देहरादून। उत्तराखंड के बागेश्वर में सुंदरढूंगा ग्लेशियर पर 5,000 मीटर की ऊंचाई पर एक बाबा ने सरकारी जमीन पर गैर-कानूनी तरीके से मंदिर बना लिया है। वहां बने पवित्र जल कुंड को स्विमिंग पूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। मामला सामने आने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।
स्वयंभू बाबा योगी चैतन्य आकाश पर ये आरोप लगे हैं। उनका कहना है कि उन्हें खुद देवी मां ने सपने में आकर यह मंदिर बनवाने का आदेश दिया था। स्थानीय ग्रामीण महेंद्र सिंह धामी ने बताया कि बाबा ने यही दावा करके गांव वालों से मंदिर बनाने में मदद मांगी।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बाबा ने पवित्र देवा कुंड को तीर्थयात्रियों और अन्य लोगों के लिए स्विमिंग पूल बना दिया है। अक्सर वे कुंड में नहाते दिखते हैं।
स्थानीय निवासी प्रकाश कुमार ने कहा- हमारी मान्यता है कि हर 12 साल में नंदा राज यात्रा के दौरान देवी-देवता देवी कुंड में आते हैं। इस बाबा ने लोगों को गुमराह करके हमारी परंपराओं के खिलाफ यह मंदिर बना डाला है। स्थानीय लोग अब बाबा के विरोध में उतर आए हैं।
लोगों की नाराजगी देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। कपकोट के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अनुराग आर्य ने कहा कि वन विभाग, पुलिस और रेवेन्यू ऑफिस की एक टीम जांच के लिए जल्द ही देवी कुंड का दौरा करेगी। अतिक्रमण हटाएगी और बाबा के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी।
इस मामले में खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों की नाकामी भी सामने आई है। खासकर तब जब राज्य सरकार संवेदनशील इलाकों में अतिक्रमण के खिलाफ बड़े स्तर पर अभियान चला रही है।
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मोदी सरकार पर ओवैसी का हमला: 'घर में घुस कर मारने वाले नहीं कर पा रहे आतंकवाद पर काबू...'
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के डोडा में रविवार देर आतंकवादियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें सेना के पांच जवाब बलिदान हो गए। कश्मीर में आतंकवादी लगातार हमला कर रहे हैं। यह देख विपक्ष भी सरकार पर हमलावर हैं।
डोडा मुठभेड़ में शहीद हुए सेना के पांच जवानों पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी कहते थे 'घर में घुस कर मारेंगे', तो फिर ये क्या है? ये सरकार की विफलता है। वो आतंकवाद पर काबू नहीं कर पा रहे हैं। जो भी हो डोडा में जो हुआ है वो बहुत खतरनाक है।
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में मस्जिद गिराए जाने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह मस्जिद पर एक तरह का आतंकवादी हमला है। वहां (महाराष्ट्र) शिंदे-फडणवीस की बीजेपी सरकार है। सरकार की वजह से ही ऐसे हमले हो रहे हैं। इसको शिंदे-भाजपा सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है। हम विश्वगुरु बनना चाहते हैं, लेकिन मस्जिद को ध्वस्त कर दें। यह जानबूझकर मुसलमानों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है।
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जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमला, कैप्टन समेत 5 जवान शहीद
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के डेसा में आतंकियों की फायरिंग में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए। एक पुलिसकर्मी की भी मौत हुई है। यानी कुल 5 लोगों की जान गई है। राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस यहां सोमवार से ही सर्च ऑपरेशन चला रही थी।
