उत्तराखण्ड। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आरोप लगाया कि केदारनाथ में सोना घोटाला हुआ है. उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया जाता? वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ बनेगा? और फिर एक और घोटाला होगा. केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब है। कोई जांच शुरू नहीं हुई है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है?
ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनाने पर नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह के अंदर सोने का लेप लगाने के काम में घोटाले का आरोप भी लगाया है। शकराचार्य ने कहा कि केदारनाथ मंदिर से 228 किलो सोना गायब है। इसका हिसाब कौन देगा? स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “केदारनाथ में सोने का घोटाला हुआ है, उस मुद्दे को क्यों नहीं उठाया गया? वहां घोटाला करने के बाद अब दिल्ली में केदारनाथ बनाया जाएगा? और फिर एक और घोटाला होगा।”
बता दें कि पिछले साल केदारनाथ मंदिर के एक वरिष्ठ पुजारी ने केदारनाथ मंदिर में सोने की परत चढ़ाने के काम में 125 करोड़ रुपए तक के घोटाले का आरोप लगाया था. उनका दावा था कि सोने की जगह पीतल का लेपन किया गया था, हालांकि मंदिर समिति ने इस आरोप को खारिज कर दिया था।
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मुस्लिम लॉ बोर्ड ने SC के फैसले को गलत ठहराया, कहा- तलाकशुदा महिलाओं को गुजाराभत्ता देना इस्लामी कानून के खिलाफ
नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने तलाकशुदा मुस्लिम महिलाओं को गुजाराभत्ता देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत ठहराया है। AIMPLB की वर्किंग कमेटी ने एक बैठक कर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर चर्चा की।
इस बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें कहा गया कि यह फैसला ‘शरिया‘ (इस्लामी कानून) के खिलाफ है। लिहाजा AIMPLB सभी संभावित उपायों का पता लगाएगा जिससे सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले को पलटने को कह सके।
क्या कहा है सुप्रीम कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को कहा कि तलाकशुदा मुस्लिम महिला अपराध प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 125 (अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 144) के तहत अपने पति से भरण-पोषण की हकदार है। इसके लिए वह याचिका दायर कर सकती है।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने एक मुस्लिम युवक मोहम्मद अब्दुल समद की याचिका को खारिज करते हुए यह आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह फैसला हर धर्म की महिलाओं पर लागू होगा। मुस्लिम महिलाओं को भी गुजारा भत्ता पाने का उतना ही अधिकार है, जितना अन्य धर्म की महिलाओं को।
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NEET की सभी याचिकाएं हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर होंगी,अगली सुनवाई 18 जुलाई को
सुप्रीम कोर्ट में NEET मामले पर आज सुनवाई हुई। CJI चंद्रचूड़ की बेंच ने देश के सभी हाईकोर्ट में NTA के खिलाफ दायर हुई याचिकाओं को ट्रांसफर करने के लिए नोटिस जारी कर दिया है।
दरअसल, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिकाएं दायर की थीं। इनमें एजेंसी ने देश के सभी हाईकोर्ट में लगी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर किए जाने की मांग की थी।
इस मामले की सुनवाई की CJI चंद्रचूड़, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की डिवीजन बेंच ने की।
इससे पहले 20 जून को NTA की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता, बॉम्बे और जोधपुर हाईकोर्ट में एजेंसी के खिलाफ दायर हुई याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगाई थी। ये याचिकाएं एग्जाम में ग्रेस मार्क्स के खिलाफ दायर की गई थीं।
इसके बाद NTA ने बची हुई याचिकाओं को ट्रांसफर किए जाने की अपील की। ये याचिकाएं एग्जाम कैंसिल किए जाने से जुड़ी हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में NEET पेपर लीक और एग्जाम कैंसिल किए जाने की याचिकाओं पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी। पूरी खबर पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने NEET मामले में CBI के हलफनामे को स्वीकार कर लिया है। दरअसल, NEET मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एग्जाम से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स से 10 जुलाई शाम 5 बजे तक रिपोर्ट मांगी थी।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक CBI ने 11 जुलाई को कोर्ट में हलफनामा जमा किया था। रजिस्ट्री ने कहा था कि तय समय से देरी के बाद हलफनामा जमा करने को लेकर कोर्ट से चर्चा करें।
हालांकि, बेंच के जस्टिस जे बी पारदीवाला ने कहा कि उन्होंने CBI की रिपोर्ट जमा किए जाने की जानकारी है।
NEET विवाद पर स्टेकहोल्डर्स ने 10 जुलाई की देर शाम को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था। कोर्ट ने NEET विवाद से जुड़े 4 स्टेक होल्डर्स - NTA, CBI, केंद्र सरकार और रीटेस्ट की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं से रिपोर्ट मांगी थी।