आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों की मदद से बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के आतंकी परमिंदर सिंह उर्फ पिंडी को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से भारत लाने में कामयाबी मिली है। पिंडी विदेश में बैठे आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और हैप्पी पासिया का करीबी है और पंजाब में कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है।
पिंडी विदेशी आधारित आतंकी हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और हैपी पशिया का नजदीकी सहयोगी है और बटाला-गुरदासपुर क्षेत्र में पेट्रोल बम हमले, हिंसक हमले और जबरन वसूली सहित कई घिनौने अपराधों में शामिल है।
एसएसपी बटाला सुहेल कासिम मीर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि, पंजाब पुलिस के अनुरोध पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पिंडी के खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था। इसके बाद UAE की एजेंसियों ने पिंडी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद एक वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में पंजाब पुलिस की 4 सदस्यीय टीम 24 सितंबर को UAE गई थी। वहां UAE सरकार और भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय कर सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं और आरोपी को भारत लेकर लौट आई।
पिंडी का जन्म पंजाब के तरन तारन में हुआ था। वह कई सालों से विदेश में रहते हुए भारत में आतंकवादी मॉड्यूल्स को संचालित कर रहा था। पिंडी को बब्बर खालसा के वरिष्ठ कमांडरों में गिना जाता है, जो हथियारों की तस्करी, फंडिंग और युवाओं के बीच कट्टरपंथ बढ़ाने में शामिल रहा है। वो हरविंदर सिंह रिंदा और हैप्पी पासिया का भी करीबी है। ये दोनों विदेशों से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जाने जाते हैं।
पिंडी का नाम पहली बार 2005 में सामने आया था। तब पंजाब पुलिस ने BKI के मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था, जिसमें वह मुख्य साजिशकर्ता था। रिपोर्ट के मुताबिक, पिंडी ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हथियार और विस्फोटक भारत भेजने का भी काम किया। 2018 में पुलिस ने उसके नेटवर्क से जुड़ा 10 किलोग्राम RDX जब्त किया था।पिंडी का आतंक गुरदासपुर और बटाला में फैला हुआ था। वो पेट्रोल बम हमले और रंगदारी जैसी कई वारदातों में शामिल रहा।
पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने कहा, “यह प्रत्यर्पण आतंकवाद और संगठित अपराध के प्रति पंजाब पुलिस की शून्य-सहिष्णुता नीति, उन्नत जांच क्षमताओं और वैश्विक पहुंच को दर्शाता है। न्याय बनाए रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के इस संयुक्त प्रयास में सहयोग के लिए हम केंद्रीय एजेंसियों, विदेश मंत्रालय और UAE सरकार के आभारी हैं।” DGP ने कहा कि पंजाब पुलिस के प्रयासों और केंद्रीय एजेंसियों के घनिष्ठ सहयोग से यह प्रत्यर्पण संभव हो पाया है।
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‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद में मौलाना गिरफ्तार, 8 लोगों को भेजा जेल, 2000 पत्थरबाजों पर FIR
बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस ने मौलाना को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है। इसके अलावा 39 लोगों को हिरासत में लिया गया है और 2,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। हिंसा में कुल 22 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मौलाना तौकीर रजा की अपील पर बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे। ये लोग ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टर लेकर प्रदर्शन करने निकले थे। प्रशासन ने पहले ही प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी और मौलाना ने अंतिम समय में प्रदर्शन टालने की घोषणा कर दी थी। इसके बावजूद लोग अल हजरत दरगाह और रजा के घर के पास जमा हो गए। पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
