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पारधियों के डेरों पर पुलिस ने मारा छापा, 190 नकली सोने के बिस्किट, 20 घातक हथियार मिले

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कटनी. एमपी के कटनी सहित आसपास के क्षेत्र में बढ़ रही अपराधिक वारदातों को देखते हुए पुलिस के 215 जवानों ने देर रात पारधी समुदाय के गांव में एक साथ छापे मारे है. पुलिस को दबिश के दौरान पारधियों के डेरों से 190 नकली सोने के बिस्किट मिले है. पुलिस ने मामले में सिर्फ एक ही आरोपी को गिरफ्तार किया है.
पुलिस अधिकारियों की माने तो पुलिस की 15 टीमें बनाई गई थी, जिन्होने अलग अलग क्षेत्र से घेराबंदी करते हुए हरदुआ, खिरहनी, बहिरघटा, चपना, दरोड़ी, धौरा, छिदिया टोला व हीरापुर गांव के पारधी डेरों पर घेराबंदी कर दबिश दी. यहां तक कि चार ड्रोन की मदद से रेड की निगरानी भी जा रही थी. देर रात पुलिस बल द्वारा दी गई दबिश से पारधियों में अफरातफरी व भगदड़ मच गई, पारधी अपने डेरो से भागते इससे पहले ही तलाशी शुरु कर दी गई.
खबर है कि पुलिस ने मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं अधिकारियों का कहना है कि 12 लोगों से पूछताछ की जा रही है, जिनसे अपराधिक घटनाओं का खुलासा होने की संभावना है. देर रात दी गई पुलिस की दबिश के बाद से गांवों में हड़कम्प मचा हुआ था, पारधी समाज के लोग अपने बच्चों को लेकर इधर से उधर भागते नजर आए. गौरतलब है कि पारधियों के गिरोह पर जबलपुर के गोसलपुर सिहोरा रोड पर भी पुलिस अधिकारियों द्वारा दबिश दी गई थी, पारधियों के कुछ लोग अवैध रुप से शराब का कारोबार करने की पुलिस को लगातार खबर मिल रही थी, जिसके चलते पुलिस ने कार्यवाही की थी.
पारधियों के डेरों से बरामद किया गया सामान-
-190 नकली सोने के बिस्किट
-20 घातक हथियार,
-15 किलो गांजा
-26 मोटर साइकलें
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चल रही नकली नोट बनाने की फैक्टरी, 18 लाख के नकली नोट बरामद, 7 गिरफ्तार
जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित अधारताल क्षेत्र में चल रही नकली नोट बनाने की फैक्टरी पर पुलिस ने छापा मारा है. यहां से पुलिस ने करी 18 लाख के नकली नोट बरामद किए है. यह कारखाना गिरोह के मास्टर माइंड ऋतुराज विश्वकर्मा के किराए के मकान में संचालित किया जा रहा था. पुलिस ने इस मामले में अब तक 7 लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह पूरे मध्य प्रदेश में जाली नोट खपाने की तैयारी में थाए जिसमें उन्हें भारी कमीशन के बदले नकली नोट असली नोटों में बदलवाने का नेटवर्क खड़ा करना था.
पुलिस अधिकारियों की माने तो हनुमानताल पुलिस ने 16 जून को रवि दाहिया उम्र 55 वर्ष मंडी मदार टेकरी से उस वक्त पकड़ा था, जब वह नकली नोट खपाने के लिए ग्राहक का इंतजार कर रहा था. पुलिस ने आरोपी रवि दाहिया के कब्जे से 2 लाख 94 हजार के 500-500 के नकली नोट बरामद किए थे. पुलिस को पूछताछ में आरोपी रवि दाहिया ने ताया कि ये नोट उसे अधारताल निवासी ऋतुराज विश्वकर्मा से मिले है. रवि की हर 1 लाख नकली नोट के बदले 30 हजार रुपए के असली नोट देने की डील हुई थी. इसके बाद पुलिस ने ऋतुराज के घर पर छापा मारा, जहां से 1 लाख 94 हजार रुपए के नकली नोट, लेपटॉप, कलर प्रिंटर, कटर वर ए 4 साइज के दर्जन पेपर बरामद किए गए. जांच में खुलासा हुआ कि ऋ तुराज पिछले एक महीने से नकली नोट छापने व खपाने का काम कर रहा था.
पूछताछ में ये भी पता चला है कि ऋ तुराज 3 लाख असली नोट के बदले 12 लाख नकली नोट देता था. पुलिस को पूछताछ में पता चला कि मंडला निवासी संतोष श्रीवास्तव व अजय नवेरिया को ऋ तुराज ने 12 लाख के नकली नोट दिए थे. सौदे के अनुसार उन्हें 3 लाख रुपए के असली नोट देने थे. पुलिस ने अजय के पास से 10 लाख व शहपुरा निवासी जमना प्रसाद पटेल के पास से 3 लाख के नकली नोट बरामद किए हैं. रिमांड में मास्टरमाइंड ऋ तुराज विश्वकर्मा ने बताया कि उसने नकली नोट खपाने के लिए पूरी टीम बना ली थी. वह प्रदेश के हर जिले में अपना नेटवर्क तैयार करना चाहता था. इसके लिए लगातार प्रयास कर रहा था. पुलिस को इस मामले में अभी 8वें आरोपी राकेश तिवारी की तलाश है, जो अभी तक फरार है. पुलिस की टीमें आरोपी को पकडऩे के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है.
