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4 बहु-बेटा वाली मां 30 साल के प्रेमी संग हुई फुर्र, 4 लाखों के जेवर भी ले गई, परिवार है शर्मिंदा

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ललितपुर. उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां चार शादीशुदा बेटों की मां अपने बॉयफ्रेंड के साथ फरार हो गई है. इतना ही नहीं महिला अपनी बहुओं के जेवर भी समेट कर ले गई है. पीडि़त परिवार का आरोप है कि हमने इस संबंध में थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया. इसके बाद उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है.
ललितपुर के जखौरा थाना क्षेत्र के एक गांव से प्रेम-प्रसंग का एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग महिला अपने 30 साल के बॉयफ्रेंड के साथ बहुओं के जेवर लेकर फरार हो गई है. बता दें कि बुजुर्ग महिला के चार शादीशुदा बेटे भी है. बुजुर्ग महिला के पति ने बताया कि उनकी पत्नी का एक 30 साल के युवक से प्रेम-प्रसंग था. वह करीब 20 दिनों पहले उसके साथ फरार हो गई है. इस मामले में हैरान करने वाली बात यह है कि महिला अपनीचार बहुओं के जेवर भी चुराकर ले गई हैं.
पीडि़त पति ने बताया ने उन्होंने इस संबंध में जखौरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने मामले में कोई एक्शन नहीं लिया. इसके बाद उन्होंने सीएम योगी को पत्र लिखकर अपना दर्द बयां किया है. साथ ही पुलिस अधिक्षक को पत्र लिखकर पीडित परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है. मामले को लेकर प्रेमी की पत्नी का कहना है कि पति की हरकत की वजह से उसका पूरा परिवार उजड़ गया है.
पति के कारण उसे शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ रही है. महिला ने भी पति को ढूंढकर लाने की मांग पुलिस ने की है. यह पूरा मामला इलाके में चर्चा की विषय बना हुआ है, जिस पर गांव वाले तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं. इस पूरे मामले में पुलिस महिला और उसके प्रेमी की तलाश में जुटी हुई है.
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आर्मी कैंप पर भूस्खलन से 3 की मौत, 9 जवान लापता; 1500 पर्यटक फंसे
उत्तर-पूर्व भारत में लगातार हो रही बारिश ने भारी तबाही मचाई है। सिक्किम के उत्तरी इलाके में रविवार, 1 जून की शाम करीब 7 बजे एक आर्मी कैंप पर भूस्खलन हुआ। इस हादसे में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 9 जवान लापता बताए जा रहे हैं। मरने वालों की पहचान अभी नहीं हो पाई है। लापता जवानों की तलाश के लिए बचाव कार्य लगातार जारी है।
भूस्खलन सिर्फ आर्मी कैंप तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि आसपास के कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है। पहाड़ों से अचानक गिरे मलबे ने इलाके में तबाही फैला दी है। प्रभावित क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है ताकि मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की वजह से सिक्किम के लाचेन और लाचुंग जैसे पर्यटन स्थलों में करीब 1,500 पर्यटक फंस गए हैं। मंगन जिले के एसपी सोनम देचू भूटिया ने बताया कि लाचेन में 115 और लाचुंग में 1,350 पर्यटक मौजूद हैं। राहत की बात यह है कि लाचुंग के लिए सड़क संपर्क अब बहाल कर दिया गया है और पर्यटकों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सीमा सड़क संगठन (BRO) की टीम ने भूस्खलन से जमा मलबे को हटाकर सड़क को फिर से चलने लायक बनाया है। उन्होंने फिडांग इलाके में टूटे पुल और सस्पेंशन ब्रिज के पास आई दरारों की मरम्मत भी की है। इसके बाद अब लाचुंग से चुंगथांग होते हुए शिपज्ञेरे और डिकचू तक सुरक्षित रास्ता तैयार कर लिया गया है।
