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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा रावण का पुतलाः 3 बार पेट्रोल डालने के बाद भी नहीं जला, मंत्री की मौजूदगी में हुआ तमाशा

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रतलाम। मध्यप्रदेश के रतलाम में विजयादशमी पर नेहरू स्टेडियम में नगर निगम का रावण दहन आयोजन मजाक का बन गया। नीचे का हिस्सा तो राख में बदला, लेकिन ऊपरी हिस्सा वैसा का वैसा ही खड़ा रह गया। लोगों ने भी खूब मजे लिए और मोबाइल पर अधजले रावण की फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाल दी। यह सब देखकर मंच पर बैठे नेताओं के चेहरे उतर गए।
आखिर में लाख कोशिशों के बावजूद 3 बार में भी नहीं जला रावण यहां तक की पुतले को तोड़कर उसके अवशेष जलाने पड़े। अव्यवस्था का आलम ये रहा कि जनता की बीच से गुजरी बिजली के तार करंट था जबकि कुछ दिन पहले ही करंट से एक बच्चे की मौत हुई थी। इतना ही नहीं पुलिस द्वारा मीडिया कर्मियों से दुर्व्यवहार किया गया। मंत्री चैतन्य काश्यप ने भी नाराजगी जताई है।
पहली बारः आग लगाते ही रावण के पैरों में तेजी से लपटें भड़कीं। कुछ आतिशबाजी व पटाखों की आवाजें भी निकलीं लेकिन कमर तक आते-आते आग ठंडी पड़ गई। लोग हो-हल्ला मचाने लगे। लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, लेकिन आग धीरे-धीरे बंद हो गई।
दूसरी बारः रावण जस का तस खड़ा था। करीब 10-15 मिनट बाद नगर निगम की क्रेन आई। एक व्यक्ति क्रेन के सहारे रावण के सिर के पीछे पहुंचा और उसमें पेट्रोल डाला। आग फिर भड़की लेकिन इस बार दशानन का सिर्फ बीच का मुंह जला।
तीसरी बारः क्रेन के सहारे फिर एक निगमकर्मी रावण के धड़ तक पहुंचा और उस हिस्से को नीचे गिरा दिया, लेकिन 9 सिरों वाला रावण अब भी अडिग खड़ा था। मंत्री, मेयर, अफसर सभी मैदान छोड़ चुके थे। लोग भी चले गए। अब मैदान में सिर्फ रावण बचा था। जनता ने भी नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार के नारे लगाए तो जनता ने भी खूब खरी खोटी सुनाई। अंदर वीवीआइपी रहे और जनता बाहर परेशान दिखे।
कवि दीपक पारिख ने कहा- पिछली बार कालिका माता मेले में भारी भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त में चल रही है। निगम से दस्तावेज भी जप्त किए गए। इस बार भी मेला प्रभारी धर्मेंद्र व्यास हैं। हालांकि मेयर प्रहलाद पटेल ने ठेकेदार का पेमेंट रोकने की बात कही। एक और बड़ी जानकारी सामने आई है कि कवि सम्मेलन के एक दिन पहले देश के जाने माने वीर रस कवि कुंवर जावेद को ठेकदार पवन बैरागी ने सिर्फ इसलिए आने के मना कर दिया गया कि वो मुस्लिम हैं। कारण भी यही बताया कि बजरंग दल विरोध कर रहा है।
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भिंड से ग्वालियर आया 10 क्विंटल मावा पुलिस ने पकड़ा, खाद्य विभाग ने जांच के लिए सेंपल भेजे
त्योहारी सीजन में मावा की मांग अचानक बढ़ जाती है, शुद्ध मावे की आड़ में व्यापारी नकली मावा मार्केट में खपाते हैं, ये हर साल होता है और इस दौरान खाद्य विभाग, पुलिस एक्शन लेती है, कई बार मिलावटी मावा कपड आ जाता है और कई बार वो बाजार में पहुंच भी जाता है।
