इंदौर । चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड की गुत्थी अब सुलझने लगी है। मेघालय पुलिस ने खुलासा किया है कि इस हत्या की साजिश किसी और ने नहीं, बल्कि राजा की पत्नी सोनम ने ही रची थी। शादी के कुछ ही दिनों बाद हनीमून पर गए राजा की शिलांग में रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई थी। जांच के बाद पता चला कि सोनम ने अपने प्रेमी और साथियों के साथ मिलकर राजा की हत्या की योजना बनाई थी। वारदात के बाद वह गाजीपुर भाग गई थी, लेकिन दबाव में आकर आखिरकार सरेंडर कर दिया। इस मामले में कुल पांच गिरफ्तारी हो चुकी हैं।
हनीमून से हत्या तक की पूरी कहानी… इंदौर के राजा रघुवंशी और सोनम की शादी 11 मई को धूमधाम से हुई। सबकुछ सामान्य लग रहा था। किसी को अंदाजा नहीं था कि ये रिश्ता एक खौफनाक मोड़ लेने वाला है।
शादी के 9 दिन बाद 20 मई को कपल हनीमून के लिए मेघालय गया। सोनम ने ही शिलांग घूमने की योजना बनाई थी और होटल व टिकट की बुकिंग भी खुद की थी। यहीं से साजिश की शुरुआत हो चुकी थी।
राजा और सोनम 23 मई को शिलांग के नोंग्रियाट गांव स्थित डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज देखने गए। लेकिन इसके बाद दोनों लापता हो गए। 24 मई को उनकी ली गई स्कूटी एक सुनसान जगह पर लावारिस मिली, जिससे पुलिस को शक हुआ।
पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया और 2 जून को वेईसावडॉन्ग वॉटरफॉल के पास एक खाई में राजा रघुवंशी का शव मिला। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि सिर में गंभीर चोट और ऊंचाई से गिराने के कारण उसकी मौत हुई।
राजा का शव मिलने के बाद सोनम की तलाश और तेज़ हुई। पुलिस को शक होने लगा कि इस हत्या में उसी का हाथ है। टेक्निकल ट्रैकिंग से पुलिस ने उसकी लोकेशन पता की और गाजीपुर तक पहुंची।
लगातार दबाव और गिरफ्तारी के डर से सोनम ने 8-9 जून की दरम्यानी रात गाजीपुर में आत्मसमर्पण कर दिया। पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले राज खोले।
पुलिस के अनुसार सोनम का अफेयर इंदौर के राज कुशवाहा से था। शादी के बावजूद दोनों का संपर्क बना रहा। सोनम ने राज और उसके साथियों के साथ मिलकर हत्या की पूरी योजना बनाई थी।
हत्या के दिन सोनम जानबूझकर राजा को एक सुनसान इलाके में लेकर गई, जहां आकाश, विशाल और आनंद नाम के तीन हत्यारे पहले से मौजूद थे। तीनों ने मिलकर राजा की हत्या कर दी और फिर गुवाहाटी भाग निकले।
पूरी घटना के दौरान सोनम फोन के जरिए राज से संपर्क में थी। वह अपनी लोकेशन लगातार भेज रही थी, जिसे राज आगे हत्यारों तक पहुंचा रहा था। राज खुद शिलांग नहीं गया, लेकिन वह पूरी साजिश का मास्टरमाइंड बना रहा।
मेघालय पुलिस ने 8 जून की सुबह इंदौर पुलिस को अलर्ट किया। इसके बाद शुरू हुई गिरफ्तारी की कार्रवाई। ललितपुर से आकाश राजपूत, इंदौर से विशाल और राज कुशवाहा, सागर से आनंद को पकड़ा गया, सोनम को पहले ही गाजीपुर से हिरासत में लिया जा चुका था।
मेघालय पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की परतें खोल दी हैं, लेकिन जांच अभी जारी है। पुलिस अन्य संभावित सहयोगियों की भूमिका भी खंगाल रही है।
राजा रघुवंशी की हत्या केवल एक क्राइम नहीं, बल्कि भरोसे और रिश्ते के नाम पर किया गया ऐसा धोखा है, जिसने सबको झकझोर दिया है। एक पत्नी, जिसने प्रेमी संग मिलकर अपने पति की हत्या की और उसे एक ‘हनीमून ट्रैप’ में फंसा दिया। अब कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन यह मामला लंबे समय तक लोगों के ज़हन में एक सबक बनकर रहेगा।
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महिला ने चार बच्चों को दिया जन्म, शादी के 5 साल बाद हुई थी प्रेग्नेंट