30 मई को उत्तरी सिक्किम में बादल फटने की घटना ने हालात और खराब कर दिए। इस दौरान 130 मिमी से ज्यादा बारिश हुई, जिससे लाचेन, लाचुंग, गुरुदोंग्मर और जीरो प्वाइंट जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाली सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। कई जगहों पर पुल टूट गए, सड़कों में दरारें आ गईं और मलबे से रास्ते बंद हो गए।
स्थानीय प्रशासन, सेना और BRO की टीमें राहत व बचाव कार्यों में जुटी हैं। लापता जवानों की तलाश, फंसे लोगों की निकासी और टूटी सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता बन चुकी है। फिलहाल, लोगों से अपील की जा रही है कि वे पहाड़ी क्षेत्रों की यात्रा से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
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कश्मीरी पंडितों का पलायन मुसलमानों पर एक धब्बा है, PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ब्राह्मणों के लिए आरक्षण की मांग की
जम्मू। पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर पंडितों का विस्थापन मुस्लिम समुदाय पर एक धब्बा है। उन्होंने मु​सलमानों के राजनीतिक सशक्तिकरण की अपील की। महबूबा मुफ़्ती ने श्रीनगर में राजभवन में सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में यह बात कही। पिछले पांच सालों में यह पहला मौका था जब उन्हें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मुलाकात के लिए बुलाया गया।
महबूबा ने उपराज्यपाल को कश्मीरी पंडितों को उनके मूल स्थानों पर वापसी और पुनर्वास के लिए एक रोडमैप बनाकर दिया। मुफ्ती ने स्थानीय पंडित समुदाय के घाटी से पलायन को ‘कश्मीर और कश्मीरी मुसलमानों पर एक धब्बा’ बताया। मीडिया कॉन्फ्रेंस के दौरान पीडीपी अध्यक्ष ने कश्मीरी पंडितों के राजनीतिक सशक्तिकरण की बात कही।
उन्होंने कहा, “कश्मीरी पंडितों को राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने की जरूरत है, जिसके लिए उनके लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाना चाहिए। इस तरह, हम वास्तविक एकीकरण सुनिश्चित कर सकते हैं। मैंने उपराज्यपाल से कहा कि वे केंद्र से कहें कि वे कश्मीरी पंडितों के लिए नामांकन के बजाय आरक्षण सुनिश्चित करें।”
उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की वापसी समुदाय को सशक्त बनाए बिना संभव नहीं हो सकती और अब समय आ गया है कि घाटी से पलायन के कारण कश्मीरी मुसलमानों पर लगे दाग को मिटाने के लिए मिलकर काम किया जाए। मुफ़्ती का यह बयान गंदेरबल जिले में आयोजित होने वाले खीर भवानी मेले से एक दिन पहले आया है। देश-विदेश से हज़ारों कश्मीरी पंडित 3 जून को ‘जेठ अष्टमी’ मनाने के लिए मंदिर में एकत्र होंगे। गौरतलब है कि 90 के दशक के प्रारंभ में जब कश्मीर की घाटियों में आतंक का दबदबा था तब पंडित समुदाय को कश्मीर से भागने पर मजबूर होना पड़ा था।
यह पूछे जाने पर कि क्या निर्वाचित जम्मू-कश्मीर सरकार शक्तिहीन है? उन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा कि उमर अब्दुल्ला स्वयं निर्वाचित सरकार को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा करने के बजाय केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का ट्यूलिप गार्डन में स्वागत करना पसंद किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीडीपी प्रमुख ने अमरनाथ यात्रा के सफल आयोजन के बारे में भी बात की। उन्होंने मांग की कि यात्रा की ज़िम्मेदारियों को साझा करने में ज़्यादा से ज़्यादा स्थानीय लोगों को शामिल किया जाना चाहिए। मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने एलजी से मुलाकात के दौरान इस पर चर्चा की और इस प्रक्रिया में स्थानीय लोगों को भी शामिल करने की मांग की। उन्होंने बिना किसी गंभीर आरोप वाले कश्मीरी कैदियों को रिहा करने की भी मांग की। उन्होंने कहा, “मैंने यह भी मांग की कि ईद के मद्देनजर जिन लोगों पर कोई गंभीर आरोप नहीं हैं, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए और देश की विभिन्न जेलों में बंद लोगों को वापस लाया जाना चाहिए।”