बरेली के एसएसपी ने बताया कि हिंसा को लेकर अब तक 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं—कोतवाली थाने में 5, बरादरी में 2, प्रेमनगर में 1 और कैंट में 1। इनमें से 7 मुकदमों में मौलाना तौकीर रजा का नाम शामिल है। पुलिस ने 8 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और 39 को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। साथ ही 2,000 अज्ञात उपद्रवियों पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि वीडियो फुटेज और तस्वीरों के आधार पर अन्य आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, मौलाना भूल गया कि शासन किसका है। वो मानता था कि धमकी देंगे और जाम कर देंगे। हमने कहा कि जाम नहीं होगा, कर्फ्यू नहीं लगेगा। ऐसा सबक सिखाएंगे कि आने वाली पीढ़ियां दंगा करना भूल जाएंगी। सीएम ने साफ कहा कि कानून हाथ में लेने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
बरेली के जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कहा कि पुलिस ने मौके पर सख्त कार्रवाई कर स्थिति को नियंत्रण में ले लिया है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि सभी उपद्रवियों की पहचान वीडियो और फोटो के जरिए की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बयान जारी कर कहा कि बरेली की हिंसा एक पूर्वनियोजित साजिश का हिस्सा थी। सरकार के अनुसार, इस घटना के पीछे पश्चिमी यूपी में निवेश और औद्योगिक माहौल को प्रभावित करने की कोशिश की गई।
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ड्रोन से निपटने के लिए ‘अनंत शस्त्र’ खरीदेगी सरकार, BEL को दिया गया 30,000 करोड़ का आर्डर
रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देते हुए, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर वायु रक्षा को मज़बूत करने के लिए ‘अनंत शस्त्र’ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल हथियार प्रणालियों की पाँच से छह रेजिमेंट खरीदने के लिए एक निविदा जारी की है। रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि भारतीय सेना द्वारा सरकारी स्वामित्व वाली भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित अनंत शस्त्र वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए निविदा जारी की गई है, जिसे पहले क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल प्रणाली के रूप में जाना जाता था। इसकी कुल लागत 30,000 करोड़ रुपये है। इससे भारत की वायु रक्षा क्षमता मजबूत होगी।
‘अनंत शस्त्र’ एक वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। इसे पहले क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) नाम से जाना जाता था। यह चलते-फिरते लक्ष्यों को खोज कर ट्रैक करने और बर्बाद करने की क्षमता रखती है। हाल ही में पाकिस्तान के साथ संघर्ष के दौरान जिस तरह ड्रोन का इस्तेमाल हुआ था, उसे देखते हुए ये बेहद अहम है। इसे पाकिस्तान और चीन के साथ लगी सीमा पर तैनात किया जाएगा।
यह रात और दिन दोनों समय लक्ष्यों को खोजने, ट्रैक करने और मार गिराने की क्षमता रखता है। परीक्षण के दौरान इसने रात और दिन दोनों में बराबर लक्ष्य सटीकता दिखाई है। इसकी मिसाइलों की मारक दूरी लगभग 30 किलोमीटर तक है, जो इसे छोटी से मध्यम दूरी की हवाई सुरक्षा के लिए अनुकूल बनाती है।’अनंत शस्त्र’ कम समय में लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है, जो इसे अचानक होने वाले हमलों से निपटने में सक्षम बनाती है।
वायुसेना के लिए कितनी अहम है ये प्रणाली?
यह प्रणाली वायुसेना की मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियों जैसे MR-SAM (मीडियम रेंज सतह से हवा मिसाइल) और आकाश मिसाइल सिस्टम के साथ काम करेगी। MR-SAM और आकाश लंबी दूरी की सुरक्षा प्रदान करते हैं, वहीं ‘अनंत शस्त्र’ छोटे और मध्यम दूरी के खतरों से रक्षा सुनिश्चित करेगी। इस प्रणाली के साथ सेना को नए रडार, शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम, जैमर और लेजर आधारित सिस्टम भी मिलेंगे, जो उसकी क्षमता को और बढ़ाएंगे।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद तेजी से क्षमता बढ़ा रही है सेना
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद से सेना तेजी से अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी है। हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने 97 तेजस लड़ाकू विमानों के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 62,370 करोड़ रुपये का समझौता किया है। सेना में ‘रुद्र’ और ‘भैरव’ नामक ब्रिगेड की भी स्थापना की जा रही हैं। रूस से बचे हुए S-400 की आपूर्ति भी जल्द हो सकती है और अमेरिका से अपाचे हेलीकॉप्टर भी मिले हैं।
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