हापुड़। उत्तर प्रदेश के हापुड़ से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। जहां एक युवक के पेट से डॉक्टरों ने 28 से 29 स्टील की चम्मचें, 19 टूथब्रश और 2 बॉलपेन पेन निकले हैं। युवक को पेट में तेज दर्द होन के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
यह मामला बुलंदशहर के रहने वाले सचिन का है, जो नशे का आदी था। उसके परिवार ने उसे एक नशामुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। बताया जा रहा है कि वहां कम खाना मिलने और नशामुक्ति केंद्र में रहने से नाराज होकर सचिन ने चम्मच और टूथब्रश खाना शुरू कर दिया था।
जब धीरे-धीरे उसके पेट में दर्द बढ़ने लगा तो उसे हापुड़ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने जब सचिन के पेट की जांच की तो उन्हें बड़ी मात्रा में धातु जैसी चीजें दिखाई दीं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों की एक टीम ने तुरंत ऑपरेशन करने का फैसला किया। ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने सचिन के पेट से 29 चम्मच, 19 टूथब्रश और 2 बॉलपेन पेन निकाले।
डॉक्टरों के अनुसार, इतनी सारी वस्तुओं को निगलने के बाद भी मरीज का जीवित रहना एक चमत्कार है। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि ऐसी आदतें अक्सर उन लोगों में देखी जाती हैं, जिन्हें मानसिक समस्याएं होती हैं। फिलहाल, सचिन की हालत स्थिर है और वह डॉक्टरों की निगरानी में है। समय पर ऑपरेशन होने से उसकी जान बच गई।
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गांधीनगर में बवाल : दुकानों में पथराव की तोड़फोड़-आगजनी; ‘I Love..’ स्टेटस से भड़की हिंसा
गांधीनगर। गुजरात की राजधानी गांधीनगर के बहियल गांव में रात बड़ा विवाद खड़ा हो गया। सोशल मीडिया पर लगे ‘I Love Mohammed’ और ‘I Love Mahadev’ स्टेटस को लेकर दो समुदाय आमने-सामने आ गए। मामला इतना बढ़ा कि पथराव, आगजनी और हिंसा शुरू हो गई। पुलिस ने अब तक 60 लोगों को हिरासत में लिया है।
इस स्टेटस को देखकर मुस्लिम समाज के लोग भड़क गए। देखते ही देखते भीड़ इकट्ठा हुई और गरबा पंडाल के पास हिंदू इलाके में पत्थरबाजी की गई। कई दुकानों का सामान बाहर निकालकर आग के हवाले कर दिया गया।
हिंसा फैलने पर हिंदू समाज के लोगों ने भी जवाबी पत्थरबाजी की। मौके पर भारी पुलिस बल पहुंचा और दोनों पक्षों को अलग किया। पुलिस ने 50 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया और 30 से अधिक नाम भी सामने आए हैं। पूछताछ जारी है।
पुलिस ने पूरे गांव को घेर लिया है और हर नुक्कड़ पर जवान तैनात किए गए हैं। माहौल अब शांत बताया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, हिंसा के वक्त गांव की बिजली भी काट दी गई थी ताकि अंधेरे में उपद्रव बढ़ सके। हालांकि, इस पर पुलिस की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
गांववालों का दावा है कि कुछ दिन पहले भी ऐसा माहौल बनने वाला था, लेकिन उस समय स्थिति संभल गई थी। उनका कहना है कि बुधवार की हिंसा अचानक नहीं बल्कि योजनाबद्ध थी। हालांकि पुलिस फिलहाल इसे सिर्फ सोशल मीडिया पोस्ट से भड़की घटना मान रही है।
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रेल लॉन्चर से अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण; 2000 किमी है रेंज, भारत को मिली बड़ी सफलता
नई दिल्ली. भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया है. इस परीक्षण की सबसे खास बात यह रही कि मिसाइल को पहली बार विशेष रूप से डिजाइन किए गए रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से दागा गया. यह परीक्षण अपनी तरह का पहला है और भारत की रणनीतिक क्षमताओं में एक नया अध्याय जोड़ता है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से इसकी जानकारी साझा की और परीक्षण का वीडियो भी जारी किया. उन्होंने बताया कि यह लॉन्चर सिस्टम बिना किसी पूर्व तैयारी के देशभर के रेल नेटवर्क पर कहीं से भी चल सकता है और कम समय में जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम है. इसकी सहायता से मिसाइल की लो विजिबिलिटी में भी लॉन्चिंग की जा सकती है, जो रणनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम है.
राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ, सामरिक बल कमान (एसएफसी) और सशस्त्र बलों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि इस सफल परीक्षण के साथ भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो गया है जिनके पास रेल आधारित मोबाइल कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम विकसित करने की क्षमता है.
अग्नि-प्राइम मिसाइल को डीआरडीओ ने डिजाइन और विकसित किया है. यह मिसाइल 2000 किलोमीटर तक की मारक क्षमता रखती है और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. यह नई पीढ़ी की मिसाइल है, जिसे कई आधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है और यह उच्च सटीकता के साथ अपने लक्ष्यों को भेदने में सक्षम है.
गौरतलब है कि भारत के पास पहले से अग्नि-1 से लेकर अग्नि-5 तक की मिसाइल श्रृंखला मौजूद है. अग्नि-1 से अग्नि-4 की रेंज 700 किलोमीटर से लेकर 3500 किलोमीटर तक है, जबकि अग्नि-5 की रेंज 5000 किलोमीटर तक है. इसकी जद में चीन के उत्तरी क्षेत्र के साथ-साथ एशिया और यूरोप के कई हिस्से भी आते हैं. इस परीक्षण के साथ भारत की रणनीतिक क्षमताओं को नई मजबूती मिली है और देश की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता और भी अधिक विश्वसनीय हो गई है.
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