भोपाल. एमपी की राजधानी भोपाल से अपनी दादी व मां के साथ सीकर राजस्थान खाटू श्याम के दर्शन करने आए तीन साल के बच्चे का अपहरण कर लिया गया. आरोपी ने महिलाओं से दोस्ती की और उन्हे यह कहते हुए दर्शन करने भेज दिया कि वह बच्चे को सम्हाल लेगा. पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरु कर दी है.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार भोपाल से महिला अपने तीन साल के बच्चे रक्षक व सास आशा के साथ ट्रेन से जयपुर पहुंची. प्लेटफार्म पर एक युवक से मुलाकात हुई, उसने स्वयं भी खाटू श्याम जाने की बात कही और साथ ही चल दिया. खाटूश्याम जी मंदिर पहुंचने पर युवक ने भीड़ होने का कहकर बच्चे को अपने पास रखकर मां व दादी को दर्शन करने के लिए भेज दिया. दोनों महिलाएं दर्शन करके लौटीं तो न तो बच्चा मिला और न ही वह युवक. परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. वहीं मां व दादी भी बच्चे की तलाश में इधर से उधर भटकती रही. पुलिस ने क्षेत्र के सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, इसके साथ ही आसपास के क्षेत्र में तलाश शुरु कर दी.
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि अपहरणकर्ता बच्चे को एक दुकान पर ले गया, जहां पर बच्चे को फू्रटी पिलाई. वह पुलिस थाने के आसपास भी घूमा फिर गायब हो गया. बेटे के अपहरण की खबर मिलते ही पिता अजय कुमार जाटव भी आज सुबह खाटू श्याम पहुंच गए, वे भोपाल में मिस्त्री का काम करते है और पुष्पा नगर में निवासरत है. अजय की तीन बेटियों में उनका इकलौता बेटा रक्षम है. पुलिस की टीम बच्चे की तलाश में जुटी है लेकिन अभी तक बच्चे का कहीं पता नहीं चल सका है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तलाश की जा रही है. परिजन सुबह से थाने में ही हैं. पुलिस बच्ची की मां और दादी के बयान दर्ज कर चुकी है. जयपुर पुलिस को आरोपी की फुटेज भेजी जा चुकी हैं. जिससे उसकी पहचान की जा सके और गिरफ्तारी की जा सके.
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एमपी पुलिस भर्ती परीक्षा पास करने वाले हर आरक्षक की अंकसूचियों की होगी जांच
मुरैना। पुलिस भर्ती परीक्षा-2023 में फर्जीवाड़ा कर पास हुए नवआरक्षकों के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे हैं। ग्वालियर-चंबल में अब तक 22 आरक्षक पकड़े जा चुके हैं, जिन्होंने अपनी जगह किसी सॉल्वर को बैठाकर परीक्षा पास की है। जांच में जुटे अफसरों को अब संदेह है कि कई आरक्षकों की बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट भी फर्जी हो सकती है, इसलिए नवआरक्षकों की अंकसूचियों की भी जांच करवाई जाएगी।
गौरतलब है, कि आरक्षक भर्ती के बाद हर जिले को नवआरक्षकों का कोटा दिया गया है। मुरैना जिला पुलिस को 38 और 5वीं बटालियन को 106 आरक्षकों का कोटा मिला है। इनमें से बटालियन में अब तक पांच ऐसे आरक्षक पकड़े जा चुके हैं, जिन्होंने आधार कार्ड में फोटो व बायोमैट्रिक फिंगर प्रिंट बदलवाकर साल्वर के जरिए भर्ती परीक्षा पास की। जिला पुलिस भी ऐसे दो नवआरक्षक पकड़ चुकी है। इन सातों पर धोखाधड़ी व परीक्षा अधिनियम की धाराओं में एफआइआर हो चुकी है।