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि आरोपी जबलपुर के आसपास आदिवासी बाहुल्य व ग्रामीण क्षेत्रों में नोट खपाते रहे, यहां नकली नोट खपाने में आसानी होती थी. ऋतुराज ने रेलवे स्टेशन पर धीरज से मुलाकात के बाद गौरव राकेश से परिचय कराया था. इसके बाद योजना को अंजाम दिया.
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि ऋतुराज के परिवार में पत्नी व एक ेटा है. परिजनों को दिखाने के लिए वह प्राइवेट नौकरी करने के लिए जाता और रात को जब परिजन सो जाते तो अपने कमरे में नकली नोट तैयार करता रहा. ऋतुराज ने नोट बनाने के लिए सफेद कागज ऑन लाइन बुलवाया था. यहां तक कि नोट के लिए मंहगे रंग का उपयोग करता रहा. आरोपी पहले लैपटॉप में असली जैसे दिखने वाले 500 के असली नोट की डिजाइन तैयार करता था. फिर प्रिंटर की मदद से एक सीट पर दोनों तरफ 500-500 के नोट प्रिंट करता. असली नोट में जहां चांदी की तार लगती है, वहां पर सिल्वर कलर से लाइन खींची जाती थी.
नकली नोट की अगर गड्डी बनाई जाए और फिर उसे असली नोटों के जैसे गिना जाए तो नोट आसानी से खिसकते नहीं थे. यही वजह है कि असली-नकली नोट में फर्क समझ में आता था. इसके साथ ही नकली नोट का पेपर असली की अपेक्षा थोड़ा सा मोटा है. नकली नोट रैकेट के मास्टरमाइंड ऋतुराज विश्वकर्मा के पास से जबलपुर पुलिस ने करीब 5 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं. वह नकली नोटों को बाजार में खपाने की तैयारी में था. पूछताछ के दौरान पता चला है कि ऋतुराज के कुछ साथी छत्तीसगढ़ में छिपे हुए हैं.
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महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ठगी, 7 फर्जी वेबसाइट्स ने किया फ्रॉड
उज्जैन, महाकाल मंदिर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के साथ ठगी के कई नए मामले सामने आ रहे हैं. होटल की फर्जी वेबसाइटों से लेकर भस्म आरती के नाम पर होने वाली ठगी तक, अपराधी अब श्रद्धालुओं की आस्था का फायदा उठाने में जुटे हैं. हाल ही में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने महाकालेश्वर भक्त निवास के नाम पर 7 फर्जी वेबसाइटों का पर्दाफाश किया और उन्हें बंद कर दिया.
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में प्रतिदिन लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. इन श्रद्धालुओं की श्रद्धा और विश्वास को देखकर कुछ साइबर अपराधियों ने श्री महाकालेश्वर भक्त निवास के नाम पर फर्जी वेबसाइटें बनाई थीं. इन वेबसाइटों पर होटल बुकिंग के नाम पर ऑनलाइन ठगी की जा रही थी. श्रद्धालुओं से एडवांस बुकिंग के नाम पर पैसे लिए जा रहे थे और जब वे उज्जैन पहुंचते तो पता चलता कि उनकी बुकिंग फर्जी है.
साइबर अपराधी इन फर्जी वेबसाइट्स के माध्यम से श्रद्धालुओं से ऑनलाइन एडवांस पेमेंट लेकर उन्हें नकली होटल बुकिंग दे देते थे. जब ये श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते, तो होटल में उनकी कोई बुकिंग नहीं होती थी और वे ठगा हुआ महसूस करते थे. पुलिस को इस संबंध में कई शिकायतें मिली थीं.
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. कोतवाली सीएसपी, महाकाल थाना पुलिस और आईटी सेल की संयुक्त टीम ने तकनीकी स्तर पर जानकारी जुटाकर इन वेबसाइटों की होस्टिंग और डोमेन रजिस्ट्रेशन की जांच की. साक्ष्यों की पुष्टि होने के बाद इन 7 फर्जी वेबसाइटों को बंद कराया गया और भविष्य में ऐसी वेबसाइटों को सक्रिय होने से रोकने के लिए कदम उठाए गए.
फर्जी वेबसाइट्स के नाम
https://shrimahakaleshwarbhaktaniwasonline.com/
https://shrimahakaleshwarbhaktaniwas.in/
https://shrimahakaleshwarbhaktaniwasuj81.godaddysites.com/
https://shrimahakaleswarbhaktanivas.co.in/
https://shrimahakaleshwarbhaktaniwaas.com/
https://shrimahakaleshwarbaktaniwas.com/
https://mahakaleshwarbhaktaniiwas.com/
श्रद्धालुओं से अपील
सभी श्रद्धालुओं से उज्जैन पुलिस ने अपील की है कि बुकिंग केवल मंदिर समिति की आधिकारिक वेबसाइट या सरकारी अनुमोदित पोर्टल्स से ही करें. किसी भी अनजान वेबसाइट पर पेमेंट करने से पहले उसकी सत्यता की जांच जरूर करें. यदि आपको कोई संदिग्ध गतिविधि या वेबसाइट दिखे, तो तुरंत महाकाल थाना या साइबर सेल से संपर्क करें.