दशहरा निकल गया है और करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली का त्यौहार आने वाला है, इस दौरान मिठाई की बढ़ती मांग को समझते हुए मिलावटखोर भी सक्रिय हो गए हैं, ग्वालियर चंबल का नकली और मिलावटी मावा माफिया ने तेजी से माल सप्लाई शुरू कर दी है लेकिन ग्वालियर पुलिस ने उनके मनसूबे पर पानी फेर दिया और भिंड से ग्वालियर बिकने आया 10 क्विंटल मावा जब्त कर लिया, खाद्य विभाग ने मावे के सेंपल जाँच के लिए भेज दिए हैं।
त्यौहारों का समय नजदीक आते ही मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं, उनके यहाँ मावा बनाने की मात्रा बढ़ जाती है, भिंड-मुरैना के दूरस्थ इलाके में बसे गांवों में नकली मावा, नकली पनीर, नकली दूध की फैक्ट्रियां चलाई जाती है और ये यहाँ से माल तैयार कर बाजार में खपाते हैं, हालाँकि पुलिस इन्हें कई बार दबोच भी लेती है।
ग्वालियर की सिरोल थाना पुलिस को सूचना मिली कि एक पिक अप वाहन में भिंड एक मौ तरफ से बड़ी मात्रा में मावा ग्वालियर आया है और वो ऑटो में ट्रांसफर होकर ग्वालियर के व्यापारियों एक पास बिक्री के लिए जा रहा है सूचना मिलते ही टीम को रवाना किया।
सिरोल थाना प्रभारी ने थाने की टीम को मुखबिर द्वारा बताये स्थान पर भेजा तो वहां एक पिक अप (लोडिंग वाहन) और दो ऑटो मिले, मावा लेकर आने वालों ने पिक अप वाहन से ऑटो में मावा ट्रांसफर कर लिया था, पुलिस ने छापा मार कर पकड लिया, पूछताछ करने के लिए थाने ले आये।
पुलिस ने बताया कि चूँकि मावे असली है या मिलावटी इसकी पहचान सिर्फ खाद्य विभाग कर सकता है तो उन्हें सूचित किया जिसके बाद खाद्य अधिकारी थाने पर आये और उन्होंने मावे की सेम्पलिंग की, खाद्य अधिकारियों ने बताया कि जब्त किया मावा 10 क्विंटल है इसके सेंपल लेकर जाँच के लिए भेजा है रिपोअर्ट के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।
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दशहरा देखने गए परिवार के घर 15 लाख की चोरीः पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट, 110 किमी दूर SP कार्यालय पहुंचा पीड़ित
शहडोल। दशहरा देखने गए परिवार के घर पर चोरों ने धावा बोलकर लाखों की संपत्ति पार कर दी। वार्ड नंबर 11 सेमारी रोड निवासी विवेक कुमार नामदेव परिवार के साथ विजयदशमी देखने गए थे। इस दौरान घर खाली था और इसी मौके का फायदा उठाते हुए चोरों ने करीब 15 लाख रुपए से अधिक मूल्य के सोने-चांदी के जेवरात व नगदी पर हाथ साफ कर दिया।
मकान मालिक और पड़ोसियों का कहना है कि चोर काफी समय से इस दिन का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही परिवार दशहरा देखने निकला, चोरों ने लोहे की सब्बल से दरवाजा तोड़कर घर के अंदर घुसकर। दो घंटे के भीतर ही पूरा घर खंगाल डाला। वारदात के बाद चोरी में इस्तेमाल किया गया औजार घर में ही छोड़ गए।
परिवार जब दशहरा देखकर घर पहुंचा तो नजारा देखकर उनके होश उड़ गए। आलमारी और बक्से टूटे पड़े थे, कीमती गहने और नगदी गायब थी। पीड़ित ने तुरंत थाना ब्यौहारी पहुंचकर शिकायत दर्ज कराना चाहा, लेकिन वहां से उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि थाने में कोई ऑपरेटर नहीं है, बाद में रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।
थाने की बेरुखी से आहत परिवार मजबूर होकर 110 किलोमीटर दूर शहडोल जिला मुख्यालय पहुंचा और पुलिस अधीक्षक से मिलकर गुहार लगाई, तब जाकर शिकायत दर्ज की गई। त्योहारी सीजन में चोरी वारदात और थाने की उदासीनता से जनता में आक्रोश है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर थाना स्तर पर ही रिपोर्ट दर्ज नहीं होगी तो आम आदमी न्याय के लिए भटकता ही रहेगा।