सरकार के फैसले के बाद 'लाडली बहना' के तहत आने वाली महिलाओं को सिर्फ 450 रुपये देने होंगे. विजयवर्गीय ने कहा कि बाकी के 398 रुपये राज्य सरकार देगी. और इसके लिए 160 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार ने 'लाडली बहना' योजना के तहत आने वाली महिलाओं को अब 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने का फैसला किया है. 30 जुलाई को राज्य कैबिनेट की बैठक में इसकी घोषणा की गई. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पिछले साल मध्य प्रदेश चुनाव से पहले ये वादा किया था. इसके अलावा रक्षाबंधन के मौके पर सरकार 'लाडली बहना' योजना का लाभ ले रही महिलाओं को अतिरिक्त 250 रुपये देगी. इस योजना के तहत महिलाओं को 1250 रुपये हर महीने दिए जाते हैं.
राज्य के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया को बताया कि राज्य में गैस सिलेंडर अभी 848 रुपये में मिल रहे हैं. सरकार के फैसले के बाद 'लाडली बहना' के तहत आने वाली महिलाओं को सिर्फ 450 रुपये देने होंगे. विजयवर्गीय ने कहा कि बाकी के 398 रुपये राज्य सरकार देगी. और इसके लिए 160 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं के लिए एक और फैसले का जिक्र किया. बताया कि राज्य की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत कवर किया जाएगा. और इसका प्रीमियम राज्य सरकार भरेगी. राज्य की 57 हजार 324 महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा.
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत किसी व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में 2 लाख रुपये तक दिए जाते हैं. वहीं, दुर्घटना की स्थिति में एक लाख तक की बीमा राशि दी जाती है.
“रक्षाबंधन आने वाला है. ऐसे में हमारी सभी लाडली बहना, खासकर उज्ज्वला योजना के तहत आने वाली 40 लाख बहनों को हम अपने वित्तीय संसाधन से 450 रुपये में गैस सिलेंडर देंगे. जैसा कि पहले भी हमने कहा था कि हम किसी भी योजना को बंद नहीं करेंगे, बल्कि योजनाओं में और इजाफा करके सभी वर्गों को लाभ पहुंचाया जाएगा.”
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले साल लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी. पिछले साल मार्च में उन्होंने इसकी घोषणा की थी. तीन महीने बाद योजना शुरू हो गई. राज्य की करीब सवा करोड़ महिलाओं का खाता खोला गया. जून 2023 में महिलाओं के खाते में 1000 रुपये चले गए. इसे विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए बड़ा गेम चेंजर भी माना गया था.
2023 विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की बीजेपी सरकार ने महिलाओं से जुड़ी कई योजनाओं की घोषणा की थी. 'लाडली बहना' योजना के तहत मिलने वाली राशि को 1000 से बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया गया था. इसके अलावा सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा की गई थी.
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भाजपा विधायक की धमकी - ‘झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई हुई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा’
बालाघाट। लांजी से भाजपा विधायक राजकुमार कर्राहे ने 13 दिन बाद एक बार फिर अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयान दिया है। इस बार उन्होंने मप्र शासन द्वारा प्रदेशभर में चल रही झोलाछाप चिकित्सकों के खिलाफ चल रही कार्रवाई का विरोध किया है।
17 जुलाई को कर्राहे ने सरकार से अनुबंधित आउटसोर्स भर्ती कंपनियों द्वारा दो-दो लाख रुपये घूस लेकर भर्ती करने का आरोप लगाया था। कर्राहे ने अब गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों पर कार्यवाही के मप्र की भाजपा सरकार के आदेश को चुनौती दी है।
विधायक इस आदेश के खिलाफ इस कदर आक्रोशित हैं कि उन्होंने झोलाछाप चिकित्सकों पर कार्यवाही कर रहे एसडीएम, बीएमओ को चेतावनी दे डाली कि अगर उन्होंने कार्यवाही बंद नहीं की तो इसके परिणाम भुगतने होंगे।।
विधायक का कहना है कि उन्होंने कार्रवाई रोकने के संबंध में बालाघाट कलेक्टर से चर्चा की है। कलेक्टर ने अब छापामार कार्रवाई नहीं करने की बात कही है। मंगलवार को लांजी क्षेत्र के 250 से ज्यादा गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों ने विधायक से मुलाकात की थी।
बता दें कि सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 15 जुलाई को गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों और गांव-गांव में प्रैक्टिस कर रहे झोलाछाप चिकित्सकों के चिकित्सीय व्यवसाय को नियंत्रित करने के आदेश जारी किए हैं।
सरकार के आदेश के परिपालन में पिछले दिनों एसडीएम प्रदीप कौरव, बीएमओ प्रदीप गेड़ाम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 5 पैथोलॉजी और क्लिनिक पर कार्रवाई करते हुए सीलबंद किया था और कुछ चिकित्सकों को नोटिस जारी किया था। जांच में पाया गया कि पैथोलॉजी में विशेषज्ञ नहीं थे तो कुछ पैथोलॉजी छात्रों के भरोसे संचालित हो रहे थे।
