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एनडीए ने नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद केंद्र में नई सरकार के गठन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। ताजा खबर यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही 17वीं लोकसभा भंग हो गई है। राष्ट्रपति ने नई सरकार के गठन तक मोदी व कैबिनेट को पद पर बने रहने के लिए कहा है। एनडीए की बैठक में चंद्रबाबू नायडू, नीतीश कुमार, एकनाथ शिंदे, जीतन राम मांझी, पवन कल्याण, अनुप्रिया पटेल, प्रफुल पटेल, चिराग पासवान, कुमारस्वामी और जयंत चौधरी मौजूर रहे। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ एनडीए नेताओं की बैठक खत्म हो गई। प्रधानमंत्री मोदी सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकारी आवास पर नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, जीतनराम मांझी समेत बाकी नेता पहुंच गए हैं। नई सरकार के गठन के लिए एनडीए की बैठक शुरू हो गई है। इससे पहले बुधवार को दिल्ली में मोदी कैबिनेट की आखिरी बैठक हुई। बैठक में धन्यवाद प्रस्ताव पास हुआ। सभी सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी जीत के लिए बधाई दी। अब पीएम आवास पर NDA घटक दलों की बैठक होगी, जिसमें नई सरकार के गठन के लिए मंथन किया जाएगा। एनडीए की बैठक में हिस्सा लेने के लिए नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, जीतन राम मांझी, चिराग पासवान और एकनाथ शिंदे समेत अन्य नेता दिल्ली पहुंच गए हैं।
जदयू से सीनियर नेता और प्रवक्ता केसी त्यागी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी बिना किसी शर्त के केंद्र में सरकार बनाने और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनाने के लिए समर्थन की चिट्ठी देने को तैयार है। हालांकि त्यागी ने यह इच्छा जरूर जताई कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए।
समाचार एजेंसी से चर्चा में केसी त्यागी ने कहा, नीतीश कुमार एनडीए की बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं। हम पूरी तरह से एनडीए के साथ हैं। अब कहीं और जाने का सवाल नहीं।
विपक्ष और कांग्रेस की ओर से मिल रहे प्रस्तावों (डिप्टी पीएम बनाने से लेकर बिहार को विशेष राज्य का दर्ज देने तक) पर त्यागी ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे ने यह बड़ा दिल पहले दिखाया होता तो आज यह नौबत नहीं आती।
पटना से दिल्ली आने वाली फ्लाइट में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात हुई। नीतीश जब अपनी सीट पर पहुंचे, तो पीछे वाली सीट पर तेजस्वी पहले से बैठे हुए थे। नीतीश को देखकर तेजस्वी खड़े हुए और नमस्कार किया। नीतीश ने भी नमस्कार किया और पैर की चोट के बारे में पूछा।
इसके बाद नीतीश भी अपनी सीट पर बैठ गए। मीडिया ने प्रतिक्रिया चाही, तो दोनों नेताओं ने हाथ जोड़ते हुए इनकार कर दिया।
भाजपा खेमे से खबर है कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से समर्थन की चिट्ठी मिलने के बाद ही भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।
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भाजपा ने 2019 के मुकाबले सीटें 20% गंवाईं: यूपी, राजस्थान और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा नुकसान
नई दिल्ली। 2024 लोकसभा चुनाव में NDA गठबंधन ने 292 सीटें जीत ली हैं, जो बहुमत के आंकड़े 272 से 20 ज्यादा है। इस जीत के बावजूद भाजपा अकेले बहुमत लाने में कामयाब नहीं रही है। पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान उसका गढ़ कहे जाने वाले हिंदी बेल्ट में ही हुआ।
