जालना । महाराष्ट्र के जालना जिले की बदनापुर तहसील के वसंत नगर में टैक्सी सड़क किनारे कुएं में गिर गई. गाड़ी में सवार लोग पंढरपुर से लौट रहे थे. टैक्सी में ड्राइवर समेत 15 लोग सवार थे. महाराष्ट्र के जालना में बेहद ही दर्दनाक हादसा हुआ है. जालना के बदनापुर तहसील में टैक्सी के सड़क किनारे स्थित कुएं में गिर गई. इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई. तीन लोग घायल हुए हैं. पुलिस ने इसकी जानकारी दी. जालना के डीएम श्रीकृष्णनाथ पांचाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने स्थिति के बारे में जानकारी ली है।
जालना के डीएम श्रीकृष्णनाथ पांचाल ने कहा, ''कुछ लोग पंढरपुर से लौट रहे थे. एक गाड़ी में 15 लोग बैठे थे, जिनमें से 7 लोगों की दुर्भाग्यवश मौत हो गई. ड्राइवर समेत बाकी 8 लोगों का इलाज चल रहा है. मुख्यमंत्री ने फोन किया और उन्होंने स्थिति की जानकारी ली. मृतकों के बारे में भी डिटेल्स ली. साथ ही प्रशासन को इलाज का सारा खर्च उठाने का निर्देश दिया।
पुलिस अधिकारी के मुताबिक ये घटना शाम साढ़े पांच बजे जिले की बदनापुर तहसील के वसंत नगर में हुई. टैक्सी में सवार लोग पंढरपुर से लौट रहे थे. बताया जा रहा है कि ये सभी मंदिरों के शहर पंढरपुर की तार्थयात्रा से लौट रहे थे. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक मृतकों की पहचान नारायण निहाल (45), प्रह्लाद बिटले (65), प्रह्लाद महाजन (65), नंदा तायडे (35), चंद्रभागा घुगे के रूप में की गई है, जो बदनापुर तहसील के चनेगांव के निवासी हैं।
इसके साथ ही मृतकों में भोकरदन की ताराबाई मालुसरे और रंजना कांबले (35) शामिल हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीन घायलों को यहां जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. टैक्सी में ड्राइवर समेत 15 लोग सवार थे और विपरीत दिशा से आ रही एक मोटरसाइकिल से बचने की कोशिश में वह सड़क से उतर गई और-पीली टैक्सी फिर एक कुएं में गिर गई।
जानकारी के मुताबिक टैक्सी के कुंए में गिरने के बाद इसमें बैठे कुछ लोग फंस गए क्योंकि सामने के दरवाजे जाम हो गए. जैसे ही टैक्सी डूबने लगी, उनमें से कुछ निकलने में सफल रहे. जहां ये हादसा हुआ, उस हिस्से की सड़क पर रेलिंग नहीं है. अधिकारी ने बताया कि शवों को कार से निकालने के लिए क्रेन बुलानी पड़ी।
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कावड़ यात्रा में पड़ने वाली दुकानों पर लिखा हो मालिक का नाम...आदेश के बाद बवाल मच गया
नई दिल्ली। सावन का महीना शुरू हो रहा है। उत्तर प्रदेश में इस महीने कावड़ यात्रा निकाली जाती है। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार कावड़ियों के लिए खास तैयारी करती है।
सावन के महीने के शुरू होने से पहले मुजफ्फरनगर प्रशासन के एक आदेश के बाद बवाल मच गया है। दरअसल, मुजफ्फरनगर प्रशासन ने कावड़ यात्रा में पड़ने वाली दुकानों के मालिकों से अपना नाम दुकान पर लिखने को कहा है।
मुजफ्फरनगर प्रशासन के इस आदेश ने विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका दे दिया है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर भड़के हैं। उन्होंने योगी आदित्यनाथ को चुनौती देते हुए कहा कि उनमें हिम्मत है, तो इस आदेश की एक लिखित कॉपी जारी करके दिखा दें। यह असंवैधानिक आदेश है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 17 का उल्लंघन है, जो अस्पृश्यता की बात करता है। उत्तर प्रदेश सरकार अस्पृश्यता को बढ़ावा दे रही है। दूसरी बात, जब से उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिया है, तब से मुजफ्फरनगर की सभी दुकानों से मुस्लिम कर्मचारियों को हटा दिया गया है। क्या आप केवल एक समुदाय के लिए काम करेंगे? संविधान कहां है? मैं योगी आदित्यनाथ को चुनौती देता हूं कि अगर उनमें हिम्मत है, तो वे लिखित आदेश जारी करें।
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मॉल में किसान को घुसने से रोका, केस दर्ज:किसान यूनियन ने विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी
नई दिल्ली। बेंगलुरु में मंगलवार (16 जुलाई) को एक बुजुर्ग किसान को मॉल के अंदर घुसने से रोक दिया गया था। अब इस मामले में मॉल के मालिक और सुरक्षा गार्ड के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। दरअसल बुजुर्ग किसान ने धोती पहन रखी थी। गार्ड्स ने कथित तौर पर उन्हें पैंट पहनकर आने के लिए कहा था।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें दिखाई दे रहा है कि किसान अपने बेटे के साथ जीटी मॉल में एंट्री ले रहा था, उसी वक्त सुरक्षा गार्ड्स ने उन्हें रोक दिया गया। इसके बाद मैनेजमेंट ने नियमों का हवाला देते हुए बताया कि धोती पहने किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
इस घटना के बाद किसान संगठनों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने मॉल के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी मॉल के सिक्योरिटी गार्ड्स और मैनेजमेंट की आलोचना की। इसके बाद मैनेजमेंट ने बुजुर्ग से माफी मांगी और उन्हें सम्मानित किया।
हालांकि किसान संगठनों ने इसे नाकाफी बताया है। किसान नेता कुरुबुरू शांताकुमार ने मॉल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर पुलिस उचित कार्रवाई नहीं करती है तो वे अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।
भाजपा ने इस घटना को लेकर कांग्रेस की कर्नाटक सरकार पर हमला बोला है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर शेयर करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कर्नाटक में किसानों के साथ दुर्व्यवहार हो रहा है और उन्हें अपमानित किया जा रहा है।
पूनावाला ने कहा, 'कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में किसानों को धोती पहनने के लिए अपमानित किया जा रहा है। मॉल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कर्नाटक के सीएम धोती पहनते हैं। धोती हमारी शान है। क्या किसानों को मॉल में टक्सीडो पहनना चाहिए? कर्नाटक कांग्रेस इसकी अनुमति कैसे दे रही है? कांग्रेस सबसे बड़ी किसान विरोधी है। राहुल बाबा कहां हैं? क्या यही है किसानों के साथ न्याय है?'
कर्नाटक कांग्रेस के विधायक एनए हैरिस ने इस घटना पर अस्वीकार्य बताया और कहा कि वह राज्य सरकार से कार्रवाई करने के लिए कहेंगे। धोती हमारा पारंपरिक परिधान है।