मंदसौर। नारकोटिक्स विंग ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अंतरराज्यीय ड्रग्स तस्करों के नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है और उनके कब्जे से 1 किलो 110 ग्राम एमडी ड्रग्स बरामद की गई है, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 1.11 करोड़ रुपए आंकी गई है।
नारकोटिक्स विंग को इनपुट मिला था कि एक पिकअप वाहन में लहसुन की बोरियों के नीचे एमडी ड्रग्स छिपाकर तस्करी की जा रही है। सूचना के आधार पर नीमच-मिर्जापुर फंटे पर दोपहर में घेराबंदी की गई। जैसे ही संदिग्ध पिकअप मौके पर पहुंची, टीम ने वाहन को रोककर तलाशी ली। तलाशी के दौरान वाहन से एमडी ड्रग्स की बड़ी खेप बरामद हुई।
तीन तस्कर गिरफ्तार
शम्सुद्दीन उर्फ अन्नू (32), निवासी मदारपुरा, मंदसौर
यामीन खान (47), निवासी माहिम वेस्ट, मुंबई
समीर शेख (50), निवासी माहिम, मुंबई
जांच में सामने आया है कि शम्सुद्दीन पहले से राजस्थान में 41 किलो अफीम तस्करी के मामले में आरोपी था और बीते चार महीने से पैरोल से फरार चल रहा था।
मुंबई में होती थी ड्रग्स की सप्लाई
टीआई भरत चावड़ा ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे मंदसौर से एमडी ड्रग्स को लेकर मुंबई के माहिम और आसपास के इलाकों में सप्लाई किया करते थे। तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
नारकोटिक्स विंग अब इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों और ड्रग्स सप्लाई चैन की जांच में जुट गई है। टीआई चावड़ा के अनुसार, जल्द ही पूरे नेटवर्क और इसके आर्थिक लेनदेन के स्रोतों की भी जांच शुरू की जाएगी।
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देशद्रोही वाले बयान पर कोर्ट सख्त, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को कोर्ट का समन, 20 मई को पेश होने के आदेश
शहडोल जिला न्यायालय ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को देशद्रोही वाले बयान को लेकर नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें 20 मई 2025 को सुबह 11 बजे व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
दरअसल, यह मामला 27 जनवरी 2025 को महाकुंभ में दिए गए उस बयान से जुड़ा है, जिसमें धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था- ‘महाकुंभ में हर व्यक्ति को आना चाहिए, जो नहीं आएगा वह पछताएगा और देशद्रोही कहलाएगा।’
इस बयान के खिलाफ शहडोल के वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप कुमार तिवारी ने 3 मार्च 2025 को जिला न्यायालय में परिवाद दायर किया था। जिस पर सुनवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट सीताशरण यादव की अदालत ने नोटिस जारी किया है।
एडवोकेट संदीप तिवारी ने कहा कि यह बयान न केवल संविधान की धर्मनिरपेक्ष भावना के विरुद्ध है, बल्कि देशवासियों को भावनात्मक रूप से बांटने वाला और भड़काऊ है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई सैनिक, डॉक्टर, पुलिसकर्मी या अन्य नागरिक जो अपने कर्तव्यों में व्यस्त होकर कुंभ में नहीं आ पाए – क्या उन्हें देशद्रोही कहा जा सकता है?
तिवारी ने यह भी तर्क दिया कि सोशल मीडिया पर की गई किसी अमर्यादित टिप्पणी पर एफआईआर हो सकती है, तो फिर सार्वजनिक मंच से दिए गए भड़काऊ बयानों पर कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं?
एडवोकेट तिवारी ने सबसे पहले 4 फरवरी 2025 को सोहागपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, तब उन्होंने पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखा। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष 3 मार्च को परिवाद प्रस्तुत किया। परिवाद में धीरेंद्र शास्त्री पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की गई है। अब इस प्रकरण में कोर्ट ने पंडित शास्त्री को नोटिस भेजकर व्यक्तिगत उपस्थिति अनिवार्य कर दी है।