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प्यार में पागल आशिक ने महिला को पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी, महिला ने दूसरी शादी से किया था इनकार

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जबलपुर। जबलपुर के रांझी के मस्ताना चौक के पास मंगलवार दोपहर 12 बजे एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। एकतरफा प्यार में पागल एक व्यक्ति ने एक महिला को जिंदा जलाने की कोशिश की। 40 वर्षीय महिला फूल-माला की दुकान चलाती है। महिला ने सनकी आशिक के शादी का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। जिस पर गुस्सा होकर आरोपी ने पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी।
पुलिस के अनुसार महिला 42% तक झुलस गई है और उसकी हालत गंभीर है। आरोपी का नाम नरेंद्र पंजाबी (40) है। वह एक ऑटो ड्राइवर है। उसने महिला को आग लगाने के बाद खुद के ऊपर भी पेट्रोल डालकर आग लगा ली। वह भी 25% तक झुलस गया है।
बताया जा रहा है कि पीड़ित महिला की शादी 15 साल पहले घमापुर हुई थी। उसके तीन बच्चे हैं। पिछले चार साल से वह अपने पति से अलग रह रही है। बड़ी बेटी अपने पिता के साथ रहती है, जबकि छोटी बेटी और बेटा उसके साथ रहते हैं।
लोगों का कहना है कि आरोपी महिला की दुकान के पास अक्सर आता जाता था उसी दौरान दोनों के बीच बातचीत होने लगी थी। मंगलवार को उसने महिला से शादी करने का प्रस्ताव रखा, जिसे महिला ने ठुकरा दिया। इस पर आरोपी गुस्से में आ गया और उसने पहले से लाए गए पेट्रोल को महिला के ऊपर डाल कर आग दी फिर अपने ऊपर भी पेट्रोल डालकर आग लगा दी। आसपास के लोगों ने आग बुझाई और दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
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2 साल के बच्चे को लगाया गलत इंजेक्शन, पूरे पैर में फैल गया इन्फेक्शन, डॉक्टर पर केस दर्ज
मुरैना। कैलारस थाना क्षेत्र के डोंगरपुर नहर के पास कुर्राेली गांव में गत 9 अप्रैल को एक पिता अपने दो साल के बच्चे का इलाज कराने के लिए डॉ. एन नागर के पास के पास लाया, लेकिन यहां इलाज गलत होने से बच्चे के पैर में इंफेक्शन फैल गया, जिससे पैर खराब हो गया। मामले में पुलिस ने सोमवार को आरोपित डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
जानकारी के मुताबिक महेबा का पुरा सबलगढ़ निवासी उदय सिंह जाटव अपने 2 साल के बेटे की तबीयत खराब होने पर कुर्राेली में डोंगरपुर नहर के पास स्थिति डॉ. एन नागर के पास इलाज के लिए लाया। डॉ. नागर ने बच्चे को इंजेक्शन लगाए, लेकिन इन इंजेक्शन से बच्चे के पैर में इंफेक्शन फैल गया। इंफेक्शन इतना बढ़ा कि बच्चे का पैर ही खराब हो गया। जिस पर उदय सिंह जाटव ने कैलारस थाने में शिकायत की। पुलिस ने मामले में सोमवार को आरोपित डॉ. एन नागर के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
बलालपुर में सांप के काटने से तीन साल के बच्चे की मौत
मुरैना के निरार थाना क्षेत्र के बलालपुर गांव में रविवार की शाम को घर में खेल रहे 3 साल के बच्चे को सांप ने काट लिया। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक बलालपुर गांव निवासी नेतराम कुशवाह का तीन साल का बेटा शिशुपाल कुशवाह घर में ही खेल रहा था, इसी बीच उसे किसी जहरीले सांप ने काट लिया। जिससे उसकी हालत खराब हो गई। स्वजन उसे अस्पताल भी लेकर गए, लेकिन डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने इस मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
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जिले में संचालित 56 मदरसों पर बड़ा एक्शन, मदरसा बोर्ड ने मान्यता समाप्त की
श्योपुर। स्कूल शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में संचालित मदरसो की भौतिक सत्यापन की जांच में तेजी लाने के भी निर्देश भी दिये है। उन्होंने कहा कि जो मदरसे नियमानुसार संचालित नहीं हो रहे है उनकी मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाये।
स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह के शिक्षण संस्थानों के निर्देश के बाद मदरसा बोर्ड ने भी प्रदेश में संचालित मदरसों का भौतिक सत्यापन शुरू किया है, इसी दरमियान प्रदेश के श्योपुर जिले में एक बड़ा खुलासा हुआ है, यहाँ 56 मदरसे ऐसे मिले हैं जो संचालित ही नहीं होते , जानकारी सामने आने के बाद मदरसा बोर्ड ने इनकी मान्यता को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है।
दरअसल श्योपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी कि श्योपुर जिले में 80 मान्यता प्राप्त मदरसे संचालित हैं इनमें से 56 मदरसे पूर्ण रूप से संचालित नहीं पाये गये है। जिला शिक्षा अधिकारी श्योपुर की रिपोर्ट के आधार पर मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड ने इन मदरसों की मान्यता समाप्त कर आदेश जारी कर दिये है। रिपोर्ट में बताया गया कि श्योपुर जिले में 80 मान्यता प्राप्त मदरसे में से 54 ऐसे मदरसे है जिन्हें राज्य शासन से अनुदान प्राप्त हो रहा है।
सचिव मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड ने बताया कि प्रदेशभर में समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गये है कि वे अपने क्षेत्र में संचालित मदरसों का मैदानी अमले द्वारा भौतिक निरीक्षण कराएँ। निरीक्षण में जो मदरसे राज्य शासन के नियमानुसार संचालित नहीं हो रहे है, उनकी मान्यता समाप्त करने का प्रस्ताव मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड को भेजे जायें। नियमानुसार संचालित नहीं हो रहे मदरसों को स्कूल शिक्षा विभाग से मिलने वाली मदद तत्काल बंद कराई जायेगी।
स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्रों में मैदानी अमले से सभी शिक्षण संस्थाओं का सतत निरीक्षण करें। उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों को राज्य सरकार की विभागीय योजनाओं का लाभ मिले साथ ही विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में संचालित मदरसो की भौतिक सत्यापन की जांच में तेजी लाने के भी निर्देश भी दिये है। उन्होंने कहा कि जो मदरसे नियमानुसार संचालित नहीं हो रहे है उनकी मान्यता समाप्त करने की कार्रवाई की जाये। साथ ही प्रायवेट शिक्षण संस्थाओं के स्कूलों का भी भौतिक सत्यापन तेज गति से किया जाये।