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ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41 वीं बरसी, स्वर्ण मंदिर में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे

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अमृतसर। पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार की 41 वीं बरसी मनाई गई। आज यानी 6 जून को सुबह 8 बजे अकाल तख्त साहिब पर अरदास हुई। लोगों ने स्वर्ण मंदिर में जरनैल सिंह भिंडरावाले के पोस्टर लेकर खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने इस मौके पर कोई विवादास्पद बयान नहीं दिया। साथ ही, ऑपरेशन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को सम्मानित करने से भी परहेज किया।
कौम के नाम संदेश में कहा कि सिख एक झंडे के तले अपनी मांगों की लड़ाई लड़ें। इसके साथ सिख बंदियों और बलवंत सिंह राजोआना की रिहाई की बात करें। अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसबीर सिंह रोडे ने कहा कि केंद्र सरकार के पास आज तक यह जवाब नहीं है कि सिखों के पवित्र स्थल स्वर्ण मंदिर पर हमला क्यों किया गया। खालिस्तान जिंदाबाद के नारे पर कहा कि आज के दिन यह नारा लगना कोई नहीं बात नहीं है।
ऑपरेशन ब्लू स्टार में अकाल तख्त की इमारत को हुए भारी नुकसान के बाद 1998-99 में एक नई इमारत का निर्माण किया गया था। तब से यह पहली बार है कि अकाल तख्त के जत्थेदार ने सिख समुदाय को संबोधित नहीं किया और न ही ऑपरेशन के दौरान मारे गए लोगों के परिवारों को सम्मानित किया।
दूसरी ओर, सरबत खालसा के नाम से आयोजित सिखों के समागम के दौरान नियुक्त अकाल तख्त के कार्यवाहक स्वयंभू समानांतर जत्थेदार ध्यान सिंह मंड ने अकाल तख्त परिसर के भीतर से समुदाय को अपना संबोधन दिया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने उन सिख परिवारों को सम्मानित किया, जिन्होंने इस ऑपरेशन में अपने प्रियजनों को खो दिया था।
क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार- अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों की उपस्थिति और जरनैल सिंह भिंडरावाले की गतिविधायां बढ़ने के कारण पंजाब में तनाव में बढ़ रहा था। भिंडरावाले ने 1983 में अकाल तख्त पर कब्जा कर लिया। उसने सिखों के लिए अलग संप्रभु राष्ट्र की मांग की। पंजाब में अस्थिरता को बढ़ावा दिया। 1 जून 1984 को, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पंजाब को सेना के हवाले कर दिया और ऑपरेशन ब्लू स्टार की योजना बनाई। इसका उद्देश्य स्वर्ण मंदिर में छिपे आतंकवादियों को खत्म करना था। 5 जून 1984 की शाम को सेना की कार्रवाई शुरू हुई। 6 जून को सेना ने टैंकों का सहारा लिया। 7 जून की सुबह ऑपरेशन समाप्त हुआ। सेना ने इस ऑपरेशन में भिंडरावाले को मार गिराया।
जरनैल सिंह भिंडरावाले की मौत के बाद उसकी पत्नी बिबी प्रीतम कौर ने अपने बेटों को सामान्य जीवन देने की कोशिश की। बच्चों को हिंसा और विवादों से दूर रखा। उन तक खालिस्तान आंदोलन की आंच नहीं आने दी। इशर सिंह और इंद्रजीत सिंह ने भी अपने पिता की तरह उग्रवादी या धार्मिक नेतृत्व की भूमिका निभाने में रुचि नहीं दिखाई। भिंडरावाले के परिवार पर सरकार और खुफिया एजेंसियों की कड़ी नजर थी। यदि उनके बेटों ने खालिस्तान आंदोलन में हिस्सा लेने की कोशिश की होती, तो उन पर तुरंत कार्रवाई हो सकती थी।
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भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ा तनाव : सिंधु जल संधि पर बयानबाजी के बीच बौखलाए बिलावल भुट्टो
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को सस्पेंड किए जाने के फैसले पर पाकिस्तान एक बार फिर भड़क गया है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अमेरिका में भारत को लेकर तीखा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत यदि पाकिस्तान की जल आपूर्ति रोकता है, तो इसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा।
बिलावल ने वॉशिंगटन स्थित मिडल ईस्ट इंस्टीट्यूट में कहा कि अगर जल पर हमला हुआ तो यह पहला ‘परमाणु जल युद्ध’ शुरू करने की वजह बन सकता है।
बिलावल भुट्टो ने अपने बयान में कहा, “हम ये बातें किसी राष्ट्रवादी सोच या राजनीतिक लाभ के लिए नहीं कह रहे, यह हमारे अस्तित्व से जुड़ा सवाल है। कोई भी देश अपने पानी और अस्तित्व की रक्षा के लिए लड़ेगा, चाहे वो देश कितना भी छोटा या बड़ा क्यों न हो।”
उन्होंने अमेरिका और अन्य देशों से अपील की कि वे भारत पर दबाव डालें ताकि वह सिंधु जल संधि का पालन करे और कोई एकतरफा कदम न उठाए।