भाजपा को यूपी में सबसे ज्यादा 29 सीटों का नुकसान हुआ है। 2019 में उसे 62 सीटें मिली थीं, जबकि इस बार पार्टी 33 पर सिमट गई। दूसरा सबसे बड़ा राज्य राजस्थान है, जहां उसे 10 सीटों का नुकसान हुआ। 2019 की 24 के मुकाबले इस बार उसे 14 सीटों पर ही जीत मिल सकी है।
बिहार में भाजपा 2019 के मुकाबले 5 सीटों के नुकसान में रही। यहां उसकी सीटें 17 से घटकर 12 रह गईं। इसी तरह झारखंड में पिछली बार की 12 के मुकाबले उसे 8 सीटें ही मिलीं। यानी कुल 4 सीटों का नुकसान हुआ। वहीं हरियाणा में पार्टी 10 से घटकर 5 सीटों पर सिमट गई।
हिंदी बेल्ट से इतर महाराष्ट्र में भी भाजपा को जबर्दस्त झटका लगा है। 2019 की 23 के मुकाबले इस बार 9 सीटें ही मिली हैं। यानी वहां भाजपा को पूरी 14 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है। कुल मिलाकर भाजपा को इस बार 20% सीटों का नुकसान है। वहीं कांग्रेस को 90% सीटों का फायदा हुआ है।

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डिप्टी सीएम पद छोड़ने की पेशकश:महाराष्ट्र में BJP को केवल 9 सीट मिलीं; पिछली बार 23 पर जीत हासिल की थी
मुंबई। लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी को महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में केवल 9 हाथ आईं। पिछली बार 2019 में पार्टी के हिस्से 23 सीटें आईं थीं। वहीं, उनकी सहयोगी पार्टी शिवसेना (शिंदे) को 7 सीटें और NCP (अजित) के हिस्से 1 सीट आई।
फडणवीस ने कहा, ''महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में हमें जो भी नुकसान हुआ, मैं उसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं। इसलिए मैं शीर्ष नेतृत्व से आग्रह करता हूं कि मुझे मंत्री पद से मुक्त किया जाए, क्योंकि मुझे पार्टी के लिए काम करने और राज्य विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अपना समय देने की जरूरत है।''
उन्होंने आगे कहा कि कुछ सीटों पर किसानों के मुद्दों ने प्रमुख भूमिका निभाई। साथ ही संविधान में बदलाव किए जाने के झूठे प्रचार ने कुछ मतदाताओं को प्रभावित किया। मुसलमानों और मराठा आंदोलन का भी वोटों पर असर पड़ा।
संविधान बदलने का दुष्प्रचार I.N.D.I.A ने ही फैलाया फडणवीस ने यह भी कहा कि भाजपा ने अकेले ही I.N.D.I.A ब्लॉक से ज्यादा सीटें हासिल की हैं। संविधान बदलने का दुष्प्रचार I.N.D.I.A ने ही फैलाया था। हमें इस पर लगाम लगाने की जरूरत थी, जो हम नहीं कर पाए। मैं देश की जनता का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने का मौका दिया।
महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के खुद को डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बयान पर कहा कि चुनावी हार सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने आगे कहा कि तीनों पार्टियों ने चुनाव में मिलकर काम किया था। वोट शेयर देखें तो मुंबई में महायुती को दो लाख से ज्यादा वोट मिले।
शिंदे ने आगे कहा कि हार के कारणों की ईमानदारी से समीक्षा की जाएगी। पिछले दो सालों में सरकार ने राज्य में कई अच्छे फैसले लिए हैं। मैं जल्द ही देवेंद्र जी से बात करूंगा। हमने पहले भी साथ मिलकर काम किया है और आगे भी करते रहेंगे। हम विपक्ष के झूठे दावों का मुकाबला करने में सामूहिक रूप से विफल रहे हैं।
महाराष्ट्र में शिवसेना-NCP टूटने से कांग्रेस को बड़ा फायदा मिला, लेकिन भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ। 48 सीटों में 9 भाजपा, 13 कांग्रेस, 9 शिवसेना (उद्धव), 7 शिवसेना (शिंदे), 8 NCP (शरद), 1 NCP (अजित) और 1 अन्य के खाते में गई । 2019 में 23 सीटें भाजपा, 18 शिवसेना व 4 NCP ने जीती थीं। सबसे बड़ा फायदा कांग्रेस को मिला। महज 17% वोट लेकर कांग्रेस यहां सबसे ज्यादा सीटें जीत गई और सबसे बड़े वोट शेयर (26%) के बावजूद भाजपा 13 सीटें गंवाकर 10 पर आ गई।