आरक्षक भर्ती की जांच कई एंगल से चल रही है। इसी बीच पांचवी बटालियन के अफसरों ने तय किया है कि वह सभी 106 नवआरक्षकों की 10वीं और 12वीं की अंकसूचियों की जांच करवाएगी। जिला पुलिस को मिले 38 नवआरक्षकों में से तीन आरक्षक किसी और विभाग की नौकरी में चले गए हैं। ऐसे में जिला पुलिस बचे हुए 35 नवआरक्षक (इनमें दो फर्जी भी हैं, जिन पर एफआइआर हो चुकी है) इन सभी की अंकसूचियों की जांच करवाएगी। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल को सभी अंकसूचियों का रिकॉर्ड भेजने की तैयारी हो चुकी है।
आरक्षक भर्ती में हुए फर्जीवाड़े ग्वालियर-चंबल के अलावा पूरे मध्यप्रदेश में सामने आने लगे हैं। अभी तक जिन-जिन थानों में एफआइआर हो रही है, वहीं जांच हो रही है। लेकिन स्थानीय पुलिस को जांच के लिए पूरे दस्तावेज, वीडियो फुटेज, आधार अपडेशन की जानकारी नहीं मिल रही। दरअसल, अभ्यर्थियों ने जहां-जहां से आधार अपडेट करवाए हैं, वहां से ही जानकारी मिल सकती है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से भी भर्ती से जुड़े कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ रही है, जो जानकारियां समय पर नहीं मिल पा रहीं। ऐसे में पुलिस के वरिष्ठ अफसरों ने आरक्षक भर्ती के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) गठन का सुझाव पीएचक्यू को दिया है।
'हमें कुछ अंकसूचियां संदिग्ध लग रही हैं, इसलिए तय किया है कि भर्ती हुए प्रत्येक नवआरक्षक की बोर्ड अंकसूची की जांच करवाएंगे। इसके लिए हम माध्यमिक शिक्षा मंडल से पत्राचार कर रहे हैं। जिन पांच आरक्षकों ने साल्वर बैठाकर भर्ती परीक्षा पास की, उन पर एफआइआर हो चुकी है, हम इनकी अंकसूचियों की भी जांच करवाएंगे।'
कमल मौर्य, सहायक सैनानी, पांचवी बटालियन।
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पहाड़ी पर बम पटकते युवकों का वीडियो VIRAL, पुलिस कर रही आरोपियों की तलाश
जबलपुर की पहाड़ियों में अब बमों की टेस्टिंग हो रही है। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कि सिद्ध बाबा की पहाड़ी में कुछ लड़के पत्थर पर बम पटककर उसकी क्षमता को माप रहे है। वायरल वीडियो को घमापुर पुलिस ने संज्ञान में लेकर बदमाशों की तलाश शुरू कर दी है।
वायरल वीडियो दो दिन पहले का है, जो कि सोशल मीडिया ग्रुप में वायरल होने के बाद पुलिस तक पहुंचा। जानकारी के मुताबिक सिद्ध बाबा की पहाड़ी पर बम पटक रहे दोनों युवकों का नाम छोटू वंशकार और चिराग वंशकार है, जिनके खिलाफ कई आपराधिक मामले घमापुर थाने में दर्ज है। अब जबकि उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है तो पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि क्षेत्र में ही रहने वाले एक व्यक्ति से दोनों लड़कों का कुछ दिन पहले विवाद हुआ था, उसी ने यह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल किया है। टीआई सतीश अंधवान का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से यह वीडियो पुलिस के संज्ञान में आया है, पत्थर पर बम पटक रहे, दोनों लड़कों की पहचान हो चुकी है, जो कि घमापुर क्षेत्र के ही रहने वाले है, इसके साथ ही इन लड़कों के आसपास कुछ और लड़के भी खड़े है, उनकी भी पहचान की जा रही है। बम पटकने वाले लड़के जब गिरफ्त में होगें तब यह पता चलेगा कि इन लोगों ने बम कहां से लाए थे, और इस तरह से पत्थर में बम पटकने का क्या कारण था।