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कैलाशनाथ काटजू चिकित्सालय में एक अद्भुत और प्रेरणादायक चिकित्सा घटना सामने आई है। यहां ज्योति नामक महिला ने एक साथ चार बच्चों को जन्म दिया और अत्यंत जटिल परिस्थितियों के बावजूद अब सभी बच्चे पूरी तरह स्वस्थ हैं।
काटजू हॉस्पिटल की नोडल अधिकारी डॉ. रचना दुबे के अनुसार, 9 अप्रैल 2025 को ज्योति की डिलीवरी हुई थी। विवाह के 5 वर्षों के बाद ज्योति गर्भवती हुई थीं। यह डिलीवरी प्री-टर्म (समय से पहले) थी और चारों नवजातों का वजन सामान्य से काफी कम था। एक शिशु का वजन 1 किलो से भी कम था। बाकी तीनों का वजन लगभग 1 किलो के आसपास था।
जन्म के बाद चारों शिशुओं की स्थिति नाजुक थी। उन्हें सी-पैप मशीन (सतत सकारात्मक वायुमार्ग दबाव) पर रखा गया। साथ ही, उन्हें सर्फेक्टेंट थेरेपी दी गई, जो आमतौर पर निजी अस्पतालों में बेहद महंगी होती है। लेकिन काटजू चिकित्सालय में यह संपूर्ण चिकित्सा निशुल्क उपलब्ध कराई गई।
चारों नवजातों को लगभग दो महीने (60 दिन) तक हॉस्पिटल में विशेष निगरानी और देखभाल में रखा गया। इस दौरान डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ की सतत मेहनत और ध्यान ने बच्चों को जीवनदान दिया। चारों बच्चों को धीरे-धीरे वजन में वृद्धि कराई गई। सभी को नियमित चेकअप, पोषण और जीवनरक्षक उपचार किया गया।
9 जून को, महिला ज्योति को चारों बच्चों के साथ अस्पताल से सुरक्षित रूप से डिस्चार्ज कर दिया गया। इस संपूर्ण चिकित्सा प्रक्रिया का संचालन नोडल अधिकारी डॉ. रचना दुबे के नेतृत्व में किया गया।
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19 जून को बड़वानी आएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, विश्व सिकल सेल दिवस कार्यक्रम में होंगी शामिल
भोपाल। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 19 जून को बड़वानी जिले में विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी। इस कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल सहित अन्य मंत्री भी शामिल होंगे।
बड़वानी के कार्यक्रम में कई नवाचारों का शुभारंभ किया जाएगा, जिनमें जेनेटिक काउंसलिंग जागरूकता वीडियो और प्रभावित गर्भवती महिलाओं के लिए व्यापक दिशानिर्देश शामिल हैं। इसके अलावा, लक्षित आयु वर्ग की शत-प्रतिशत स्क्रीनिंग पूरी करने वाली पंचायतों को सम्मानित किया जाएगा।
19 जून को बड़वानी में राज्य स्तरीय कार्यक्रम के साथ ही प्रदेश के सिकल सेल प्रभावित 33 जिलों में विशेष परामर्श शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों में आम लोगों को आनुवंशिक परामर्श, रोग प्रबंधन, भावी पीढ़ी के लिए संभावनाओं और आवश्यक चिकित्सकीय सेवाओं की जानकारी दी जाएगी।
अब तक मध्य प्रदेश में 1 करोड़ 5 लाख नागरिकों की सिकल सेल स्क्रीनिंग पूरी की जा चुकी है, जिनमें 2 लाख से अधिक वाहक चिह्नित हुए और 28 हजार 297 लोग सिकल सेल रोग से ग्रसित पाए गए। इन मरीजों का उपचार जारी है और अब तक 75 लाख 36 हजार से अधिक सिकल सेल कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।
राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन की शुरुआत 15 नवंबर 2021 को राज्य हिमोग्लोबिनोपैथी मिशन के रूप में अलीराजपुर और झाबुआ में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिशन को 1 जुलाई 2023 को राष्ट्रीय स्तर पर शहडोल से लॉन्च किया था। मध्य प्रदेश में मिशन के तहत 2047 तक सिकल सेल को पूरी तरह समाप्त करने के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में सतत और सशक्त प्रयास किए जा रहे हैं।