वहीं, कुछ चिकित्सकों द्वारा दूसरी पद्धति से इलाज करने पर उन्हें नोटिस जारी किया गया था। मंगलवार को लांजी क्षेत्र में प्रैक्टिस कर रहे गैर मान्यता प्राप्त झोलाछाप चिकित्सकों ने विधायक राजकुमार कर्राहे से मुलाकात कर कार्यवाही पर नाराजगी जताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की।
विधायक ने आश्वस्त किया कि इस मामले में कलेक्टर से चर्चा हो गई है और उन्होंने कहा कि कि अब किसी पर छापामार कार्रवाई नहीं होगी। विधायक ने कहा कि अगर अब एसडीएम या बीएमओ आपके क्लिनिक जांच करने आता है, तो मुझे सूचना दें, उन्हें खदेड़ने का काम किया जाएगा। मैंने गत दिनों जांच टीम द्वारा सील की गई क्लिनिक को दोबारा खोलने के लिए कलेक्टर से कहा है। अगर इन क्लिनिकों को नहीं खोला गया, तो ताला तोड़कर क्लिनिक शुरू की जाएगी।
विधायक कर्राहे ने कहा कि गैर मान्यता प्राप्त चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई रोकने के संबंध में उन्होंने गत रविवार को भोपाल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात की थी। इस दौरान वहां कई पूर्व मंत्री भी मौजूद थे। उन मंत्रियों व वरिष्ठ नेताओं ने भी सहमति जताते हुए चिकित्सकों के खिलाफ जारी आदेश को वापस लेने की बात कही है। विधायक ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष ने आश्वस्त किया है कि वे इस संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से चर्चा करेंगे। चर्चा में विधायक ने इस आदेश को गलत बताया।
हम अपनी सरकार को बता रहे हैं कि अगर कोई आदेश हित में नहीं है, तो उसे समय रहते सुधार जाए। प्रदेशाध्यक्ष ने सीएम से चर्चा करने का आश्वासन दिया है। कई चिकित्सकों ने कार्रवाई के डर के कारण अपने क्लिनिक बंद कर दिए हैं, जिससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। सीएम के आदेश के बाद जिले में छापामार कार्रवाई बंद की जाएगी। - राजकुमार कर्राहे, विधायक, लांजी
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पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी को रिश्वत लेने पर 4 वर्ष की सजा
रतलाम। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायालय ने रिश्वत लेने के मामले में रतलाम के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी अभियुक्त रामेश्वर चौहान को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत 4 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उस पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। विशेष न्यायाधीश आदित्य रावत ने सुनाया।
अभियोजन के अनुसार रतलाम जिले की जावरा तहसील के ग्राम बन्नाखेड़ा में स्थित सुखदेव पांचाल के साईं पब्लिक हाई स्कूल में दिलीप सिंह ने अपने तीन बच्चों को प्रवेश दिलाया था। प्रवेश दिलाते समय उन्होंने लिखित आवेदन दिया था कि वे कुछ समय बाद बच्चों की टीसी और अंकसूची जमा करा देंगे।
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स्कूल संचालक सुखदेव पांचाल ने उनसे बाद में भी टीसी और अंकसूची मांगी गई लेकिन उन्होंने जमा नहीं कराई और बताया कि उनके बच्चे मंदसौर जिले के ग्राम कुछडोद मे स्थित सन साइन स्कूल में पढ़ते थे, वहां से टीसी व अंकसूची नहीं दी जा रही है।
दिलीप सिंह ने कई बार सन साइन स्कूल के संचालक प्रकाश जैन से टीसी और अंकसूची देने की मांग की, लेकिन उन्हें देने से मना कर दिया था । इस पर दिलीप सिंह ने मंदसौर के जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन दिया था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं दिया गया।
वहीं सन साइन स्कूल के संचालक प्रकाश जैन ने साईं पब्लिक हाई स्कूल के संचालक सुखदेव पांचाल की शिकायत रतलाम के तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर चौहान को की थी। रामेश्वर चौहान ने सुखदेव पांचाल से स्कूल की मान्यता रद्द करने की धमकी देकर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
इसके बाद वहां से सुखदेव को रिश्वत की बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए वॉइस रिकॉर्ड दिया गया था। सुखदेव पांचाल ने तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर चौहान के कार्यालय में जाकर उनसे रिश्वत संबंधी चर्चा कर राशि कम करने की बात की थी।
लोकायुक्त ने रिश्वत लेते रामेश्वर चौहान को रंगे हाथ गिरफ्तार करने की योजना बनाई और 6 मई 2019 को उज्जैन से दल रतलाम पहुंचा था तथा रामेश्वर चौहान के कार्यालय के आसपास घेराबंदी की थी। सुखदेव पांचाल ने कार्यालय में जाकर रामेश्वर चौहान को 15 हजार दिए तथा बाहर निकाल कर इशारा किया था।
इशारा मिलते ही लोकायुक्त दल के सदस्यों ने रामेश्वर चौहान को रंगे हाथ गिरफ्तार कर उनके कब्जे से रुपये जब्त किए थे। प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक (एडीपीओ) कृष्णकांत चौहान ने की
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