बिलावल ने साफ शब्दों में कहा कि अगर भारत के साथ कोई सकारात्मक कूटनीति करनी है, नई संधियां करनी हैं तो सबसे पहले भारत को पुरानी संधियों, विशेषकर सिंधु जल संधि का सम्मान करना होगा।
बिलावल ने बताया कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया। इसके बाद भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया। जवाब में पाकिस्तान ने शिमला समझौता सहित सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करने की चेतावनी दी है। साथ ही अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करने और भारत से सभी व्यापारिक संबंध तोड़ने की बात भी कही गई है।
साल 1960 में वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी। इसके तहत भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का जल उपयोग करने का अधिकार मिला था, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी दिया गया।
भारत का कहना है कि पाकिस्तान बार-बार आतंक को समर्थन देता है और ऐसे में संधि जैसे समझौतों का पालन अब संभव नहीं है।
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बेंगलुरु भगदड़ मामला : RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले गिरफ्तार, हिरासत में DNA कंपनी के 3 अधिकारी
बेंगलुरु। बेंगलुरु भगदड़ मामले में RCB के सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर निखिल सोसाले ​को एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया है। वो मुंबई भागने की तैयारी में था। 4 जून को RCB की विक्ट्री परेड से पहले एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ मामले में पुलिस ने यह पहली गिरफ्तारी की है। वहीं इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के 3 अधिकारियों को भी हिरासत में लिया गया है।
बेंगलुरु पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए RCB के सीनियर मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को एयरपोर्ट से मुंबई भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया। उन पर सोशल मीडिया पर फ्री पास देने और भीड़ जुटाने का आरोप है। इसके साथ ही DNA एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (विक्ट्री परेड आयोजन कंपनी) के 3 अधिकारी – किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को भी हिरासत में लिया गया है। इन सभी से कब्बन पार्क थाना में ACP प्रकाश के नेतृत्व में पूछताछ की जा रही है।
कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के सचिव शंकर और कोषाध्यक्ष जयराम भी इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं। पुलिस जब इनके घर पहुंची, तो दोनों वहां फरार पाए गए। उनकी तलाश जारी है।
4 जून को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर उस वक्त भगदड़ मच गई जब IPL 2025 में RCB की जीत के बाद विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया। हजारों फैंस बिना किसी व्यवस्थित व्यवस्था के स्टेडियम और विधानसभा की ओर उमड़ पड़े। इसी दौरान सीमित गेट्स और कम पुलिसबल के कारण भीड़ बेकाबू हो गई और 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 56 लोग घायल हो गए।
RCB ने हादसे में मारे गए 11 फैंस के परिवारों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
CM सिद्धारमैया ने हादसे के तुरंत बाद बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद सहित 8 पुलिस अफसरों को सस्पेंड किया। IPS सीमांत कुमार सिंह को नया पुलिस कमिश्नर बनाया गया।
घटना की जांच के लिए रिटायर्ड जज माइकल डी’कुन्हा की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग बनाया गया है, जो 30 दिन में रिपोर्ट देगा। कर्नाटक हाईकोर्ट ने भी मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए 10 जून तक स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।
कब्बन पार्क थाने में RCB, DNA, KSCA और अन्य के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) सहित कई धाराओं में FIR दर्ज की गई है। सरकार ने CID और SIT को इस पूरे मामले की जांच सौंपी है।
CM सिद्धारमैया: हम इसके लिए तैयार नहीं थे। जश्न का पल इस हादसे से धुंधला पड़ गया। मैं इस घटना का बचाव नहीं कर रहा, लेकिन देश में पहले भी कई बड़े हादसे हुए हैं, जैसे कुंभ मेले में 50-60 लोगों की जान गई। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि हम जिम्मेदारी से बचें।
डिप्टी CM डीके शिवकुमार: हमें इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी, हम माफी मांगते हैं।
बीजेपी का हमला: नेता आर. अशोक ने हादसे को ‘राज्य प्रायोजित हत्या’ बताया और मुख्यमंत्री व डिप्टी CM से इस्तीफा मांगा।