालवानी का निर्वाचन शून्य घोषित करने की मांग की है। बुधवार को न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की पीठ के समक्ष याचिका पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने हमारे तर्क सुनने के बाद संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी।