बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में सोमवार को बड़ा हंगामा हो गया। यहां प्रदर्शन कर रहे सतनामी समाज का आंदोलन उग्र हो गया। जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर ऑफिस में आग लगा दी। इसके साथ ही कलेक्टर परिसर में खड़े कई वाहनों को भी फूंक दिया है। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई है। इस झड़प में कई लोगों को गंभीर चोंटें आई हैं। शुरुआती जानकारी के अनुसार, गिरौधपुरी में जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में सतनामी समाज प्रदर्शन कर रहा था।
सतनामी समाज के करीब हजारों लोग इसके विरोध में कई दिनों से विरोध कर रहे थे। सोमवार को सभी प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट और जिला पंचायत कार्यालय का घेराव करने निकले थे इसी दौरान प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और कलेक्टर परिसर में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने वहां खड़ी कई गाड़ियों में तोड़फोड की है। बता दें कि जैतखाम में तोड़फोड़ के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
भीड़ के उग्र होने के बाद यहां पथराव शुरू हो गया। पथराव के बाद कई पुलिसकर्मी अपनी जानबचाकर मौके से भागे। हालांकि भीड़ के उग्र होने के बाद भी लाठीचार्ज का आदेश नहीं दिया गया है। वहीं, उग्र भीड़ ने तोड़फोड़ करते हुए दमकल विभाग की गाड़ियों पर भी हमला बोला है।
क्या है जैतखाम?जैतखाम के बारे में बताया जाता है कि यह सतनामी पंथ के ध्वज का नाम है। सतनामी समाज के लिए यह जैतखाम संप्रदाय का प्रतीक माना जाता है। सतनामी समुदाय का सबसे बड़ा जैतखाम छत्तीसगढ़ के गिरौधपुरी में है। इसकी ऊंचाई करीब 77 मीटर के आसपास बताई जा रही है। कुछ अज्ञात लोगों के द्वारा इसमें तोड़फोड़ की गई थी जिसके बाद सतनामी समाज के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं।
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CM के काफिले पर हमला, दो सुरक्षाकर्मी घायल:बोले- यह राज्य की जनता पर हमला है
इंफाल। मणिपुर के जिरिबाम में उग्रवादियों ने मणिपुर सीएम एन. बीरेन सिंह के सुरक्षा दस्ते पर हमला किया। यह सुरक्षा दस्ता हिंसा प्रभावित जिरिबाम में सीएम की सभा से पहले तैयारियों का जायजा लेने जा रहा था। जब सुरक्षा काफिला कोटलेन पहुंचा तो उग्रवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें ड्राइवर समेत दो सुरक्षाकर्मी घायल हुए। हमले के वक्त मुख्यमंत्री काफिले में नहीं थे।
इस हमले को बीरेन सिंह ने निंदनीय बताया है। उन्होंने कहा कि यह हमला राज्य के लोगों पर हमला है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री पर किया गया हमला राज्य की जनता पर किया गया हमला है। इसलिए राज्य सरकार को एक्शन लेना होगा। मैं अपने सभी साथियों से सलाह लेने के बाद कोई फैसला लूंगा।
मणिपुर के जिरिबाम जिले में 6 जून की शाम को मैतेई बुजुर्ग की हत्या के विरोध में इलाके में हिंसा भड़क गई। मृतक की पहचान 59 साल के सोइबाम सरतकुमार सिंह के तौर पर हुई है। वह गुरुवार सुबह अपने खेत के लिए निकले थे, बाद में उनकी डेडबॉडी मिली जिसपर किसी धारदार हथियार से घाव किए गए थे।
इस घटना के बाद गुस्साए गांववालों ने जिरिबाम पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि चुनाव से पहले उनसे जो लाइसेंस वाले हथियार लिए गए थे, वे उन्हें लौटा दिए जाएं। जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मणिपुर पुलिस ने इंफाल में मौजूद स्टेट पुलिस कमांडो अधिकारियों को शनिवार को जिरिबाम पहुंचने का निर्देश दिया है।
हिंसा के चलते 200 से ज्यादा मैतेई लोगों को घरों से निकाल कर सुरक्षित जगहों पर भेजा गया है। कई गांव वाले अब जिरि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रह रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जिरि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में रह रहे लोगों के गांव वाले घरों को उग्रवादियों ने जला दिया था। मैतेई बुजुर्ग की हत्या और लोगों के घरों में आग लगाने के पीछे कुकी उग्रवादियों का नाम आ रहा है।
3 मई 2023 से मणिपुर की इम्फाल घाटी में रहने वाले मैतेई और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी के बीच जातीय संघर्ष में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। मैतेई, मुस्लिम, नागा, कुकी और गैर-मणिपुरी समेत विविध जातीय संरचना वाला जिरिबाम अब तक जातीय संघर्ष से अछूता रहा था।
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PMAY के तहत नए 3 करोड़ घरों को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, LPG, शौंचालय और बिजली के इंतजाम की भी बात
प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में हो रही पहले कैबिनेट मीटिंग में देशवासियों के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। फैसले के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना में और 3 करोड नए मकान बनाए जाने की योजना को मंजूरी दे दी गई है।इतना ही नहीं इस बार इस योजना के अंतर्गत पीएम आवास हितग्राहियों को एलजी बिजली और शौचालय की सुविधा देने की भी बात की जा रही है।
आपको बता दें इस बात की घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार अपने भाषणों में की थी कि यदि उनकी सरकार आती है तो वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत और 3 करोड़ आवास लाभार्थियों को देंगे। इस वादे का जिक्र भारतीय जनता पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में भी किया था।
आपको बता दें अब तक पीएम आवास आवास में जो घर लाभार्थी को दिया जाता है वह महिला के नाम से दिया जाता है। यही योजना महिला सशक्तिकरण के लिए एक मील का पत्थर जैसी है। साथ ही इस योजना में ट्रांसजेंडर, सिंगल वूमेन, एससी, एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, कमजोर सामाजिक वर्ग को प्राथमिकता दी जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत सरकार का लक्ष्य था कि जिन लोगों के पास पक्के मकान या प्लॉट नहीं है उन्हें सरकार वित्तीय सहायता देकर पक्के घर बनाने में मदद करेगी। इस योजना के अंतर्गत आने वाले लाभार्थी या तो ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के रहते हैं या LIG या MIG 1 या MIG 2 रहते हैं। इस योजना के अंतर्गत आवेदक की अधिकतम आयु 70 वर्ष रखी गई है।
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