सर्चिंग के दौरान आतंकी फायरिंग करते हुए भागे। घना जंगल होने की वजह से वे बच निकले। सोमवार रात 9 बजे के आसपास फिर गोलीबारी हुई। इसमें 5 जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। इन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
शहीद हुए राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों में कैप्टन बृजेश थापा पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के और सिपाही बृजेंद्र, सिपाही अजय राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले थे। नायक डी राजेश की जानकारी सामने नहीं आई है।
कैप्टन बृजेश थापा (27) का जन्म 15 जनवरी को आर्मी डे के दिन हुआ था। उनकी मां नीलिमा ने बताया कि आखिरी बार रविवार (14 जुलाई) को बेटे से बात हुई थी। उन्होंने कहा कि मुझे अपने बेटे के बलिदान पर गर्व है। अगर हम अपने बेटे को सीमा पर नहीं भेजेंगे, तो देश के लिए कौन लड़ेगा।
कैप्टन बृजेश के पिता कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) बोले- जब मुझे बताया गया कि वह अब नहीं रहा तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ। वह मेरी सेना की ड्रेस पहनकर घूमता था। इंजीनियरिंग करने के बाद भी वह सेना में जाना चाहता था। उसने एक बार में ही परीक्षा पास कर ली और सेना में भर्ती हो गया।
मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने देश और देश की सुरक्षा के लिए कुछ किया है। दुख की बात यह है कि हम उससे दोबारा नहीं मिल पाएंगे, अन्यथा मुझे खुशी है कि उसने अपने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। रात 11 बजे हमें उसकी खबर मिली। मैं भी फौजी रहा हूं, जंगल में आतंकियों को देख पाना बड़ा मुश्किल होता है। जंगल बहुत घने होते हैं।
सिपाही अजय सिंह नरूका (26) की पार्थिव देह बुधवार सुबह 9:15 बजे सिंघाना से भैसावता कलां (झुंझुनूं) पहुंचेगा। वहां से शहीद के सम्मान में यात्रा निकाली जाएगी। अजय के पिता कमल सिंह नरूका भी सेना में हवलदार रह चुके हैं। कमल सिंह 2015 में रिटायर हुए थे। शहीद अजय सिंह नरूका की शादी 21 नवंबर 2021 को शालू कंवर (24) से हुई थी। मां सुलोचना देवी गृहिणी हैं।
अजय सिंह का छोटा भाई करणवीर सिंह (24) बठिंडा (पंजाब) के AIMS में डॉक्टर है। पत्नी शालू कंवर ने इसी साल चिड़ावा के कॉलेज से MSc. क्लियर किया है। शहीद के चाचा कायम सिंह भी भारतीय सेना की 23 राजपूत रेजिमेंट में सिक्किम में तैनात हैं। उन्हें 2022 में सेना मेडल से नवाजा गया था।
परिजनों ने बताया- अजय सिंह दो महीने पहले छुट्टी पर घर आए थे। इसके बाद ड्यूटी पर वापस लौट गए थे। दो दिन बाद 18 जुलाई को छुट्टी लेकर गांव आने वाले थे। इससे पहले मुठभेड़ में शहीद हो गए। शहीद अजय के गांव के रास्तों की साफ-सफाई की जा रही है। घर तक जाने वाली गली ऊबड़-खाबड़ है।
बिजेंद्र सिंह 2018 में आर्मी में भर्ती हुए थे। 2019 में उनकी शादी अंकिता के साथ हुई थी। उनके दो बेटे हैं, जिनमें एक चार साल का, जबकि दूसरा एक साल का है। शहीद का छोटा भाई दशरथ सिंह भी आर्मी में हैं। अभी उनकी तैनाती लखनऊ में है। परिवार में तीन बहनें और माता-पिता भी हैं।
बिजेंद्र सिंह फरवरी में एक महीने की छुट्टी पर अपने घर आए थे। पांच दिन पहले घर आने वाले थे, लेकिन आतंकी घटनाओं के चलते छुट्टी कैंसिल हो गई थी। सेना के अधिकारियों का कॉल दशरथ सिंह के पास आया था। इसी के बाद उनको बिजेंद्र के शहीद होने की जानकारी हुई। दशरथ सिंह को फौरन छुट्टी देकर लखनऊ से गांव के लिए भेज दिया गया है।
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है। संगठन ने दावा किया है कि उनके हमले में आर्मी के कैप्टन समेत 12 जवान मारे गए हैं, जबकि 6 घायल हैं।