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जेल से चला रहा था हथियार तस्करी गिरोह, जुगराज के तीन साथी गिरफ्तार, छह विदेशी हथियार जब्त

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चंडीगढ़। पंजाब में अवैध हथियारों की तस्करी के खिलाफ राज्य पुलिस और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। अमृतसर बॉर्डर रेंज पुलिस और एएनटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके कब्जे से छह अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए हैं, जो सीमा पार से अवैध रूप से पंजाब लाए गए थे।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई एक संगठित हथियार तस्करी नेटवर्क के खिलाफ की गई, जिसका सरगना जुगराज सिंह बताया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि जुगराज इस समय गोइंदवाल जेल में बंद है और वहीं से पूरे रैकेट का संचालन कर रहा था। वह अपने वकील के मुंशी के जरिए नेटवर्क को निर्देश देता था, जो उसके साथियों तक संदेश पहुंचाता था।
पकड़े गए तीनों आरोपी जुगराज के करीबी सहयोगी हैं। पुलिस का कहना है कि बरामद हथियार अत्याधुनिक और घातक हैं, जिनका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों और राज्य में अशांति फैलाने के लिए किया जा सकता था। इस गिरोह के तार संभावित रूप से अन्य आपराधिक गुटों और सीमा पार आतंकी संगठनों से भी जुड़े हो सकते हैं, जिसकी जांच की जा रही है।
इस मामले में शस्त्र अधिनियम के तहत PS ANTF, SAS नगर में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने कहा है कि यह कार्रवाई राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ANTF और पंजाब पुलिस ने साफ किया है कि वे अवैध हथियारों की तस्करी को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इससे पहले 5 जून को पंजाब के तरनतारन जिले में भी एक हथियार तस्करी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया गया था। उस मामले में पुलिस ने लखना गांव से सूरजपाल सिंह और अर्शदीप सिंह को गिरफ्तार किया था और इनके पास से भी छह विदेशी हथियार बरामद किए गए थे। बताया गया था कि यह गिरोह पाकिस्तान से जुड़े नेटवर्क के जरिए हथियार मंगवाता था।
पंजाब पुलिस की यह हालिया कार्रवाई राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और संगठित अपराध के खिलाफ सख्त संदेश देने के रूप में देखी जा रही है।
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सुरक्षाबलों का नक्सलियों पर बड़ा प्रहार, 7 नक्सली ढेर, दो बड़े इनामी माओवादी भी मारे गए
अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए नक्सलियों में सुधाकर उर्फ गौतम और भास्कर नामक दो बड़े नेता शामिल हैं। सुधाकर पर ₹40 लाख और भास्कर पर ₹45 लाख का इनाम था। दोनों का शव क्रमश: 5 और 6 जून को बरामद किया गया। ये माओवादी तेलंगाना स्टेट कमेटी और सेंट्रल कमेटी से जुड़े थे।
6 और 7 जून की दरम्यानी रात को हुए एनकाउंटर में 5 अज्ञात नक्सलियों के शव मिले, जिनकी पहचान की जा रही है। इस ऑपरेशन में दो AK-47 राइफल्स, भारी मात्रा में गोलाबारूद और अन्य हथियार बरामद किए गए हैं।
अभियान के दौरान कुछ जवान सांप के काटने, मधुमक्खियों के डंक और थकावट जैसी समस्याओं से घायल हुए। सभी को प्राथमिक उपचार देकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है और सभी की हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
इससे पहले 21 मई को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और बीजापुर सीमा क्षेत्र में CPI (माओवादी) के महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू को भी एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था।
इसके साथ ही “ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट” के तहत चलाए गए तीन सप्ताह के संयुक्त ऑपरेशन में 31 कट्टर माओवादी मारे गए और कई बड़े अड्डों को नष्ट किया गया।
इस सफलता के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को सुरक्षा अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा- “मोदी सरकार भारत को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” शाह जल्द ही छत्तीसगढ़ जाकर ऑपरेशन में शामिल जवानों से भी मिलेंगे।
छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर चलाए गए इस अभियान से यह साफ हो गया है कि अब सरकार नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई के लिए तैयार है। सुरक्षाबलों का मनोबल ऊंचा है और माओवादियों के संगठन को लगातार करारे झटके मिल रहे हैं।
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गोरखपुर में हिस्ट्रीशीटर को हाइवे पर दौड़ाकर मारी गई गोली, SSP बोले…बदले में हुई है हत्या
गोरखपुर। गोरखपुर में शनिवार को उस समय हड़कंप मच गया जब दिन दहाड़े गोलियों की तड़तड़ाने की आवाज सुनाई दी। बेलीपार थानाक्षेत्र में युवक पल्सर बाइक से घर लौट रहा था। तभी वाराणसी हाइवे पर पीछे से कार सवार बदमाशों ने उसे रोका और जब तक कुछ समझा जाता तब तक ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू हो गई। बाइक सवार पर चली पहली गोली मिस हो गई और वह बाइक छोड़कर भागने लगा। उसकी हत्या की नियति से आए बदमाशों ने उसे भी दौड़ा लिया और फिर फायरिंग किए। इस बीच एक गोली उनके सीने में लगी और वह वहीं गिर कर तड़पने लगा, थोड़ी ही देर में उसकी मौत हो गई।
बेखौफ बदमाशों द्वारा युवक की हत्या के बाद वायरलेस खनखनाने लगे। थोड़ी ही देर में पुलिस अधिकारी भारी फोर्स के साथ पहुंचे। फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और जांच पड़ताल की। लाश के पास से एक पिस्टल भी मिली है। मृतक की पहचान भरवलिया गांव निवासी दिनेश निषाद के रूप में हुई है जो हिस्ट्रीशीटर भी था। घटनास्थल पर SSP राजकरन नैय्यर भी पहुंचे और मातहतों को दिशा निर्देश दिए। SSP ने बताया कि दिनेश निषाद हिस्ट्रीशीटर था और उसपर पहले ही 29 मुकदमे थे। वह अपने गांव के ही एक व्यक्ति के हत्या के मामले में आरोपी था। उसी मामले में बदले की नीयत से हत्या की बात सामने आई है। दिनेश निषाद के भाई ने शिकायत दी है। केस दर्ज किया जा रहा है।आरोपियों को पकड़ने के लिए दो टीमें लगाई गई हैं। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।